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03 जनवरी 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. भारत को एशियाई प्रशांत डाक संघ का नेतृत्व:  
  2. रक्षा मंत्रालय,शिक्षा मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान:
  3. एडीबी और भारत ने त्रिपुरा में बिजली हेतु 220 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए:
  4. UIDAI ने ‘घर के मुखिया’ पर आधारित ऑनलाइन पते में सुधार की सुविधा शुरू की:
  5. NTPC ने पहली हरित हाइड्रोजन मिश्रण परियोजना प्रारंभ की:

1.भारत को एशियाई प्रशांत डाक संघ का नेतृत्व:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच, उनकी संरचना, अधिदेश। 

प्रारंभिक परीक्षा: एशियाई प्रशांत डाक संघ (APPU) से सम्बंधित जानकारी। 

प्रसंग: 

  • भारत इस महीने से एशियाई प्रशांत डाक संघ (APPU) का नेतृत्व संभालेगा। 

उद्देश्य:

  • भारत का लक्ष्य डाक नेटवर्क के माध्यम से व्यापार के विकास में सुधार करने, संघ की स्थिरता सुनिश्चित करने और APPC में कराए जाने वाले प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में सुधार करने के लिए एशिया प्रशांत क्षेत्र में डाक से जुड़े संस्थानों के साथ क्षेत्रीय समन्वय में सुधार करना है। 

विवरण:  

  • अगस्त-सितंबर 2022 के दौरान बैंकॉक में आयोजित 13वीं APPU कांग्रेस के दौरान हुए सफल चुनावों के बाद, डाक सेवा बोर्ड के पूर्व सदस्य (कार्मिक) डॉ. विनय प्रकाश सिंह 4 वर्षों के कार्यकाल के लिए संघ के महासचिव का पदभार संभालेंगे।
  • यह पहली बार है जब कोई भारतीय शख्स डाक क्षेत्र में एक अंतरराष्ट्रीय संगठन का नेतृत्व कर रहा है।
  • डाक क्षेत्र के लिए इस महत्वपूर्ण मोड़ पर, यह विभाग के लिए सौभाग्य की बात है कि उसका अधिकारी एशियाई प्रशांत डाक संघ (APPU) की गतिविधियों का, विशेष रूप से भारत की G-20 अध्यक्षता के इस वर्ष से, नेतृत्व करेगा।
  • भारत APPU को अपना पूर्ण समर्थन देना जारी रखेगा और APPU सदस्यता के सामूहिक दृष्टिकोण को प्रभावी ढंग से साकार करने के लिए अपने योगदान को और मजबूत करेगा। 
  • एशिया प्रशांत क्षेत्र में पूरी दुनिया के मेल का लगभग आधा मेल आता-जाता है और यहां डाक मानव संसाधन पूरी दुनिया का लगभग एक तिहाई है। 

पृष्ठ्भूमि:

  • एशियाई प्रशांत डाक संघ (APPU) एशियाई-प्रशांत क्षेत्र के 32 सदस्यीय देशों का एक अंतर-सरकारी संगठन है। 
    • APPU इस क्षेत्र में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) का एकमात्र प्रतिबंधित (प्रतिबद्ध) संघ है, जो संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है। 
    • एपीपीयू का लक्ष्य डाक सेवाओं के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सदस्य देशों के बीच डाक संबंधों का विस्तार करना और उनमें सुधार करना है। 
    • विभिन्न यूपीयू परियोजनाओं के क्षेत्रीय केंद्र के रूप में, APUU यह सुनिश्चित करने में भी अग्रणी भूमिका निभाता है कि UPU की सभी तकनीकी और परिचालन परियोजनाएं इस क्षेत्र में पूरी हो जाएं ताकि क्षेत्र को सर्वोत्तम संभव तरीके से वैश्विक डाक नेटवर्क में एकीकृत किया जा सके।
    • महासचिव डाक संघ की गतिविधियों का नेतृत्व करते हैं और एशियन पैसिफिक पोस्टल कॉलेज (APPC) के निदेशक भी हैं जो इस क्षेत्र का सबसे बड़ा अंतर सरकारी डाक प्रशिक्षण संस्थान है।

2.रक्षा मंत्रालय,शिक्षा मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन: 

विषय: शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र /सेवाओं के विकास एवं उनके प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।  

प्रारंभिक परीक्षा: अग्निवीर, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC), क्षेत्रीय कौशल परिषदों (SSC) से सम्बंधित जानकारी।  

प्रसंग: 

  • रक्षा मंत्रालय (MoD), शिक्षा मंत्रालय (MoE), कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MoSDE) और तीनों सेनाओं ने विभिन्न हितधारकों के साथ समझौता ज्ञापनों/अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए तथा उनका आदान-प्रदान किया। 

उद्देश्य:

  • इस पहल का उद्देश्य सशस्त्र बलों में सेवा करते हुए अग्निवीरों को निरंतर शिक्षा की सुविधा प्रदान करना है, जिससे उनकी विशेषज्ञता/अनुभव के अनुसार उपयुक्त कौशल प्रमाण पत्र का प्रदान कर भावी जीवन सुगम बनाया जा सके। 
    • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल (NIOS) और इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) के साथ हुए इन ज्ञापनों/अनुबंधों के तहत अग्निवीरों को क्रमश: 12वीं कक्षा के उपयुक्त प्रमाण पत्र तथा स्नातक की डिग्री प्रदान की जाएगी।
  •  इन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होने से अग्निवीर अपनी शिक्षा को समय पर पूरा करने और स्वयं में अतिरिक्त गुण तथा कौशल विकसित करने में सक्षम होंगे। 
    • जब अग्निवीर इन सभी क्षमताओं से लैस होकर सामाजिक जीवन में वापस लौटेंगे तो वे राष्ट्र निर्माण में अपना अमूल्य योगदान देंगे।  

विवरण:  

  • राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) और क्षेत्रीय कौशल परिषदों (SSC) के सहयोग में सशस्त्र बलों के साथ प्रशिक्षित व तैनात किए जाने के दौरान अग्निवीरों की कार्य संबंधित भूमिकाओं/कौशल सेट को राष्ट्रीय व्यावसायिक मानकों (NOS) के साथ मैप किया गया है। 
    • इन्हीं योग्यताओं के आधार पर,अग्निवीरों को सशस्त्र बलों से सेवामुक्त होते समय उद्योग जगत के लिए तैयार और उद्योग-स्वीकृत ‘कौशल प्रमाण पत्र’ उपलब्ध कराए जाएंगे।
  • इस प्रक्रिया को निर्बाध रूप से सुविधाजनक बनाने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के विभिन्न विभागों ने सशस्त्र बलों के साथ बड़े पैमाने पर सहयोग किया है। 
    • इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (NCVET) द्वारा पुरस्कृत निकाय (AB) तथा मूल्यांकन एजेंसी (AA) के रूप में दोहरी श्रेणी की मान्यता प्रदान की है। 
    • इसके साथ ही, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के तहत प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGT) भी अग्निवीरों को राष्ट्रीय व्यापार प्रमाणपत्र (NTC) जारी करने की सुविधा प्रदान करेगा।
  • रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘अग्नीवीरों’ की सहायता करना हम सभी के लिए जीत की ही स्थिति होगी क्योंकि ‘अग्नीवीर’ न केवल सशस्त्र बलों में अपनी सेवाएं देकर देश के लिए ‘सुरक्षावीर’ का कार्य करेंगे, बल्कि वे देश की समृद्धि व खुशहाली में अपना योगदान देकर ‘समृद्धिवीर’ भी बनेंगे। 
    • अग्निवीर अपनी शिक्षा, कौशल, अनुशासन और अन्य गुणों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले तथा पूरे समाज के लिए लाभकारी साबित होंगे। 
    • इसके अलावा, वे अन्य युवाओं को अग्निवीर बनने के लिए प्रेरित भी करेंगे।
  • रक्षा मंत्री ने विभिन्न सेवाओं में अग्निवीरों को सहयोग देने के लिए रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, रेल मंत्रालय, राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र की सराहना की। 
    • उन्होंने अन्य मंत्रालयों, राज्य सरकारों तथा निजी क्षेत्र से और अधिक उत्साह के साथ आगे आने का आह्वान किया, ताकि जहां तक संभव हो सके वहां तक अग्निवीरों को नए-नए अवसर प्रदान किये जाएं। 
    • श्री सिंह ने राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने वाले इन अग्निवीरों को नए अवसर प्रदान करना व्यवस्था की जिम्मेदारी बताया।

पृष्ठ्भूमि:

  • सरकार ने 15 जून, 2022 को अग्निपथ योजना की शुरुआत की थी। 
    • योजना के तहत पुरुष और महिला दोनों उम्मीदवारों को अग्निवीर के रूप में चार साल की अवधि के लिए देश तीनों सेनाओं के ‘अधिकारी के रैंक से नीचे’ कैडर में भर्ती किया गया। 
      • 17.5 से लेकर 21 वर्ष की आयु के बीच के उम्मीदवार इस योजना के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। 
      • इन अग्निवीरों को अनुकूलित बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण और विशेष व्यापार प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा, जिसके बाद उनकी आवश्यकतानुसार अप-स्किलिंग के लिए पाठ्यक्रम भी चलाए जायेंगे।
  • अग्निपथ योजना युवा शक्ति को अग्निवीरों में परिवर्तित करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है और साथ ही यह योजना युवाओं को सशस्त्र बलों के माध्यम से राष्ट्र की सेवा करने के अपने स्वप्न को साकार करने की सुविधा देती है। 
    • अग्निपथ योजना के माध्यम से युवाओं को सम्मानित होने का एक अवसर प्राप्त होगा तथा इससे नाम, नमक एवं निशान के प्रति निष्ठा को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही अग्निवीरों को राष्ट्र निर्माता के रूप में आकार मिलेगा।
  • अग्निवीरों को सशस्त्र बलों में सेवा करते हुए उपयुक्त शैक्षणिक योग्यता और कौशल के साथ सशक्त बनाने के लिए एक राष्ट्रीय दृष्टिकोण रहा है। 
    • यह विशेषकर उन अग्निवीरों की मदद करने के लिए एक व्यापक पहल है, जो अन्य सरकारी संगठनों, उद्योग जगत या यहां तक कि स्टार्टअप उद्यमियों के रूप में कोई अन्य अपना दूसरा करियर विकल्प शुरू करना चाहते हैं।

3.एडीबी और भारत ने त्रिपुरा में बिजली हेतु 220 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन: 

विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच, उनकी संरचना,अधिदेश।  

प्रारंभिक परीक्षा: एशियाई विकास बैंक (ADB), ग्रामीण आजीविका मिशन, स्वयं सहायता समूह (SHG) से संबंधित जानकारी।  

मुख्य परीक्षा: एशियाई विकास बैंक (ADB) एवं भारत द्वारा आधारभूत क्षेत्रों में विकास हेतु अनेक समझौते किये गए हैं। क्या वास्तविक अर्थों में इस प्रकार के समझौते विकास के परिचायक होते हैं ? आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।   

प्रसंग: 

  • त्रिपुरा में बिजली क्षेत्र की ऊर्जा सुरक्षा, आपूर्ति की गुणवत्ता, दक्षता और सहनीयता को बेहतर बनाने के लिए, एशियाई विकास बैंक (ADB) और भारत सरकार ने 220 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किए।

उद्देश्य:

  • यह परियोजना अकुशल बिजली संयंत्रों के प्रतिस्थापन, वितरण नेटवर्क को मजबूत करने और स्मार्ट मीटर की स्थापना के माध्यम से राज्य के बिजली क्षेत्र को मजबूत करने के त्रिपुरा सरकार के प्रयासों का समर्थन करेगी एवं उत्पादन क्षमता बढ़ाने, वितरण घाटे को कम करने और राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने में सहायता प्रदान करेगी।  

विवरण:  

  • यह परियोजना, एक अत्यधिक कुशल संयुक्त चक्र गैस टरबाइन के साथ रोखिया बिजली संयंत्र के प्रतिस्थापन कार्य को वित्त पोषित करेगी, जो ईंधन की बचत के माध्यम से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करेगी, राज्य के बिजली वितरण नेटवर्क का आधुनिकीकरण करेगी और परियोजना निष्पादन एजेंसियों की संस्थागत क्षमता और समग्र व्यावसायिक प्रक्रिया का निर्माण करेगी।
  • यह लैंगिक और सामाजिक रूप से समावेशी कार्यस्थल तौर-तरीकों के पायलट परीक्षण के माध्यम से लैंगिक समानता को भी बढ़ावा देगी। 
    • यह परियोजना त्रिपुरा ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कम से कम 15 चयनित महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) का समर्थन करेगी, जिसका लक्ष्य राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों और महिलाओं का सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण करना है। 
    • इसमें कृषि और गैर-कृषि क्षेत्र शामिल होंगे।
  • एक विश्वसनीय बिजली आपूर्ति से सामाजिक और आर्थिक लाभ होंगे तथा स्कूलों, अस्पतालों और अन्य सामाजिक सेवाओं की स्थिति में सुधार होगा।
  • परियोजना के घटकों को भारी बारिश, बिजली गिरने और तेज़ हवा की गति वाले तूफानों का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया जाएगा, ताकि इस क्षेत्र को संभावित जलवायु परिवर्तन जोखिमों के प्रति सहनीय बने रहने में मदद मिल सके। 
    • परियोजना कार्यान्वयन के दौरान सड़को के कटाव को कम करने और सामाजिक-पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने के लिए क्षैतिज दिशात्मक ड्रिलिंग विधि या सुरंग विधि द्वारा वितरण भूमिगत केबल बिछाए जायेंगे।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1.UIDAI ने ‘घर के मुखिया’ पर आधारित ऑनलाइन पते में सुधार की सुविधा शुरू की:

  • भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने नागरिकों के अनुकूल एक नई सुविधा पेश की है। इसके तहत, उन्हें घर के मुखिया (HOF) की सहमति से आधार में दर्ज पते में ऑनलाइन सुधार करने में सहायता मिलेगी।
  • आधार में HOF आधारित ऑनलाइन पते में सुधार की सुविधा से बच्चों, जीवनसाथी, अभिभावकों आदि ऐसे संबंधियों को काफी सहायता मिलेगी, जिनके पास अपने नाम पर दस्तावेज नहीं होते हैं।
  • ऐसा राशन कार्ड, मार्कशीट, विवाह प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आदि संबंध के प्रमाण से जुड़े दस्तावेज जमा करके भी किया जा सकता है, जिनमें आवेदक और HOF का नाम और उनके बीच के संबंध का उल्लेख है। 
  • इसके लिए HOF को OTP के जरिये प्रमाणित करना होगा। संबंध के प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में, UIDAI के द्वारा सुझाए गए प्रारूप में HOF को एक स्व-घोषणा UIDAI के पास जमा करनी होती है।
  • देश के भीतर विभिन्न वजहों से शहरों और कस्बों को पलायन करने वाले लोगों को देखते हुए, यह सुविधा देश के लाखों लोगों के लिए लाभकारी होगी। 
  • यह विकल्प UIDAI द्वारा निर्धारित किसी भी वैध पते के प्रमाण का उपयोग करते हुए मौजूदा पते में सुधार की सुविधा के अतिरिक्त होगा। 
  • 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी निवासी इस उद्देश्य के लिए एक HOF हो सकता है और इस प्रक्रिया के माध्यम से अपने रिश्तेदारों के साथ अपना पता साझा कर सकता है।

2.NTPC ने पहली हरित हाइड्रोजन मिश्रण परियोजना प्रारंभ की:

  • NTPC लिमिटेड ने भारत की पहली हरित हाइड्रोजन मिश्रण परियोजना प्रारंभ की। 
    • NTPC कवास टाउनशिप, सूरत के पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) नेटवर्क में ग्रीन हाइड्रोजन मिश्रण प्रारंभ कर दी गई है। 
    • यह परियोजना NTPC तथा गुजरात गैस लिमिटेड (GGL) का संयुक्त प्रयास है। 
  • यह परियोजना भारत को वैश्विक हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था के केंद्र में लाएगी। 
  • भारत न केवल अपने हाइड्रोकार्बन आयात बिल को कम करेगा बल्कि विश्व में हरित हाइड्रोजन तथा  हरित रसायन निर्यातक बनकर विदेशी मुद्रा भी अर्जित करेगा। 
  • NTPC और GGL ने 30 जुलाई 2022 को भारत के प्रधानमंत्री द्वारा आधारशिला रखे जाने के बाद रिकॉर्ड समय में इस महत्‍वपूर्ण उपलब्धि को प्राप्‍त करने की दिशा में लगातार काम किया है। 
  • यह आदित्यनगर, सूरत में कवास टाउनशिप के घरों को H2-NG (प्राकृतिक गैस) की आपूर्ति करने के लिए तैयार है। 
    • कवास में ग्रीन हाइड्रोजन पहले से स्थापित एक मेगावाट फ्लोटिंग सौर परियोजना से बिजली का उपयोग करके पानी के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा बनाया गया है।
  • नियामक निकाय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड (PNGRB) ने PNG के साथ ग्रीन हाइड्रोजन के 5 प्रतिशत वॉल्यूम मिश्रण के लिए मंजूरी दे दी है और मिश्रण स्‍तर को चरण के अनुसार 20 प्रतिशत तक पहुंचाया जाएगा। 
    • प्राकृतिक गैस के साथ मिलाए जाने पर ग्रीन हाइड्रोजन शुद्ध हीटिंग सामग्री को समान रखते हुए कार्बन उत्सर्जन को कम करता है।
  • यह उपलब्धि केवल ब्रिटेन, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसे कुछ गिने-चुने देशों द्वारा प्राप्‍त की गई है। यह भारत को वैश्विक हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था के केंद्र में लाएगा। 
    • भारत न केवल अपने हाइड्रोकार्बन आयात बिल को कम करेगा बल्कि विश्‍व में हरित हाइड्रोजन और हरित रसायन निर्यातक बनकर विदेशी मुद्रा अर्जित करेगा।

 

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लिंक किए गए लेख में 02 जनवरी 2023 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।

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