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विषयसूची:

  1. केंद्र सरकार ने मोटर सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर क्लिप बेचने वाली शीर्ष 5 ई-कॉमर्स कंपनियों  के  विरुद्ध आदेश जारी किया:  
  2. वन्य जीव (सुरक्षा) अधिनियम, 1972 की धारा 49एन और 49ओ के अंतर्गत बनाए गए नियमों की अधिसूचना (2022 में संशोधित) जारी: 
  3. मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) कार्यक्रम:
  4. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली में तीसरा सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिज़ाइन रोड शो का शुभारंभ:
  5. 728 रेलवे स्टेशनों को 785 ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ बिक्री केन्द्र के रूप में शामिल किया गया:
  6. प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा कार्यक्रम “पोषण भी, पढ़ाई भी” का शुभारंभ:
  7. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली में तीसरा सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिज़ाइन रोड शो का शुभारंभ:

1.केंद्र सरकार ने मोटर सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर क्लिप बेचने वाली शीर्ष 5 ई-कॉमर्स कंपनियों  के विरुद्ध आदेश जारी किया:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन: 

विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास हेतु हस्तक्षेप,उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

प्रारंभिक परीक्षा: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019,केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ।

प्रसंग: 

  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के उल्लंघन को ध्‍यान में रखते हुए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कार सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर क्लिप्स बेचने के लिए शीर्ष 5 ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के विरूद्ध आदेश जारी किए है। 

उद्देश्य:

  • यह क्लिप सीट बेल्ट न पहनने पर अलार्म बीप को रोककर उपभोक्ता के जीवन और सुरक्षा के साथ समझौता करती है।  

विवरण:  

  • कार सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर क्लिप की बिक्री का मुद्दा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) के पत्र के माध्यम से उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा सीसीपीए की जानकारी में आया। 
    • इसके अलावा, केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली 1989 के नियम 138 के तहत सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य बनाया गया है। 
    • हालांकि, ऐसी वस्तुओं की ऑनलाइन बिक्री जो सीट बेल्ट न पहनने पर अलार्म बीप को रोककर यात्रियों की सुरक्षा से समझौता करती है वह उपभोक्ताओं के जीवन और सुरक्षा के लिए भी असुरक्षित और खतरनाक हो सकती है।
  • ये कंपनियां अमेज़न,फ्लिपकार्ट,मीशो,स्‍नैप‍डील एवं शोपक्‍लूज हैं। 
  • कार सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर क्लिप का उपयोग मोटर बीमा पॉलिसियों के मामलों में दावा राशि मांगने वाले उपभोक्ताओं के लिए अवरोध पैदा कर सकती है।  
    • इससे बीमा कंपनी ऐसी क्लिप का उपयोग करने के लिए दावेदार की लापरवाही का हवाला देते हुए दावे का भुगतान करने से इनकार कर सकती है। 
    • दूसरी ओर, सीट बेल्ट का उपयोग एक रोकथाम के रूप में कार्य करता है जो एयरबैग को उचित गद्दी उपलब्‍ध कराती है और यात्रियों को पूरी ताकत से झटका नहीं लगता है। 
    • यह टक्‍कर होने के मामले में सुरक्षा कवच के रूप में भी काम करती है।
  • सीसीपीए द्वारा जारी निर्देशों को ध्यान में रखते हुए, सभी पांच ई-कॉमर्स संस्थाओं ने अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की। 
    • सीसीपीए की पहल के आधार पर, कार सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर क्लिप्स की 13,118 नामांकन सूचियों (लिस्टिंग्स) को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया। 
  • वर्तमान मामलों में की गई कार्रवाई में इस बात को महत्व दिया गया है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा प्रकाशित नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार 2021 में सीट बेल्ट न लगाने के कारण सड़क दुर्घटनाओं में 16,000 से अधिक व्यक्ति मारे गए, जिनमें से 8,438 चालक थे और शेष 7,959 यात्री थे।
  • इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 18-45 आयु वर्ग के युवा वयस्कों की संख्‍या सड़क दुर्घटना के मामलों में मारे गए व्‍यक्तियों में एक तिहाई से अधिक हैं।
  • सीसीपीए देश के कोने-कोने में उपभोक्ताओं के वर्ग के अधिकारों को प्रोत्‍साहन देने और उनकी सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है।

2. वन्य जीव (सुरक्षा) अधिनियम, 1972 की धारा 49एन और 49ओ के अंतर्गत बनाए गए नियमों की अधिसूचना (2022 में संशोधित) जारी:

सामान्य अध्ययन: 3

पारिस्थिकी एवं पर्यावरण:

विषय:वन्य जीव एवं पारिस्थिकी संरक्षण।  

प्रारंभिक परीक्षा: वन्य जीव (सुरक्षा) अधिनियम, 1972 

प्रसंग: 

  • वन्य जीव (सुरक्षा) अधिनियम, 1972 (1972 का 53), वन्य प्राणियों की विभिन्न प्रजातियों का संरक्षण, उनके आवास का प्रबंधन और वन्य जीवों के विभिन्न वर्गों से प्राप्त उत्पादों के व्यापार को अधिनियमित और नियंत्रित करने के लिए कानूनी संरचना प्रदान करता है।

विवरण:  

  • वन्य जीव (सुरक्षा) संशोधन अधिनियम को अंतिम बार 2022 में संशोधित किया गया था और इस अधिनियम को 01 अप्रैल 2023 से लागू किया गया। 
  • इस अधिनियम की धारा 49 एन के अनुसार, अधीनता में प्रजनन करने या अनुसूची IV के परिशिष्ट I में सूचीबद्ध किसी भी अनुसूचित नमूनों की कृत्रिम रूप से वंश वृद्धि कराने वाले व्यक्ति के लिए वन्यजीव (सुरक्षा) संशोधन अधिनियम, 2022 के लागू होने के 90 दिनों के अंदर लाइसेंस के लिए आवेदन करना आवश्यक है। 
  • पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 24 अप्रैल, 2023 को एक राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से धारा 49 एन के अंतर्गत नियमों को अधिसूचित किया है।
  • अधिनियम की अनुसूची IV के परिशिष्ट I में सूचीबद्ध किसी अनुसूचित नमूने की अधीनता में प्रजनन करने या कृत्रिम रूप से वंश वृद्धि कराने वाले सभी व्यक्तियों से अनुरोध किया जाता कि वे वन्यजीव (सुरक्षा) अधिनियम, 1972 की धारा 49 एन के अंतर्गत बनाए गए नियमों के अनुसार 29 जून, 2023 को या उससे पहले सभी निर्धारित निर्देशों का पालन करते हुए लाइसेंस के लिए आवेदन करें।

3.मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) कार्यक्रम:

सामान्य अध्ययन: 3

पर्यावरण: 

विषय: पर्यावरण संरक्षण। 

प्रारंभिक परीक्षा: मिशन LiFE (पर्यावरण के लिए जीवन शैली)। 

मुख्य परीक्षा: मिशन LiFE (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) का आम जन पर होने वाले प्रभाव पर चर्चा।   

प्रसंग: 

  • मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने 20 अक्टूबर 2022 को केवडिया, गुजरात से की थी।

उद्देश्य:

  • यह मिशन लाइफ – जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए व्यक्तियों में व्यवहार परिवर्तन पर आधारित है।
  • यह विनाशकारी और अविवेकपूर्ण प्राकृतिक संसाधानों के दुरुपयोग को रोककर प्राकृतिक संसाधनों के सावधानीपूर्वक उपयोग के लिए प्रोत्साहित करने का वैश्विक आंदोलन है।  

विवरण:  

  • पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय मिशन लाइफ के राष्ट्रीय स्तर के समन्वय और कार्यान्वयन के लिए नोडल मंत्रालय है। 
    • इसे लागू करने के लिए मंत्रालय ने अन्य केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों, संस्थानों और निजी संगठनों को एलआईएफई (LiFE) मिशन के साथ अपनी गतिविधियों को जोड़ने और जागरूकता प्रसार के लिए विभिन्न व्यक्तियों को शामिल किया है। 
  • पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अखिल भारतीय समर्थन और LiFE के बारे में जागरूकता को बढ़ाने के लिए एक महीने तक चलने वाला जन अभियान शुरू किया है। 
    • इसका समापन 5 जून 2023 को विश्व पर्यावरण दिवस पर होगा। 
    • LiFE के संदेश को बढ़ावा देने और इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी 99 मंत्रालयों और 36 राज्यों /केंद्र शासित प्रदेशों को उनके प्रभागों, अधीनस्थ संगठनों और क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ एलआईएफई से संबंधित गतिविधियों के आयोजन के लिए शामिल किया गया है। 
    • यह अभियान 5 मई 2023 को शुरू हुआ था।
  • जन आंदोलन का समापन 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस 2023 के अवसर पर एक विशाल आयोजन  के रूप में होगा। 
  • इसका विषय प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान है। 
  • यह मिशन LiFE के 7 विषयों में से प्रमुख विषय : “एकल-उपयोग प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग को कम करना” है।

4. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली में तीसरा सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिज़ाइन रोड शो का शुभारंभ:

सामान्य अध्ययन: 3

विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी: 

विषय: विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी -विकास एवं अनुप्रयोग और रोजमर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।   

प्रारंभिक परीक्षा: सेमीकंडक्टर,भारतीय सेमीकंडक्टर अनुसंधान केंद्र (ISRC)। 

प्रसंग: 

  • केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली में तीसरा सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिज़ाइन रोड शो का शुभारंभ किया। 

उद्देश्य:

  • इस आयोजन का उद्देश्य सेमीकंडक्टर डिज़ाइन और विनिर्माण क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करना, निवेश को सुविधाजनक बनाना और स्टार्टअप इकोसिस्टम को उत्प्रेरित करना है।  

विवरण:  

  • इस पहल का प्राथमिक उद्देश्य दुनिया भर से निवेश आकर्षित करना और एक जीवंत सेमीकंडक्टर डिजाइन और विनिर्माण इकोसिस्‍टम तैयार करने में सहायता करना है। 
  • प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को पूरा करने के लिए सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए 76,000 करोड़ रुपये के परिव्यय की घोषणा की है। 
    • देश में पहले से ही 27-28 सेमीकॉन स्टार्टअप उपस्थित हैं और सरकार के नीतिगत समर्थन से इनकी संख्या जल्द ही 100 तक पहुंच जाएगी।
  • सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए सरकार द्वारा कई उपाय किए गए हैं। 
    • इनमें एक भारतीय सेमीकंडक्टर अनुसंधान केंद्र (ISRC) की स्थापना शामिल है जो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) जैसे शीर्ष संस्थानों के साथ मिलकर अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर अनुसंधान, सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला (SCL) के आधुनिकीकरण के लिए वीएलएसआई/ सेमीकंडक्टर पाठ्यक्रम के कार्यान्वयन के साथ काम करेगा, जो अभिनव डिजाइन और समाधान तैयार करने के लिए 85,000 का प्रतिभा पूल तैयार करेगा।
  • डिजिटल अर्थव्यवस्था अब आईटी/आईटीईएस के आस पास केंद्रित होने से लेकर प्रौद्योगिकी के पूरे स्पेक्ट्रम – डीप टेक, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), स्पेस और सेमीकंडक्टर तक फैल गई है।
  • तीसरे रोड शो के दौरान, डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना के अंतर्गत स्वीकृत भविष्य के डिजाइन स्टार्ट-अप्स (अर्थात् मॉर्फिंग मशीन और नेत्रासेमी) की घोषणा इस विश्वास के साथ की गई थी कि अगला यूनिकॉर्न फैबलेस चिप डिजाइन क्षेत्र से होगा।
  • नेट्रेसेमी एज आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) चिपसेट, उन्नत आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) /ML और हार्डवेयर त्वरण क्षमताओं के साथ स्मार्ट दृष्टि और डोमेन विशिष्ट एसओसी समाधान सक्षम करने वाले प्लेटफॉर्म प्रदान कर रहा है।
  • इससे पहले दूसरे रोड शो के दौरान डीएलआई योजना के तहत निम्नलिखित फ्यूचर डिजाइन स्टार्ट-अप को मंजूरी देने की घोषणा की गई थी।
  • वर्वेसेमी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक को पुनः कॉन्फ़िगर करने योग्य एनालॉग और उच्च-प्रदर्शन एडीसी में विशेषज्ञता प्राप्त है। 
  • वर्वेसेमी ने मिक्स्ड-सिग्नल एमसीयू इंटीग्रेटेड सर्किट विकसित करने का प्रस्ताव दिया है।
  • फर्मियोनिक डिजाइन 5-जी, सतनाव, औद्योगिक लघु-सेल-सरणियों के लिए बीमफॉर्म इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) विकसित कर रहा है।
  • डीवी2जेएस इनोवेशन सुरक्षा, निगरानी, ऑटोमोबाइल कैमरों के लिए CMOS Image Sensor (सीएमओएस इमेज सेंसर) विकसित कर रहा है।
  • इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने देश के सेमीकंडक्टर डिजाइन समुदाय को अपनी सेवाएं समर्पित करने के लिए C-DAC बैंगलोर में चिपइन केंद्र की स्थापना की है। 
    • यह सुविधा सेमीकंडक्टर डिज़ाइन टूल्स, फैब एक्सेस, वर्चुअल प्रोटोटाइपिंग हार्डवेयर लैब एक्सेस प्रदान करने के लिए स्टार्टअप्स और एकेडेमिया से फैबलेस चिप डिजाइनरों के लिए वन-स्टॉप सेंटर के रूप में कार्य करती है। 
    • सी-डीएसी बैंगलोर और एनसिस के बीच समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान चिपइन केंद्र में आयोजित एनसिस ईडीए उपकरणों का उपयोग करके चिप डिजाइन को विकसित करने के लिए किया गया।
  • उन्नत अर्धचालक समाधानों के एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्‍स कॉर्पोरेशन ने विशेष रूप से भारतीय बाजार के लिए एक एनबी-आईओटी (नैरोबैंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स) चिपसेट पेश किया। 
  • नए चिपसेट का उपयोग एसेट ट्रैकिंग, लाइटिंग, सुरक्षा और कई अन्य अनुप्रयोगों में भी किया जा सकता है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1.728 रेलवे स्टेशनों को 785 ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ बिक्री केन्द्र के रूप में शामिल किया गया:

  • रेल मंत्रालय ने भारत सरकार के ‘वोकल फॉर लोकल’ विजन को बढ़ावा देने, स्थानीय/स्वदेशी उत्पादों के लिए एक बाजार प्रदान करने तथा समाज के वंचितों वर्गो के लिए अतिरिक्त आय के अवसर जुटाने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे ने ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट’ (OSOP) योजना शुरू की है। 
    • इस योजना के तहत, रेलवे स्टेशनों पर OSOP केन्द्रों को स्वदेशी/स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने, बेचने और उच्च दृश्यता प्रदान करने के लिए आवंटित किया जाता है। 
    • इसकी पायलट योजना 25.03.2022 को शुरू की गई थी और 01.05.2023 के अनुसार पूरे देश के 21 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में 785 OSOP केन्द्रों के साथ 728 स्टेशनों को शामिल किया गया है। 
    • इन OSOP स्टालों को एकरूपता प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान के माध्यम से डिजाइन किया गया है।  
  • ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट’ स्थान विशेष के लिए विशिष्ट हैं और इसमें स्वदेशी जनजातियों द्वारा बनाई गई कलाकृतियां, स्थानीय बुनकरों द्वारा हथकरघा, विश्व प्रसिद्ध लकड़ी की नक्काशी जैसे हस्तशिल्प, कपड़े पर चिकनकारी और जरी-जरदोजी का काम या मसाले चाय, कॉफी और अन्य संसाधित/अर्द्ध संसाधित खाद्य पदार्थ/उत्पाद जिनका देश में उत्पादन हुआ है, शामिल हैं। 
    • उदाहरण के लिए, पूर्वोत्तर भारत में असमिया पीठा, पारंपरिक राजबंशी पोशाक, झापी, स्थानीय कपड़ा, जूट उत्पाद (टोपी, गमछा, गुड़िया) ओएसओपी स्टालों पर उपलब्ध हैं और जम्मू-कश्मीर क्षेत्र, कश्मीरी गिरदा, कश्मीरी कहवा और सूखे मेवे प्रसिद्ध हैं, दक्षिण भारत में काजू उत्पाद, मसाले, चिन्नालापट्टी हथकरघा साड़ियाँ यात्रियों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं, देश के पश्चिमी भाग में कढ़ाई और ज़री ज़रदोज़ी, नारियल हलवा, स्थानीय रूप से उगाए गए फल, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, बंधनी प्रसिद्ध हैं।

इस योजना के तहत उत्पाद श्रेणियों में निम्नलिखित वस्तुएं शामिल हैं:

  • हस्तशिल्प/कलाकृतियाँ
  • कपड़ा और हथकरघा
  • पारंपरिक वस्त्र
  • स्थानीय कृषि उत्पाद (बाजरा सहित)/प्रसंस्कृत/अर्द्ध प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ।

2.प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा कार्यक्रम “पोषण भी, पढ़ाई भी” का शुभारंभ:

  • केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री ने 10 मई, 2023 को प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ECCE) द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान “पोषण भी, पढ़ाई भी” का शुभारंभ किया, जिसका मंतव्य “पोषण के साथ-साथ शिक्षा” है।
  • सरकार नई शिक्षा नीति के तहत विकास के लिये चिह्नित प्रमुख क्षेत्रों में कौशल निर्माण के क्रम में छह वर्ष से कम आयु के बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के प्रति कटिबद्ध है। 
    • इसमें शारीरिक/स्वाभाविक रूप से चलने-फिरने की क्षमता, चीजों को पहचाने-समझने की क्षमता सम्बंधी, सामाजिक-भावनात्मक-नैतिक, सांस्कृतिक/कलात्मक क्षेत्र तथा अभिव्यक्ति व शुरूआती भाषा, साक्षरता और अंकों की पहचान का विकास शामिल है। 
    • इन सबको ‘पोषण भी, पढ़ाई भी’ के तहत रखा गया है। 
    • ये समस्त कार्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा गठित ECCE कार्य-बल की सिफारिशों पर किया जायेगा। 
    • कार्य-बल की सिफारिशें राज्य सरकारों, विशेषज्ञों और सबसे महत्वपूर्ण यह कि माता-पिताओं व समुदायों के साथ गहन चर्चा के परिणामस्वरूप की गई हैं।
  • सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय तथा राज्यों के सम्बंधित विभागों के सहयोग से समावेशी पठन-पाठन सामग्री के विकास के महत्त्व पर जोर दिया, ताकि दिव्यांग बच्चों के लिये ECCE की कार्य-प्रणालियों का विकास हो सके तथा आंगनवाड़ी केंद्रों में अपने बच्चों को भेजने के बारे में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उनके माता-पिता को सहमत किया जा सके।

3.भारतीय नौ-सेना के जहाजों का सिहानोकविले:

  • आसियान देशों में भारतीय नौ-सेना की एक हिस्से के तैनाती के रूप में भारतीय नौ-सेना के जहाज दिल्ली और सतपुड़ा 11 से 14 मई 2023 तक सियानोकविले कंबोडिया के दौरे पर हैं। 
  • यह दौरा कंबोडिया के साथ भारत के सौहार्दपूर्ण संबंधों को दर्शाता है।
  • इस दौरान दोनों तरफ के नौ-सेना अधिकारी पेशेवर बात-चीत डेक- विज़िट और खेलों के आदान-प्रदान की एक विस्तृत श्रृंखला में शामिल  होंगे, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के मध्य अंतर-संचालनीयता और आपसी समझ को बढ़ाना है।
  • आईएनएस दिल्ली भारत का पहला स्वदेश निर्मित निर्देशित-मिसाइल विध्वंसक जहाज है और आईएनएस सतपुड़ा स्वदेश निर्मित बहूद्देशीय स्टील्थ-फ्रिगेट है। 
  • ये दोनों जहाज मल्टी-रोल हेलिकॉप्टर को ले जाने के साथ विभिन्न प्रकार के हथियारों और सेंसर से लैस हैं। ये दोनों जहाज भारत के उन्नत जहाज निर्माण क्षमता ओर डिज़ाइनों के प्रमाण है।
  • भारतीय नौ-सेना के जहाजों के इस दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के मध्य दोस्ती के गहरे संबंध को, समुद्री सहयोग द्वारा और मजबूत करना है।

 

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