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11 अप्रैल 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. देश में जून से सितंबर तक दक्षिण पश्चिम मानसून से 96 प्रतिशत वर्षा होने की संभावना:  
  2. SCO शिखर सम्मेलन 2022-23 के अवसर पर युवा लेखक सम्मेलन का आयोजन होगा:
  3. केंद्र सरकार ने 31 वस्त्र उत्पादों के लिए 2 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश प्रारंभ करने की घोषणा की:
  4. केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के एकीकृत पोर्टल का शुभारंभ:
  5. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY): 

1. देश में जून से सितंबर तक दक्षिण पश्चिम मानसून की 96 प्रतिशत वर्षा होने की संभावना:

सामान्य अध्ययन: 1

भूगोल:

विषय: महत्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ,भूगोलीय विशेषताएँ। 

प्रारंभिक परीक्षा: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), दक्षिण-पश्चिम मानसून। 

मुख्य परीक्षा: दक्षिण-पश्चिम मानसून का भारतीय कृषि पर पड़ने वाले प्रभाव की चर्चा कीजिए।   

प्रसंग: 

  • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने कहा है कि पूरे देश में जून से सितंबर तक दक्षिण पश्चिम मानसून से 96 प्रतिशत वर्षा होने की संभावना है और किसानों को कम वर्षा के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

उद्देश्य:

  • 2023 दक्षिण-पश्चिम मानसून की मौसमी वर्षा के लिए लंबी अवधि का पूर्वानुमान। 
    • ± 5 प्रतिशत (सामान्य) की मॉडल त्रुटि के साथ लंबी अवधि के औसत (LPA) के 96 प्रतिशत के आधार पर 2023 में दक्षिण-पश्चिम मॉनसूनी मौसम की वर्षा होगी।   

विवरण:  

  • वर्ष 2023 के दक्षिण-पश्चिम मॉनसूनी मौसम की वर्षा का सारांश:  
    • यह ± 5 प्रतिशत ( सामान्य ) की मॉडल त्रुटि के साथ लंबी ( दीर्घ ) अवधि के औसत ( LPA) का 96 प्रतिशत होगा। 
    • मंत्रालय ने  ± 5 प्रतिशत ( सामान्य ) की मॉडल त्रुटि के साथ लंबी अवधि का औसत ( LPA) जोड़ा हैं।
  • यह पूर्वानुमान गतिशील और सांख्यिकीय दोनों मॉडलों पर आधारित है जिनसे पता चलता है कि मात्रात्मक रूप से, मानसून मौसमी वर्षा ± 5 प्रतिशत की मॉडल त्रुटि के साथ लंबी अवधि के औसत ( LPA) का 96 प्रतिशत होने की संभावना है। 
    • 1971-2020 के आंकड़ों के आधार पर पूरे देश में मौसमी वर्षा का LPA 87 सेमी है।
  • 2023 दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम की वर्षा के लिए एकाधिक मॉडल युग्मन ( मल्टी मॉडल एन्सेम्बल – MME ) पूर्वानुमान उत्पन्न करने के लिए उप-प्रारंभिक स्थितियों का उपयोग किया गया है। 
    • भारतीय मानसून क्षेत्र में उच्चतम कौशल वाले सर्वश्रेष्ठ जलवायु मॉडल का उपयोग एमएमई पूर्वानुमान उत्पन्न करने के लिए किया गया है। 
    • उत्तरी गोलार्ध के साथ-साथ यूरेशिया में सर्दियों और वसंत के हिम आवरण ( स्नो कवर ) के प्रसार की सीमा की प्रवृत्ति इसके बाद होने वाली ग्रीष्मकालीन मानसून वर्षा के साथ सामान्य विपरीत संबंध है।
  • IMD ने कहा कि वर्तमान में ला नीना की स्थिति भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में तटस्थ स्थितियों में बदल गई है। 
    • नवीनतम एमएमसीएफएस के साथ-साथ अन्य जलवायु मॉडल पूर्वानुमान इंगित करते हैं कि मानसून के मौसम के दौरान अल नीनो के विकसित होने की संभावना है।
  • फरवरी और मार्च 2023 के दौरान उत्तरी गोलार्ध के हिम आवरण क्षेत्रों को सामान्य से कम देखा गया है I
  • आईएमडी मई 2023 के अंतिम सप्ताह में मानसून के मौसम की वर्षा के लिए अद्यतन पूर्वानुमान जारी करेगा।
  • समी वर्षा ( जून से सितंबर ) के लिए टर्साइल श्रेणियों ( सामान्य से अधिक , सामान्य और सामान्य से कम ) के लिए संभावित पूर्वानुमानों से पता चलता है कि प्रायद्वीपीय भारत के कई क्षेत्रों और इससे सटे पूर्व मध्य भारत, पूर्वोत्तर भारत और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। 
    • उत्तर पश्चिमी भारत के कुछ क्षेत्रों और पश्चिमी मध्य भारत के कुछ हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है। 
    • भूमि के भीतर सफेद छायांकित क्षेत्र जलवायु संबंधी संभावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • वर्तमान में, हिंद महासागर के ऊपर तटस्थ हिंद महासागर द्विध्रुव ( इंडियन ओशन डाइपोल – आईओडी ) स्थितियां विद्यमान हैं और नवीनतम जलवायु मॉडल पूर्वानुमान इंगित करते हैं कि सकारात्मक आईओडी स्थितियों के दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान विकसित होने की संभावना है।
  • चूंकि प्रशांत और हिंद महासागर के ऊपर समुद्र की सतह के तापमान ( सी सरफेस टेंपरेचर – एसएसटी ) की स्थिति को भारतीय मानसून पर एक मजबूत प्रभाव के लिए जाना जाता है इसलिए आईएमडी इन महासागरीय घाटियों ( बेसिन ) पर समुद्र की सतह की स्थिति के विकास की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहा है ।

श्रेणी वर्षा की सीमा (एलपीए का प्रतिशत) पूर्वानुमान संभावना (प्रतिशत) जलवायुविज्ञानी सम्भावना (प्रतिशत):

  • कम < 90 22 16
  • सामान्य से कम 90-95 29 17
  • सामान्य 96-104 35 33
  • सामान्य से अधिक 105 -110 11 16
  • अत्यधिक > 110 3 17
  • 2023 दक्षिण-पश्चिम मानसून वर्षा के लिए एमएमई पूर्वानुमान उत्पन्न करने के लिए अप्रैल की प्रारंभिक स्थितियों का उपयोग किया गया है । 
    • एमएमई पूर्वानुमान उत्पन्न करने के लिए भारतीय मानसून क्षेत्र में उच्चतम कौशल वाले सर्वश्रेष्ठ जलवायु मॉडल का उपयोग किया गया है।

भूमध्यरेखीय प्रशांत और हिंद महासागर में समुद्र की सतह के तापमान ( एसएसटी ) की स्थितियां:

  • वर्तमान में, भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में ला नीना की स्थिति तटस्थ स्थिति में बदल गई है। 
    • नवीनतम एमएमसीएफएस के साथ-साथ अन्य जलवायु मॉडल पूर्वानुमान इंगित करते हैं कि अल नीनो की स्थिति के मानसूनी मौसम के दौरान विकसित होने की संभावना है।
  • वर्तमान में, तटस्थ हिंद महासागर द्विध्रुव ( इंडियन ओशन डाइपोल – आईओडी ) स्थितियां हिंद महासागर के ऊपर विद्यमान हैं और नवीनतम जलवायु मॉडल पूर्वानुमान इंगित करता है कि इसकी सकारात्मक आईओडी स्थितियां दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान विकसित होने की संभावना है ।
  • चूंकि प्रशांत और हिंद महासागर के ऊपर समुद्र की सतह के तापमान ( सी सर्फेस टेम्परेचर – एसएसटी ) की स्थिति को भारतीय मानसून पर एक मजबूत प्रभाव के लिए जाना जाता है इसलिए आईएमडी इन महासागरीय घाटियों ( बेसिन्स ) पर समुद्र की सतह की स्थिति के विकास की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहा है।
  • उत्तरी गोलार्ध पर हिम आवरण के क्षेत्र फरवरी और मार्च 2023 के दौरान उत्तरी गोलार्ध के हिम आवरण क्षेत्रों को सामान्य से कम देखा गया है I 
    • उत्तरी गोलार्ध के साथ-साथ यूरेशिया में सर्दियों और वसंत के हिम आवरण ( स्नो कवर ) के प्रसार की सीमा की प्रवृत्ति इसके बाद होने वाली ग्रीष्मकालीन मानसून वर्षा के साथ सामान्य विपरीत संबंध की है ।
  • दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सीज़न ( जून- सितंबर ) के दौरान भारत में मौसमी वर्षा के लिए टर्साइल श्रेणियों* (सामान्य से कम , सामान्य और सामान्य से अधिक ) का संभावित पूर्वानुमान यह आंकड़ा सबसे संभावित श्रेणियों के साथ-साथ उनकी संभावनाओं को दिखाता है । 
    • सफेद छायांकित क्षेत्र सभी टरसाइल श्रेणियों के लिए जलवायु संबंधी संभावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। 
    • सर्वोत्तम युग्मित जलवायु मॉडलों के एक समूह से तैयार एमएमई पूर्वानुमान का उपयोग करके संभावनाएँ प्राप्त की गईं। 
    • (टर्साइल श्रेणियों* में प्रत्येक के 33.33प्रतिशत की समान जलवायु संबंधी संभावनाएँ हैं ) ।
Monsoon

स्रोत : PIB

पृष्ठ्भूमि:

  • 2003 से ही भारत मौसम विज्ञान विभाग ( आईएमडी ) दक्षिण-पश्चिम मानसून की ( जून-सितंबर ) वर्षा के लिए दो चरणों में पूरे देश में औसत वर्षा के लिए परिचालन लंबी अवधि का पूर्वानुमान ( एलआरएफ ) जारी कर रहा है। 
    • पहले चरण का पूर्वानुमान अप्रैल में जारी किया जाता है और दूसरा चरण या अद्यतन पूर्वानुमान मई के अंत तक जारी किया जाता है। 
    • 2021 से आईएमडी ने मौजूदा दो चरण की पूर्वानुमान रणनीति को संशोधित करके देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून वर्षा के लिए मासिक और मौसमी परिचालन पूर्वानुमान जारी करने के लिए एक नई रणनीति लागू की है। 
    • नई रणनीति गतिशील और सांख्यिकीय पूर्वानुमान प्रणाली दोनों का उपयोग करती है। 
    • आईएमडी के मानसून मिशन जलवायु पूर्वानुमान प्रणाली ( एमएमसीएफएस ) सहित विभिन्न वैश्विक जलवायु पूर्वानुमान केंद्रों से युग्मित वैश्विक जलवायु मॉडल ( सीजीसीएम ) पर आधारित मल्टी-मॉडल एन्सेम्बल ( एमएमई ) पूर्वानुमान प्रणाली का उपयोग गतिशील पूर्वानुमान प्रणाली में किया जाता है।

2. SCO शिखर सम्मेलन 2022-23 के अवसर पर युवा लेखक सम्मेलन का आयोजन होगा:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय:महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान,संस्थाएं और मंच,उनकी संरचना,अधिदेश।

प्रारंभिक परीक्षा: शंघाई सहयोग संगठन (SCO),युवा लेखक सम्मेलन (YAC)। 

प्रसंग: 

  • शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की वर्तमान अध्यक्षता के अंतर्गत, भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा तैयार कार्यक्रमों के कैलेंडर के भाग रूप में 12-13 अप्रैल 2023 को नई दिल्ली में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) युवा लेखक सम्मेलन (वाईएसी) की मेजबानी करेगा।

उद्देश्य:

  • इस सम्मेलन का विषय SCO सदस्य देशों के बीच सभ्यतागत संवाद है, जिसमें इतिहास एवं दर्शन, अर्थव्यवस्था, धर्म, संस्कृति, साहित्य और विज्ञान एवं चिकित्सा जैसे उप-विषयों के साथ युवा विद्वानों का दृष्टिकोण शामिल है।  

विवरण:  

  • शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार को युवा लेखकों के सम्मेलन की कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नामित किया गया है, जिसका आयोजन वह नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया, शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला एक स्वायत्त संगठन, के साथ मिलकर करेगा।
  • इस सम्मेलन का विषय एससीओ सदस्य देशों के बीच सभ्यतागत संवाद है, जिसमें इतिहास एवं दर्शन, अर्थव्यवस्था, धर्म, संस्कृति, साहित्य और विज्ञान एवं चिकित्सा जैसे उप-विषयों के साथ युवा विद्वानों का दृष्टिकोण शामिल है।
  • 2018 में युवाओं के लिए शंघाई सहयोग संगठन के प्रमुखों के संयुक्त संबोधन में, एससीओ सदस्य देशों की युवा शक्ति को आपस में जोड़ने के लिए एक व्यापक नीतिगत रूपरेखा तैयार की गयी थी, जिससे उन्हें बेहतर वैश्विक समझ और संवाद में सक्षम बनाने के लिए रचनात्मक और उत्पादक मार्ग में शामिल किया जा सके।
  • दो दिवसीय एससीओ युवा लेखक सम्मेलन युवाओं को आधुनिक शिक्षा, प्रशिक्षण, उन्नत प्रशिक्षण, उद्यमशील गतिविधियों और अभिनव परियोजनाओं में व्यापक भागीदारी के अवसरों का पता लगाने के लिए एक गतिशील मंच प्रदान करेगा।
  • भारत की अध्यक्षता में चल रही “राष्ट्राध्यक्षों की एससीओ परिषद” के दौरान, एससीओ का उद्देश्य ‘सिक्योर’ (सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, संपर्क, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और पर्यावरण) के विषय को आगे बढ़ाना है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 में क़िंगदाओ में हुए एससीओ शिखर सम्मेलन की शुरूआत में व्यक्त किया था।
  • शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की स्थापना एक अंतर-सरकारी संगठन के रूप में 15 जून 2001 को शंघाई में हुई थी। 
  • वर्तमान में एससीओ के आठ सदस्य देश (भारत, कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान) हैं।

3.  केंद्र सरकार ने 31 वस्त्र उत्पादों के लिए 2 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश प्रारंभ करने की घोषणा की:

सामान्य अध्ययन: 2,3

शासन,आर्थिक विकास:

विषय: शासन व्यवस्था और अन्य उपाय; भारतीय उद्योग-विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग।   

मुख्य परीक्षा: हाल ही में सरकार द्वारा जारी गुणवत्ता नियंत्रण आदेश तकनीकी वस्त्रों के मानक एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करेंगे। कथन का परिक्षण कीजिए।   

प्रसंग: 

  • वस्त्र मंत्रालय ने तकनीकी नियमों की अधिसूचना की उचित प्रक्रिया पूरी करने के बाद पहले चरण में 19 भू-वस्त्र उत्पाद और 12 सुरक्षात्मक वस्त्र उत्पाद वाली 31 वस्तुओं के लिए 02 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश ( QCO) प्रारंभ करने की घोषणा की हैं।

उद्देश्य:

  • गुणवत्ता नियंत्रण आदेश तकनीकी वस्त्रों के मानक एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करेंगे और प्रतिस्पर्धी मूल्य पर गुणवत्ता वाले उत्पादों के निर्माण के दौरान भारत में इस उद्योग के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। 
  • केंद्र सरकार का ऐसा मानना है कि पर्यावरण, मानव स्वास्थ्य और पशु एवं पौधों के जीवन तथा स्वास्थ्य की सुरक्षा दृष्टि से भू-वस्त्र उत्पाद और सुरक्षात्मक वस्त्र उत्पाद के मानक व गुणवत्ता को आधुनिक समय के अनुसार नियमित करना जनहित के लिए बेहद आवश्यक है।  

विवरण:  

  • ये गुणवत्ता नियंत्रण आदेश तकनीकी वस्त्र उद्योग के लिए भारत की तरफ से जारी किया गया पहला तकनीकी नियमन है।
  • भू-वस्त्र उत्पाद का उपयोग बुनियादी ढांचा परियोजनाओं एवं पर्यावरणीय अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है जबकि सुरक्षात्मक वस्त्रों का इस्तेमाल मानव जीवन को खतरनाक तथा प्रतिकूल कार्य स्थितियों से सुरक्षित रखने के लिए होता है। 
    • जारी किये गए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश उपयोगकर्ताओं एवं लक्षित उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम सुरक्षा अधिमान उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे। 
    • इस कदम से भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता को बढ़ावा मिलेगा, जो वैश्विक मानकों के समतुल्य होगी।
  • इन 31 उत्पादों में से 19 वस्त्र उत्पाद जियो टेक्सटाइल्स श्रेणी से संबंधित हैं:
    • जिनमें वाटरप्रूफ लाइनिंग के लिए लैमिनेटेड हाई डेंसिटी पॉलीएथिलीन (एचडीपीई) बुनी हुई जियोमेम्ब्रेन, पीवीसी जियोमेम्ब्रेन, नीडल पंच्ड नॉन-वोवन जियोबैग, पॉलीप्रोपाइलीन मल्टीफिलामेंट वोवन जियोबैग, जूट जियो टेक्सटाइल,पत्थर या ईंट से बनी फर्श संरचनाओं के सब-ग्रेड विभाजन में इस्तेमाल की जाने वाली ओपन वीव कॉयर भूवस्त्र जियो टेक्सटाइल्स, उपसतह जल निकासी के कार्य में प्रयुक्त जियो टेक्सटाइल, पत्थर या ईंट से बनी फर्श संरचनाओं के सब-ग्रेड को संतुलित करने में उपयोग किए जाने वाले जियो टेक्सटाइल, लाइनिंग के लिए उच्च घनत्व वाली पॉलीथीन (एचडीपीई) जियोमेम्ब्रेंस, सुरक्षा की दृष्टि से (या कुशनिंग) किसी सामग्री के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले जियो टेक्सटाइल, हार्ड आर्मर सिस्टम्स में स्थायी कटाव नियंत्रण के उद्देश्य से जियोटेक्सटाइल, लचीले रास्ते के फर्श के लिए जियोग्रिड्स, मिट्टी के सुदृढीकरण के रूप में उपयोग की जाने वाली संरचनाओं को बनाए रखने के लिए पॉलीमेरिक स्ट्रिप/जियोस्ट्रिप, रीइंफोर्स्ड मिट्टी को बनाए रखने वाली संरचनाओं में इस्तेमाल किए जाने वाले जियोग्रिड्स, अपशिष्टों और केमिकल रेजिस्टेंस लाइनिंग और जियोसेल्स के लिए रीइंफोर्स्ड एचडीपीई झिल्ली शामिल हैं।
  • शेष 12 आइटम सुरक्षात्मक वस्त्र हैं, जिनमें पर्दे और ड्रैप्स, गैर-घरेलू फर्नीचर के लिए उपयोग किए जाने वाले गद्देदार कंपोजिट, अग्निशामकों के लिए सुरक्षात्मक कपड़े, अग्निशामकों के लिए सुरक्षात्मक दस्ताने, गर्मी के संपर्क में आने वाले औद्योगिक श्रमिकों के बचाव के लिए सुरक्षात्मक कपड़े, अग्नि के दायरे को सीमित करने वाली सामग्री से बने कपड़े तथा गर्मी एवं आग से सुरक्षा प्रदान करने वाली वस्तु तथा फिटिंग, उच्च दृश्यता वाले चेतावनी वस्त्र, वेल्डिंग और इससे संबद्ध प्रक्रियाओं में उपयोग के लिए आवश्यक सुरक्षात्मक कपड़े, सामरिक 3 पॉइंट स्लिंग, गोला-बारूद और हथगोले के लिए विघटनकारी पैटर्न नायलॉन -66 से बने पाउच, बुलेट प्रतिरोधी जैकेट और वाटर प्रूफ बहुउद्देशीय रेन पोंचो शामिल हैं।
  • ये दो भू-वस्त्र उत्पाद और सुरक्षात्मक वस्त्र उत्पाद गुणवत्ता नियंत्रण आदेश आधिकारिक राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से 180 दिनों के तुरंत बाद लागू होंगे। 
    • इन गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों में निर्दिष्ट अनुरूपता मूल्यांकन आवश्यकताएं घरेलू उत्पादकों के साथ-साथ उन विदेशी निर्माताओं पर भी समान रूप से लागू होती हैं, जो भारत में अपने सामान का निर्यात करना चाहते हैं।
  • वस्त्र मंत्रालय दूसरे चरण में 28 अन्य उत्पादों के लिए 2 और गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी करने की योजना बना रहा है, जिसमें कृषि टेक्सटाइल्स के 22 वस्त्र उत्पाद और चिकित्सीय टेक्सटाइल्स के 6 वस्त्र उत्पाद शामिल हैं। 
    • तीसरे चरण में, गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी करने के लिए 30 अधिक तकनीकी वस्त्र उत्पादों पर विचार किया जा सकता है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1.केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के एकीकृत पोर्टल का शुभारंभ:

  • आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान नारकोटिक्स विभाग ने डिजिटल इंडिया संकल्प को मूर्त रूप में लागू कर उसे मजबूत करने का विशेष प्रयास किया। 
    • इसके तहत विकसित और लॉन्च किए गए एक एकीकृत पोर्टल के माध्यम से, क्षेत्र के लोग एक ही स्थान पर लाइसेंसिंग और ब्यूरो से आसानी से एक्जिम ऑथराइजेशन प्राप्त कर सकेंगे।
  • इस एकीकृत पोर्टल से केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो अपने काम में दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाएगा। 
    • इसके अलावा, ड्रग्स और फार्मास्युटिकल सेक्टर के साथ-साथ फार्मास्युटिकल और केमिकल इंडस्ट्रीज के बीच तालमेल बढ़ने से उनकी ग्रोथ में मदद मिलेगी।
    • साथ ही रोगियों और उनके परिवारों के लिए आवश्यक ‘मादक औषधि’ एवं अन्य औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी।
  • इस एकीकृत पोर्टल से एनडीपीएस के कारोबार को सुगम बनाया जा सकेगा और इन पदार्थों के नियंत्रित उपयोग की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और नियमानुकूल होगी। 
    • इस पोर्टल पर, यूआईडीएआई सहित सीबीएन से लाइसेंस प्राप्त करने के लिए भारत कोष, जीएसटी, पैन-एनएसडीएल प्रमाणीकरण, ई-संचित और अन्य सरकारी सेवाओं के डेटाबेस एकीकृत हैं। 
    • इससे निर्यातकों, आयातकों, नारकोटिक और साइकोट्रॉपिक दवाओं/पदार्थों के निर्माताओं को एक एकीकृत पोर्टल प्रणाली, उपयोगकर्ता के अनुकूल, सुरक्षित लेनदेन, क्लाउड-आधारित भंडारण, आयात/निर्यात प्रमाणपत्र, विभिन्न एनडीपीएस और अनापत्ति प्रमाण पत्र से लाभ होने की उम्मीद है। 
    • विभिन्न लाइसेंस प्राप्त करने के लिए नियंत्रित पदार्थ, उत्पादन लाइसेंस, दवा कोटा प्रमाण पत्र आदि को आसान, परेशानी मुक्त और पारदर्शी प्रक्रिया बनाया गया है।  
    • इस पोर्टल से इन सभी प्रक्रियाओं में लगने वाला समय कम होगा और मैनपावर की भी बचत होगी, जिसका उपयोग अन्य उपयोगी व्यावसायिक गतिविधियों के लिए किया जा सकता है।

पृष्ठ्भूमि:

  • सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स केंद्र सरकार का एक संगठन है जो विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संधियों और एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के तहत मादक दवाओं, मन:प्रभावी पदार्थों और निर्धारित रसायनों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित है। 
    • इसके वैज्ञानिक और औद्योगिक उपयोगों और अवैध उपयोगों सहित विभिन्न प्रकार के उपयोग हैं, जो दुरुपयोग के लिए पदार्थों का निर्माण करते हैं। 
    • इसलिए, इन पदार्थों को लोगों को उपलब्ध कराने और इस संबंध में कानून का पालन करने के बीच एक अच्छा संतुलन बनाने की आवश्यकता है। 
    • ये पोर्टल सुविधा और अनुपालन प्रबंधन के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए ब्यूरो को एक प्रभावी उपकरण के रूप में डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

2. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई):

  • वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों/वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक की अध्यक्षता की, ताकि ग्राम पंचायत स्तर पर सूक्ष्म-बीमा योजनाओं-प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई)- के कवरेज को बढ़ावा देने के लिए तीन महीने तक चलने वाले इस गहन अभियान की मुख्य विशेषताओं के बारे में उन्हें अवगत व जागरूक किया जा सके। 
    • 3 महीने का यह अभियान 01.04.2023 से 30.06.2023 तक देश के सभी जिलों को कवर करेगा।
  • बैठक के दौरान, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से राज्यों में जनसंख्या के दायरे और आकार को देखते हुए सूक्ष्म-बीमा योजनाओं के तहत नामांकन बढ़ाने का आग्रह किया गया। 

पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई :

  • पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई का उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा कवर के हिस्से के रूप में नागरिकों, विशेष रूप से समाज के सीमांत समुदायों को जीवन और दुर्घटना बीमा कवर प्रदान करना है।
    • पीएमजेजेबीवाई, किसी भी कारण से मृत्यु की स्थिति में 2 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करता है, जबकि पीएमएसबीवाई, मृत्यु या पूर्ण स्थायी विकलांगता के लिए 2 लाख रुपये और आंशिक स्थायी विकलांगता के मामले में 1 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर प्रदान करता है। 
    • ये दोनों योजनाएँ ग्राहकों और/या उनके परिवारों को इन संभावित घटनाओं में आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।

 

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