A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
अर्थव्यवस्था:
D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
क्या पेगासस स्पाइवेयर भारत में पत्रकारों को निशाना बना रहा है?
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – विकास एवं अनुप्रयोग और रोजमर्रा की जिंदगी में वैज्ञानिक विकास के प्रभाव।
मुख्य परीक्षा: पेगासस स्पाइवेयर से जुड़ी समस्याएं।
संदर्भ:
- वाशिंगटन पोस्ट और एमनेस्टी इंटरनेशनल की हालिया रिपोर्टों में भारत में पत्रकारों को निशाना बनाने के लिए पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus spyware) के इस्तेमाल का आरोप लगाया गया है, जिससे गोपनीयता उल्लंघन और लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर संभावित उल्लंघन के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं।
- इन खुलासों ने कानूनी कार्रवाइयों और सरकार से पारदर्शिता की मांग को प्रेरित किया है।
समस्याएँ:
- पत्रकारों को निशाना बनाना: पेगासस स्पाइवेयर पर आरोप है कि इसने सिद्धार्थ वरदराजन और आनंद मंगनाले सहित भारत में पत्रकारों को निशाना बनाया है। इसकी घुसपैठ का पता अक्टूबर 2023 में उस समय पता तब चला जब एप्पल (Apple) कम्पनी ने संसद सदस्यों सहित इसके उपयोगकर्ताओं को उनके आई-फ़ोन (iPhones) पर संभावित ‘राज्य-प्रायोजित हमलों’ के बारे में चेतावनी दी।
- ज़ीरो-क्लिक एक्सप्लॉइट्स: पेगासस ने ब्लास्टपास्ट नामक एक परिष्कृत ज़ीरो-क्लिक एक्सप्लॉइट को नियोजित किया, जो उपयोगकर्ता की सहमति या किसी भी आवश्यक कार्रवाई के बिना उपकरणों पर स्पाइवेयर की स्थापना की अनुमति देता है।
- यह विधि गोपनीयता और व्यक्तिगत उपकरणों की भेद्यता के बारे में महत्वपूर्ण चिंताएँ पैदा करती है।
- सरकारी निगरानी के आरोप: खुलासों के कारण सरकार पर बड़े पैमाने पर निगरानी रखने, स्वतंत्र भाषण और लोकतांत्रिक असहमति को दबाने के आरोप लगे हैं। निगरानी के लिए पेगासस के कथित इस्तेमाल की जांच की मांग करते हुए कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की है।
महत्व:
- गोपनीयता संबंधी चिंताएँ: पत्रकारों को निशाना बनाने के लिए पेगासस जैसे उन्नत स्पाइवेयर का उपयोग गहरी गोपनीयता संबंधी चिंताएँ पैदा करता है, जो संविधान में निहित निजता के मौलिक अधिकार को चुनौती देता है।
- राजनीतिक उद्देश्यों के लिए निगरानी उपकरणों का संभावित दुरुपयोग लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कमजोर करता है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा बनाम पारदर्शिता: राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट की जांच के जवाब में एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने से सरकार के इनकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा अनिवार्यताओं और पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता के बीच संतुलन पर बहस छेड़ दी है।
समाधान:
- स्वतंत्र जांच: दावों की सत्यता का पता लगाने के लिए पेगासस के उपयोग के आरोपों की गहन और स्वतंत्र जांच आवश्यक है। एक निष्पक्ष जांच सरकारी निगरानी के बारे में चिंताओं को दूर कर सकती है और नागरिकों के निजता के अधिकारों (right to privacy) की रक्षा कर सकती है।
- कानूनी सुरक्षा उपाय: व्यक्तियों को अनुचित निगरानी से बचाने के लिए कानूनी ढांचे को मजबूत करना महत्वपूर्ण है। मजबूत कानूनी सुरक्षा उपाय और निरीक्षण तंत्र निगरानी प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग को रोक सकते हैं और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह बना सकते हैं।
- सरकारी जवाबदेही: सरकार को निगरानी के मामलों में पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता देनी चाहिए। निगरानी उपकरणों के उपयोग से संबंधित नीतियों, प्रक्रियाओं और निरीक्षण तंत्रों का सार्वजनिक प्रकटीकरण विश्वास पैदा कर सकता है और जिम्मेदार शासन सुनिश्चित कर सकता है।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
नौवहन मूल्य श्रृंखला में भारत का स्थिर मार्ग:
अर्थव्यवस्था:
विषय: बुनियादी ढांचा बंदरगाह।
मुख्य परीक्षा: नौवहन मूल्य श्रृंखला में भारत का स्थिर मार्ग।
प्रसंग:
- भारत का समुद्री परिदृश्य, अपनी लंबी तटरेखा और रणनीतिक स्थिति के साथ, एक विरोधाभास प्रस्तुत करता है -जहाँ एक ओर जहाज़-स्वामित्व और समुद्री यात्रा की एक समृद्ध परंपरा रही हैं,वहीं दूसरी ओर शिपिंग मूल्य श्रृंखला में प्रगति करने में पिछड़ गई है।
- जैसे-जैसे वैश्विक नौवहन गतिशीलता विकसित हो रही है, इस उद्योग में भारत की स्थिति चुनौतियों का सामना कर रही है, खासकर जहाज निर्माण और स्वामित्व के क्षेत्र में।
समस्याएँ:
- ऐतिहासिक लाभ: जहाज-स्वामित्व की परंपरा और आधुनिक जहाज-स्वामित्व योगदान के साथ, 1980 के दशक के अंत तक भारत ने नौवहन उद्योग में अग्रणी शुरुआत की थी। भारतीय नौसेना के एक अधिकारी द्वारा विशाल तेल टैंकरों को चालू करने का एक अनूठा मामला उद्योग में भारत की क्षमता को प्रदर्शित करता है।
- अवसर चूक: हालाँकि, भारत ने नौवहन क्षेत्र में चीन से आगे बढ़कर शुरुआत की, जबकि चीन ने 1980 के दशक के उत्तरार्ध से छलांग लगाई और भारत को पीछे छोड़ दिया था। जहाज-स्वामित्व, किराये पर लेने और आधुनिक जहाज-स्वामित्व की परंपरा के बावजूद, भारत नौवहन मूल्य श्रृंखला में आगे नहीं बढ़ पाया है। राज्य के स्वामित्व वाली शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिससे भारतीय शिपयार्डों की ऑर्डर बुक पर असर पड़ा है।
- सीमित जहाज निर्माण उपस्थितिः वैश्विक जहाज निर्माण में भारत की हिस्सेदारी व्यावहारिक रूप से शून्य हो गई है, जो समुद्री एजेंडा 2020 के मामूली 5% हिस्सेदारी हासिल करने के लक्ष्य के विपरीत है। मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 (Maritime India Vision 2030) में जहाज निर्माण और स्वामित्व पर जोर देने की कमी एक महत्वपूर्ण बाधा है।
महत्व:
- आर्थिक प्रभाव: नौवहन मूल्य श्रृंखला में आगे बढ़ने में भारत की असमर्थता इसकी आर्थिक क्षमता को प्रभावित करती है। हालाँकि,भारतीय नाविक और जहाज प्रबंधन कंपनियां सालाना विदेशी मुद्रा में अनुमानित 6 बिलियन डॉलर का योगदान करती हैं, जबकि एक मजबूत जहाज निर्माण और स्वामित्व क्षेत्र की अनुपस्थिति व्यापक आर्थिक विकास को बाधित करती है।
- सामरिक महत्व: जहाज निर्माण न केवल औद्योगिक विकास के लिए बल्कि सामरिक शक्ति के लिए भी महत्वपूर्ण है। एक मजबूत नौसैनिक अड्डा एक मजबूत जहाज निर्माण क्षेत्र पर निर्भर करता है। भारत की भू-राजनीतिक स्थिति और व्यापक समुद्र तट जहाज निर्माण को समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अभिन्न अंग बनाते हैं।
समाधान:
- सरकारी पहलः चीन की तरह एक समर्पित सरकारी योजना, जो जहाज निर्माण और स्वामित्व को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करती है, भारत को आगे बढ़ा सकती है। एक व्यापक दृष्टि के साथ संरेखित निजी शिपयार्ड और जहाज मालिकों के लिए समर्थन महत्वपूर्ण है।
- वैश्विक सहयोग: जहाज निर्माण और स्वामित्व में वैश्विक खिलाड़ियों के साथ सहयोग से विशेषज्ञता और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण लाया जा सकता है, जिससे भारत की क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा। संयुक्त उद्यम और साझेदारी सीखने की गति को तेज कर सकते हैं और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ा सकते हैं।
- नीति सुधार: जहाज निर्माण में निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन और छूट सहित स्पष्ट और सुसंगत नीतियां आवश्यक हैं। नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और नौकरशाही बाधाओं को दूर करने से उद्योग के विकास के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया जा सकता है।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
संपादकीय:
हौथी हमलेः वैश्विक नौवहन के लिए खतरा?
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: विकसित और विकासशील देशों की नीतियां और राजनीति का भारत के हितों एवं प्रवासी भारतीयों पर प्रभाव।
मुख्य परीक्षा: हौथी हमले- वैश्विक नौवहन के लिए खतरा।
प्रसंग:
- यमन में हौथी विद्रोहियों द्वारा हाल ही में किए गए ड्रोन हमलों के कारण लाल सागर क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है, जिससे वैश्विक नौवहन के लिए संभावित खतरे के बारे में चिंता बढ़ गई है।
- यह स्थिति समुद्री खतरों के ऐतिहासिक संदर्भ, हौथी विद्रोहियों द्वारा नियोजित विशिष्ट रणनीतियों और इन महत्वपूर्ण जलमार्गों पर निर्भर उद्योगों और राष्ट्रों के लिए नतीजों की बारीकी से जांच करने का संकेत देती है।
समस्याएँ:
- बढ़ते ड्रोन हमले: हौथी विद्रोहियों ने ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल करके लाल सागर में वाणिज्यिक शिपिंग पर अपने हमले बढ़ा दिए हैं।
- यह क्षेत्र में समुद्री वाणिज्य के मुक्त प्रवाह के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करता है।
- वैश्विक नौवहन पर प्रभावः लाल सागर वैश्विक व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण नौवहन धमनी है, जिससे वैश्विक व्यापार का लगभग 12% गुजरता है।
- व्यापारिक जहाजों पर हाल के हमलों ने आपूर्ति श्रृंखलाओं में संभावित व्यवधान और आर्थिक नतीजों के बारे में चिंताएं पैदा कर दी हैं।
- लाल सागर का रणनीतिक महत्व: लाल सागर, विशेष रूप से बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य, एक महत्वपूर्ण चोक पॉइंट है, जो इसे समुद्री यातायात के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाता है।
- इस क्षेत्र में व्यवधान के वैश्विक नौवहन मार्गों पर दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।
महत्व:
- आर्थिक निहितार्थ: हमलों में वृद्धि ने प्रमुख शिपिंग कंपनियों को अपने मार्गों पर पुनर्विचार करने, लंबे और वैकल्पिक रास्ते चुनने के लिए प्रेरित किया है। यह रणनीतिक बदलाव न केवल ईंधन और परिचालन लागत को बढ़ाता है बल्कि शिपिंग शेड्यूल को भी प्रभावित करता है, जिससे प्रभावित उद्योगों और देशों पर आर्थिक प्रभाव पड़ता है।
- सुरक्षा संबंधी चिंताएँ: बैलिस्टिक मिसाइलों और लंबी दूरी के ड्रोन सहित हौथी विद्रोहियों के शस्त्रागार का परिष्कार एक सुरक्षा चुनौती पैदा करता है। इन हमलों से तटों से दूर समुद्री यातायात को खतरा है, जिससे इन जल पर निर्भर देशों और उद्योगों के हितों की रक्षा के लिए एक मजबूत सुरक्षा प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है।
समाधान:
- बहुराष्ट्रीय सुरक्षा पहल: स्थिति की गंभीरता को पहचानते हुए, अमेरिका ने खतरों से निपटने और लाल सागर में वाणिज्य के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन (ओपीएस) की घोषणा की है। हौथी हमलों का मुकाबला करने और समुद्री सुरक्षा बनाए रखने में बहुराष्ट्रीय सहयोग महत्वपूर्ण है।
- नौसेना की उपस्थिति में वृद्धि: भारत सहित देशों ने समुद्री डकैती और ड्रोन हमलों का मुकाबला करने के लिए क्षेत्र में नौसेना और तट रक्षक की उपस्थिति में वृद्धि की है। इसमें विध्वंसक, गश्ती विमान, मानव रहित हवाई वाहन, हेलीकॉप्टर और तटरक्षक जहाज तैनात करना शामिल है।
- शिपिंग मार्गों की समीक्षा: प्रमुख शिपिंग कंपनियां लाल सागर से बचने के लिए दक्षिणी हिंद महासागर के माध्यम से लंबे मार्गों का विकल्प चुनकर अपने मार्गों की समीक्षा और बदलाव कर रही हैं। इस रणनीतिक बदलाव के लिए व्यवधानों को कम करने के लिए निरंतर मूल्यांकन और अनुकूलन की आवश्यकता है।
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
1. केंद्रीय मंत्री SYL नहर पर गतिरोध तोड़ने में विफल रहे:
प्रसंग:
- सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर हरियाणा और पंजाब के बीच लंबे समय से चल रहे जल-बंटवारे विवाद का केंद्र बन गई है।
- केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में हुई हालिया बैठक नहर से सम्बन्धित गतिरोध को तोड़ने में विफल रही, जो इस विवादास्पद मामले से जुड़े गहरे मुद्दों का संकेत देते हैं।
समस्याएँ:
- ऐतिहासिक विवाद: सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर का मुद्दा कई वर्षों से बना हुआ है, जो हरियाणा और पंजाब के बीच एक ऐतिहासिक विवाद को उजागर करता है।
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन न करना: एसवाईएल के निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद, पंजाब प्रतिरोधी बना हुआ है, जिससे कानूनी और अंतरराज्यीय तनाव बढ़ गया है।
- पानी की कमी का दावा: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का तर्क है कि पंजाब के पास साझा करने के लिए अतिरिक्त पानी की कमी है, जो एसवाईएल नहर के निर्माण के मूल आधार को चुनौती देता है।
महत्व:
- कानूनी निहितार्थ: सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर के निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट का निर्देश इस मुद्दे के कानूनी महत्व को रेखांकित करता है, जिसमें सभी शामिल पक्षों से अनुपालन की आवश्यकता होती है।
- हरियाणा के लिए जल सुरक्षा: हरियाणा जल प्रवाह के लिए एक वैकल्पिक चैनल प्रदान करने, अतिरिक्त पानी के मुद्दे को संबोधित करने और राज्य के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करने में एसवाईएल की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देता है।
समाधान:
- शपथ पत्र की प्रतिबद्धता: पंजाब सरकार की सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर और पानी की स्थिति का विवरण देने वाला शपथ पत्र प्रस्तुत करने की प्रतिबद्धता एक सकारात्मक कदम है। इस प्रतिबद्धता का उद्देश्य आगामी सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में एक व्यापक मामला पेश करना है।
- जल उपलब्धता का पुनर्मूल्यांकन: अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के आधार पर जल उपलब्धता के पुनर्मूल्यांकन के लिए पंजाब के आह्वान को एक सहकारी समाधान के रूप में खोजा जा सकता है। जल संसाधनों का पारदर्शी मूल्यांकन बातचीत के लिए तथ्यात्मक आधार प्रदान कर सकता है।
2. 82वीं वार्षिक भारतीय इतिहास कांग्रेस:
प्रसंग:
- 82वीं वार्षिक भारतीय इतिहास कांग्रेस वारंगल के काकतीय विश्वविद्यालय में शुरू हुई, जिसमें अतीत की व्याख्या के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
- काकतीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सभा, एक धर्मनिरपेक्ष अनुशासन के रूप में इतिहास के महत्व को रेखांकित करती है जो मौजूदा चुनौतियों का मुकाबला कर सकती है।
समस्याएँ:
- ऐतिहासिक वस्तुनिष्ठता के लिए चुनौतियाँ: एस.ए.एन. रेज़वी की प्रारंभिक टिप्पणियाँ इतिहास को पौराणिक कथाओं तक सीमित करने के वर्तमान खतरे को उजागर करती हैं, और इस प्रवृत्ति का मुकाबला करने की तत्काल आवश्यकता पर बल देती हैं।
- इतिहास का विरूपण: यह दावा कि अतीत को परेशान करने, सभ्यता को तोड़ने और लोगों को विभाजित करने का प्रयास किया जा रहा है, वैचारिक उद्देश्यों के लिए ऐतिहासिक आख्यानों के विरूपण के बारे में चिंता पैदा करता है।
- इतिहासकारों की भूमिका: भारतीय इतिहास कांग्रेस के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला गया है, विशेष रूप से आपातकाल (Emergency) जैसे महत्वपूर्ण क्षणों के दौरान इसकी भूमिका में, जहां इतिहासकारों ने प्रतिकूल कार्यों का विरोध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
महत्व:
- धर्मनिरपेक्ष वैज्ञानिक दृष्टिकोण: भारतीय इतिहास कांग्रेस को अतीत के अध्ययन के लिए एक धर्मनिरपेक्ष वैज्ञानिक दृष्टिकोण के समर्थक के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, जो राजनीतिक या वैचारिक लाभ के लिए इतिहास में हेरफेर करने के प्रयासों का मुकाबला करता है।
- मूल्यों के रक्षक: कांग्रेस को संविधान में निहित समानता, समानता, न्याय, धर्मनिरपेक्षता, मानवतावाद, लोकतंत्र और नागरिक स्वतंत्रता जैसे पोषित मूल्यों के रक्षक के रूप में चित्रित किया गया है। इन मूल्यों को खतरे में देखा जाता है और उनके सार के विपरीत ताकतों द्वारा उन पर सवाल उठाए जाते हैं।
समाधान:
- ऐतिहासिक सतर्कता: ऐतिहासिक विकृतियों और चुनौतियों के समय में इतिहासकारों से उनके योगदान को याद रखने और उसे कायम रखने का आह्वान ऐतिहासिक आख्यानों की अखंडता की सुरक्षा के लिए निरंतर सतर्कता और सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता को दर्शाता है।
- शैक्षिक पहल: शैक्षणिक संस्थानों के भीतर इतिहास के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना अतीत की सूक्ष्म समझ पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण है। आलोचनात्मक सोच और वस्तुनिष्ठ विश्लेषण को प्रोत्साहित करने वाली पहल ऐतिहासिक विकृतियों का मुकाबला करने में योगदान कर सकती हैं।
3. 49% आयुष्मान कार्ड में महिलाओं की हिस्सेदारीः मंत्रालय
प्रसंग:
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित स्वास्थ्य आश्वासन योजना, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (Ayushman Bharat Pradhan Mantri-Jan Arogya Yojana-एबी पीएम-जेएवाई) के संबंध में उत्साहजनक आंकड़ों का खुलासा किया है।
- आंकड़ों से पता चलता है कि आयुष्मान कार्डधारकों और अधिकृत अस्पताल में भर्ती होने वालों में महिलाओं की संख्या एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो योजना की समावेशी पहुंच को दर्शाता है।
समस्याएँ:
- प्रतिनिधित्व: सकारात्मक संख्याओं के बावजूद, लैंगिक आधार पर समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने में अभी भी चुनौतियाँ हो सकती हैं। किसी भी संभावित अंतराल को दूर करने और यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है कि आबादी के सभी वर्गों को योजना से समान रूप से लाभ मिले।
- भौगोलिक असमानताएँ: हालाँकि इस योजना ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसके कार्यान्वयन में भिन्नताएँ हो सकती हैं। समान कवरेज और पहुंच सुनिश्चित करना एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।
महत्व:
- लैंगिक समावेशिता: तथ्य यह है कि आयुष्मान कार्ड और अधिकृत अस्पताल में प्रवेश में लगभग आधी हिस्सेदारी महिलाओं की है, जो स्वास्थ्य देखभाल पहुंच में लैंगिक समावेशिता के प्रति योजना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
- योजना का पैमाना: 55 करोड़ व्यक्तियों और 12 करोड़ परिवारों को कवर करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित स्वास्थ्य आश्वासन योजना के रूप में एबी पीएम-जेएवाई की स्थिति, इसके विशाल पैमाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर प्रभाव को उजागर करती है।
- सशक्त राज्य और केंद्रशासित प्रदेश: राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अपनी लागत पर लाभार्थी आधार का विस्तार करने के लिए दी गई लचीलापन एक विकेंद्रीकृत दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिससे क्षेत्रों को अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार योजना को तैयार करने की अनुमति मिलती है।
समाधान:
- लिंग-विशिष्ट आउटरीच: यह सुनिश्चित करने के लिए लक्षित आउटरीच कार्यक्रम लागू करना कि महिलाएं, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, आयुष्मान योजना के बारे में पूरी तरह से जागरूक हैं और इससे लाभ उठाने में सक्षम हैं। इसमें जागरूकता अभियान, स्वास्थ्य शिविर और सामुदायिक सहभागिता पहल शामिल हो सकते हैं।
- क्षेत्रीय असमानताओं को संबोधित करना: सरकार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एबी पीएम-जेएवाई के कार्यान्वयन में संभावित असमानताओं को दूर करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। नियमित निगरानी और मूल्यांकन तंत्र उन क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं जिनमें सुधार की आवश्यकता है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित हो सके।
- निरंतर विस्तार: राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी लागत पर लाभार्थी आधार का विस्तार जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करने से जरूरतमंद अधिक व्यक्तियों और परिवारों तक पहुंचने में योगदान मिल सकता है।
4. सूडान में गृहयुद्ध की आशंका, नागरिक प्रतिद्वंद्वी मिलिशिया के डर से हथियारों की तलाश में:
प्रसंग:
- सूडान में अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (Rapid Support Forces (RSF)) की तेज प्रगति के कारण बढ़ता संघर्ष, संभावित गृह युद्ध की आशंकाओं के बीच नागरिकों को खुद को हथियारबंद करने के लिए मजबूर कर रहा है।
- आरएसएफ के आक्रामक अभियान, महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर कब्जा करने और मानवाधिकारों के हनन के आरोपों का सामना करने के कारण, नागरिकों से सशस्त्र प्रतिरोध का आह्वान शुरू हो गया है, जिससे प्रतिद्वंद्वी जनरलों के बीच संघर्ष के पूर्ण गृहयुद्ध में बदलने की चिंता बढ़ गई है।
समस्याएं:
- आरएसएफ अग्रिमः सेना प्रमुख अब्देल फतह अल-बुरहान के साथ गठबंधन करने वाले रैपिड सपोर्ट फोर्सेज ने दक्षिणी अल-जजीरा राज्य और राजधानी वाड मदनी पर कब्जा करने सहित पर्याप्त क्षेत्रीय लाभ कमाया है। सेन्नार राज्य में दक्षिण की ओर उनके निरंतर दबाव ने संघर्ष को तेज कर दिया है।
- नागरिक प्रतिक्रिया: आरएसएफ की प्रगति और दुर्व्यवहार के बढ़ते आरोपों का सामना करते हुए, नागरिक “सशस्त्र लोकप्रिय प्रतिरोध” की वकालत करके प्रतिक्रिया दे रहे हैं। यह आबादी और अर्धसैनिक बलों के बीच गहराते अविश्वास को उजागर करता है, जो संभावित रूप से व्यापक नागरिक संघर्ष का कारण बन सकता है।
- स्वयंसेवी भर्ती: नियंत्रित क्षेत्रों के निवासियों को “अपने क्षेत्र की रक्षा” के लिए सशस्त्र स्वयंसेवक उपलब्ध कराने का आरएसएफ का निर्देश नागरिक आबादी के सैन्यीकरण और आगे की हिंसा की संभावना के बारे में चिंता पैदा करता है।
महत्व:
- गृहयुद्ध का खतरा: प्रतिद्वंद्वी जनरलों, अब्देल फतह अल-बुरहान और आरएसएफ कमांडर मोहम्मद हमदान डागलो के हिंसक सत्ता संघर्ष में शामिल होने के कारण गृहयुद्ध का खतरा मंडरा रहा है। नागरिकों के सैन्यीकरण और आरएसएफ के क्षेत्रीय नियंत्रण से व्यापक संघर्ष का खतरा बढ़ गया है।
- मानवीय संकट: जारी हिंसा, जिसने 12,000 से अधिक लोगों की जान ले ली है और कम से कम 7.1 मिलियन लोगों को विस्थापित कर दिया है, पहले से ही गंभीर मानवीय संकट को और बढ़ा देती है। संघर्ष के कारण संसाधनों पर दबाव पड़ रहा है और जरूरतमंद लोगों तक सहायता पहुंचाने में बाधा आ रही है।
- अंतर्राष्ट्रीय निहितार्थ: आरएसएफ कमांडर की इथियोपिया यात्रा और प्रधान मंत्री अबी अहमद के साथ चर्चा संघर्ष के अंतर्राष्ट्रीय आयामों को रेखांकित करती है।
- सूडान में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के प्रयास क्षेत्रीय चिंता का विषय हैं और पड़ोसी देशों पर इसके व्यापक प्रभाव हो सकते हैं।
समाधान:
- अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता: परस्पर विरोधी पक्षों को बातचीत की मेज पर लाने के लिए तत्काल राजनयिक प्रयास और अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता को नियोजित किया जाना चाहिए। इथियोपिया सहित क्षेत्रीय अभिनेताओं की भागीदारी, संकट का शांतिपूर्ण समाधान खोजने में योगदान दे सकती है।
- मानवीय हस्तक्षेप: अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को प्रभावित आबादी की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए मानवीय हस्तक्षेप को प्राथमिकता देनी चाहिए। सहायता की सुरक्षित डिलीवरी और गोलीबारी में फंसे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
- विसैन्यीकरण की पहल: व्यापक हिंसा के जोखिम को कम करने के लिए नागरिक आबादी को विसैन्यीकृत करने और नागरिकों के हथियारों को हतोत्साहित करने की पहल को लागू किया जाना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय निकायों को गैर-राज्य अभिनेताओं के निरस्त्रीकरण और नागरिक जीवन की सुरक्षा की दिशा में काम करना चाहिए।
महत्वपूर्ण तथ्य:
आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. ग्रीन हाइड्रोजन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. इसके उत्पादन के दौरान, बिजली उत्पन्न करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग किया जाता है, जिसका उपयोग पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करने के लिए किया जाता है।
2. यह अत्यधिक ज्वलनशील गैस है।
उपरोक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 न ही 2
उत्तर: c
व्याख्या:
- बिजली उत्पन्न करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग किया जाता है, जिसका उपयोग पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप एक स्वच्छ और उत्सर्जन-मुक्त ईंधन प्राप्त होता है जिसमें जीवाश्म ईंधन को प्रतिस्थापित करने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने की अपार क्षमता होती है।
- इसके उत्पादन की एक अन्य विधि बायोमास है, जिसमें हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए बायोमास का गैसीकरण शामिल है।
- ये दोनों उत्पादन विधियां स्वच्छ और टिकाऊ हैं, जो ग्रीन हाइड्रोजन को कम कार्बन वाले भविष्य में संक्रमण के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाती हैं। यह अत्यधिक ज्वलनशील गैस है।
प्रश्न 2. लाल सागर के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- मिस्र, सऊदी अरब और यमन की सीमा लाल सागर से लगती है।
- यह बाब अल मांडेब जलडमरूमध्य और अदन की खाड़ी के माध्यम से हिंद महासागर से जुड़ा हुआ है।
- यह दुनिया के सबसे खारे जल निकायों में से एक है।
उपर्युक्त कथनों में से कितने गलत है/हैं?
(a) केवल एक
(b) सिर्फ दो
(c) सभी तीन
(d) कोई नहीं
उत्तर: d
व्याख्या:
- लाल सागर- अफ्रीका और एशिया के बीच स्थित, हिंद महासागर का प्रवेश द्वार है। दक्षिण में, यह बाब अल मांडेब जलडमरूमध्य और अदन की खाड़ी के माध्यम से हिंद महासागर से जुड़ता है।
- उत्तरी सीमा में सिनाई प्रायद्वीप, अकाबा की खाड़ी और स्वेज़ की खाड़ी शामिल हैं, जो स्वेज़ नहर तक जाती हैं।
- समुद्र का निर्माण लाल सागर भ्रंश – स्थान परिवर्तन के जरिए हॉर्न ऑफ़ अफ्रीका से अरब प्रायद्वीप के विभाजन से हुआ है।
- यह सागर तीव्र वाष्पीकरण और न्यूनतम वर्षा के परिणामस्वरूप अपनी उच्च लवणता के लिए जाना जाता है, लाल सागर में कोई महत्वपूर्ण नदियाँ या धाराएँ नहीं मिलती हैं।
- यूरोप, फारस की खाड़ी और पूर्वी एशिया को जोड़ने वाले समुद्री मार्गों के हिस्से के रूप में महत्वपूर्ण रूप से स्थित, लाल सागर में भारी शिपिंग यातायात होता है – जो दुनिया भर के व्यापार का 12% है। यह छह देशों के साथ सीमा साझा करता है: यमन, सऊदी अरब, मिस्र, सूडान, इरिट्रिया और जिबूती।
प्रश्न 3. पेगासस के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. SQL इंजेक्शन हमले की तरह, इस प्रकार के हमले में किसी वेबसाइट में हानिकारक कोड डालना शामिल होता है।
2. यह विज़िटर के साथ-साथ वेबसाइट को भी लक्षित करता है।
उपरोक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न 1 न 2
उत्तर: d
व्याख्या:
- पेगासस- यह दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर या मैलवेयर की श्रेणी में आता है जिसे स्पाइवेयर के रूप में जाना जाता है। इसका उद्देश्य उपयोगकर्ताओं की जागरूकता के बिना, उपकरणों में गुप्त रूप से घुसपैठ करना और व्यक्तिगत जानकारी एकत्र करना है, जिसे बाद में स्पाइवेयर का उपयोग करने वाले व्यक्ति या इकाई को प्रेषित किया जाता है।
- इसे इज़राइली फर्म एनएसओ ग्रुप द्वारा विकसित किया गया था जिसे 2010 में स्थापित किया गया था।
प्रश्न 4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. बीएसएफ, सीआरपीएफ और सीआईएसएफ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की श्रेणी में आते हैं।
2. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के कर्मियों को औद्योगिक इकाइयों और सरकारी बुनियादी ढांचे की सुरक्षा का कर्तव्य सौंपा गया है।
3. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों दोनों में कानून और व्यवस्था बनाए रखने का कर्तव्य सौंपा गया है।
उपर्युक्त कथनों में से कितने सही है/हैं?
(a) केवल एक
(b) सिर्फ दो
(c) सभी तीन
(d) कोई नहीं
उत्तर: c
व्याख्या:
- सीएपीएफ, सीआरपीएफ और सीआईएसएफ- भारतीय सशस्त्र बल और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) सामूहिक रूप से रक्षा दीवार के रूप में काम करते हैं।
- सीएपीएफ को आंतरिक सुरक्षा सौंपी गई है और यह अपने प्रशिक्षण केंद्रों और सुसज्जित कर्मियों के माध्यम से संचालित होता है।
- बीएसएफ, सीआरपीएफ और सीआईएसएफ सीएपीएफ श्रेणी में आते हैं, प्रत्येक का नेतृत्व आईपीएस अधिकारी करते हैं। गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार की सीमाओं पर तैनात होकर देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं।
- उनकी ज़िम्मेदारियाँ सीमा सुरक्षा से परे शांति बनाए रखने और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक गतिविधियों से निपटने तक फैली हुई हैं। इसके विपरीत, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवान भारत की औद्योगिक इकाइयों, सरकारी बुनियादी ढांचे और विभिन्न सरकारी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं।
- केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों दोनों में कानून और व्यवस्था बनाए रखने का कर्तव्य सौंपा गया है। इसके अलावा, उन्हें गंभीर परिस्थितियों या आपात स्थिति के दौरान सहायता प्रदान करने का आदेश दिया गया है।
प्रश्न 5. निम्नलिखित में से कौन सा कथन किसी देश के ‘संविधान’ के मुख्य उद्देश्य को सबसे अच्छी तरह से दर्शाता या वर्णित करता हैं?
(a) यह आवश्यक कानून बनाने के उद्देश्य को निर्धारित करता है।
(b) यह राजनीतिक कार्यालयों/सार्वजनिक कार्यालय और सरकार के निर्माण को सक्षम बनाता है।
(c) यह सरकार की शक्तियों को परिभाषित और सीमित करता है।
(d) यह सामाजिक न्याय, सामाजिक समानता और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
उत्तर: c
व्याख्या:
- संविधान का मुख्य उद्देश्य- सरकार के मौलिक सिद्धांत, संरचना और संचालन, साथ ही एक राष्ट्र के भीतर व्यक्तियों के अधिकारों और स्वतंत्रता को रेखांकित करना हैं। यह देश के सर्वोच्च कानून के रूप में खड़ा है, जो शासन के लिए एक रूपरेखा पेश करता है जो शक्ति का संतुलन बनाए रखता है, व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करता है और राज्य के कामकाज को निर्देशित करता है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. ‘अमेरिका और यूरोपीय देशों की राजनीति और अर्थव्यवस्था में प्रवासी भारतीयों की निर्णायक भूमिका है।’ उदाहरण सहित टिप्पणी कीजिए। (150 शब्द, 10 अंक) 2020 (सामान्य अध्ययन – II, अंतर्राष्ट्रीय संबंध) (‘Indian diaspora has a decisive role to play in the politics and economy of America and European Countries.’ Comment with examples. (150 words, 10 marks) 2020 (General Studies – II, International relations))
प्रश्न 2. “गरीबी-विरोधी वैक्सीन के रूप में माइक्रो-फाइनेंस का उद्देश्य भारत में ग्रामीण गरीबों की संपत्ति निर्माण और आय सुरक्षा है।” ग्रामीण भारत में महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ-साथ दोहरे उद्देश्यों को प्राप्त करने में स्वयं सहायता समूहों की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए। (250 शब्द, 15 अंक) 2020 (सामान्य अध्ययन – II, सामाजिक मुद्दे) (“Micro-Finance as an anti-poverty vaccine, is aimed at asset creation and income security of the rural poor in India.” Evaluate the role of the Self Help Groups in achieving the twin objectives along with empowering women in rural India. (250 words, 15 marks) 2020 (General Studies – II, Social issues))
(नोट: मुख्य परीक्षा के अंग्रेजी भाषा के प्रश्नों पर क्लिक कर के आप अपने उत्तर BYJU’S की वेव साइट पर अपलोड कर सकते हैं।)