30 अप्रैल 2023 : समाचार विश्लेषण

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

स्वास्थ्य:

  1. रेबीज के टीके की ‘कमी’ के पीछे निहित तत्त्व
  2. H5N1 के कारण 50 मिलियन पक्षियों की मृत्यु हो गई है और यह स्तनधारियों में फैल गया है
  3. ई-फार्मा को लेकर सुरक्षा चिंताओं ने केंद्र को मुश्किल में डाल दिया है

सामाजिक विषय:

  1. निकोबार परियोजना आदिवासियों के अधिकारों का उल्लंघन करती है: ST पैनल

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. वर्ष 1700 के बाद से पूरे एशिया में हाथियों का 64% से अधिक प्राकृतिक वास समाप्त हो गया है

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. तमिलनाडु की टीम सिंगापुर संग्रहालय से 16 प्राचीन मूर्तियों को बरामद करेगी

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

स्वास्थ्य:

रेबीज के टीके की ‘कमी’ के पीछे निहित तत्त्व

विषय: स्वास्थ्य से संबंधित सामाजिक क्षेत्र के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।

प्रारंभिक परीक्षा: रेबीज के टीके

मुख्य परीक्षा: रेबीज के टीके और संबंधित चिंताएं।

संदर्भ:

  • कुत्ते के काटने की घटनाओं के बढ़ते मामले।

विवरण:

  • राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने 6 मार्च से 12 मार्च 2023 के बीच कुत्ते के काटने से चार मौतों की सूचना दी थी।
  • जनवरी से दिसंबर 2022 तक अकेले दिल्ली में कुत्तों के काटने की लगभग 13,000 घटनाओं की सूचना मिली थी।
  • भारत में कुत्तों के लिए प्रजनन का मौसम नवंबर से मार्च के बीच होता है। इसके परिणामस्वरूप कुत्तों द्वारा आक्रामकता, काटने और हमले की घटनाओं में वृद्धि होती है।
  • भारत में हर साल कुत्ते द्वारा काटे जाने की औसतन छह से सात मिलियन घटनाएँ देखी जाती हैं।
  • विशेष रूप से, कुत्ते के काटने से संबंधित प्रत्येक मामलों में टीकों की पांच खुराक की आवश्यकता होती है।
  • प्रमुख भारतीय निर्माता बांग्लादेश, तुर्की, म्यांमार आदि को रेबीज के टीके की आपूर्ति करते हैं।

रेबीज के टीके:

  • रेबीज वैक्सीन लायफ़ोलायज्ड (फ्रीज ड्राय) है और शीशियों में पाउडर के रूप में भरा जाता है।
  • कंपनियां 24 से 32 घंटों में लगभग 50000 शीशियों का उत्पादन कर सकती हैं।
  • रेबीज वैक्सीन की शीशी का उपयोग प्रति व्यक्ति केवल एक खुराक के माप में किया जा सकता है (पोलियो वैक्सीन में एक शीशी में 10 खुराक तक होती है।

संबद्ध चिंताएं:

  • कुत्ते के काटने की कई घटनाओं की रिपोर्ट नहीं की जाती है। इसके अलावा, सभी रोगियों को समय पर टीके नहीं मिलते हैं।
  • छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों द्वारा रेबीज के टीकों की बहुत कम खरीद की जाती है।
  • टीकों की खरीद में प्रायः देरी होती है क्योंकि राज्य और केंद्र सरकारें मांग का अनुमान लगाने में विफल रहती हैं। इससे निर्माताओं के लिए बढ़ी हुई मांगों को पूरा करना मुश्किल हो जाता है।
  • हालांकि, कुछ क्षेत्रों में टीकों की मांग कम है। उदाहरण के लिए, कसौली में मौजूद केंद्रीय अनुसंधान संस्थान को मांग में कमी के कारण टीके की शीशियों को प्रयोग से हटाना पड़ा।
  • निर्माता अपने उत्पादन का 30% से अधिक निर्यात करने पर जोर देते हैं क्योंकि उन्हें निर्यात से उच्च कीमत मिलती है।

भावी कदम:

  • राज्यों को मांग का आकलन करना चाहिए तथा लगभग दो वर्षों के लिए रेबीज टीकों का भंडार रखना चाहिए।

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सारांश:

  • कुत्तों के काटने और हमलों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसके लिए उच्च संख्या में रेबीज टीकों की आवश्यकता है। हालांकि, देश में रेबीज को गंभीर स्वास्थ्य खतरा बनने से रोकने को लेकर कई संबंधित चिंताएं हैं जिनके निराकरण की आवश्यकता है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

सामाजिक विषय:

निकोबार परियोजना आदिवासियों के अधिकारों का उल्लंघन करती है: ST पैनल

विषय: सरकार की नीतियां और विकास के लिए हस्तक्षेप और इससे उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

प्रारंभिक परीक्षा: वन अधिकार अधिनियम 2006

मुख्य परीक्षा: अंडमान और निकोबार में विकास और संबंधित चिंताएं

संदर्भ:

  • राष्‍ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पर्यावरण मंजूरी में कथित विसंगतियां दर्ज की हैं।

विवरण:

  • 72,000 करोड़ रुपये की ग्रेट निकोबार द्वीप (GNI) परियोजना के लिए दी गई वन मंजूरी के संदर्भ में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) द्वारा कथित विसंगतियों को उठाया गया है।
  • पैनल ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के जिला अधिकारियों को इस आधार पर नोटिस जारी किया है कि परियोजना स्थानीय जनजातियों के अधिकारों को प्रभावित करेगी।
    • पैनल ने वन अधिकार अधिनियम (FRA), 2006 के उल्लंघन का हवाला दिया है।
    • इसके अलावा, परियोजना के लिए NCST से परामर्श नहीं किया गया था।
  • इसने 15 दिनों की अवधि के भीतर कथित खामियों के लिए जवाब मांगा है।
  • विशेष रूप से, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने अप्रैल की शुरुआत में परियोजना पर रोक लगाने का आदेश दिया था। इसने परियोजना की पर्यावरणीय मंजूरी की समीक्षा के लिए एक समिति का भी गठन किया था।

परियोजना के बारे में अन्य विवरण:

  • यह परियोजना अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एकीकृत विकास निगम द्वारा कार्यान्वित की जा रही है। इसमें ट्रांसशिपमेंट बंदरगाहों, हवाई अड्डों, बिजली संयंत्रों और ग्रीनफील्ड टाउनशिप के विकास को शामिल किया गया है।
  • इसमें लगभग 7.114 वर्ग किमी. आदिवासी आरक्षित वन भूमि का उपयोग करने का उद्देश्य निहित है, जहाँ शोम्पेन और निकोबारी जनजातियां निवास करती हैं।
  • जनजातीय मामलों के मंत्रालय की कार्यान्वयन रिपोर्ट से पता चलता है कि द्वीप प्रशासन ने आदिवासियों को न तो किसी वन भूमि का स्वामित्व दिया है और न ही मान्यता दी है।
    • यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि वन संरक्षण नियम, 2017 के तहत चरण I की मंजूरी से पहले स्वामित्व को मंजूरी या मान्यता देना पूर्वापेक्षा है।
  • ऐसा आरोप है कि GNI परियोजना के लिए पैनल से सलाह नहीं ली गई थी। इसके अलावा, FRA के कथित उल्लंघन के मामले देखे गए थे।
  • वन संरक्षण नियमावली-2017 (FCR) के नियम 6(3)(e) के अनुसार, वन भूमि संबंधित किसी भी परिवर्तन के लिए जिला कलेक्टर को FRA के तहत स्थानीय लोगों की पहचान करने और उन्हें अधिकार प्रदान करने का अधिकार है।
  • फिर नियमों के अनुसार इस भूमि संबंधित परिवर्तन के लिए अधिकारियों को ग्राम पंचायतों की सहमति लेनी होगी। यह स्थानीय वन-निवासी समुदायों के अधिकारों को प्रधानता देता है।
  • हालांकि जिला प्रशासन को अक्टूबर 2020 से नवंबर 2022 तक वन भूमि पर कोई दावा प्राप्त नहीं हुआ।
  • अगस्त 2022 को एक विशेष ग्राम सभा बैठक में, परियोजना के लिए वन भूमि की स्थिति में बदलाव पर सहमति देते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया था।
  • अनुमंडल स्तरीय समिति में शोम्पेन आदिवासियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी लिया गया था।

संबद्ध चिंताएं:

  • यह तर्क दिया जाता है कि अंडमान आदिम जनजाति विकास समिति (AAJVS) ने प्रशासन द्वारा स्थापित और संचालित सोसाइटी की बैठकों में शोम्पेन का प्रतिनिधित्व किया। यह वास्तव में शोम्पेन का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।
  • NCST ने वन संरक्षण नियम-2022 का भी विरोध किया है, जिसमें वन स्थिति में परिवर्तन (डायवर्जन) मौजूद सहमति खंड को हटा दिया गया है।

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सारांश:

  • राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने विकास के लिए वन भूमि स्थिति के परिवर्तन और वन अधिकार अधिनियम के कथित उल्लंघन पर चिंता जताई है। प्रशासन को मूलनिवासी आदिवासियों के अधिकारों को उचित न्याय देते हुए समयबद्ध तरीके से इन चिंताओं का समाधान करना चाहिए।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

स्वास्थ्य:

H5N1 के कारण 50 मिलियन पक्षियों की मृत्यु हो गई है और यह स्तनधारियों में फैल गया है

विषय: स्वास्थ्य से संबंधित विषय

प्रारंभिक परीक्षा: H5N1 वायरस

मुख्य परीक्षा: H5N1 वायरस

संदर्भ:

  • एवियन इन्फ्लुएंजा H5N1 का प्रकोप।

विवरण:

  • वर्ष 2023 एवियन इन्फ्लूएंजा H5N1 के सबसे खराब प्रलेखित प्रकोपों में से एक का गवाह बन रहा है, जिससे अब तक लाखों पक्षियों की मृत्यु हो गई है।
  • H5N1 पक्षियों में गंभीर बीमारी और उनकी मृत्यु का कारण बनता है।
  • यह वायरस स्तनधारियों और मानव प्रजातियों में भी पाया गया है जिसके चलते स्वास्थ्य अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
  • H5N1 का प्रभाव कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे जोखिम का स्तर, भौगोलिक स्थान और प्रजातियों का प्रवासी पैटर्न।
  • इसने गंभीर रूप से विलुप्तप्राय पक्षी प्रजातियों में वायरस के प्रसार को लेकर चिंता उत्पन्न कर दी है। उदाहरण के लिए:
    • यह पाया गया है कि कम से कम 20 कैलिफ़ोर्निया कोंडोर, एक ऐसी प्रजाति जो 1980 के दशक से विलुप्त होने के कगार पर थी, H5N1 एवियन इन्फ्लुएंजा का शिकार हो गए हैं।
    • इस वायरस के कारण जनवरी 2022 से अमेरिका में बड़ी संख्या में बाल्ड ईगल और कैस्पियन टर्न की मृत्यु हो गई है।
  • इस वायरस के घरेलू कुत्तों और बिल्लियों के अलावा समुद्री शेरों (Sea Lion), मिंक, लोमड़ियों, जंगली भालुओं, और स्कंक जैसी प्रजातियों में भी फैलने की रिपोर्टें हैं।
  • हालांकि स्तनधारियों में H5N1 वायरस का संचरण दुर्लभ है, हालाँकि इसमें उत्परिवर्तन हो सकता है और संभावित रूप से मनुष्यों में फ़ैल सकता है।
    • यह संक्रमित पक्षियों या जानवरों के निकट संपर्क के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है।
    • मनुष्यों में इसकी मृत्यु दर 60% से अधिक है।

यह भी पढ़ें: Avian Influenza (Bird Flu) | Facts for UPSC Science and Technology

स्रोत: The Hindu

भावी कदम:

  • यह पक्षियों और मनुष्यों के लिए बेहतर और अधिक कुशल टीकों के निर्माण की दिशा में प्रयास करने का समय है।
  • वायरस के निरंतर विकास को मैप करने के लिए जीनोमिक्स निगरानी की जानी चाहिए।
  • इसके अलावा, पशु और सार्वजनिक स्वास्थ्य दोनों की रक्षा के लिए उन्नत जैव सुरक्षा उपायों को अपनाने की आवश्यकता है।

सारांश:

  • H5N1 वायरस का अनियंत्रित प्रसार सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकता है। यह विश्व स्तर पर पहले से ही विलुप्तप्राय पक्षी प्रजातियों के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है। इस प्रकार, इसके स्तनधारियों और मानव प्रजातियों के लिए खतरनाक होने से पहले सभी हितधारकों द्वारा प्रयास किए जाने चाहिए।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

स्वास्थ्य:

ई-फार्मा को लेकर सुरक्षा चिंताओं ने केंद्र को मुश्किल में डाल दिया है

विषय: स्वास्थ्य से संबंधित विषय

मुख्य परीक्षा: ई-फार्मा से जुड़े मुद्दे

विवरण:

  • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि ई-फार्मा प्लेटफॉर्म को पूरी तरह से छूट नहीं दी जाएगी जाएगा क्योंकि ये खतरनाक हो सकते हैं।
  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने संसदीय समिति से ई-फार्मेसी नियमों के मसौदे को अंतिम रूप देने और बिना किसी देरी के उन्हें लागू करने को कहा है।
  • संसदीय पैनल ने नियमन के अभाव में ऑनलाइन फ़ार्मेसी के संभावित दुरुपयोग के बारे में चिंता जताई है।
  • ‘ई-फार्मेसी मार्केट इन इंडिया 2022-2027’ रिपोर्ट के मुताबिक भौतिक बाजारों की तुलना में ई-फार्मेसी एक बेहतर विकल्प के रूप में उभर रहा है।
    • 2021 में, ऑनलाइन फ़ार्मेसी का बाज़ार ₹25.50 बिलियन का था।
    • यह उम्मीद की जा रही है कि यह 2022 से 2027 तक 22.20% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के साथ विस्तारित होगा और लगभग ₹89.47 बिलियन तक पहुंच जाएगा।
  • ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने उन 20 ई-फार्मेसी को कारण बताओ नोटिस भेजा है, जो उन दवाओं की बिक्री कर रहे हैं, जिन्हें डॉक्‍टर की सलाह (without proper prescription) के बिना बेचने की अनुमति नहीं है।
  • यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि औषधि और प्रसाधन अधिनियम,1940 भारत में दवाओं के आयात, निर्माण और वितरण को नियंत्रित करता है।

संबद्ध चिंताएं:

  • ई-फार्मेसी एक गतिशील उद्योग है और इसे सावधानी से संभाला जाना चाहिए क्योंकि:
    • घटिया उत्पादों और आदत बनाने वाली दवाओं जैसे शामक औषधि की बिक्री की संभावना रहती है।
    • रोगी और खरीदार के डेटा को प्रोफाइल किया जा सकता है।
    • अवैध रूप से डेटा का संग्रह किया जा सकता है।
    • अवैध या अनैतिक दवा का वितरण किया जा सकता है।
    • इसके अलावा, पुरानी, प्रतिस्थापित या नकली दवाओं की आपूर्ति की जा सकती है।
  • भारतीय चिकित्सा संघ द्वारा प्रकाश में लाए गए कुछ मुद्दे निम्न प्रकार हैं:
    • नशीली दवाओं का दुरुपयोग।
    • स्वयं ही दवा लेना
    • बच्चों तक दवाओं की पहुंच
    • दवाओं के प्रतिकूल प्रभावों के मूल्यांकन का अभाव
    • दवाओं के भंडारण की स्थिति पर स्पष्टता का अभाव, आदि।

यह भी पढ़ें: Online Sale of Drugs & E-Pharmacies in India [UPSC Notes]

सारांश:

  • ई-फार्मेसी से जुड़े कई मुद्दे हैं जिनका उचित नियम बनाकर करके तत्काल आधार पर समाधान करने की आवश्यकता है। यह उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान करेगा और उत्कृष्ट समाधान प्रदान करेगा।

संपादकीय-द हिन्दू

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

प्रीलिम्स तथ्य:

  1. वर्ष 1700 के बाद से पूरे एशिया में हाथियों का 64% से अधिक प्राकृतिक वास समाप्त हो गया है

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

विषय: पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी

प्रारंभिक परीक्षा: हाथियों के प्राकृतिक वास का नुकसान

  • एक अध्ययन के एक अनुमान के अनुसार, 1700 के दशक के बाद से एशिया में हाथियों का 64% से अधिक प्राकृतिक वास समाप्त हो गया है।
  • यह लगभग 3.3 मिलियन वर्ग किलोमीटर भूमि के बराबर है।
  • लगभग 13 देशों में विखंडन और हाथी पारिस्थितिकी तंत्र में परिवर्तन देखा गया।
  • भारत, चीन, थाईलैंड, वियतनाम, बांग्लादेश और सुमात्रा जैसे देशों में हाथियों के प्राकृतिक वास क्षेत्र का आधे से अधिक हिस्सा नष्ट हो गया है।
  • सबसे बड़ी गिरावट भारत (86%) और चीन (94%) में दर्ज की गई है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. तमिलनाडु की टीम सिंगापुर संग्रहालय से 16 प्राचीन मूर्तियों को बरामद करेगी
  • तमिलनाडु की अपराध जांच विभाग (CID) की मूर्ति इकाई (आइडल विंग) अन्य समान प्राधिकरणों के साथ सिंगापुर में एशियाई सभ्यता संग्रहालय से 16 उच्च मूल्य वाली प्राचीन मूर्तियों को पुनर्प्राप्त करने के लिए काम कर रही है।
  • गौरतलब है कि, इन प्राचीन वस्तुओं को 1970 के दशक में तमिलनाडु के मंदिरों से चुराया गया था और प्राचीन वस्तुओं के डीलरों को बेच दिया गया था।
  • चोरी हुई मूर्तियों पर तमिलनाडु सरकार का स्वामित्व साबित करने के लिए पारस्परिक कानूनी सहायता संधि के तहत एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
  • इन मूर्तियों को तमिलनाडु वापस भेजा जाएगा।

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UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. पेंटेड स्टॉर्क (चित्रित सारस) के संबंध में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर- मध्यम)

  1. ये बर्फीले सफेद रंग के पक्षी हैं और सर्दियों के दौरान भारत में प्रवास करते हैं।
  2. इसकी IUCN स्थिति संकटासन्न है।
  3. पेंटेड स्टॉर्क समूहों में उथली आर्द्रभूमियों, फसल क्षेत्रों और सिंचाई वाली नहरों से अपना आहार प्राप्त करते हैं।

विकल्प:

  1. केवल 1
  2. केवल 3
  3. केवल 2 और 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर: (c)

व्याख्या:

  • कथन 1 सही नहीं है: इन्हें पेंटेड स्टॉर्क नाम, समूह के वयस्क पक्षियों के विशिष्ट गुलाबी तृतीयक पंख (tertial feather) के कारण मिला है।
  • कथन 2 सही है: इसकी IUCN स्थिति संकटासन्न है।
  • कथन 3 सही है: ये समूहों में रह कर उथली आर्द्रभूमियों, फसल क्षेत्रों और सिंचाई वाली नहरों से अपना आहार प्राप्त करते हैं। ये नदियों या झीलों के किनारे उथले पानी में झुंड में अपना आहार प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 2. बारहवीं अनुसूची के तहत निम्नलिखित में से कौन से कार्यात्मक मदों को नगर पालिकाओं के दायरे में रखा गया है? (स्तर- मध्यम)

  1. घरेलू, औद्योगिक और वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए जल आपूर्ति।
  2. सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता संरक्षण और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन।
  3. मलिन बस्तियों का सुधार एवं उन्नयन।
  4. लघु सिंचाई, जल प्रबंधन और जलभृत विकास
  5. पशुपालन, डेयरी और मुर्गी पालन

विकल्प:

  1. केवल 1, 2 और 3
  2. केवल 3, 4 और 5
  3. केवल 1, 2, 4 और 5
  4. 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • बारहवीं अनुसूची के तहत नगर पालिकाओं के दायरे में कार्यात्मक मदों में निम्नलिखित शामिल हैं:
    • नगर नियोजन सहित शहरी नियोजन।
    • आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए योजना।
    • सड़कें और पुल।
    • स्लम (मलिन) बस्तियों का सुधार एवं उन्नयन।
    • लघु सिंचाई, जल प्रबंधन और जलभृत विकास।
    • पशुपालन, डेयरी और मुर्गीपालन।
    • घरेलू, औद्योगिक और वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए जल आपूर्ति।
    • सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता संरक्षण और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन।
    • शहरी वानिकी, पर्यावरण की सुरक्षा और पारिस्थितिक पहलुओं को बढ़ावा देना आदि।

प्रश्न 3. स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम के संबंध में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर- कठिन)

  1. नशीली दवाओं के सेवन या कम मात्रा में नशीली दवाओं के उपभोग से जुड़े अपराधों के आरोपी व्यसनी (Addicts) अभियोजन से मुक्त होंगे यदि वे नशामुक्ति के लिए स्वयं प्रयास करते हैं।
  2. राज्य सरकारों के पास मन:प्रभावी पदार्थों की सूची में पदार्थों को जोड़ने या हटाने का अधिकार है।

विकल्प:

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. दोनों
  4. कोई भी नहीं

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: नशीली दवाओं के सेवन या कम मात्रा में नशीली दवाओं के उपभोग से जुड़े अपराधों के आरोपी व्यसनी अभियोजन से मुक्त होंगे यदि वे नशामुक्ति के लिए स्वयं प्रयास करते हैं।
  • कथन 2 सही नहीं है: केंद्र सरकार के पास मन:प्रभावी पदार्थों की सूची में पदार्थों को जोड़ने या हटाने का अधिकार है।

प्रश्न 4. मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित में से कौन से उपाय किए जा सकते हैं? (स्तर- मध्यम)

  1. संकुचनकारी मौद्रिक नीति
  2. प्रत्यक्ष करों में वृद्धि की जानी चाहिए
  3. निर्यात प्रतिबंध

विकल्प:

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 1 और 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर: (d)

व्याख्या:

मुद्रास्फीति की समस्या को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • संकुचनकारी मौद्रिक नीति अपनाना
  • प्रत्यक्ष करों में वृद्धि करना
  • निर्यात को प्रतिबंधित करना

प्रश्न 5. निम्नलिखित पर विचार कीजिए:

  1. कार्बन डाईऑक्साइड
  2. नाइट्रोजन के ऑक्साइड
  3. सल्फर के ऑक्साइड

उपर्युक्त में से कौन-सा/कौन-से उत्सर्जन उष्मीय शक्ति संयंत्रों में कोयला दहन से उत्सर्जित होता है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 1 और 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर: (d)

व्याख्या:

तापीय विद्युत संयंत्र में कोयले के दहन से कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और अभिकणीय पदार्थ निकलते हैं।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. “H5N1 वायरस में दुनिया के लिए अगली महामारी बनने की क्षमता है”। चर्चा कीजिए। (150 शब्द, 10 अंक)[ GS-2, स्वास्थ्य]

प्रश्न 2. भारत में ई-फार्मेसी बाजार को विनियमित करने की आवश्यकता पर चर्चा कीजिए। (150 शब्द, 10 अंक) [GS-2, स्वास्थ्य]