विषयसूची:
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1. भारत और इजराइल ने प्रमुख प्रौद्योगिकी, औद्योगिक अनुसंधान और विकास सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: G-20, भारत की G-20 अध्यक्षता।
मुख्य परीक्षा: हाल ही में भारत और इजराइल के बीच प्रमुख प्रौद्योगिकी, औद्योगिक अनुसंधान और विकास सहयोग के क्षेत्र में हुए समझौता ज्ञापन के महत्व पर प्रकाश डालिये।
प्रसंग:
- केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इजरायल के रक्षा मंत्रालय के DDR&D के प्रमुख डॉ. डेनियल गोल्ड के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय इज़राइल प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।
उद्देश्य:
- यह समझौता नवाचार, प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप जैसे क्षेत्रों में भारत-इजरायल साझेदारी में एक नया चरण खोलेगा।
विवरण:
- केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की उपस्थिति में CSIR और रक्षा अनुसंधान और विकास निदेशालय (DDR&D), इजराइल के रक्षा मंत्रालय के बीच बहु-क्षेत्रीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
- भारत और इजराइल ने इसमें एयरोस्पेस, इलेक्ट्रॉनिक्स इंस्ट्रूमेंटेशन, सिविल, इंफ्रास्ट्रक्चर और इंजीनियरिंग, इकोसिस्टम, पर्यावरण, पृथ्वी और महासागर विज्ञान और जल, खनन, खनिज, धातु और सामग्री, रसायन और पेट्रोकेमिकल्स, ऊर्जा (पारंपरिक और गैर-पारंपरिक) और ऊर्जा उपकरण, कृषि, पोषण और बायोटेक और हेल्थकेयर जैसे कई प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए औद्योगिक अनुसंधान और विकास सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
- अंतरिक्ष, स्वास्थ्य, खाद्य, कृषि, ऊर्जा, एयरोस्पेस, स्मार्ट सिटीज, पर्यावरण, बुनियादी ढांचा, सामग्री आदि और सतत विकास हमारी वर्तमान सरकार के प्रमुख स्तंभ और केंद्रित क्षेत्र हैं।
- भारत और इज़राइल के पास जल, कृषि, आतंकवाद का मुकाबला और रक्षा सहित सभी सहयोग क्षेत्रों में द्विपक्षीय परामर्श तंत्र हैं।
- रक्षा विशेष रूप से इजरायल के साथ सहयोग की प्राथमिकता रही है और नवंबर 2021 में, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और DDR&D ने दोहरे उपयोग वाली तकनीकों के विकास के लिए दोनों देशों के स्टार्टअप और MSME में नवाचार को बढ़ावा देने और त्वरित R&D को बढ़ावा देने के लिए एक द्विपक्षीय नवाचार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
- विशेष रूप से प्रौद्योगिकी विकास और हेल्थकेयर में संयुक्त गतिविधियां पहले ही शुरू हो चुकी हैं, और एयरोस्पेस, क्वांटम टेक्नोलॉजी, लेजर, ग्रीन हाइड्रोजन, इंस्ट्रुमेंटेशन और पानी जैसे अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए आगे की राह बनाई गई है।
पृष्ठ्भूमि:
- वर्ष 2023 देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण वर्ष है क्योंकि भारत G-20 की अध्यक्षता कर रहा है।
- यह वह वर्ष भी है जब भारत और इजराइल सफल राजनयिक संबंधों के 30 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।
- भारत-इजराइल न केवल द्विपक्षीय साझेदार हैं, बल्कि जल, ऊर्जा, परिवहन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा क्षेत्रों में संयुक्त निवेश और नई पहलों के माध्यम से दुनिया के सामने मौजूद कुछ सबसे बड़ी चुनौतियों का समाधान भारत, इज़राइल, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका के समूह- “I2U2” के माध्यम से करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
2. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को राहत देने हेतु विवाद से विश्वास योजना:
सामान्य अध्ययन: 3
आर्थिक विकास:
विषय: सरकारी बजट,समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME), विवाद से विश्वास योजना ।
मुख्य परीक्षा: सरकार द्वारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को राहत देने हेतु शुरू की गई विवाद से विश्वास योजना कोविड-19 के बाद इस क्षेत्र को किस हद तक राहत प्रदान करने में सफल होगी? टिप्पणी कीजिए।
प्रसंग:
- वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को कोविड अवधि के लिए राहत प्रदान करने के लिए “विवाद से विश्वास – I MSME को राहत” योजना का शुभारम्भ किया है।
उद्देश्य:
- इस योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2023-24 में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने अपने बजट भाषण में की थी। उन्होंने केंद्रीय बजट के अनुच्छेद 66 में कहा था—
- “MSME द्वारा कोविड अवधि के दौरान अनुबंधों को निष्पादित करने में विफलता के मामलों में, बोली या निष्पादन प्रतिभूति से संबंधित जब्त की गई राशि का 95 प्रतिशत सरकार और सरकारी उपक्रमों द्वारा उन्हें वापस कर दिया जाएगा। इससे MSME को राहत मिलेगी”।
विवरण:
- मानव इतिहास के सबसे बड़े संकटों में से एक, कोविड-19 महामारी का अर्थव्यवस्था पर गहन असर पड़ा है।
- विशेष रूप से MSME पर इस महामारी का विनाशकारी प्रभाव पड़ा है।
- इस योजना के तहत प्रदान की जाने वाली राहत MSME क्षेत्र को बढ़ावा देने और उसे जारी रखने में सरकार के प्रयासों का प्रतिरूप है।यह योजना 17.04.2023 से शुरू की गई है।
- योजना के तहत, मंत्रालयों को प्रदर्शन सुरक्षा, बोली सुरक्षा और कोविड-19 महामारी के दौरान ज़ब्त/कटौती किए गए नुकसान की भरपाई करने के लिए कहा गया है।
वित्त मंत्रालय ने इस योजना के माध्यम से कोविड-19 अवधि के दौरान प्रभावित MSME को निम्नलिखित अतिरिक्त लाभ देने का निर्णय लिया:
- जब्त की गई निष्पादन प्रतिभूति का 95 प्रतिशत वापस किया जाएगा।
- बोली प्रतिभूति का 95 प्रतिशत वापस किया जाएगा।
- काटे गए परिनिर्धारित नुकसान (एलडी) का 95 प्रतिशत वापस किया जाएगा।
- वसूल की गई जोखिम खरीद राशि का 95 प्रतिशत वापस किया जाएगा।
- यदि किसी फर्म को केवल ऐसे अनुबंधों के निष्पादन में चूक के कारण प्रतिबंधित किया गया है, तो खरीद इकाई द्वारा उचित आदेश जारी करके इस तरह के प्रतिबंध को भी रद्द कर दिया जाएगा।
- हालांकि, अगर किसी फर्म को अंतरिम अवधि (यानी इस आदेश के तहत प्रतिबंधित करने की तारीख और निरस्त करने की तारीख) में प्रतिबंध के कारण किसी अनुबंध की नियुक्ति के लिए नजरअंदाज कर दिया गया है, तो कोई दावा नहीं किया जाएगा।
- ऐसी वापसी राशि पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा।
- भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों के सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों/प्रशासकों को व्यय विभाग द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, किसी के द्वारा किए गए माल और सेवाओं की खरीद के सभी अनुबंधों में राहत प्रदान की जाएगी।
- MSME के साथ मंत्रालय/विभाग/संबद्ध या अधीनस्थ कार्यालय/स्वायत्त निकाय/केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई)/केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक/वित्तीय संस्थान आदि, जो निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करते हैं:
- आपूर्तिकर्ता/ठेकेदार द्वारा दावा किए जाने की तिथि को MSME मंत्रालय की प्रासंगिक योजना के अनुसार एक मध्यम, लघु या सूक्ष्म उद्यम के रूप में पंजीकृत।
- MSME को किसी भी श्रेणी के सामान और सेवाओं के लिए पंजीकृत किया जा सकता है।
पृष्ठ्भूमि:
- इस योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2023-24 में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने अपने बजट भाषण में की थी।
3. भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ने ‘दूरसंचार एवं प्रसारण क्षेत्र में व्यापार सुगमता’ पर सिफारिशें जारी कीं
सामान्य अध्ययन: 3
अर्थव्यवस्था:
विषय: उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI)।
मुख्य परीक्षा: ट्राई (TRAI) द्वारा शुरू किए गए नीतिगत सुधारों के अर्थव्यवस्था पर होने वाले लाभों पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने ‘दूरसंचार और प्रसारण क्षेत्र में व्यापार सुगमता’ पर सिफारिशें जारी की हैं।
उद्देश्य:
- हाल के दशक में व्यापार सुगमता (EoDB) की पहचान सरकार के फोकस क्षेत्रों में से एक के रूप में की गई है।
विवरण:
- EoDB का तातपर्य है व्यवसाय और उद्यम को सक्षम करने की आवश्यकता है।
- सरकार सभी क्षेत्रों में हर स्तर पर कारोबारी माहौल में सुधार करने का प्रयास कर रही है।
- एक क्षेत्र नियामक के रूप में, यह ट्राई पर निर्भर है कि वह दूरसंचार और प्रसारण क्षेत्र में कारोबारी माहौल में सुधार करे।
- ट्राई ने 08 दिसंबर, 2021 को “दूरसंचार एवं प्रसारण क्षेत्र में व्यापार सुगमता” पर एक परामर्श पत्र जारी किया है।
- इससे पहले TRAI ने DoT तथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) के लिए EoDB परामर्श अपनाया था।
- हालाँकि, वर्तमान अभ्यास कई मंत्रालयों / विभागों तक विस्तृत है।
- EoDB पर इस व्यापक अभ्यास के लिए गहन विश्लेषण की आवश्यकता है।
- EoDB एक बार की गतिविधि नहीं है। यह एक सतत प्रक्रिया है।
- इसलिए, ट्राई, इन सिफारिशों के माध्यम से, EoDB पर ध्यान देने के साथ एक स्थायी समिति की स्थापना का प्रस्ताव करता है।
- यह दो क्षेत्रों के व्यवस्थित विकास के लिए परिस्थितियों के निर्माण और पोषण के लिए प्रतिबद्ध है।
- सिफारिशें EoDB पर प्रक्रिया-आधारित दृष्टिकोण बनाने का प्रयास करती हैं।
- ट्राई की कल्पना है कि इस तरह का इको-सिस्टम समय-समय पर समीक्षा और आगे के सुधारों का मार्ग प्रशस्त करेगा।
- इन सिफारिशों के त्वरित कार्यान्वयन से इन क्षेत्रों का विकास होगा।
इन सिफारिशों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- एक उपयोगकर्ता के अनुकूल, पारदर्शी और उत्तरदायी डिजिटल सिंगल विंडो सिस्टम आधारित पोर्टल स्थापित किया जाना चाहिए।
- एन्ड -टु -एन्ड अंतर-विभागीय ऑनलाइन प्रक्रियाओं को प्राप्त करने के लिए पोर्टल को नई डिजिटल तकनीकों के साथ सक्षम किया जाना चाहिए।
- प्रत्येक मंत्रालय को मौजूदा प्रक्रियाओं की नियमित समीक्षा, सरलीकरण और अद्यतन करने के लिए एक स्थायी EoDB समिति की स्थापना करनी चाहिए और एक सतत गतिविधि के रूप में व्यवसाय करने में आसानी सुनिश्चित करनी चाहिए।
- MIB, DoT, DOS, MeitY और अन्य एजेंसियों को प्रारंभिक और साथ ही अतिरिक्त अनुमतियों सहित सभी प्रक्रियाओं के लिए चरण-वार समय-सीमा निर्दिष्ट करनी चाहिए, जिसका उल्लेख संबंधित दिशानिर्देशों/नीति में किया जाना चाहिए और नागरिक चार्टर में अद्यतन किया जाना चाहिए।
- सरकार ‘प्रसारण और केबल सेवा क्षेत्र’ को ‘अवसंरचना का दर्जा’ देने पर विचार कर सकती है और प्रदान कर सकती है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.प्रथम आसियान भारत समुद्री अभ्यास (एआईएमई) 2023:
- नौसेना प्रमुख, एडमिरल आर हरि कुमार 2 से 4 मई 2023 तक सिंगापुर के अधिकारिक यात्रा पर हैं।
- इस दौरान सीएनएस ने 2 मई 2023 को सिंगापुर के नेवल बेस चांगी में आयोजित प्रथम आसियान भारत समुद्री अभ्यास (एआईएमई) 2023 के उद्घाटन समारोह का सह संचालन किया।
- इस समारोह का उद्घाटन एडमिरल आर हरि कुमार और रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर के नौसेना प्रमुख सीन वाट ने संयुक्त रूप से आसियान देशों के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया।
- एआईएमई के इस उद्घाटन संस्करण की सह-मेजबानी रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर नेवी और इंडियन नेवी द्वारा की जा रही है।
- अभ्यास के बंदरगाह चरण का आयोजन 2 से 4 मई तक चांगी नौसेना बेस में और समुद्री चरण का आयोजन 7 से 8 मई 2023 तक दक्षिण चीन सागर में किया जाएगा।
- एआईएमई का उद्देश्य समुद्री सहयोग को बढ़ावा देना और आसियान और भारतीय नौसेनाओं के बीच भरोसा, मित्रता और विश्वास को बढ़ावा देना है।
- भारत द्वारा पहला स्वदेश निर्मित विध्वंसक आईएनएस दिल्ली और आईएनएस सतपुड़ा एक P8I समुद्री गश्त ई विमान के साथ स्वदेश निर्मित निर्देशित मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट आसियान भारत समुद्री अभ्यास और IMDEX के उद्घाटन अभ्यास में भाग लेंगे।
- भारत की हिंद-प्रशांत नीति के मूल में आसियान है। एआईएम (ऐक्ट ईस्ट) के भारत के इस विश्वास और प्रतिबद्धता को ‘क्षेत्र में सबके लिए सुरक्षा और विकास’ (एसएजीएआर) को प्रबल करता है।
- नौसेना प्रमुख की यात्रा सिंगापुर के साथ-साथ क्षेत्र में ‘आसियान केन्द्रीयता’ की भारत की नीति के साथ द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के उच्च स्तर को और मजबूत करेगी।
2.ट्राई ने अंतर्राष्ट्रीय ट्रैफिक की परिभाषा पर परामर्श पत्र जारी किया:
- भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने अंतर्राष्ट्रीय ट्रैफिक की परिभाषा पर एक परामर्श पत्र जारी किया है।
- दूरसंचार नेटवर्क पर पड़ने वाले भार को ट्रैफिक या विशेष रूप से ‘दूरसंचार ट्रैफिक’ कहा जाता है।
- दूरसंचार ट्रैफिक में कई प्रकार के ट्रैफिक शामिल होते हैं जैसे वॉयस कॉल, एसएमएस इत्यादि।
- इसके अतिरिक्त, दूरसंचार ट्रैफिक में घरेलू ट्रैफिक (यानी देश के भीतर संचार ट्रैफिक) और अंतर्राष्ट्रीय ट्रैफिक शामिल है।
- भारतीय संदर्भ में, घरेलू ट्रैफिक में इंट्रा-सर्कल ट्रैफ़िक और इंटर-सर्कल ट्रैफ़िक शामिल होते हैं, जिन्हें एकीकृत लाइसेंस में विशेष रूप से परिभाषित किया गया है।
- इंट्रा-सर्कल ट्रैफ़िक और इंटर-सर्कल ट्रैफ़िक घरेलू ट्रैफ़िक के केवल दो घटक हैं, इसलिए ‘घरेलू ट्रैफ़िक’ शब्द को एकीकृत लाइसेंस में स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है।
- प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि ‘अंतर्राष्ट्रीय ट्रैफिक’ शब्द को एकीकृत लाइसेंस में परिभाषित नहीं किया गया है और ‘अंतर्राष्ट्रीय एसएमएस’ एक प्रकार का ‘अंतर्राष्ट्रीय ट्रैफिक’ है।
- इसलिए, प्राधिकरण का विचार है कि एकीकृत लाइसेंस समझौते में अंतर्राष्ट्रीय एसएमएस को परिभाषित करने के बजाय, ‘अंतर्राष्ट्रीय ट्रैफिक’ शब्द को परिभाषित करना उचित होगा।
3.रक्षा मंत्री ने मालदीव को एक तेज गश्ती जहाज और एक लैंडिंग क्राफ्ट आक्रमण जहाज सौंपा:
- भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विभिन्न मोर्चों पर मालदीव के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत करने के लिए 1 से 3 मई, 2023 तक मालदीव की यात्रा पर हैं।
- मालदीव की अपनी 3 दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन, रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 02 मई, 2023 को मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) को एक तेज गश्ती जहाज और एक लैंडिंग क्राफ्ट आक्रमण जहाज सौंपा।
- फास्ट पेट्रोल वेसल उच्च गति पर तटीय और अपतटीय निगरानी में सक्षम है और उसे एमएनडीएफ के तट रक्षक जहाज ‘हुरवी’ के रूप में कमीशन किया गया।
- श्री राजनाथ सिंह ने समझाया कि दोनों ‘मेड इन इंडिया’ प्लेटफार्मों का सौंपा जाना हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में शांति और सुरक्षा के प्रति भारत और मालदीव की साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
- भारत हाल के वर्षों में एक प्रमुख रक्षा निर्यातक के रूप में उभरा है। एक रक्षा निर्माण इकोसिस्टम बनाया गया है जिसे प्रचुर मात्रा में तकनीकी मानवशक्ति का लाभ मिला है।
- मालदीव के साथ भारत के मजबूत रक्षा सहयोग आपसी संबंध ‘पड़ोसी प्रथम’ और ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) की दो नीतियों पर आधारित हैं।
- जून 2019 में प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी मालदीव की यात्रा के दौरान उन्होंने जोर देकर कहा था कि ‘पड़ोसी प्रथम’ हमारी प्राथमिकता है और पड़ोस में, ‘मालदीव प्राथमिकता है’।
- रक्षा मंत्री ने क्षेत्र के समक्ष मौजूद आम चुनौतियों का समाधान करने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में राष्ट्रों के बीच सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया।
- उन्होंने कहा, “हिंद महासागर हमारा साझा क्षेत्र है। क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि की प्राथमिक जिम्मेदारी उन लोगों की है जो इस क्षेत्र में रहते हैं। एक क्षेत्र की शांति और सुरक्षा क्षेत्रीय शक्तियों के सहयोग और सहकार से सबसे अच्छी तरह से सुनिश्चित होती है।”
4.भारतीय विदेश व्यापार संस्थान का 60वां स्थापना दिवस:
- भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी), ने 02 मई 2023 को अपने 60 वें स्थापना दिवस पर हीरक जयंती मनाई। इस महत्वपूर्ण अवसर पर आईआईएफटी के संस्थापक महानिदेशक स्वर्गीय श्री एच.डी. शौरी को याद किया। वे आईआईएफटी छात्रों के लिए पिता तुल्य थे, जिन्होंने आदर्श वाक्य, ‘उत्कृष्टता जीवन का एक तरीका है’ के साथ आईआईएफटी की आधारशिला रखी थी।
- आज भारत के शीर्ष बी-स्कूलों में आईआईएफटी शामिल है।
- आईआईएफटी ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं और यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में देश की सेवा कर रहा है।
- 1963 में अपनी स्थापना के बाद से, आईआईएफटी ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और व्यवसाय के क्षेत्र में उत्कृष्टता के एक केंद्र के रूप में उभरने के लिए सभी उपलब्ध अवसरों का सक्रियता से उपयोग किया है।
- इस अवधि में, इसने अपनी भूमिका में विविधता लाई है तथा देश के प्रमुख बिजनेस स्कूल होने के अलावा, यह एक थिंक टैंक संस्थान से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए ज्ञान का प्रमुख भंडार बन गया है।
- आईआईएफटी नई सहस्राब्दी के पहले दो दशकों में अभूतपूर्व गति से विकसित हुआ है।
- 60 वर्षों की यात्रा में, आईआईएफटी ने अपनी उपलब्धियों में कई अध्याय जोड़े हैं – संस्थान को शीर्ष बिजनेस स्कूलों में लगातार शामिल किया गया है, इसने एएसीएसबी से मान्यता प्राप्त की है, संस्थान अभिनव एमडीपी/ईडीपी की एक प्रभावशाली श्रृंखला की पेशकश करता है, आदि।
- जुलाई 2023 से, गिफ्ट सिटी, गुजरात में भी आईआईएफटी परिसर चालू हो जाएगा।
5.आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने स्वच्छता के लिए तकनीकी सहायता एजेंसी के रूप में राइट्स के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:
- 1 लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए एक नए वित्तपोषित घटक के रूप में प्रयुक्त जल प्रबंधन (यूडब्ल्यूएम) की शुरूआत से शहरी स्वच्छता में एक आदर्श बदलाव आया है।
- ठोस अपशिष्ट और प्रयुक्त जल प्रबंधन में तेजी लाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) ने स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम) और यूडब्ल्यूएम के लिए तकनीकी सहायता के लिए राइट्स लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं ।
- एसबीएम 2.0 के दायरे में, कचरा मुक्त शहर बनाने के समग्र दृष्टिकोण के साथ स्थायी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर जोर दिया गया है।
- एमओएचयूए और राइट्स के बीच हुए समझौते के तहत राज्यों/यूएलबी को मिशन की पहल को प्रभावी ढंग से लागू करने में सक्षम बनाएगा, जिससे सुरक्षित रोकथाम, संग्रह और परिवहन, उपचार और अधिक सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रभाव के लिए पुन: उपयोग के माध्यम से सार्वभौमिक रूप से सुरक्षित और टिकाऊ स्वच्छता पहुंच प्रदान की जा सके।
02 May PIB :- Download PDF Here
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