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विषयसूची:

  1. नाबार्ड और CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर  किए गए:  
  2. 4 फरवरी, 2023 को मानेसर में एक कार्यक्रम ‘‘पंचामृत की ओर” का उद्घाटन किया जायेगा:
  3. युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 3397.32 करोड़ रुपये का बजट आवंटन, वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में 11 प्रतिशत वृद्धि: 
  4. एपीडा द्वारा मोटे अनाजों (मिलेट) के लिए यूएई में निर्यात अवसरों के दोहन के लिए वर्चुअल क्रेता विक्रेता बैठक का आयोजन किया:

1. नाबार्ड और CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन:

विषय: शासन व्यवस्था पारदर्शिता और जवाबदेहि के महत्वपूर्ण पक्ष, ई- गवर्नेस-अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं सीमाएं और संभावनाएं।  

प्रारंभिक परीक्षा: प्राथमिक कृषि साख समितियां (PACS) । 

मुख्य परीक्षा:नाबार्ड और CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड के बीच हुए समझौता ज्ञापन (MoU) के महत्व पर प्रकाश डालिये।    

प्रसंग: 

  • सहकारिता मंत्रालय, इलेक्‍ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड और CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड के बीच नई दिल्ली में इस समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्‍ताक्षर किए गए है।

उद्देश्य:

  • यह MoU प्राथमिक कृषि साख समितियों (PACS) को कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) द्वारा दी जाने वाली सेवाएं प्रदान करने में समर्थ करेगा। 
    • इस समझौते के अंतर्गत PACS अब कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के रूप में कार्य करने के लिए सक्षम होंगी और PACS से जुड़े करोड़ों किसानों सहित ग्रामीण आबादी को इसके माध्यम से 300 से भी अधिक CSC सेवाएं उपलब्ध हो पाएंगी। 
    • पैक्स सहकारिता की आत्मा हैं और इन्हे लगभग 20 सेवाओं के प्रदाता बनाकर बहुद्देश्यीय बनाने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़ग़ार के अवसरों में वृद्धि होगी। 
    • ग्रामीण और कृषि विकास में पैक्स की भूमिका और योगदान बहुत महत्वपूर्ण होता है।   

विवरण:  

  • सहकार से समृद्धि के स्वप्न को पूरा करने की दिशा में लिए गए एक ऐतिहासिक निर्णय के तहत प्राथमिक कृषि साख समितियों (PACS) को कॉमन सर्विस सेंटर द्वारा दी जाने वाली सेवाएं प्रदान करने हेतु समर्थ करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। 
  • देश की लगभग 50 प्रतिशत आबादी किसी ना किसी रूप में सहकारिता से जुड़ी है और इतने बड़े सेक्टर के विकास को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अलग सहकारिता मंत्रालय बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था।
  • सहकारिता क्षेत्र के सामने पैक्स को व्यवहार्य बनाना सबसे बड़ी समस्या थी और पैक्स की कार्यप्रणाली में कई नए आयामों को जोड़कर एक नई शुरूआत हुई है। 
  • पैक्स अब जल वितरण, भंडारण, बैंक मित्र सहित 20 अलग-अलग गतिविधियां चला सकेंगे। 
    • इसका सबसे पहला और महत्वपूर्ण कार्य कॉमन सर्विस सेंटर द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं को पैक्स के माध्यम से ग्रामीण आबादी को उपलब्ध कराना है।
  • इस वर्ष के बजट में सहकारिता क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। 
    • इस वर्ष के बजट में अगले 5 साल में 2 लाख पैक्स बनाने और हर पंचायत में एक बहुद्देश्यीय पैक्स की रचना का प्रावधान किया गया है। 
    • इसके अलावा बजट में सहकारिता क्षेत्र के लिए विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना की नींव भी रखी गई है। 
    • सहकारिता क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने का काम लगभग 70 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है।  
  • इस समझौते के अंतर्गत पैक्स अब सामान्य सेवा केंद्रों के रूप में कार्य करने के लिए सक्षम तो होंगी ही, इसके साथ ही पैक्स के 13 करोड़ किसान सदस्यों सहित ग्रामीण आबादी को पैक्स के माध्यम से 300 से भी अधिक CSC सेवाएं भी उपलब्ध हो पाएंगी। 
    • इसके अलावा इससे पैक्स की व्यावसायिक गतिविधियों में वृद्धि होगी और उन्हें आत्मनिर्भर आर्थिक संस्था बनने में मदद मिलेगी।
    • इस पहल से पैक्स, CSC योजना के डिजिटल सेवा पोर्टल पर सूचीबद्ध सभी सेवाएं नागरिकों को प्रदान करने में सक्षम होंगी, जिनमें बैंकिंग, बीमा, आधार नामांकन/अपडेट, कानूनी सेवाएं, कृषि-इनपुट जैसे कृषि उपकरण, पैन कार्ड और IRCTC, रेल, बस व विमान टिकट संबंधी सेवाएँ, आदि शामिल हैंI 
    • वर्तमान में चल रही पैक्स कम्प्यूटरीकरण की केंद्र प्रायोजित परियोजना के तहत विकसित किये जा रहे राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर का उपयोग पैक्स को CSC के रूप में कार्य करने के लिए भी किया जाएगा, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।

2. 4 फरवरी, 2023 को मानेसर में एक कार्यक्रम ‘‘पंचामृत की ओर” का उद्घाटन किया जायेगा:

सामान्य अध्ययन: 3

आर्थिक विकास: 

विषय: सरकार की नीतियां और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप एवं उनके डिजाइन तथा इनके अभिकल्पन से उत्पन्न होने वाले विषय।  

मुख्य परीक्षा: ऑटोमोटिव उद्योग को बढ़ावा देने में ‘‘पंचामृत की ओर” कार्यक्रम के महत्व पर चर्चा कीजिए।    

प्रसंग: 

  • केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री 4 फरवरी, 2023 को हरियाणा के मानेसर स्थित अंतरराष्ट्रीय ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी केंद्र (ICAT) में एकदिवसीय मेगा कार्यक्रम ‘‘पंचामृत की ओर” का उद्घाटन करेंगे। 

उद्देश्य:

  • इस कार्यक्रम में ऑटोमोटिव उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय द्वारा उठाये गए अभिनव कदमों पर सम्मेलन एवं प्रदर्शनी शामिल होगी। 
  • सम्मेलन में भारी उद्योग मंत्रालय की योजनाओं PLI – ऑटो, PLI ACC, कैपटल गुड्स -2 एवं फेम के कार्यान्वयन पर विचार किया जाएगा।   

विवरण:  

  • सीओपी 26 में – ‘पंचामृत की सौगात’ में की गई घोषणाओं के अनुरुप, इस कार्यक्रम का आयोजन देश में ऑटोमोटिव उद्योग के विकास को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय द्वारा उठाये गए अभिनव कदमों को रेखांकित करने के लिए किया जा रहा है।
  • सम्मेलन में भारी उद्योग मंत्रालय की योजनाओं PLI – ऑटो, PLI ACC, कैपटल गुड्स -2 एवं फेम के कार्यान्वयन पर विचार करने के लिए ऑटोमोटिव उद्योग एवं भारी उद्योग मंत्रालय के अधिकारियों के साथ एक समर्पित परस्पर संवादमूलक सत्र के आयोजन की भी योजना है। 
    • इस योजनाओं का लक्ष्य नवोन्मेषण के एक पारितंत्र का विकास करना है जो हरित एवं स्वच्छ गतिशीलता समाधानों में सक्षम बनाएंगे तथा कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में सहायता करेंगे।
  • तकनीकी सत्रों में हाइड्रोजन, बिजली के वाहनों, जैव ईंधन तथा गैस से चलने वाले वाहनों के लिए प्रौद्योगिकीयों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। 
    • इनमें इन नई प्रौद्योगिकीयों के तेजी से अनुकूलन के लिए नीति और नियामकीय इकोसिस्टम पर विचार विमर्श किया जाएगा और इनसे भविष्य की रूपरेखा के निर्माण में सहायता मिलेगी।
    • ICAT इनक्यूबेशन सेंटर स्टार्टअप्स का पोषण करेगा एवं बाजार के लिए तैयार उत्पादों के विकास में उनकी आरंभिक सहायता करेगा।
  • इस कार्यक्रम में ICAT में उपलब्घ परीक्षण एवं प्रमाणन अवसंरचना का भी प्रदर्शन किया जाएगा।

3. युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 3397.32 करोड़ रुपये का बजट आवंटन:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन: 

विषय: सरकारी बजट। 

प्रारंभिक परीक्षा: खेलो इंडिया, भारतीय खेल प्राधिकरण, नेहरू युवा केंद्र संगठन, राष्ट्रीय खेल संघ,और राष्ट्रीय सेवा योजना।   

प्रसंग: 

  • युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के लिए बजट आवंटन में पिछले कुछ वर्षों में कई गुना वृद्धि देखी गई है, जो 2004-05 में मात्र 466 करोड़ रुपये से बढ़कर आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 3397.32 करोड़ रुपये हो गया है।

उद्देश्य:

  • भारत सरकार, खेल और युवाओं से संबंधित कार्यों को केंद्र में लाई है और देश में चहुमुखी समर्थन के माध्यम से समग्र इकोसिस्टम को बढ़ावा दिया है। 
  • बजट आवंटन में जमीनी स्तर पर प्रतिभा की पहचान, बुनियादी ढांचे के निर्माण, उत्कृष्ट एथलीटों को समर्थन और एक समग्र खेल संस्कृति बनाने पर अभूतपूर्व ध्यान दिया है, जो महिलाओं, दिव्यांगों और दूर-दराज के क्षेत्रों के युवाओं को समान अवसर प्रदान करेगा।
  • इसका परिणाम अनूठी योजनाओं और कार्यक्रमों की शुरुआत है, जैसे खेलो इंडिया योजना, फिट इंडिया अभियान, टारगेट ओलंपिक पोडियम, मिशन ओलंपिक सेल आदि।  

विवरण:  

  • वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के लिए बजट आवंटन में 11 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। 
    • यह 2010 के बाद से मंत्रालय के लिए अब तक का सबसे अधिक बजट आवंटन है, जब भारत में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन किया गया था। 
    • बजट आवंटन 2011-12 के बजट से तीन गुना से अधिक है और 2014-15 के बजट का लगभग दोगुना है।
  • खेल विभाग के लिए बजट आवंटन पिछले साल के 2254 करोड़ रुपये के आवंटन के मुकाबले 2462.59 करोड़ रुपये है। 
    • वहीं, युवा कार्यक्रम विभाग के लिए पिछले साल के 808.60 करोड़ रुपये के आवंटन के मुकाबले 934.73 करोड़ रुपये है।
  • इस वर्ष बजट परिव्यय में मंत्रालय के जिन प्रमुख योजनाओं/संगठनों में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है, उनमें खेलो इंडिया (1000 करोड़ रुपये), भारतीय खेल प्राधिकरण (785.52 करोड़ रुपये), नेहरू युवा केंद्र संगठन (401.49 करोड़ रुपये), राष्ट्रीय खेल संघ (325 करोड़ रुपये) और राष्ट्रीय सेवा योजना (325 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
  • आने वाले वर्ष में युवा कार्यक्रम विभाग की विशेष पहलों में से एक युवा नेतृत्व पोर्टल का निर्माण करना होगा ताकि युवाओं तक पहुंच बनाई जा सके और उन्हें विभिन्न गतिविधियों में शामिल किया जा सके ताकि उनके नेतृत्व कौशल में सुधार हो सके और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना पैदा हो सके। 
    • पोर्टल को उन युवाओं के लिए एक रजिस्ट्री के रूप में तैयार किया जा रहा है, जो समुदाय के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने वाली किसी भी गतिविधि के लिए नामांकन करना चाहते हैं और उनकी आय-अर्जन क्षमता भी बढ़ाते हैं। 
    • यह डिजिटल साक्षरता और वित्तीय साक्षरता पर विशेष ध्यान देने के साथ देश के युवाओं को विभिन्न शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों, छोटे व्यवसायों, किसान-उत्पादक समूहों तथा सहकारी समितियों से जोड़ने में मदद करेगा। 
    • इस तरह के जुड़ाव से युवाओं को अनुभव आधारित शिक्षा मिलेगी, उनके नेतृत्व कौशल में सुधार होगा और साथ ही स्थानीय समुदायों की उत्पादकता में सुधार होगा। 
    • यह एक समृद्ध और देखभाल करने वाले राष्ट्र के रूप में भारत की दृष्टि के अनुरूप है। 
  • मंत्रालय के बजट में 935.68 करोड़ रुपये (बजट का 27 प्रतिशत) के पूंजीगत व्यय का प्रावधान है, जिसमें पूंजीगत संपत्ति के निर्माण के लिए अनुदान शामिल है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1.एपीडा द्वारा मोटे अनाजों (मिलेट) के लिए यूएई में निर्यात अवसरों के दोहन के लिए वर्चुअल क्रेता विक्रेता बैठक का आयोजन किया:

  • संवेदनीकरण कार्यक्रमों की अपनी श्रृंखला, जिसका लक्ष्य मोटे अनाजों तथा इसके मूल्य वर्धित उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना है, के एक हिस्से के रूप में, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ( एपीडा ) ने संयुक्त अरब अमीरात ( यूएई ) में निर्यात अवसरों के दोहन के लिए एक वर्चुअल क्रेता विक्रेता बैठक का आयोजन किया।
  • क्रेता विक्रेता बैठक का आयोजन यूएई में भारतीय राजदूत श्री संजय सुदीर की अध्यक्षता में भारतीय मिशन के सहयोग से किया गया।
  • एपीडा, जो वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत काम करता है, विश्व भर में मोटे अनाजों के उपभोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ तालमेल करने के जरिये काम कर रहा है।
  • इस अवसर पर, एपीडा ने यूएई के लिए ई-कैटेलॉग भी लांच किया जिसमें निर्यात के लिए उपलब्ध विभिन्न भारतीय मोटे अनाजों और उनके मूल्य वर्धित उत्पादों, सक्रिय निर्यातकों की सूची, स्टार्टअप्स, एफपीओ तथा आयातक/रिटेल चेन/हाइपर मार्केट आदि पर सूचनाएं शामिल हैं।
  • यूएई के लिए ई-कैटेलॉग को भारतीय दूतावास तथा संभावित आयातकों, निर्यातकों, स्टार्टअप्स तथा मिलेट आपूर्ति श्रृंखला के अन्य हितधारकों के बीच वितरित किया गया है।
  • एपीडा ने कुछ उल्लेखनीय फूड शो, क्रेता विक्रेता बैठकों तथा रोड शो में भारत से विभिन्न हितधारकों की सहभागिता को सुगम बनाने के द्वारा दक्षिण अफ्रीका, दुबई, जापान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, सिडनी, जर्मनी, ब्रिटेन तथा अमेरिका में मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के कार्यकलापों के आयोजन की योजना बनाई है।
  • भारत के मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के एक हिस्से के रूप में, एपीडा ने गुलफूड 2023, फूडेक्स, सियोल फूड एंड होटल शो, सऊदी एग्रो फूड, सिडनी (ऑस्ट्रेलिया ) में फाइन फूड शो, बेल्जियम का फूड एंड बेवेरेज शो, जर्मनी का बायोफैक तथा अनुगा फूड फेयर, सैन फ्रांसिस्को का विंटर फैंसी फूड शो आदि जैसे वैश्विक मंचों पर मोटे अनाजों एवं इसके मूल्य वर्धित उत्पादों को प्रदर्शित करने की योजना बनाई है।
  • भारत वैश्विक उत्पादन में लगभग 41 प्रतिशत के एक अनुमानित हिस्से के साथ दुनिया में मोटे अनाजों के अग्रणी उत्पादकों में से एक है। 
    • एफएओ के अनुसार, वर्ष 2020 में मोटे अनाजों का वैश्विक उत्पादन 30.464 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) था और भारत का हिस्सा 12.49 एमएमटी था जो कुल मिलेट उत्पादन का 41 प्रतिशत था। 
    • भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में मिलेट उत्पादन में 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कराई थी जबकि इससे पिछले वर्ष 15.92 एमएमटी मिलेट उत्पादन हुआ था।
  • भारत के मोटे अनाजों के शीर्ष पांच उत्पादक राज्यों में राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश हैं। 
    • मोटे अनाजों के निर्यात का हिस्सा कुल मिलेट उत्पादन का लगभग 1 प्रतिशत है। 
    • भारत से मोटे अनाजों के निर्यात में मुख्य रूप से साबुत अनाज शामिल हैं तथा भारत से मोटे अनाजों के मूल्य वर्धित उत्पादों का निर्यात नगण्य है।
  • तथापि, ऐसा अनुमान है कि मोटे अनाजों के बाजार का 9 बिलियन डॉलर से अधिक के वर्तमान बाजार मूल्य से 2025 तक 12 बिलियन डॉलर से अधिक हो जाएगा।
  • सरकार नूडल्स, पास्ता, ब्रेकफास्ट सीरियल्स मिक्स, बिस्कुट, कूकीज, स्नैक्स, स्वीट्स आदि जैसी रेडी टू ईट (आरटीई) तथा रेडी टू सर्व (आरटीएस) श्रेणियों में मूल्य वर्धित उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप्स को भी संगठित कर रही है।
  • सरकार की मिलेट संवर्धन रणनीति के अनुरुप, लुलु ग्रुप, केयरफोर, अल जजीरा, अल माया, वॉलमार्ट आदि जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय रिटेल सुपरमार्केट्स को भी मोटे अनाजों की बांडिंग तथा संवर्धन के लिए जोड़ा जाएगा।
  • डीजीसीआईएस डाटा के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में मोटे अनाजों के निर्यात में 8.02 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कराई।
    • पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान हुए 147,501.08 मीट्रिक टन के मुकाबले वित्त वर्ष 2021-22 में 159,332.16 मीट्रिक टन मोटे अनाजों का निर्यात हुआ।
  • भारत के प्रमुख मिलेट निर्यातक देश हैं – यूएई, नेपाल, सऊदी अरब, लिबिया, ओमान, मिस्र, ट्यूनिशिया, यमन, ब्रिटेन एवं अमेरिका। 
    • भारत द्वारा निर्यातित मोटे अनाजों की किस्मों में बाजरा, रागी, कैनरी, ज्वार तथा बकवीट शामिल हैं।
  • विश्व के प्रमुख मिलेट आयातक देश हैं – इंडोनेशिया, बेल्जियम, जापान, जर्मनी, मैक्सिको, इटली, अमेरिका, ब्रिटेन, ब्राजील एवं नीदरलैंड।
  • मोटे अनाजों, जिनका निर्यात और आयात किया जाता है, उनकी 16 प्रमुख किस्मों में ज्वार, बाजरा, रागी, कंगणी, चीना, कोदो, प्रोसो मिलेट ( सवा/सनवा/झंगोरा ), कुटकी, बकव्हीट/कुट्टु, चैलाई एवं ब्राउन टौप मिलेट शामिल हैं।
  • एपीडा ने मूल्य वर्धन को बढ़ावा देने तथा किसानों की आय बढ़ाने के लिए आईआईएमआर के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किया है। 
    • एपीडा ने आहार खाद्य मेला, जो एशिया के सबसे बड़ा खाद्य तथा आतिथ्य मेला है, के दौरान 5 रुपये से 15 रुपये के रेंज में किफायती मूल्यों पर सभी आयु समूहों के लिए कई किस्म के मिलेट उत्पादों को लांच किया।

 

02 February PIB :- Download PDF Here

लिंक किए गए लेख में 01 फरवरी 2023 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।

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