विषयसूची:
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1. रूफटॉप सौर कार्यक्रम का विस्तार वर्ष 2026 तक:
सामान्य अध्ययन: 3
बुनियादी ढांचा: ऊर्जा
विषय: बुनियादी ढांचा: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।
प्रारंभिक परीक्षा: रूफटॉप सौर कार्यक्रम से संबंधित तथ्य।
मुख्य परीक्षा: रूफटॉप सौर कार्यक्रम के महत्व पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- रूफटॉप सौर कार्यक्रम को 31.03.2026 तक विस्तार दिया गया है और इसलिए, इस कार्यक्रम के तहत सब्सिडी तब तक उपलब्ध रहेगी जब तक कार्यक्रम का लक्ष्य हासिल नहीं हो जाता।
विवरण:
- राष्ट्रीय पोर्टल पर देश के किसी भी हिस्से में रूफटॉप सोलर स्थापित करने का इच्छुक कोई भी उपभोक्ता आवेदन कर सकता है और पंजीकरण से लेकर सीधे अपने बैंक खाते में सब्सिडी जारी करने तक की पूरी प्रक्रिया को देख सकता है।
- राष्ट्रीय पोर्टल के तहत पूरे देश के लिए सब्सिडी 14,588 रुपये प्रति किलोवाट (3 किलोवाट तक की क्षमता के लिए) निर्धारित की गई है और आवासीय उपभोक्ताओं को अपने इलाके की संबंधित वितरण कंपनी द्वारा पंजीकृत विक्रेताओं में से किसी एक से रूफटॉप सौर संयंत्र स्थापित करना होगा।
- पंजीकृत विक्रेताओं की सूची राष्ट्रीय पोर्टल पर भी उपलब्ध है।
- उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए विक्रेता और उपभोक्ताओं के बीच हस्ताक्षर किए जाने वाले समझौते का प्रारूप राष्ट्रीय पोर्टल पर उपलब्ध है।
- समझौते की शर्तों को लेकर परस्पर सहमति हो सकती है। विक्रेता को कम से कम 5 वर्षों के लिए उपभोक्ता को रखरखाव सेवाएं प्रदान करनी होंगी और किसी भी चूक के मामले में संबंधित वितरण कंपनी विक्रेता की बैंक गारंटी को भुना सकती है।
- राष्ट्रीय पोर्टल पर आवेदन के लिए कोई शुल्क नहीं है और संबंधित वितरण कंपनियों द्वारा नेट-मीटरिंग के लिए शुल्क भी निर्धारित किया गया है।
- इसके अलावा, किसी भी विक्रेता या वितरण कंपनी को सब्सिडी प्राप्त करने के लिए कोई भी शुल्क देय नहीं है और मंत्रालय द्वारा सब्सिडी सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाएगी।
पृष्ठ्भूमि:
- मंत्रालय, रूफटॉप सौर कार्यक्रम का चरण- II लागू कर रहा है, जिसमें रूफटॉप सोलर स्थापित करने के लिए आवासीय उपभोक्ताओं को सीएफए/सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
- कार्यक्रम के कार्यान्वयन को आसान बनाने के लिए, एक राष्ट्रीय पोर्टल विकसित किया गया था, जिसका शुभारम्भ प्रधानमंत्री द्वारा 30.07.2022 को किया गया था।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) दिवस- 2022:
- केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय “सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) दिवस-2022” के उपलक्ष्य में 10 और 11 दिसंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है।
- राष्ट्रीय विशेषज्ञ और आयुष्मान भारत- स्वास्थ्य व कल्याण केंद्र के विकास व इसके कार्यान्वयन में सहायता करने वाले भागीदार भी इस कार्यक्रम में उपस्थित होंगे।
- सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) का उद्देश्य सभी लोगों तक पर्याप्त रूप से प्रभावी गुणवत्ता वाली जरूरी प्रोत्साहक, निवारक, उपचारात्मक और पुनर्वास संबंधी स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना है।
- इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करना है कि इन सेवाओं के लिए भुगतान करते समय लोगों को वित्तीय कठिनाई का सामना न करना पड़े।
- संयुक्त राष्ट्र ने साल 2017 में 12 दिसंबर को आधिकारिक तौर पर “अंतरराष्ट्रीय सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस” के रूप में नामित किया था।
- इस यूएचसी दिवस की विषयवस्तु “हम जैसा विश्व बनाना चाहते हैं, उसका निर्माण करें: सभी के लिए एक स्वस्थ भविष्य” है।
- यह विषयवस्तु सभी के लिए स्वस्थ भविष्य के निर्माण में स्वास्थ्य कवरेज की भूमिका और इसके महत्व को रेखांकित करती है।
- इसके अलावा G-20 स्वास्थ्य क्षेत्र की प्राथमिकताओं में से एक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज और बेहतर स्वास्थ्य सेवा वितरण पर ध्यान देना शामिल है।
2.प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY):
- ग्रामीण विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) की शुरूआत की थी, जिसका उद्देश्य पूरे देश में योग्य असंबद्ध बस्तियों को (2001 की जनगणना के अनुसार उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए 250 और उससे ज्यादा लोगों की बस्ती) सभी मौसम में उचित सड़क संपर्क प्रदान करना था, जिससे ग्रामीण आबादी का सामाजिक-आर्थिक उत्थान किया जा सके।
- बाद में नए मध्यवर्तनों को शामिल करते हुए पीएमजीएसवाई के अधिदेश को और ज्यादा व्यापक बनाया गया।
- पीएमजीएसवाई-II की शुरुआत वर्ष 2013 में हुई थी, जिसमें मौजूदा ग्रामीण सड़कों में से 50,000 किलोमीटर सड़कों को अपग्रेड करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
- पीएमजीएसवाई-III की शुरुआत 2019 में की गई, जो मार्गों और प्रमुख ग्रामीण संपर्कों के माध्यम से 1,25,000 किलोमीटर का समेकन करता है और ग्रामीण कृषि बाजारों, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों और अस्पतालों से बस्तियों को जोड़ता है।
- पीएमजीएसवाई के दिशा-निर्देशों के अनुसार, ग्रामीण सड़कें राज्य का विषय है और राज्य सरकार अपने राज्य में इसकी नोडल कार्यान्वयन एजेंसी है।
- इसके अलावा, इस कार्यक्रम की इकाई बस्ती है, जिसका अर्थ जनसंख्या का एक ऐसा समूह है, जो एक ही क्षेत्र में रहता है और समय के साथ अपना निवास स्थान नहीं बदलता है।
- मेघालय राज्य में, पीएमजीएसवाई के अंतर्गत सड़क संपर्क के लिए स्वीकृत 602 बस्तियों में से 481 बस्तियों को पहले ही सड़कों से जोड़ा जा चुका है।
- इसके अलावा, गृह मंत्रालय के सीमा प्रबंधन विभाग ने भी 2014-15 से “सड़क और पुल” क्षेत्र के अंतर्गत मेघालय सहित उत्तर पूर्व क्षेत्र में 992 परियोजनाओं की शुरूआत की है।
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लिंक किए गए लेख में 07 दिसंबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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