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06 जून 2022 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. रक्षा खरीद परिषद ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ को बढ़ावा देने के लिए 76,390 करोड़ रुपये के रक्षा सौदों को मंजूरी दी: 
  2. सिंगल नोडल एजेंसी ( एसएनए ) डैशबोर्ड होगा लांच :
  3. लीडर्स इन क्लाइमेट चेंज मैनेजमेंट प्रोग्राम लांच:
  4. राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान (एनटीआरआई) का होगा उद्घाटन  :
  5. अग्नि-4 इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण: 
  6. बहुराष्ट्रीय संयुक्त अभ्यास ‘‘एक्स खान क्वेस्ट 2022”:

1. रक्षा खरीद परिषद ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ को बढ़ावा देने के लिए 76,390 करोड़ रुपये के रक्षा सौदों को मंजूरी दी: 

सामान्य अध्ययन: 3

सुरक्षा:

विषय: देश के  व्यापक भागीदारी और व्यापक आधार वाले स्वदेशी रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को प्रोहत्साहन।  

प्रारंभिक परीक्षा:  रक्षा खरीद परिषद (डीएसी)। 

मुख्य परीक्षा:  इस परियोजना के तहत, तटरक्षक बल को मिलने वाले लाभों की चर्चा कीजिए । 

प्रसंग: 

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने 06 जून, 2022 को सशस्त्र बलों के लिए पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों में  76,390 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति (एओएन) को मंजूर किया। 

उद्देश्य:

  • इन्हें ‘खरीदें (भारतीय)’, ‘खरीदें और बनाएं (भारतीय)’ और ‘खरीदें (भारतीय-आईडीडीएम)’ श्रेणियों के अंतर्गत स्वीकार किया गया है।
  • इससे भारतीय रक्षा उद्योग को पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा और विदेशी खर्च में भी कमी आएगी।

विवरण:  

  • रक्षा खरीद परिषद ने भारतीय सेना के लिए रफ टेरेन फोर्क लिफ्ट ट्रक (आरटीएफएलटी), ब्रिज लेइंग टैंक (बीएलटी), व्हीलड आर्मर्ड फाइटिंग व्हीकल्स (डब्ल्यूएच एएफवी) के अतिरिक्त एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) और वेपन लोकेटिंग रडार (डब्ल्यूएलआर) की खरीद के लिए नए एओएन को स्वीकृति प्रदान की।
  • भारतीय नौसेना के लिए डीएसी ने लगभग 36,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर अगली पीढ़ी के कार्वेट (एनजीसी) की खरीद के लिए एओएन को मंजूरी दी।
  • ये एनजीसी निगरानी मिशन, एस्कॉर्ट ऑपरेशन, डिटरेंस, सर्फेस एक्शन ग्रुप (एसएजी) ऑपरेशंस, तलाश एवं आक्रमण और तटीय सुरक्षा जैसी विभिन्न भूमिकाओं के लिए बहुउद्देश्यीय प्लेटफॉर्म साबित होंगे।
  • इन एनजीसी का निर्माण भारतीय नौसेना के नए इन-हाउस डिजाइन के आधार पर जहाज निर्माण की नवीनतम तकनीक का उपयोग करके किया जाएगा और यह कदम सरकार की सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) पहल को आगे बढ़ाने में योगदान देगा।
  • डीएसी ने विशेष रूप से स्वदेशी एयरो-इंजन सामग्री में स्वदेशीकरण को बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ नवरत्न सीपीएसई मेसर्स हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा डोर्नियर एयरक्राफ्ट और एसयू -30 एमकेआई एयरो-इंजन के निर्माण के लिए एओएन प्रदान किया।
  • रक्षा क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन के लिए सरकार के दृष्टिकोण के अनुसरण में ‘खरीदें (भारतीय) श्रेणी’ के तहत ‘डिजिटल तटरक्षक’ परियोजना को डीएसी द्वारा अनुमोदित किया गया है।
  • इस परियोजना के तहत, तटरक्षक बल में विभिन्न सतही और विमानन संचालन, रसद, वित्त एवं मानव संसाधन प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण के लिए एक अखिल भारतीय सुरक्षित नेटवर्क स्थापित किया जाएगा।

2. सिंगल नोडल एजेंसी (एसएनए) डैशबोर्ड लांच होगा: 

सामान्य अध्ययन: 2

शासन:

विषय: सरकार की योजनाएं,संस्थान संसाधन, विकास तथा रोजगार से संबंधित मुद्दे।   

प्रारंभिक परीक्षा: सिंगल नोडल एजेंसी ( एसएनए ) डैशबोर्ड। 

प्रसंग: 

  • केंद्रीय वित्त मंत्री आजादी का अमृत महोत्सव समारोहों के प्रतिष्ठित सप्ताह कार्यक्रमों के दौरान सिंगल नोडल एजेंसी ( एसएनए ) डैशबोर्ड लांच करेंगी।

उद्देश्य:

  • एसएनए मॉडल यह सुनिश्चित करता है कि सीएसएस के लिए राज्यों को फंडों का आवंटन समयबद्ध तरीके से तथा विभिन्न विनिर्देशों को पूरा करने के बाद किया जाए। 
  • इस मॉडल के प्रभावी कार्यान्वयन से सीएसएस फंड के उपयोग, फंडों का पता लगाने, राज्यों को व्यवहारिक तथा बिल्कुल सही समय पर फंडों को जारी करने में अधिक दक्षता प्राप्त हुई है।

विवरण:  

  • एसएनए मॉडल को योजनायों के प्रचालन में आवश्यक फीडबैक तथा निगरानी टूल देने के लिए, सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली ( पीएफएमएस ) ने एसएनए डैशबोर्ड का विकास किया है। 
  • एसएनए डैशबोर्ड एक प्रमुख सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन सुधार का हिस्सा है जिसे 2021 में केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) के लिए फंड जारी करने तथा निगरानी करने के के लिए आरंभ किया गया था।
  • इस संशोधित प्रक्रिया, जिसे अब एसएनए मॉडल के रूप् में संदर्भित किया जाता है, के लिए प्रत्येक राज्य को प्रत्येक योजना के लिए एक एसएनए की पहचान करने तथा निर्दिष्ट करने की आवश्यकता होगी।

 3. लीडर्स इन क्लाइमेट चेंज मैनेजमेंट प्रोग्राम लांच: 

सामान्य अध्ययन: 3

पर्यावरण:

विषय: पर्यावरण प्रदूषण,निम्नीकरण एवं एक व्यापक दृष्टिकोण और मार्गदर्शक सिद्धांत। 

प्रारंभिक परीक्षा: लीडर्स इन क्लाइमेट चेंज मैनेजमेंट प्रोग्राम। 

मुख्य परीक्षा: जलवायु कार्रवाई को आगे बढ़ाने में शहरी पेशेवरों की सहायता करने के लिए लीडर्स इन क्लाइमेट चेंज मैनेजमेंट प्रोग्राम किस प्रकार सहायक हैं?   

प्रसंग: 

  • केंद्रीय आवास तथा शहरी मामले मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भारत में जलवायु कार्रवाई को आगे बढ़ाने में शहरी पेशेवरों की सहायता करने के लिए लीडर्स इन क्लाइमेट चेंज मैनेजमेंट प्रोग्राम लांच किया हैं। 

उद्देश्य:

  • 05 जून को मनाये गए विश्व पर्यावरण दिवस के संयोजन में राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान (एनआईयूए) तथा विश्व संसाधन संस्थान (डब्ल्यूआरआ) भारत, ने संयुक्त रूप से एक अभ्यास आधारित लर्निंग प्रोग्राम लीडर्स इन क्लाइमेट चेंज मैनेजमेंट प्रोग्राम (एलसीसीएम) की घोषणा की।
  • इसका लक्ष्य भारत में विभिन्न सेक्टरों तथा भौगोलिक स्थानों पर जलवायु कार्रवाई में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए शहरी पेशेवरों के बीच क्षमता निर्माण करना है।
  • इस फेस टू फेस लर्निंग मॉड्यूल को सुगम बनाने के लिए मैसूरु के प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान (एटीआई) ने एनआईयूए तथा डब्ल्यूआरआई इंडिया के साथ एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए गए।

विवरण:  

  • एलसीसीएम में भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में मध्य से कनिष्ठ स्तर के सरकारी अधिकारियों तथा अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं सहित 5,000 पेशेवरों को सक्षम बनाने तथा उन्हें जलवायु परिवर्तन अनुकूलन एवं शमन समाधानों के लिए तैयार करने की कल्पना की गई है।  
  • एलसीसीएम शहरी प्रैक्टिशनरों के लिए एक ब्लेंडेड यानी मिश्रित लर्निंग प्रोग्राम है।
  • इस प्रोग्राम के चार चरण हैं: पहला चरण एक ऑनलाइन लर्निंग मॉड्यूल है जिसे आठ सप्ताह में पूरा किया जा सकता है, दूसरा चरण चार से छह दिनों तक चलने वाला आमने-सामने का यानी फेस टू फेस सत्र है, तीसरा सत्र सहभागियों को छह से आठ महीनों में एक परियोजना को पूरा करने तथा ज्ञानवर्धक दौरों के लिए अधिदेशित करता है तथा अंतिम चरण में नेटवर्किंग एक कम्युनिटी आफ प्रैक्टिस की स्थापना करना शामिल है।
  • आनलाइन लर्निंग को एनयूआईए की क्षमता निर्माण शाखा नेशनल अर्बन लर्निंग प्लेटफॉर्म (एनयूएलपी) पर होस्ट किया जाएगा।
  • इसे मैसुरु स्थित एटीआई पर भी होस्ट तथा सपोर्ट किया जाएगा।
  • इस प्रोग्राम का उद्वेश्य अगले कुछ महीनों के दौरान पूरे भारत में एटीआई के साथ समान प्रकार का एमओयू करना है।
  • इस अवसर पर शहरी पर्यावरण सेक्टर में एनयूआईए द्वारा अर्जित एक और ऐतिहासिक उपलब्धि का समारोह मनाने के लिए क्लाइमेट डाटा ऑब्जरवेटरी 2.0 वेबसाइट, नालेज प्रोडक्ट ऑन पब्लिक स्पेसेज, अर्बन आउटकम फ्रेमवर्क 2022 -डाटा कलेक्शन पोर्टल तथा सिटीजेन इंगेजमेंट फॉर अर्बन ट्रांसपोर्ट कंपेन्डियम भी लांच किया।
  • ट्रांसपोर्ट 4 ऑल इनोवेशन चैलेंज के लिए नेशनल क्लाइमेट फोटोग्राफी अवार्ड तथा स्टेज वन क्वालिफाइंग सिटीज की भी घोषणा की गई।

एनआईयूए के बारे में:

  • 1976 में स्थापित राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान (एनआईयूए) शहरी नियोजन तथा विकास पर भारत का प्रमुख राष्ट्रीय थिंक टैंक है। 
  • अर्बन सेक्टर में अत्याधुनिक अनुसंधान के सृजन एवं प्रसार के लिए एक हब के रूप में एनआईयूए तेजी से शहरीकरण वाले भारत की चुनौतियों का समाधान करने के लिए नवोन्मेषी समाधान और अधिक समावेशी तथा स्थायी शहरों के लिए मार्ग प्रशस्त करना चाहता है।

डब्ल्यूआरआई इंडिया के बारे में:

  • डब्ल्यूआरआई इंडिया एक स्वतंत्र धमार्थ संस्था है जो कानूनी रूप से इंडिया रिसोर्स ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत है। 
  • इसका काम टिकाऊ तथा रहने योग्य शहरों के निर्माण और निम्न कार्बन वाली अर्थव्यवस्था की दिशा में काम करना है।
  • अनुसंधान, विश्लेषण तथा अनुशंसाओं के माध्यम से,डब्ल्यूआरआई इंडिया पृथ्वी की रक्षा करने, आजीविका को बढ़ावा देने तथा मानव कल्याण को बढ़ावा देने के लिए रूपांतरकारी समाधान का निर्माण करने के लिए विचारों को कार्यान्वित करता है।
  • यह एक वैश्विक अनुसंधान संगठन विश्व संसाधन संस्थान (डब्ल्यूआरआई) से प्ररत तथा जुड़ा हुआ है।

पृष्ठ्भूमि

  • सरकार ने संधारणीयता एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए कई ठोस कदम उठाये हैं। 
  • ग्लासगो में सीओपी26 में, प्रधानमंत्री ने पंच अमृत कार्य योजना के माध्यम से जलवायु परिवर्तन पर भारत के आक्रमक एजेंडा की घोषणा की जिसमें 2070 तक भारत को शुद्ध शून्य उत्सर्जन देश बनने की परिकल्पना की गई है।

 4. राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान  (एनटीआरआई) का उद्घाटन होगा : 

सामान्य अध्ययन: 2

शासन: 

विषय:  सरकार की योजनाएं,क्रियान्वयन एवं उनका कमजोर वर्ग पर प्रभाव।  

प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान (एनटीआरआई)।  

प्रसंग: 

  • जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के एक हिस्से के रूप में गृह और सहकारिता मंत्री 7 जून 2022 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान (एनटीआरआई) का उद्घाटन करेंगे।

उद्देश्य:

  • यह प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों, संगठनों के साथ-साथ शैक्षणिक निकायों और संसाधन केंद्रों के साथ सहयोग और नेटवर्क स्थापित करेगा।   

विवरण:  

  • एनटीआरआई राष्ट्रीय स्तर का एक प्रमुख संस्थान होगा और शैक्षणिक, कार्यकारी और विधायी क्षेत्रों में जनजातीय चिंताओं, मुद्दों और मामलों का मुख्य केंद्र बन जाएगा।  
  • यह जनजातीय अनुसंधान संस्थानों (टीआरआई), उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई), एनएफएस के शोध विद्वानों की परियोजनाओं की निगरानी करेगा और अनुसंधान और प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार के लिए मानदंड स्थापित करेगा।
  • इसकी अन्य गतिविधियों में जनजातीय मामलों के मंत्रालय के साथ-साथ राज्य कल्याण विभागों को नीतिगत सहयोग प्रदान करना, जनजातीय जीवन शैली के सामाजिक-आर्थिक पहलुओं में सुधार या मदद करने वाले अध्ययनों और कार्यक्रमों को तैयार करना, पीएमएएजीवाई के डेटाबेस का निर्माण और रख-रखाव करना, जनजातीय संग्रहालयों की स्थापना तथा उसके संचालन और एक छतरी के नीचे भारत की समृद्ध जनजातीय सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करना शामिल है।

 प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

5. अग्नि-4 इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया:

  • इंटरमीडिएट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-4 का सफल अभ्यास परीक्षण ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से 06 जून, 2022 को किया गया। 
  • यह सफल परीक्षण सामरिक बल कमान की देखरेख में किए गए नियमित अभ्यास लॉन्च का हिस्सा था।
  • इस परीक्षण ने सभी परिचालन मापदंडों के साथ-साथ प्रणाली की विश्वसनीयता को भी सिद्ध किया।
  • सफल परीक्षण ‘विश्वसनीय न्यूनतम डेटेरेंस’ क्षमता रखने की भारत की नीति की पुष्टि करता है।

6. बहुराष्ट्रीय संयुक्त अभ्यास ‘‘एक्स खान क्वेस्ट 2022”:

  • 16 देशों की सैन्य टुकड़ियों की भागीदारी वाला एक बहुराष्ट्रीय शांतिवाहिनी अभ्यास ‘‘एक्स खान क्वेस्ट 2022”  06 जून, 2022 से मंगोलिया में आरंभ हुआ। 
  • मंगोलिया के राष्ट्रपति उखनागिन खुरेलसुख ने मंगोलिया में इस अभ्यास का उद्घाटन किया।
  • भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व लद्दाख स्काउट्स की एक टुकड़ी ने किया।
  • इस 14 दिवसीय अभ्यास का उद्देश्‍य भाग लेने वाले देशों के बीच अंतःपारस्परिकता को बढ़ाना, सैन्य से सैन्य संबंधों का निर्माण करना, शांति सहायता प्रचालन और प्रतिभागी देशों के बीच सैन्य तैयारी का विकास करना है।
  • यह अभ्यास भाग लेने वाले देशों के सशस्त्र बलों के बीच सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों को साझा करने में सक्षम बनाएगा तथा इसमें प्रक्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास, युद्ध चर्चा, व्याख्यान तथा प्रदर्शन शामिल होंगे।
  • सैन्य अभ्यास भारतीय सेना तथा प्रतिभागी देशों, विशेष रूप से मंगोलिया के सशस्त्र बलों के बीच रक्षा सहयोग के स्तर को बढ़ाएगा जिससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में भी वृद्धि होगी।

6th June 2022 : PIB विश्लेषण  :-Download PDF Here
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