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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 18 March, 2023 UPSC CNA in Hindi

18 मार्च 2023 : समाचार विश्लेषण

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

शासन:

  1. टेक्सटाइल पार्क

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

शासन:

  1. तमिलनाडु में फर्जी खबर अभियान के बाद के परिदृश्य

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी:

  1. नीलगिरी में विषम परिस्थितियों से जूझते आदिवासी

राजव्यवस्था एवं शासन:

  1. सदन की कार्रवाईः संसद में गतिरोध

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. विशेषाधिकार प्रस्ताव
  2. हॉर्सशू क्रैब (Horseshoe Crab)
  3. अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. नामदफा राष्ट्रीय उद्यान
  2. सोकरा मिस्वा (Misawa) महोत्सव

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

शासन:

टेक्सटाइल पार्क

विषय: सरकारी नीतियां और विकास के लिए हस्तक्षेप

मुख्य परीक्षा: प्रतिस्पर्धी, टिकाऊ और समावेशी कपड़ा क्षेत्र का महत्व

संदर्भ:

  • सात राज्यों में मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जाएंगे।

भूमिका:

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में घोषणा की कि ‘पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क’ तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में स्थापित किए जाएंगे।
  • इस योजना की घोषणा अक्टूबर 2021 में की गई थी और पार्क वर्ष 2026-27 तक स्थापित किए जाएंगे।
  • परियोजना के लिए कुल परिव्यय 4,445 करोड़ रुपए है, हालांकि 2023-24 के बजट में प्रारंभिक आवंटन केवल 200 करोड़ रुपए है।
  • राज्य सरकारें कम-से-कम 1000 एकड़ भूमि मुफ्त में उपलब्ध कराएंगी और बिजली तथा पानी जैसी सभी उपयोगिताएं सुनिश्चित करेंगी।

योजना का महत्व:

  • ‘पीएम मित्र’ टेक्सटाइल पार्क कपड़ा उद्योग की संपूर्ण मूल्य-श्रृंखला के लिए एकीकृत और आधुनिक औद्योगिक बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेगा।
  • केंद्र सरकार को उम्मीद है कि पार्क के निर्माण से 70,000 करोड़ रुपए का निवेश आएगा और 20 लाख लोगों के लिए रोजगार सृजित होंगे।
  • पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क 5F विजन (यानी फार्म टू फाइबर टू फैक्ट्री टू फैशन टू फॉरेन) के अनुरूप कपड़ा क्षेत्र को बढ़ावा देगा।
  • यह योजना ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ की सरकार की नीति के भी अनुरूप है।
  • ये पार्क जीरो लिक्विड डिस्चार्ज, कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट, उत्सर्जन मुक्त नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के साथ स्थिरता/सततता के शानदार उदाहरण साबित हो सकते हैं।
  • क्लस्टर/समूह आधारित दृष्टिकोण उत्पादों की गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा, निर्यात को बढ़ावा देगा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा।

सारांश:

  • पीएम मित्र पार्क एक अनूठे मॉडल का प्रतिनिधित्व करते हैं जहां केंद्र और राज्य सरकारें निवेश बढ़ाने, नवाचार को बढ़ावा देने, रोजगार के अवसर पैदा करने और अंततः भारत को कपड़ा निर्माण तथा निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने हेतु मिलकर काम करेंगी।

संपादकीय-द हिन्दू

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

शासन:

तमिलनाडु में फर्जी खबर अभियान के बाद के परिदृश्य

विषय: सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप

मुख्य परीक्षा: फर्जी खबर/भ्रामक सूचना

विवरण:

  • तमिलनाडु में एक दुर्भावनापूर्ण फर्जी खबर अभियान ने मार्च 2023 की शुरुआत में हिंसा और कानून व्यवस्था संकट को जन्म दिया।
  • पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और तथ्यात्मक रिपोर्ट, ऑन-द-स्पॉट जांच और व्यक्तिगत अपील के साथ इसका सामना किया।
  • चूंकि अधिकांश ख़बरें सोशल मीडिया स्रोतों के माध्यम से प्राप्त होती हैं, इसलिए फर्जी खबरों का प्रचार लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है, विशेष रूप से चुनावी मौसम में। इस प्रकार इस मुद्दे को लोकतांत्रिक संस्थानों को अस्थिर करने के संभावित खतरे के रूप में उच्च स्थान दिया जाना चाहिए।

इस घटना के बारे में विवरण:

  • 1 मार्च 2023 को, तमिलनाडु में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कार्यक्रम में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया।
  • अगले दिन, होली की छुट्टियों के लिए तमिलनाडु छोड़ने वाले प्रवासी श्रमिकों के वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर आने लगे। यह कहा गया कि हिंसा की घटनाओं के कारण राज्य से पलायन हुआ था।
  • इस धारणा का समर्थन करने के लिए, एक प्रवासी श्रमिक की मौत के बारे में फर्जी खबरों को ऑनलाइन प्रचारित किया गया।
  • यहां तक कि एक प्रतिष्ठित मीडिया समूह ने भी इन खबरों की प्रामाणिकता की पुष्टि किए बिना इन खबरों को समाचार के रूप में पेश किया।
  • फैक्ट चेकर (ऑल्ट न्यूज़) ने हस्तक्षेप किया और इस दुष्प्रचार के चक्र को तोड़ा।
  • अधिकारियों द्वारा बड़े स्तर पर कार्रवाई की गई।

अन्य विवरणों को इस लिंक में शामिल किया गया है: 08 Mar 2023: UPSC Exam Comprehensive News Analysis

विभिन्न देशों में दुष्प्रचार को दूर करने के लिए किए गए उपाय:

  • यूरोपीय संघ (EU) ने दुष्प्रचार पर आचार संहिता 2022 की स्थापना की है। संहिता की कुछ पहलें इस प्रकार हैं:
    • पारदर्शी राजनीतिक विज्ञापन
    • शोधकर्ताओं और तथ्य-जांचकर्ताओं का सशक्तिकरण
    • जोड़ तोड़ वाले व्यवहार को कम करने के लिए कदम
    • दुष्प्रचार को चिह्नित करने के लिए साधन
  • यूनाइटेड किंगडम ने भी एक ऑनलाइन सुरक्षा विधेयक पेश किया है, जिसकी हाउस ऑफ लॉर्ड्स में एक समिति द्वारा समीक्षा की जा रही है।
    • इस विधेयक में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (मध्यस्थों) से समस्याग्रस्त कंटेंट की सक्रिय रूप से निगरानी करने की अपेक्षा की गई है।
    • हालांकि, कई कंपनियां निजता के हित में विधेयक का विरोध कर रही हैं।

भारत में किए गए उपाय:

  • यह तर्क दिया जाता है कि भारत में दुष्प्रचार के खतरे को दूर करने के लिए कोई गंभीर चर्चा या कार्रवाई नहीं हुई है।
  • भारत सरकार ने अक्सर आनुपातिकता पर ध्यान दिए बिना इंटरनेट शटडाउन करने के मार्ग को अपनाया है। यह सुझाव दिया जाता है कि यह एक गैर-पारदर्शी और निरंकुश दृष्टिकोण है।
  • अक्सर यह आलोचना की जाती है कि केंद्र सरकार के पास किसी भी “अप्रिय” कंटेंट को हटाने की अधिक शक्ति है। उदाहरण के लिए,
    • केंद्र सरकार सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69A के माध्यम से भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, या सार्वजनिक व्यवस्था के हित में किसी भी जानकारी तक पहुंच को अवरुद्ध कर सकती है।
  • सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 समाचार और सोशल मीडिया मध्यस्थों के ऑनलाइन प्रकाशकों द्वारा कंटेंट को विनियमित करते हैं।
  • सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 में पेश किए गए मसौदा संशोधन का उद्देश्य प्रेस सूचना ब्यूरो को सोशल मीडिया पर सरकारी निकायों से संबंधित गलत और फर्जी सूचनाओं को रोकने का अधिकार देना है।

साथ ही, इसे भी पढ़िए: New Social Media Rules, IT Rules 2021. Provisions, Penalties for UPSC, Govt. Exams.

भावी कदम:

  • वाक् स्वतंत्रता (भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19) को संतुलित करने और नागरिकों को दुष्प्रचारों से बचाने के लिए, सोची-समझी, व्यापक और परिकलित विधायी कार्रवाइयों की आवश्यकता है।
  • तहसीन एस. पूनावाला बनाम भारत संघ मामले (2018) में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि यह सरकार (केंद्र और राज्य दोनों) की जिम्मेदारी है कि वह “गैर-जिम्मेदार और उन्मादी कंटेंट” जिसमें भीड़ हिंसा या किसी भी तरह की लिंचिंग को उकसावा मिलता है, के प्रसार को रोकने के लिए उपाय करे।

निष्कर्ष:

  • तमिलनाडु में फर्जी खबरों की घटना इस बात का संकेतक है कि 2024 के आम चुनाव से पहले आगे क्या होने वाला है क्योंकि मतदाता सूचना के लिए किसी भी अन्य स्रोत से अधिक सोशल मीडिया पर भरोसा करते हैं।

संबंधित लिंक:

Tackling Fake News: Sansad TV Perspective Discussion of 4th Mar 2023

सारांश:

  • एक दुष्प्रचार अभियान न केवल कानून और व्यवस्था के संकट का कारण बन सकता है, बल्कि लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा भी पैदा कर सकता है, क्योंकि अधिकांश जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त की जाती है। राज्य और केंद्र सरकार दोनों को इस स्थिति से निपटने के लिए सहयोग करना चाहिए और दुष्प्रचार के मूल कारणों से निपटने के लिए एक मजबूत रूपरेखा तैयार करनी चाहिए।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी:

नीलगिरी में विषम परिस्थितियों से जूझते आदिवासी

विषय: पर्यावरण संरक्षण और संबंधित चिंताएं।

मुख्य परीक्षा: वन से पुनर्वास एवं संबंधित चिंताएं

विवरण:

  • तमिलनाडु वन विभाग तथा नीलगिरी में मुदुमलाई टाइगर रिजर्व और गुडलूर के 700 से अधिक परिवारों (कट्टुनायकन, इरुला, पनिया और कुरुम्बा सहित) ने ‘गोल्डन हैंडशेक’ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
  • 2007 में माउंटडडेन और वायनाडन चेट्टी समुदायों ने बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण जंगल से दूर स्थानांतरित करने की मांग करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय से एक आदेश प्राप्त किया था जिसके बाद यह समझौता हुआ है।
  • इस समझौते का उद्देश्य टाइगर रिजर्व के अंदर स्थानीय समुदायों को लाभान्वित करना और संरक्षण के प्रयासों में सहायता करना था।
  • हालाँकि, आदिवासियों का दावा है कि चेट्टी स्थानांतरित होना चाहते थे क्योंकि उनका जंगल से कोई पारंपरिक संबंध नहीं था।
  • पुनर्वास का पहला चरण 2017 में शुरू हुआ था। अब तक चार आदिवासी समूहों के लगभग 569 परिवारों को स्थानांतरित किया जा चुका है।

साथ ही, इसे भी पढ़िए: Forest Rights Act (FRA) 2006

संबद्ध चिंताएं:

  • आदिवासी पुनर्वास से असंतुष्ट हैं क्योंकि उन्हें वादा किया गया मुआवजा नहीं मिला है।
  • एक आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बहुत से आदिवासी इस बात से अनभिज्ञ हैं कि समझौते के तहत उन्हें कितना मुआवजा मिलना था क्योंकि वादे बहुत कम कागजी कार्रवाई और दस्तावेज़ीकरण के साथ किए गए थे।
  • हालांकि माउंटडेन और वायनाडन चेट्टी बड़े पैमाने पर स्थानांतरित हो गए हैं, लेकिन कट्टुनायकन और पनिया को समुचित रूप से पुनर्स्थापित नहीं किया गया है।
  • दोनों समुदायों की शिकायत है कि उनके साथ वन विभाग के कुछ कर्मियों, कुछ जमींदारों या मध्यस्थों ने धोखा किया है।
  • एक्टिविस्ट/कार्यकर्ता धोखाधड़ी के स्तर का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कई चुनौतियां हैं जैसे:
    • समुदाय को बाहरी लोगों पर शक है और उनका विश्वास हासिल करना मुश्किल है।
    • वे निरक्षर हैं तथा पैसे और खातों को स्पष्ट रूप से नहीं जानते हैं।
    • दस्तावेजों और सबूतों की कमी है।
    • कई भूमि दलालों ने जमीन की कीमतों को बढ़ा-चढ़ाकर या सरकारी जमीन पर स्थानांतरित करके उन्हें धोखा दिया है।
  • कई विशेषज्ञों द्वारा यह भी तर्क दिया गया है कि पुनर्वास के लिए धन कम से कम वर्ष 2010 तक प्रदान किया जाना चाहिए था (क्योंकि भूमि सस्ती थी)। अब मूल्य वृद्धि के कारण, कृषि के माध्यम से जीविकोपार्जन के लिए पर्याप्त भूमि मिलना मुश्किल हो गया है।
  • भूमि के स्वामित्व को साबित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं होने के कारण फसल खराब होने की स्थिति में मुआवजा या ऋण प्राप्त करना मुश्किल है।
  • विस्थापित परिवारों को आवंटित सरकारी आवास जर्जर हालत में हैं। 2018 और 2019 में भारी बारिश के कारण कई अन्य संरचनाओं को नुकसान हुआ।
  • स्थानांतरण प्रक्रिया के दौरान आदिवासी समूहों के खिलाफ धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज किए गए हैं।
  • समुदायों का जंगलों से गहरा संबंध है और वे उन्हें पवित्र उपवन और पूजा स्थल मानते हैं। समुदाय के वृद्ध सदस्यों के लिए जंगल छोड़ना विशेष रूप से कठिन होता है।
  • जंगलों से बाहर निकलने पर उन्हें अपनी पहचान खोने का भी डर रहता है।
  • फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी के आरोपों के बावजूद वन विभाग स्थानांतरण की प्रक्रिया जारी रखे हुए है।

निष्कर्ष:

  • हालांकि कुछ राज्य अधिकारी और वन कर्मचारी आदिवासियों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक कुछ भी ठोस नहीं किया गया है या हासिल नहीं हुआ है।
  • कई ग्रामीण दृढ़ हैं कि वे तब तक जंगल नहीं छोड़ेंगे जब तक कि अधिक अनुकूल बातचीत नहीं की जाती या कम से कम मूल समझौते में जो वादा किया गया था उसे पूरी तरह से लागू नहीं किया जाता।

संबंधित लिंक:

Rights of Forest Dwellers: RSTV – In Depth; Read the RSTV discussion gist on forest act, etc.

सारांश:

  • मुदुमलाई टाइगर रिजर्व के वनवासियों और वन विभाग के बीच के बीच ‘गोल्डन हैंडशेक’ समझौते का उद्देश्य स्थानीय समुदायों को लाभान्वित करना और संरक्षण के प्रयासों में सहायता करना है। हालाँकि, धोखाधड़ी और ठगी से जुड़ी कई चिंताएँ हैं जिसका निराकरण सरकार और वन अधिकारियों द्वारा किए जाने की आवश्यकता है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

राजव्यवस्था एवं शासन:

सदन की कार्रवाईः संसद में गतिरोध

विषय: संसद का कामकाज और उससे उत्पन्न होने वाले मुद्दे

मुख्य परीक्षा: संसद की कार्यपद्धति

संदर्भ:

  • संसद के बजट सत्र में गतिरोध

विवरण:

  • संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में गतिरोध बना हुआ है। कांग्रेस पार्टी एक प्रमुख कॉरपोरेट घराने के खिलाफ संदिग्ध वित्तीय लेन-देन और कारोबारी फर्जीवाड़े के आरोपों की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के गठन की मांग कर रही है।
  • जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) भारत में लोकतंत्र के ह्रास को लेकर लंदन में (राहुल गांधी द्वारा) की गई टिप्पणी के लिए माफी की मांग रही है।
  • चूंकि प्रवासी भारतीयों का लगातार दुनिया में विस्तार हो रहा है, तो भारत में होने वाले राजनीतिक घटनाक्रमों का प्रभाव सीमापार पड़ना अपरिहार्य है।
  • लंदन में बोलने वाला संसद सदस्य संसद में बोलने और अपनी टिप्पणी को स्पष्ट करने में सक्षम नहीं है। सदन में उनकी सदस्यता समाप्त करने की भी पहल की जा रही है।
  • यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि लोकतंत्र आलोचना की अनुमति देता है और इस प्रकार सदस्यता समाप्त करने की पहल एक गलत कदम है जो भारत में लोकतंत्र को और नुकसान पहुंचाएगा।
  • यह भी आरोप है कि बड़े कारपोरेट घरानों के जीवन बीमा निगम और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं से संबंध के मुद्दे पर भी सत्ताधारी दल खामोश है।
  • यह सुझाव है कि सरकार, राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष को विपक्ष के साथ सहयोग करना चाहिए और एक बड़ी फर्म के विवाद पर चर्चा करनी चाहिए।
  • यह सरकार की विश्वसनीयता सुनिश्चित करेगा।
  • यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि वित्तीय घोटालों के मामलों में पहले भी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) बनती रही है।
  • इसके अलावा, जवाबदेही तय करने में संसद की एक भूमिका है जिसे अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। सरकार और विपक्ष को शासन के मुद्दों पर गुणवत्तापरक बहस करनी चाहिए।

संबंधित लिंक:

Functions of Parliament in India: UPSC Polity & Governance Notes. Download PDF.

सारांश:

  • संसद का बजट सत्र गतिरोध की स्थिति में है और इसलिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि सरकार, विपक्ष, लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति जैसे सभी हितधारकों को शासन की पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए समुचित चर्चा करनी चाहिए।

प्रीलिम्स तथ्य:

  1. विशेषाधिकार प्रस्ताव

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

विषय: राजव्यवस्था

प्रारंभिक परीक्षा: संसदीय कार्यवाही के साधन

संदर्भ:

  • कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किया।

मुख्य विवरण:

  • कांग्रेस महासचिव ने राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के परिवार के सदस्यों द्वारा अपने नाम के आगे नेहरु उपनाम न लगाने को लेकर की गई टिप्पणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार कार्यवाही की मांग की है।
  • संसद के सदस्यों पर विचार व्यक्त करने पर राज्य सभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन विषयक नियमों के नियम 188 के तहत विशेषाधिकार कार्यवाही का अनुरोध किया जाता है।
  • प्रधानमंत्री ने बजट सत्र के पहले भाग के दौरान 9 फरवरी को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब में यह टिप्पणी की थी।

विशेषाधिकार प्रस्ताव के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक कीजिए: Privilege Motion

भारतीय संसदीय विशेषाधिकारों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक कीजिए: Indian Parliamentary Privileges

संसदीय कार्यवाही के साधनों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक कीजिए: Devices of Parliamentary Proceedings

  1. हॉर्सशू क्रैब (Horseshoe Crab)

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

विषय:पर्यावरण

प्रारंभिक परीक्षा: विलुप्तप्राय और स्थानिक प्रजातियां; वन्यजीव व्यापार

संदर्भ:

  • ओडिशा के तट से हॉर्सशू क्रैब/केकड़ों का गायब होना।

मुख्य विवरण:

  • ओडिशा राज्य वन्यजीव सलाहकार बोर्ड के सदस्यों और राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान (NIO), गोवा के वैज्ञानिकों ने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से हॉर्सशू क्रैब को समुद्री प्रजातियों की सूची में शामिल करने की अपील की है, जिसके लिए एक प्रजाति रिकवरी योजना (Species Recovery Plan) विकसित की जानी है।
  • हॉर्सशू क्रैब उड़ीसा में चांदीपुर और बलरामगढ़ी तट के आस-पास के अपने प्राकृतिक प्रजनन स्थल से गायब हो रहे हैं।
  • वैज्ञानिकों ने मछली पकड़ने की विनाशकारी प्रथाओं के कारण जीवित जीवाश्म विलुप्त होने से पहले ओडिशा सरकार से एक मजबूत सुरक्षा तंत्र लागू करने का भी आग्रह किया है।

हॉर्सशू क्रैब:

  • यह एक समुद्री केलीसेराटा (Chelicerata) आर्थ्रोपोड है जो उथले तटीय जल में नरम रेतीले या दलदले तल पर रहता है और मुख्यतः गर्मियों में वसंत उच्च ज्वार पर अंतर्ज्वारीय समुद्र तटों पर अंडे देता है।
  • अपने नाम के बावजूद, ये जानवर केकड़े नहीं हैं, बल्कि बिच्छू, मकड़ियों और विलुप्त ट्रिलोबाईट से संबंधित हैं।
  • हॉर्सशू क्रैब एक अत्यंत प्राचीन समूह हैं और प्रायः इन्हें जीवित जीवाश्म कहा जाता है।
  • हॉर्सशू क्रैब लगभग 300 मिलियन से अधिक वर्षों से पृथ्वी पर विद्यमान हैं, इस प्रकार ये डायनासोर से भी पुराने जीव हैं।
  • हॉर्सशू क्रैब के पास एक कठोर बाह्य कंकाल और 10 पैर होते हैं, जिसका उपयोग वह समुद्र तल पर चलने के लिए करता है।
  • भारत में, हॉर्सशू क्रैब तटीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के लिए स्थानिक हैं और पश्चिम बंगाल-ओडिशा सीमा के साथ समुद्र तटों का विस्तार देश में इस प्रजाति की सबसे अधिक आबादी का घर है।
  • पूर्वी पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के मैंग्रोव और पंक तटों के साथ ज्वारनदमुख हॉर्सशू क्रैब के लिए महत्वपूर्ण प्रजनन स्थल हैं।

खतरे:

  • IUCN के अनुसार, भोजन और चारे के रूप में उपयोग के लिए अत्यधिक मछली पकड़ने, निवास स्थान के नुकसान और हॉर्सशू क्रैब के रक्त से बायोमेडिकल उत्पादों के उत्पादन के कारण हॉर्सशू क्रैब की सभी चारों जीवित प्रजातियां खतरे में हैं।
  • त्वरित नैदानिक अभिकर्मकों के उत्पादन में हॉर्सशू क्रैब का रक्त महत्वपूर्ण घटक है। सभी इंजेक्टेबल दवाओं का परीक्षण इन पर ही किया जाता है।
    • प्री-एक्लेम्पसिया के इलाज में मदद के लिए हॉर्सशू क्रैब के अभिकर्मक से एक अणु विकसित किया गया है।
  • शिकारी इनके मांस के लिए इनका शिकार करते हैं, जिसके बारे में माना जाता है कि इसमें कामोत्तेजक गुण होते हैं।

संरक्षण की स्थिति:

  • यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची IV में शामिल है, जिसके तहत हॉर्सशू क्रैब को पकड़ना और मारना एक अपराध है।
  • IUCN ने हॉर्सशू क्रैब की सभी प्रजातियों को विलुप्तप्राय श्रेणी के तहत सूचीबद्ध किया है।

चित्र स्रोत: nytimes

  1. अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

विषय: अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रारंभिक परीक्षा: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान

संदर्भ:

  • अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

मुख्य विवरण:

  • अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने यूक्रेनी बच्चों के “गैरकानूनी निर्वासन” के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
  • अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने इसी तरह के आरोपों पर बच्चों के अधिकारों के लिए रूस की राष्ट्रपति आयुक्त मारिया लावोवा-बेलोवा के खिलाफ भी वारंट जारी किया था।
  • ICC ने आरोप लगाया कि प्रत्यक्ष रूप से कृत्यों को करने और कृत्यों को अंजाम देने वाले नागरिक तथा सैन्य अधीनस्थों पर ठीक से नियंत्रण करने में विफलता के लिए पुतिन सीधे तौर पर जिम्मेदार थे।
  • ये अपराध 24 फरवरी, 2022 के हैं, जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था।
  • ICC के पास संदिग्धों को गिरफ्तार करने की कोई शक्ति नहीं है, और केवल अपने सदस्य देशों के भीतर ही अधिकार क्षेत्र का उपयोग कर सकता है और रूस ICC का सदस्य नहीं है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. नामदफा राष्ट्रीय उद्यान:
  • आठ साल के अंतराल के बाद, अरुणाचल प्रदेश के नामदफा राष्ट्रीय उद्यान और बाघ अभयारण्य में एक बाघ देखा गया है।
    • वर्ष 2015 में देखे गए एक बाघ के बाद नमदाफा में देखा गया यह दूसरा बाघ था।
  • नामदफा, जो कि भारत का सुदूर पूर्वी बाघ अभयारण्य है, अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले के भीतर भारत और म्यांमार के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा में स्थित है।
  • यह पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में सबसे बड़े जैव विविधता हॉटस्पॉट में से एक है और भारत में चौथा सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है।
  • नोआ दिहिंग नदी इस राष्ट्रीय उद्यान में पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है जो भारत-म्यांमार सीमा पर चौकन दर्रे से निकलती है।
  • ऊंचाई में वृद्धि के साथ इस उद्यान में उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन से लेकर शीतोष्ण चौड़ी पत्ती वाले और मिश्रित वन पाए जाते है।
  • यह उद्यान दफा बम (Dapha Bum) में 200 मीटर से 4,571 मीटर तक की विस्तृत ऊंचाई वाली सीमा पर स्थित है। दफा बम उद्यान का उच्चतम बिंदु भी है।
  • 1983 में इसे देश की 15वीं बाघ परियोजना घोषित किया गया था।
  • यह दुनिया का एकमात्र उद्यान है जहां बड़ी बिल्ली की चार प्रजातियां यथा बाघ, तेंदुआ, हिम तेंदुआ और धूमिल तेंदुआ और छोटी बिल्लियाँ पायी जाती हैं।
  • हूलॉक गिबन, भारत में पाया जाने वाला गंभीर रूप से विलुप्तप्राय और एकमात्र ‘बंदर’ प्रजाति, इस उद्यान में पाया जाता है।
  1. सोकरा मिस्वा (Misawa) महोत्सव:
  • असम के कार्बी आंगलोंग जिले में तिवा आदिवासियों द्वारा यह महोत्सव मनाया जाता है।
  • तिवा आदिवासी लड़के महोत्सव के दौरान सकरशता (sakrashata) नामक टोपी पहनकर अनुष्ठान करते हैं।
  • तिवा आदिवासी वसंत ऋतु के इस महोत्सव के दौरान प्रकृति की पूजा करते हैं और फिर अपने खेतों को अगली फसल के लिए तैयार करते हैं।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. चर्चा में रहने वाले विश्व के सबसे बड़े महिला स्वयं सहायता नेटवर्कों में से एक ‘कुडुम्बश्री’ (Kudumbashree) निम्नलिखित में से किस राज्य से संबंधित है? (स्तर-मध्यम)

  1. आंध्र प्रदेश
  2. कर्नाटक
  3. केरल
  4. तमिलनाडु

उत्तर: c

व्याख्या: कुडुम्बश्री केरल सरकार के राज्य गरीबी उन्मूलन मिशन (SPEM) द्वारा कार्यान्वित गरीबी उन्मूलन और महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम है। मलयालम भाषा में कुडुम्बश्री नाम का अर्थ है ‘परिवार की समृद्धि’।

प्रश्न 2. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिएः (स्तर-कठिन)

राष्ट्रीय जलमार्ग (NW) जलमार्ग संबंधित विवरण

  1. NW 16 बराक नदी
  2. NW 37 गंडक नदी
  3. NW 46 सिंधु नदी
  4. NW 100 तापी (ताप्ती) नदी

उपर्युक्त युग्मों में से कितना/कितने सुमेलित है/हैं?

  1. केवल एक युग्म
  2. केवल दो युग्म
  3. केवल तीन युग्म
  4. सभी चारों युग्म

उत्तर: d

व्याख्या:

  • युग्म 1 सुमेलित है: असम में बराक नदी (लखीपुर-तुकर ग्राम) को राष्ट्रीय जलमार्ग 16 घोषित किया गया था।
  • युग्म 2 सुमेलित है: बिहार एवं उत्तर प्रदेश में गंडक नदी (भैसलोताल बैराज से हाजीपुर तक) को राष्ट्रीय जलमार्ग 37 घोषित किया गया था।
  • युग्म 3 सुमेलित है: जम्मू और कश्मीर में सिंधु नदी को राष्ट्रीय जलमार्ग 46 घोषित किया गया था।
  • युग्म 4 सुमेलित है: महाराष्ट्र और गुजरात में तापी नदी (खंभात की खाड़ी से हतनूर बांध) को राष्ट्रीय जलमार्ग 100 घोषित किया गया था।

प्रश्न 3. प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर-मध्यम)

  1. इस मिशन के तहत, आदिवासियों द्वारा एकत्रित लघु वनोपज (MFP) को वन धन केंद्रों में प्रसंस्कृत किया जाएगा और वन धन उत्पादक उद्यमों के माध्यम से विपणन किया जाएगा।
  2. ट्राइफेड (TRIFED) इस योजना को लागू करने के लिए नोडल एजेंसी होगी।
  3. इसका उद्देश्य बड़ी जनजातीय आबादी वाले गांवों को ‘मॉडल विलेज’ (आदर्श ग्राम) में बदलना है।

विकल्प:

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 1 और 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: मिशन का उद्देश्य अगले पांच वर्षों में वन धन केंद्रों में संगठित वन धन समूहों के गठन के माध्यम से आजीविका संचालित जनजातीय विकास करना है। आदिवासियों द्वारा एकत्रित लघु वनोपज को इन केंद्रों में प्रसंस्कृत किया जाएगा और वन धन उत्पादक उद्यमों के माध्यम से विपणित किया जाएगा।
  • कथन 2 सही है: योजना को लागू करने के लिए ट्राइफेड नोडल एजेंसी होगी। उत्पादित उत्पादों का विपणन ट्राइब इंडिया स्टोर्स के माध्यम से किया जाएगा।
  • कथन 3 गलत है: प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना का उद्देश्य 4.22 करोड़ (कुल जनजातीय आबादी का लगभग 40%) की आबादी को कवर करने वाले महत्वपूर्ण जनजातीय आबादी वाले गांवों को मॉडल गांवों (आदर्श ग्राम) में बदलना है।

प्रश्न 4. तिवा जनजाति के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर-कठिन)

  1. सोकरा मिस्वा (Sokra Misawa) तिवा जनजातियों का वसंत ऋतु का त्योहार है जिसमें वे प्रकृति के देवताओं की पूजा करते हैं।
  2. उन्हें त्रिपुरा राज्य के भीतर एक अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता प्राप्त है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. दोनों
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: असम के कार्बी आंगलोंग जिले में तिवा आदिवासियों द्वारा सोकरा मिस्वा महोत्सव मनाया जाता है।
    • तिवा आदिवासी वसंत ऋतु के इस महोत्सव के दौरान प्रकृति की पूजा करते हैं और फिर अपने खेतों को अगली फसल के लिए तैयार करते हैं।
  • कथन 2 गलत है: स्वायत्त जिलों को छोड़कर, तिवा को असम में अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता प्राप्त है।

प्रश्न 5. दिसंबर 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन कहाँ हुआ था? (PYQ-CSE-2008) (स्तर-सरल)

  1. अहमदाबाद
  2. बंबई
  3. कलकत्ता
  4. दिल्ली

उत्तर: b

व्याख्या: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपना पहला अधिवेशन 28 से 31 दिसंबर 1885 तक बंबई में आयोजित किया था।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. संसद में बारंबार व्यवधान हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों पर एक महत्वपूर्ण प्रश्नचिन्ह लगाता है। इस आलोक में, संसद की कार्योत्पादकता (productivity) बढ़ाने के उपाय सुझाइए। (250 शब्द; 15 अंक) (GSII-राजव्यवस्था)

प्रश्न 2. फर्जी (फेक) ख़बरें हाल के दिनों में सबसे बड़े सामाजिक खतरों में से एक के रूप में उभरी हैं। इस खतरे को फैलने से रोकने के लिए सुझाव सुझाइए। (250 शब्द; 15 अंक) (GSII-शासन)