विषयसूची:
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1.भद्रवाह भारत की लैवेंडर राजधानी और कृषि स्टार्टअप गंतव्य के रूप में उभरा है
सामान्य अध्ययन-3
कृषि:
विषय: देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न
प्रारंभिक परीक्षा: अरोमा मिशन के तहत जम्मू-कश्मीर में भद्रवाह और डोडा जिलों में लैवेंडर की खेती को बढ़ावा
मुख्य परीक्षा: अरोमा मिशन, बैंगनी क्रांति के बारे में
संदर्भ:
- जम्मू के भद्रवाह में दो दिवसीय लैवेंडर उत्सव का उद्घाटन किया गया।
विवरण:
- भद्रवाह भारत की लैवेंडर राजधानी और कृषि स्टार्टअप गंतव्य के रूप में उभरा है।
- भद्रवाह लैवेंडर की खेती के लिए भूमि और जलवायु के रूप में सबसे अच्छा स्थान है।
- लैवेंडर रोजगार सृजन और अनुसंधान का एक ऐसा माध्यम है जो विकास के अनेक प्रतिमान प्रस्तुत कर रहा है।
- लैवेंडर की खेती से अनेक किसानों के जीवन में काफी परिवर्तन आया है।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात के 99वें संस्करण में CSIR-अरोमा मिशन के तहत जम्मू-कश्मीर में भद्रवाह और डोडा जिलों में लैवेंडर की खेती के संबंध में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन (CSIR-IIIM) के प्रयासों की सराहना की थी।
- CSIR-IIIM ने लैवेंडर की अपनी एक विशिष्ट प्रजाति (RRL-12) और लैवेंडर की कृषि प्रौद्योगिकी विकसित की है।
- लैवेंडर की यह प्रजाति भारत के वर्षा आधारित समशीतोष्ण क्षेत्रों में लैवेंडर की खेती के लिए बहुत उपयुक्त सिद्ध हुई है।
- CSIR-अरोमा मिशन के तहत CSIR-IIIM ने लैवेंडर की खेती की शुरुआत की और जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों के किसानों को 30 लाख से अधिक लैवेंडर के पौधे निशुल्क उपलब्ध कराए।
- लैवेंडर की खेती, प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन और लैवेंडर की फसल के विपणन के लिए शुरू से अंत तक प्रौद्योगिकी पैकेज भी उपलब्ध कराए।
- CSIR-IIIM ने किसानों को अपनी-अपनी उपज के प्रसंस्करण में सहायता प्रदान करने के लिए जम्मू-कश्मीर के विभिन्न स्थानों पर पचास आसवन इकाइयां (45 स्थिर और पांच गतिशील मोबाइल) स्थापित कीं हैं।
- जम्मू संभाग के समशीतोष्ण क्षेत्रों में अनेक छोटे और सीमांत मक्का किसानों ने लैवेंडर की खेती को सफलतापूर्वक अपनाया है। लैवेंडर की खेती ने जम्मू-कश्मीर के भौगोलिक रूप से दूर-दराज के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में किसानों और युवा उद्यमियों को रोजगार उपलब्ध कराया है।
CSIR-अरोमा मिशन:
- CSIR-अरोमा मिशन CSIR की एक प्रमुख परियोजना है, जिसके अंतर्गत जम्मू-कश्मीर क्षेत्र के समशीतोष्ण क्षेत्रों में लैवेंडर की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- इस परियोजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों की आय में वृद्धि करना और कृषि आधारित स्टार्टअप विकसित करना है।
- इस परियोजना की केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा सीधे निगरानी की जा रही है।
- उनके निर्देशों के तहत CSIR-IIIM भद्रवाह और जम्मू-कश्मीर के अन्य भागों में लैवेंडर की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- मीडिया ने CSIR-IIIM की इस पहल को “बैंगनी क्रांति” के रूप में मान्यता दी है।
- CSIR-IIIM को जम्मू और कश्मीर में बैंगनी क्रांति: “जम्मू और कश्मीर में लैवेंडर खेती के माध्यम से ग्रामीण विकास” के लिए ग्रामीण विकास (CAIRD- 2020) के निमित्त S&T नवाचारों के लिए CSIR पुरस्कार प्रदान किया गया है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.जांच आयोग अधिनियम, 1952:
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने जांच आयोग अधिनियम, 1952 के तहत मणिपुर में 03 मई 2023 और उसके बाद हुई हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए एक जांच आयोग को अधिसूचित किया है।
- इसकी अध्यक्षता गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति अजय लांबा करेंगे और श्री हिमांशु शेखर दास, आईएएस (सेवानिवृत्त) और श्री आलोक प्रभाकर, आईपीएस (सेवानिवृत्त) आयोग के सदस्य होंगे।
- आयोग का मुख्यालय इम्फाल में होगा।
- आयोग मणिपुर में हुई हिंसा के कारणों और उसके प्रसार की जाँच और क्या किसी जिम्मेदार प्राधिकारियों या व्यक्तियों की ओर से कोई संभावित चूक हुई है, की जांच करेगा।
- गौरतलब है कि केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने मणिपुर का दौरा किया था और स्थिति का जायजा लेने के बाद जांच आयोग के गठन की घोषणा की थी।
- आयोग जल्द से जल्द केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट देगा, जो इसकी पहली बैठक की तारीख से छह महीने पूरे होने से पहले देनी होगी।
04 June PIB :- Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 03 June 2023 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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