Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests - Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests -

UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 29 July, 2022 UPSC CNA in Hindi

29 जुलाई 2022 : समाचार विश्लेषण

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

  1. जनमत संग्रह के बाद: ट्यूनीशिया में सत्ता पाने की चुनौतियां

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

  1. एक प्रतिस्पर्धी दूरसंचार बाजार में BSNL को पुनर्जीवित करना

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

पर्यावरण:

  1. आंकड़े बाघ संरक्षण के बारे में सब कुछ नहीं बताते

शासन:

  1. संकीर्ण दृष्टिकोण:

F. प्रीलिम्स तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. सरकार किशोरावस्था में गर्भधारण को लेकर चिंतित है
  2. पिछले एक वर्ष में विमानों में तकनीकी खराबी से संबंधित 478 मामले सामने आए

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

जनमत संग्रह के बाद: ट्यूनीशिया में सत्ता पाने की चुनौतियां

विषय: विकसित और विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का प्रभाव।

मुख्य परीक्षा: अरब स्प्रिंग क्रांति और ट्यूनीशिया में राजनीतिक संकट का विवरण।

संदर्भ:

  • ट्यूनीशियाई मतदाताओं ने देश में आयोजित जनमत संग्रह में एक नए संविधान के पक्ष में मतदान किया है।

विवरण:

  • नया संविधान वर्ष 2011 की अरब स्प्रिंग क्रांति के मद्देनजर ट्यूनीशिया की संवैधानिक सभा द्वारा अपनाए गए 2014 के संविधान को प्रतिस्थापित करेगा।
  • नए संविधान के तहत देश में पुनः राष्ट्रपति प्रणाली लागू कर दी जाएगी। यह राष्ट्रपति कैस सैयद को अनियंत्रित शक्तियां प्रदान करेगा। ध्यातव्य है कि राष्ट्रपति कैस सैयद ने ही देश में निर्वाचित संसद को निलंबित किया था।

चित्र स्रोत: Britannica

चित्र स्रोत: Britannica

अरब स्प्रिंग:

  • अरब स्प्रिंग शासन-विरोधी विरोध प्रदर्शनों, विद्रोहों और सशस्त्र विद्रोहों की एक श्रृंखला थी, जो वर्ष 2010 के दशक की शुरुआत में संपूर्ण अरब जगत में फैल गई थी। इसका उद्देश्य अरब देशों से तानाशाही को खत्म करना था।
  • ट्यूनीशिया: ट्यूनीशिया में अरब स्प्रिंग विरोध प्रदर्शन की शुरुआत दिसंबर 2010 में हुई थी। इसके परिणामस्वरूप ज़ीन अल-अबिदीन बेन अली के शासन का पतन हुआ, जो वर्ष 1987 से सत्ता पर काबिज थे।
    • ट्यूनीशिया एकमात्र ऐसा देश था जहाँ अरब स्प्रिंग के बाद शांतिपूर्ण ढंग से सत्ता का लोकतंत्रीकरण हुआ।
  • इसके बाद विरोध प्रदर्शन मिस्र, लीबिया, बहरीन, यमन और सीरिया जैसे अन्य अरब देशों में भी हुए।
  • मिस्र: प्रदर्शनकारी मिस्र में होस्नी मुबारक की तानाशाही को खत्म करने में सफल रहे, लेकिन क्रांति आगे चलकर विफल हो गई क्योंकि सेना ने निर्वाचित सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया।
  • लीबिया: मुअम्मर गद्दाफी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ने गृहयुद्ध का आकार ले लिया, जिसमें उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) द्वारा सैन्य हस्तक्षेप भी किया गया।
    • हालाँकि, नाटो ने गद्दाफी के शासन को खत्म कर दिया, लेकिन देश में अराजकता और अव्यवस्था फ़ैल गई जो अभी भी मौजूद है।
  • बहरीन: बहरीन एक शिया बहुसंख्यक देश था, जो एक सुन्नी राजशाही द्वारा शासित था। ऐसे में सऊदी अरब ने मनामा के पर्ल स्क्वायर में विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए अपनी सेना भेज दी।
  • यमन: राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह द्वारा सत्ता को त्यागने के बावजूद, देश गृहयुद्ध से घिर गया जिसके परिणामस्वरूप शिया हौथी विद्रोहियों का उदय हुआ।
  • सीरिया: विरोध प्रदर्शनों के कारण देश गृहयुद्ध का सामना कर रहा, क्योंकि राष्ट्रपति बशर अल-असद के प्रतिद्वंद्वियों ने उनके दुश्मनों का समर्थन किया और हिजबुल्लाह, ईरान तथा रूस सहित उनके सहयोगियों ने उनका समर्थन किया।

अरब स्प्रिंग के बारे में अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए

https://byjus.com/free-ias-prep/arab-spring-2010-2012/

ट्यूनीशिया में राजनीतिक संकट:

  • वर्ष 2014 में बनाए गए संविधान के तहत देश में एक मिश्रित प्रणाली (संसदीय और राष्ट्रपति प्रणाली) की शुरुआत की गई थी।
    • इसके अनुसार, राष्ट्रपति और सांसद दोनों सीधे देश के मतदाताओं द्वारा चुने जाते थे।
    • राष्ट्रपति को सैन्य और विदेश मामलों की देखरेख का जिम्मा सौंपा गया था
    • बहुसंख्यक सांसदों के समर्थन से चुने गए प्रधानमंत्री को शासन के दिन-प्रतिदिन के मामलों की देख-रेख का काम सौंपा गया था।
  • चुनावों में, इस्लामिस्ट एन्नाहदा पार्टी (Islamist Ennahda party), देश में एक प्रमुख पार्टी के रूप में उभरी, जिससे धर्मनिरपेक्ष वर्गों के बीच चिंता पैदा हो गई।
  • वर्ष 2011 से 2021 के बीच में ट्यूनीशिया में नौ बार सरकार का गठन हुआ था।
  • चूँकि देश की अर्थव्यवस्था पहले से ही संघर्ष कर रही है, ऐसे में कोविड-19 महामारी के संकट ने स्थिति को और बदत्तर बना दिया है।
    • ट्यूनीशिया में दुनिया में प्रति व्यक्ति कोविड मृत्यु दर सबसे अधिक है।
    • देश में बेरोजगारी दर 15.5 % है, वार्षिक मुद्रास्फीति दर 8.1 % है और यूक्रेन युद्ध के कारण खाद्य संकट से स्थिति और भी अधिक जटिल हो गई है।
  • बढ़ते आर्थिक और स्वास्थ्य सेवा संकट के मद्देनजर, जुलाई 2021 में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की शुरुआत हुई।
  • प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ एन्नाहदा पार्टी के कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया, परिणामस्वरूप राष्ट्रपति ने एन्नाहदा समर्थित प्रधानमंत्री को बर्खास्त कर दिया और संसद को निलंबित कर दिया, जिससे संवैधानिक संकट पैदा हो गया।
  • वर्ष 2014 के संविधान के अनुसार, इस तरह के संकटों को एक संवैधानिक न्यायालय के माध्यम से दूर किया जाना था, लेकिन देश में अभी तक ऐसा न्यायालय स्थापित नहीं किया गया है, जिससे राष्ट्रपति को देश पर शासन करने की खुली छूट मिल गई।
  • इसके बाद राष्ट्रपति ने तब आपातकाल की घोषणा कर दी, शासन की देखरेख के लिए एक प्रधानमंत्री नियुक्त किया, निलंबित संसद को भंग कर दिया और स्वयं को शक्तिशाली बनाने के लिए संविधान में संशोधन करना शुरू कर दिया।

नए संविधान में किए गए प्रमुख संशोधन:

  • राष्ट्रपति ने ट्यूनीशिया की क्रांति के परिणामस्वरूप गठित संसदीय प्रणाली पर चिंता व्यक्त की है और कहा कि उन्हें लगता है कि नया संविधान वर्ष 2011 की क्रांति के मूल्यों की रक्षा करेगा जिसका उद्देश्य आजीविका, स्वतंत्रता और गरिमा सुनिश्चित करना था।
  • संविधान में किए गए बदलाव व्यवस्था को राष्ट्रपति प्रणाली में परिवर्तित करके संसद की शक्तियों को कम करने का प्रयास है।
  • नया संविधान राष्ट्रपति को सरकार बनाने, मंत्रियों को चुनने (संसद की मंजूरी के बिना), न्यायाधीशों को नियुक्त करने और सीधे विधानमंडल के लिए कानून बनाने की शक्तियां प्रदान करता है।
  • इसके अलावा, संशोधन कानूनविदों के लिए राष्ट्रपति को पद से हटाए जाने को व्यावहारिक रूप से असंभव बना देंगे।
  • नए संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति सीधे सर्वोच्च स्वतंत्र चुनाव आयोग (ISIE) के सदस्यों को भी नियुक्त कर सकते हैं, जिन्हें पहले संसद द्वारा नियुक्त किया जाता था।

आगे का मार्ग:

  • जनमत संग्रह को कार्यवाहक राष्ट्रपति की जीत बताया जा रहा है जो इसे एकल-व्यक्ति शासन (राष्ट्रपति प्रणाली) के लिए वैध जनादेश बता रहे हैं।
  • हालांकि, जनमत संग्रह में केवल 30% मतदाताओं ने ही भाग लिया था और विपक्षी राजनीतिक दलों द्वारा इसका बहिष्कार किया गया था। ऐसे में देश अभी भी राजनीतिक संकट के प्रति संवेदनशील है।
  • क्रांतिकारी अराजकता, वर्तमान अर्थव्यवस्था और संवैधानिक संकट के कारण आने वाले दिनों में भी देश की प्रगति बाधित होने की उम्मीद है।

सारांश:

  • चूँकि ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति ने जनमत संग्रह के माध्यम से स्वयं को सत्ता में स्थापित कर लिया है, ऐसे में आलोचकों और विपक्षी दलों को डर है कि नया संविधान 2011 की अरब स्प्रिंग क्रांति के बाद से ट्यूनीशिया द्वारा की गई लोकतांत्रिक प्रगति को पूरी तह से मिटा देगा और देश को फिर से एक अधिनायकवादी राष्ट्र बना देगा।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

एक प्रतिस्पर्धी दूरसंचार बाजार में BSNL को पुनर्जीवित करना

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था और नियोजन, संसाधन संग्रहण, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित विषय।

मुख्य परीक्षा: BSNL के पुनरुद्धार के लिए पैकेज की आवश्यकता और इसके प्रभाव।

संदर्भ:

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राज्य के स्वामित्व वाली दूरसंचार फर्म भारत सांचर निगाम लिमिटेड (BSNL) के पुनरुद्धार के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी।

विवरण:

  • मंत्रिमंडल ने घरेलू दूरसंचार क्षेत्र में BSNL की समग्र प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और इसकी बैलेंस शीट को मजबूत करने के लिए पुनरुद्धार योजना की घोषणा की।
  • नवीनतम पैकेज वर्ष 2019 में घोषित किए गए पैकेज के बाद दूसरा ऐसा पैकेज है और इसकी समयावधि चार साल से अधिक है।
    • नवीनतम पैकेज में 43,964 करोड़ रुपये का नकद घटक और 1.2 लाख करोड़ रुपये का एक गैर-नकद घटक शामिल है।
  • नवीनतम पैकेज के उद्देश्य हैं:
    • BSNL की सेवाओं में सुधार करने के लिए पूंजी निवेश करना।
    • फर्म की संकटग्रस्त बैलेंस शीट को मजबूत करना।
    • भारत ब्रॉडबैंड निगम लिमिटेड (BBNL) और BSNL का विलय करके फाइबर नेटवर्क का विस्तार करना।

वर्ष 2019 में घोषित किए गए पैकेज के बारे में अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:

https://byjus.com/free-ias-prep/upsc-exam-comprehensive-news-analysis-oct24-2019/

राहत पैकेज की आवश्यकता:

  • ग्राहक आधार का नुकसान – दूरसंचार क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोले जाने और 1990 के दशक में वायरलेस टेलीफोनी प्रणाली के आने से पूर्व तक BSNL का दूरसंचार सेवा प्रदाता के रूप में एकाधिकार था।
    • वर्ष 2019 के बाद से, BSNL के ग्राहक आधार में त्वरित गति से कमी आ रही है।
    • भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) के अनुसार, अप्रैल से लेकर मई 2022 के बीच वायरलेस सेवा का उपयोग करने वाले ग्राहकों में से प्रत्येक महीने 0.30% से अधिक ग्राहकों ने BSNL का साथ छोड़ा है।
      • जबकि, भारती एयरटेल और रिलायंस जियो जैसी निजी टेलीकॉम फर्मों ने प्रत्येक महीने औसतन 0.43% वायरलेस ग्राहकों को अपने साथ जोड़ा है।
    • इसके अलावा, रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के पास BSNL की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 5 गुना अधिक ग्राहक हैं।
  • प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व में कमी – प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (ARPU) दूरसंचार फर्मों के सेहत को मापनेका एक प्रमुख मात्रक है। BSNL एक सामाजिक क्षेत्र के रूप में कार्य करता है और इसका अर्थ है कि इसे आंतरिक संग्रहण (accrual) (फर्म द्वारा वर्षों से अर्जित लाभ) के माध्यम से पूंजीगत परिसंपत्तियों से संबंधित सभी नुकसान की भरपाई करनी होगी।
    • मार्च के अंत में समाप्त हुई तिमाही में भारती एयरटेल के प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व में लगभग 23% की वृद्धि हुई और रिलायंस जियो के ARPU में साल-दर-साल आधार पर 27% की वृद्धि हुई है।
    • यह तेजी से तकनीकी नवाचारों जैसे कि 4G से 5G में संक्रमण के रूप में निजी फर्मों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की BSNL की क्षमता में बाधक है।
  • अपर्याप्त आधार ट्रांसीवर स्टेशन (BTS) – आधार ट्रांसीवर स्टेशन (BTS) एक ऐसा उपकरण है जो मोबाइल उपकरणों से रेडियो संकेत भेजता एवं प्राप्त करता है और उन्हें नेटवर्क में अन्य टर्मिनलों पर भेजता है।
    • रिपोर्टों के अनुसार, रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के पास BSNL की तुलना में क्रमशः 6 और 5.5 गुना अधिक आधार ट्रांसीवर स्टेशन हैं।

चित्र स्रोत: The Hindu

चित्र स्रोत: The Hindu

पुनरुद्धार पैकेज का प्रभाव:

  • नवीनतम पैकेज के एक भाग के रूप में, BSNL को इक्विटी निवेश (equity infusion) के माध्यम से 44,993 करोड़ की लागत का 900/1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाएगा और अनुमान है कि इससे BSNL को अपनी सेवाओं के लिए उपलब्ध बैंडविड्थ के विस्तार और समेकन में मदद मिलेगी।
  • स्पेक्ट्रम आवंटन उच्च गति का डेटा प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
    • यह BSNL को बाजार में प्रतिस्पर्धा करने और उच्च गति वाला डेटा प्रदान करने में मदद करेगा।
  • सरकार 2014-15 से 2019-20 के दौरान किए गए व्यावसायिक रूप से अव्यवहार्य ग्रामीण वायरलाइन संचालन के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग के रूप में बीएसएनएल को ₹ 13,789 करोड़ प्रदान करेगी।
  • मंत्रिमंडल ने समायोजित सकल राजस्व बकाया का भुगतान करने, पूंजीगत व्यय के प्रावधान और स्पेक्ट्रम के आवंटन के बदले BSNL की अधिकृत पूंजी को 40,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,50,000 करोड़ रुपये करने का फैसला किया है।
  • कुल मिलाकर पुनरुद्धार पैकेज BSNL को सेवाओं में सुधार करने और 2026-27 तक शुद्ध लाभ अर्जित करने में मदद करेगा।

सारांश:

  • समावेशिता सुनिश्चित करने में सार्वजनिक क्षेत्र के दूरसंचार सेवा प्रदाता की भूमिका के महत्व को देखते हुए, ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाओं का विस्तार कर डिजिटल विभाजन को कम करने, स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकसित करने, आपदा राहत और सीमावर्ती क्षेत्रों में महत्वपूर्ण दूरसंचार सेवाओं का विस्तार करने के लिए सरकार ने BSNL के लिए एक बेलआउट पैकेज की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य मौजूदा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना है, 4G सेवाओं को शुरू करना और इसे आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनना है।

संपादकीय-द हिन्दू

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-3 से संबंधित:

पर्यावरण:

आंकड़े बाघ संरक्षण के बारे में सब कुछ नहीं बताते

विषय: पर्यावरण संरक्षण।

मुख्य परीक्षा: बाघ संरक्षण और आनुवंशिक प्रवाह।

संदर्भ:

  • बाघों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 29 जुलाई को वैश्विक बाघ दिवस (Global Tiger Day) मनाया जाता है। पहला बाघ दिवस 2010 में मनाया गया था, जब 13 बाघ सम्पन्न देश Tx2 के गठन – वर्ष 2022 तक जंगली बाघों की संख्या को दोगुना करने के वैश्विक लक्ष्य हेतु एक साथ आए थे।

भूमिका:

  • भारत अनुमानित 2,226 बाघों के साथ दुनिया के 50% से अधिक जंगली बाघों का घर है तथा 2005 से बाघों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है एवं अंतर्राष्ट्रीय संघ के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि 2005 से अब तक बाघों की संख्या में 40% की वृद्धि हुई है।

क्या बाघों की संख्या में वृद्धि उनके विलुप्त होने को रोकने के लिए पर्याप्त है?

आनुवंशिकी और कनेक्टिविटी:

  • क्रमिक-विकास पर कई अध्ययनों से पता चला है कि बाघों को विलुप्त होने से रोकने के लिए उनकी संख्या को बढ़ाने का प्रयास महत्वपूर्ण हैं।
  • 100 से कम आबादी वाली प्रजातियों के विलुप्त होने की संभावना उच्च है।
  • इसके अलावा, आबादी को पुनर्निर्वाह हेतु, उन्हें अन्य ऐसी आबादी का हिस्सा बनाने की आवश्यकता है जो उनसे संबंधित हैं।
    • आनुवंशिक प्रवाह (Genetic drift) के कारण पृथक और छोटी आबादी के विलुप्त होने की संभावना उच्च होती है।
  • इसके अलावा, छोटी आबादी में एकल (एकल DNA) होने की संभावना अधिक होती है, जिससे अंतर्गर्भाशयी अवसाद (inbreeding depression) होता है इसलिए जन्मजात एकल आबादी के जीवित रहने एवं प्रजनन में कमी आती है।

बाघों की आबादी के आनुवंशिकी और कनेक्टिविटी पर शोध निष्कर्ष:

  • अधिकांश बाघ श्रेणियों में बाघों की ‘आबादी’ 100 से कम है।
  • रेडियो कॉलर वाले बाघों और उनके जैविक डेटा से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर यह स्पष्ट हुआ है कि,
    • टाइगर रिजर्व जिनमे साझा आनुवंशिक भिन्नता होती हैं उनकी कनेक्टिविटी व्यवस्थित हैं तथा अनुमान यह है कि सरकारी हस्तक्षेप तथा संरक्षण कार्यकर्मों के कारण कनेक्टिविटी सुविधा प्रदान की जा सकी हैं। जबकि कम आनुवंशिक भिन्नता वाले बाघ अभयारण्यों में कुछ ऐसे अवरोध या हस्तक्षेप हुए है, जिनके कारण संरक्षण कार्यक्रम और कनेक्टिविटी बाधित हुई हैं।
    • बस्तियों, बुनियादी ढांचे और उच्च यातायात सड़कों की उपस्थिति बाघों की आवाजाही में बाधा डालती है।
    • सिमुलेशन (किसी स्थिति या प्रक्रिया की नकल) से पता चलता है कि अगले 100 वर्षों में विशिष्ट भूमि-उपयोग परिवर्तन के कारण राजमार्ग चौड़ीकरण जैसी विकास परियोजनाएं उनके लिए अवरोधक होंगी, जिससे विलुप्त होने की संभावना बढ़ जाएगी।
    • बाघ अभयारण्यों की बाड़ लगाने से उन्हें अलग-थलग कर दिया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप विलुप्ति दर बढ़ जाती है।

अलगाव के आनुवंशिक प्रभाव:

  • ओडिशा के सिमलीपाल में पाए गए काले बाघों/सिउड़ो-मेलेनिस्टिक (pseudo-melanistic) पर हाल के अध्ययन ने अलगाव के आनुवंशिक प्रभावों को प्रदर्शित किया है।
    • सिमिलिपाल के बाघ एक छोटी और अलग-थलग आबादी हैं, उनमें से 60% आनुवंशिक रूप से सिउड़ो-मेलेनिस्टिक (pseudo-melanistic) बाघ का DNA हैं जिस कारण यह सामन्यतः केवल सिमलीपाल में पाए जाते हैं।
  • एक अन्य अध्ययन में, रणथंभौर टाइगर रिजर्व के जंगली बाघों के जीनोम अनुक्रमों में एकल इनब्रीडिंग पाया गया हैं। जो भविष्य में रणथंभौर में बाघों के अस्तित्व और प्रजनन को प्रभावित कर सकता है।

भावी कदम:

  • भविष्य की विकास नीतियां संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप होनी चाहिए।
    • उदाहरण के लिए, वन्यजीवों की आवाजाही और कनेक्टिविटी हेतु एक अंडरपास या इको ब्रिज (eco bridges) होना चाहिए।
  • एक प्रजाति के रूप में बाघों की विकास क्षमता को बनाए रखने के लिए, हमें मौजूदा बाघों के जीनपूल, आवासों की श्रेणी, परंपरागत व्यवहार तथा आबादी का प्रबंधन करने के लिए काम करना चाहिए ताकि विकासात्मक गतिविधियों के कारण उत्पन्न अलगाव से उनके अद्वितीय विकासवादी प्रक्षेप पथ (unique evolutionary trajectories) को बनाए रखा जा सके।
  • उस आबादी पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है जो अलग-थलग हो रही हैं तथा अलगाव के आनुवंशिक परिणामों का सामना कर रही हैं।
  • उनके अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए डेटा और प्रबंधन रणनीतियों के बीच तालमेल को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

सारांश:

  • विषम घटनाओं और स्थानीय चयन के कारण बाघों के बीच आनुवंशिक अंतर प्रदर्शित होने के पर्याप्त प्रमाण हैं जो भविष्य में उनके विलुप्त होने का कारण बन सकते हैं। यदि हम बाघों की आवाजाही के लिए बाघ अभयारण्यों के बाहरी परिदृश्य का प्रबंधन तथा बाघ अभयारण्यों के अंदर शिकार और बाघों की रक्षा करते हैं, तो उन्हें विलुप्त होने से बचाया जा सकता है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2 से संबंधित:

शासन:

संकीर्ण दृष्टिकोण:

विषय:विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं हस्तक्षेप तथा उनके डिजाइन एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

मुख्य परीक्षा: मनी लॉन्ड्रिंग और संबंधित मुद्दे।

संदर्भ:

  • हाल ही में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने जमानत के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधान को सही ठहराते हुए अपने स्वयं के फैसले को रद्द कर दिया और PMLA में संशोधन की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा।

PMLA के विषय में और पढ़ें:

भूमिका:

  • वित्त अधिनियमों के तहत 2002 अधिनियम में किए गए संशोधनों के खिलाफ दायर की गई गई याचिका पर यह फैसला आया है।
  • तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग देश की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ एक अपराध है तथा अपराध से निपटने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से “हर प्रक्रिया और गतिविधि” से संबंधित “धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग)” अपराध के अर्थ को स्पष्ट किया।

हाल के निर्णय (judgment) के विषय में और पढ़ें:

फैसले की कमियां:

  • धन विधेयकों के माध्यम से संशोधनों को पुरःस्थापित करने का तरीका केवल स्वयं में सन्तोषजनक है।
  • मनी लॉन्ड्रिंग के अंतरराष्ट्रीय परिणाम वित्तीय प्रणालियों और देशों की संप्रभुता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।
  • मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने हेतु घरेलू कानूनी ढांचे को मजबूत करने हेतु अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर ध्यान केंद्रित करना, जनता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है।
  • हालांकि, भारतीय संदर्भ में मनी लॉन्ड्रिंग में उन अपराधों को जोड़ना चाहिए जो अनुसूची के रूप में अधिनियम से जुड़े हैं।
    • ये अनुसूचित अपराध आदर्श के रूप से गंभीर अपराधों जैसे कि नशीले पदार्थों, आतंकवाद, भ्रष्टाचार, तस्करी और कर चोरी जैसे गंभीर अपराधों तक सीमित होना चाहिए। लेकिन, व्यवहार में संसोधित सूची में जालसाजी, चालवाजी, अपहरण, धोखाधड़ी और यहां तक कि कॉपीराइट और ट्रेडमार्क उल्लंघन जैसे अपराध शामिल हैं।
  • दस्तावेजों को प्रस्तुत करने एवं जमा करने का प्रावधान तथा अभियोजन (prosecution) के रूप में उससे हस्ताक्षर कराने को अनुच्छेद 20 (3) के तहत मौलिक अधिकार के उल्लंघन के रूप में देखा जा सकता है।
  • भविष्य में विरोधियों को निशाना बनाने हेतु कार्यपालिका द्वारा ED की शक्ति का दुरुपयोग अर्थात् व्यक्तिगत स्वतंत्रता को ज्यादतियों से बचाने में न्यायपालिका की विफलता के रूप में देखा जा सकता है।

भावी कदम:

  • ED को बिना किसी कार्यकारी हस्तक्षेप के इन बढ़ी हुई शक्तियों का अधिक जिम्मेदारी के साथ उपयोग करना चाहिए।
  • ED के साथ न्यायपालिका को मामलों को तेजी से निपटाने तथा दोषसिद्धि दर में सुधार हेतु मिलकर काम करना चाहिए।

सारांश:

  • मनी लॉन्ड्रिंग के खतरे से निपटने के लिए PMLA के प्रभावी और कड़े प्रावधानों को बरकरार रखने वाले हालिया फैसले में कुछ कमियां हैं तथा यह न्यायपालिका का कर्तव्य है कि वह सख्त अवलोकन के साथ संविधान द्वारा गारंटीकृत अधिकारों की रक्षा करे।

महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. सरकार किशोरावस्था में गर्भधारण को लेकर चिंतित है:

चित्र स्रोत: The Hindu

चित्र स्रोत: The Hindu

  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने परिवार नियोजन विजन-2030 दस्तावेज़ में कहा है कि देश भर में प्रजनन दर के स्थिर होने के बाद भी कुछ क्षेत्रों में उच्च किशोर प्रजनन क्षमता चिंता का कारण बनी हुई है।
    • दस्तावेज़ में कहा गया है कि किशोरावस्था में गर्भधारण में कमी (राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 में 7.9% से घटकर राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 में 6.8% पर आ गई है ) के बावजूद, यह समस्या अभी भी उच्च स्तर पर बनी हुई है और इस पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
  • लगभग 118 जिलों में किशोरावस्था में गर्भधारण की प्रतिशतता बहुत अधिक है और इनमें से ज्यादातर जिले बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, महाराष्ट्र, झारखंड, आंध्र प्रदेश और त्रिपुरा जैसे राज्यों के हैं।
    • इसके अलावा, भारत में 44% से अधिक जिलों ने 18 वर्ष की आयु से पूर्व ही शादी करने वाली महिलाओं के उच्च प्रतिशतता की सूचना दी है और इनमें से ज्यादातर जिले पश्चिम बंगाल, झारखंड, असम, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के हैं।
  • दस्तावेज़ के अनुसार, भारत की आबादी 136.3 करोड़ तक पहुंच गई है और वर्ष 2031 तक इसके 147.9 करोड़ तथा वर्ष 2036 तक 152.2 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
    • युवा आबादी (15-24 की आयु-समूह में) वर्ष 2011 में 23.3 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2021 में 25.2 करोड़ हो गई है, लेकिन वर्ष 2031 में घटकर 23.4 करोड़ तथा वर्ष 2036 तक 22.9 करोड़ हो जाएगी।
  1. पिछले एक वर्ष में विमानों में तकनीकी खराबी से संबंधित 478 मामले सामने आए:
  • सरकार के अनुसार, एयरलाइनों ने देश में 1 जुलाई, 2021 से 30 जून, 2022 के बीच विमानों में तकनीकी खराबी से संबंधित कुल 478 घटनाओं की सूचना दी है।
  • नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने विभिन्न एयरलाइनों की इंजीनियरिंग और रखरखाव के पहलुओं की जांच करने के लिए कई निगरानी, स्पॉट चेक और रात की निगरानी जैसी पहलों की शुरुआत की है।
  • निरीक्षणों के बाद, DGCA ने मानकों के उल्लंघनों से संबंधित मामलों में नियामक कार्रवाई की है, जिसमें लाइसेंस का निलंबन, विमान के रखरखाव के लिए जिम्मेदार एयरलाइन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई और चेतावनी पत्र जारी करना शामिल हैं।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. लोकसभा और राज्यसभा में अध्यक्ष और सभापति के पास किसी भी सदस्य को या तो प्रस्ताव के माध्यम से या स्वयं द्वारा निलंबित करने की शक्ति होती है।
  2. संविधान के अनुच्छेद 124 के अनुसार संसदीय कार्यवाही पर न्यायालय के समक्ष प्रश्नचिन्ह नहीं लगाया जा सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. 1 और 2 दोनों
  4. न तो 1, न हीं 2

उत्तर: विकल्प d

व्याख्या:

  • कथन 1 सही नहीं है: लोकसभा में, प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमों के नियम 374 और 374 (a) अध्यक्ष को किसी सदस्य को या तो एक प्रस्ताव के माध्यम से या स्वयं द्वारा निलंबित करने की शक्ति प्रदान करते हैं।
    • हालांकि, राज्यसभा के सभापति के पास किसी सदस्य को निलंबित करने की शक्ति नहीं होती है और वह किसी सदस्य को केवल प्रस्ताव के माध्यम से ही निलंबित कर सकता है।
  • कथन 2 सही नहीं है: संविधान के अनुच्छेद 122 में कहा गया है कि संसद‌ की किसी कार्यवाही की विधिमान्यता को प्रक्रिया की किसी ‍अभिकथित अनियमितता के आधार पर प्रश्नगत नहीं किया जाएगा।

प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन सी पहलें अल्पसंख्यक समुदायों के कल्याण और उत्थान से संबंधित हैं?

  1. हमारी धरोहर (Hamari Darohar)
  2. नई मंजिल (Nai Manzil)
  3. नई उड़ान (Nai Udaan)
  4. नया सवेरा (Naya Savera)
  5. उस्ताद (USTAAD)

विकल्प:

  1. केवल 1, 2 और 3
  2. केवल 2, 3, 4 और 5
  3. केवल 1, 4 और 5
  4. 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: विकल्प d

व्याख्या:

  • उस्ताद: इस योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यकों के पारंपरिक कलाओं/ शिल्पों के संरक्षण में कौशल और प्रशिक्षण को उन्नत करना है।
  • हमारी धारोहर: इस योजना का उद्देश्य भारतीय संस्कृति के संदर्भ में अल्पसंख्यक समुदायों की समृद्ध विरासत को संरक्षित करना है।
  • नई मंजिल: अपने मुख्यधारा के समकक्षों के साथ दीनी मदरसा पासआउट छात्रों के अकादमिक और कौशल विकास अंतराल को पाटने के लिए एक ब्रिज पाठ्यक्रम।
  • नई उड़ान: संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, राज्य लोक सेवा आयोगों इत्यादि द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने वाले अल्पसंख्यक छात्रों को सहायता देना।
  • नया सवेरा: इस योजना का उद्देश्य तकनीकी/चिकित्सा पेशेवर पाठ्यक्रमों और विभिन्न प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में प्रवेश हेतु अर्हता प्राप्त करने के लिए अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित छात्रों/उम्मीदवारों को निःशुल्क कोचिंग प्रदान करना है।

प्रश्न 3. समुद्रयान मिशन के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से गलत है/हैं?

  1. यह भारत का पहला मानवयुक्त महासागरीय मिशन है।
  2. इस मिशन का लक्ष्य गहरे समुद्र में अन्वेषण और दुर्लभ खनिज के खनन हेतु मानव दल को पनडुब्बी यान द्वारा गहरे समुद्र में भेजना है।
  3. मिशन के तहत 3 व्यक्तियों को समुद्र में 6000 मीटर की गहराई तक ले जाया जाएगा।

विकल्प:

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 3
  3. 1, 2 और 3
  4. उपर्युक्त में से कोई भी नहीं

उत्तर: विकल्प d

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: समुद्रयान भारत का पहला मानवयुक्त महासागरीय मिशन है।
  • कथन 2 सही है: मिशन का लक्ष्य गहरे समुद्र में अन्वेषण और दुर्लभ खनिज के खनन हेतु मानव दल को पनडुब्बी यान द्वारा गहरे समुद्र में भेजना है।
  • कथन 3 सही है: मिशन के तहत तीन व्यक्तियों को एक मानवयुक्त पनडुब्बी यान ‘मत्स्य 6000’ से समुद्र में 6000 मीटर की गहराई तक ले जाया जाएगा।

प्रश्न 4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. यह क्षेत्र अकाबा (Aqaba) की खाड़ी से घिरा हुआ है।
  2. तिरान (Tiran) जलडमरूमध्य दो जल निकायों को जोड़ता है।
  3. इसकी तटरेखा भूमध्य सागर और लाल सागर को स्पर्श करती है।

प्रश्न में किस देश की चर्चा की जा रही है?

  1. जॉर्डन
  2. मिस्र
  3. सीरिया
  4. इजराइल

उत्तर: विकल्प b

व्याख्या:

चित्र स्रोत: Wikipedia

चित्र स्रोत: Wikipedia

प्रश्न 5. पश्चिम अफ्रीका की निम्नलिखित झीलों में कौन-सी एक, सूखकर मरुस्थल में बदल गई है?

  1. लेक विक्टोरिया
  2. लेक फागुबिन
  3. लेक ओगुटा
  4. लेक वोल्टा

उत्तर: विकल्प b

व्याख्या:

  • उत्तरी माली में स्थित फागुबिन झील 1970 के दशक से सूखी हुई है।
  • जलवायु परिवर्तन के कारण अनियमित वर्षा पैटर्न, चैनलों के कुछ हिस्सों को अवरुद्ध करने वाले रेत के टीले, बड़े पैमाने पर सिंचाई तथा जलविद्युत का उत्पादन करने के लिए पानी के व्यापक उपयोग के कारण फागुबिन झील सूख गई है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. क्या घाटे में चल रही BSNL को बचाना सार्वजनिक धन का एक अच्छा उपयोग है? समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (10 अंक, 150 शब्द) (सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-III – अर्थव्यवस्था)

प्रश्न 2. अरब स्प्रिंग जिसने मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में लोकतांत्रिक परिवर्तन की आस जगाई थी, विफल हो गई है। पुष्टि कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द) (सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-II – अंतर्राष्ट्रीय संबंध)