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19 जनवरी 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. कलवारी श्रेणी की पांचवीं पनडुब्बी वागीर के परिचालन की शुरुआत 23 जनवरी 2023 से:  
  2. समुद्री अर्थव्यवस्था के लिए भारतीय बंदरगाह संघ तथा RIS के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर:
  3. महाराष्ट्र से खोजा गया नया पठार:
  4. प्रमुख बंदरगाहों के लिए न्यायिक बोर्ड का गठन अधिसूचित:

1. कलवारी श्रेणी की पांचवीं पनडुब्बी वागीर के परिचालन की शुरुआत 23 जनवरी 2023 से:

सामान्य अध्ययन: 3

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।

प्रारंभिक परीक्षा: वागीर पनडुब्बी, कलवारी श्रेणी की पनडुब्बी। 

प्रसंग: 

  • भारतीय नौसेना 23 जनवरी 2023 को कलवारी श्रेणी की पांचवीं पनडुब्बी वागीर के परिचालन की शुरुआत (कमीशन) करेगी।  

विवरण:  

  • भारत में इन पनडुब्बियों का निर्माण; मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) मुंबई द्वारा मैसर्स नेवल ग्रुप, फ्रांस के सहयोग से किया जा रहा है। 
  • कलवारी श्रेणी की चार पनडुब्बियों को पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल किया जा चुका है।
  • 12 नवंबर 2020 को अपने नए अवतार में लॉन्च की गई ‘वागीर’ पनडुब्बी को अब तक की सभी स्वदेशी निर्मित पनडुब्बियों में सबसे कम निर्माण समय में पूरा होने का गौरव प्राप्त है। 
  • समुद्री परीक्षणों की शुरुआत करते हुए इसने 22 फरवरी को अपनी पहली समुद्री यात्रा की और कमीशन से पहले यह व्यापक स्वीकृति जांच तथा सख्त व चुनौती वाले समुद्री परीक्षणों की एक श्रृंखला से गुजरी।
  • मैसर्स एमडीएल ने 20 दिसंबर 2022 को इस पनडुब्बी को भारतीय नौसेना के सुपुर्द किया।

वागीर – फेरोसिएस फिफ्थ:

  • वागीर भारत के समुद्री हितों को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना की क्षमता को बढाएगी और यह सतह-रोधी युद्ध, पनडुब्बी-रोधी युद्ध, खुफिया जानकारी एकत्र करने, माइन बिछाने तथा निगरानी मिशन सहित विभिन्न मिशनों को पूरा करने में सक्षम है।

वागीर – सैंड शार्क:

  • सैंड शार्क ‘गोपनीयता और निडरता’ का प्रतिनिधित्व करती है, दो गुण जो एक पनडुब्बी के प्राथमिक विशेषताओं के पर्याय होते हैं।
  • भारतीय नौसेना में वागीर को शामिल करना, नौसेना की विनिर्माता के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने की ओर एक और कदम है, साथ ही यह एक प्रमुख जहाज और पनडुब्बी निर्माण यार्ड के रूप में एमडीएल की क्षमताओं को भी दर्शाती है। 

पृष्ठ्भूमि:

गौरवशाली अतीत और स्थापना:

  • पूर्व के वागीर को 01 नवंबर 1973 को कमीशन किया गया था और इसने निवारक गश्त सहित कई परिचालन मिशन संचालित किये। 
  • लगभग तीन दशकों तक देश की सेवा करने के बाद 07 जनवरी 2001 को पनडुब्बी को सेवामुक्त किया गया।

2. समुद्री अर्थव्यवस्था के लिए भारतीय बंदरगाह संघ तथा RIS के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच, उनकी संरचना, अधिदेश।  

प्रारंभिक परीक्षा: भारतीय बंदरगाह संघ (IPA)। 

मुख्य परीक्षा: भारतीय बंदरगाह संघ तथा RIS के बीच हुए समझौते के महत्व पर प्रकाश डालिये।   

प्रसंग: 

  • समुद्री अर्थव्यवस्था और कनेक्टिविटी केंद्र स्थापित करने के लिए भारतीय बंदरगाह संघ (IPA) तथा विकासशील देशों के लिए अनुसंधान और सूचना प्रणाली (RIS) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। 

उद्देश्य:

  • यह समुद्री अर्थव्यवस्था और कनेक्टिविटी केंद्र स्थापित करने में सहायक होगा।   

विवरण:  

  • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ग्रेटर निकोबार में गलाथिया खाड़ी में भावी ट्रांसशिपमेंट पोर्ट की प्रस्तावित परियोजना बिम्सटेक राष्ट्रों के लिए फायदेमंद होगी। 
  • इसलिए गतिशक्ति पहल का दायरा भारत के तटों के भी पार जाएगा, जिससे पड़ोसी देशों के बंदरगाहों को भी लाभ मिल सकेगा।

3. महाराष्ट्र से खोजा गया नया पठार :

सामान्य अध्ययन: 1

भूगोल: 

विषय: भारत के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ।   

प्रारंभिक परीक्षा: भारत के चार वैश्विक विविधता हॉटस्पॉट, पश्चिमी घाट की विशेषताएँ। 

प्रसंग: 

  • भारत के चार वैश्विक विविधता हॉटस्पॉट में से एक पश्चिमी घाट के ठाणे क्षेत्र में खोजे गए 24 अलग-अलग परिवारों के पौधों और झाड़ियों की 76 प्रजातियों वाला एक दुर्लभ कम ऊंचाई वाला बेसाल्ट पठार विविध प्रजातियों की जानकारी का भंडार साबित हो सकता है।

उद्देश्य:

  • यह प्रजातियों के अस्तित्व पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन करने में आउटक्रॉप्स की संरक्षण आवश्यकताओं और उनके विशाल जैव विविधता मूल्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने में सहायक हो सकता है।  

विवरण:  

  • हाल ही में ठाणे जिले के मंजरे गांव में एक दुर्लभ कम ऊंचाई वाले बेसाल्ट पठार की खोज की गई। यह इस क्षेत्र में पहचाना जाने वाला चौथे प्रकार का पठार है।
  • पठार का सर्वेक्षण करते हुए 24 विभिन्न परिवारों के पौधों और झाड़ियों की 76 प्रजातियों का प्रलेखन किया।
    • यह एक महत्वपूर्ण खोज है क्योंकि पठार तीन अन्य रॉक आउटक्रॉप्स के साथ वनस्पति साझा करने के  साथ-साथ कुछ अनूठी प्रजातियों को भी धारण करता है। 
    • यह अलग-अलग पर्यावरणीय परिस्थितियों में प्रजातियों के इंटरएक्शन का अध्ययन करने के लिए एक अनूठी मॉडल प्रणाली प्रदान करता है।
  • हाल ही में प्रकाशित शोध पत्र ने उत्तरी पश्चिमी घाट में ठाणे जिले के मंजरे गांव में नए खोजे गए निम्न स्तरीय बेसाल्ट पठार के महत्व पर प्रकाश डाला है, जो औसत समुद्र तल से 156 मीटर ऊपर है। 

पृष्ठ्भूमि:

  • पश्चिमी घाट भारत में चार वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट में से एक है। 
    • पठार पश्चिमी घाट में एक प्रमुख भूदृश्य है, जो स्थानिक प्रजातियों की प्रबलता के कारण महत्वपूर्ण है। 
    • उन्हें एक प्रकार के रॉक आउटक्रॉप के रूप में वर्गीकृत किया गया है और यह प्रजातियों को अनुकूल करने के लिए अद्वितीय और चुनौतीपूर्ण वातावरण प्रदान करता है। 
    • इन आउटक्रॉप में मौसमी पानी की उपलब्धता, सीमित मिट्टी और पोषक तत्व होते हैं, जो उन्हें प्रजातियों के अस्तित्व पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए आदर्श प्रयोगशाला बनाते हैं। 
    • पठार इस प्रकार अंतर्दृष्टि का एक मूल्यवान स्रोत है कि प्रजातियां चरम स्थितियों में कैसे जीवित रह सकती हैं।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1.प्रमुख बंदरगाहों के लिए न्यायिक बोर्ड का गठन अधिसूचित:

  • प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण अधिनियम, 2021 को 03 जनवरी 2021 को लागू किया गया। 
    • इस अधिनियम की धारा 54 में एक न्यायिक बोर्ड के गठन की परिकल्पना की गई है, जो उक्त अधिनियम की धारा 58 के तहत निर्धारित कार्यों को पूरा करेगा।
  • उक्त अधिनियम के तहत बनाए गए प्रमुख बंदरगाह न्यायिक बोर्ड नियम, 2023 को 17 जनवरी 2023 को राजपत्र में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया गया है। 
    • इस न्यायिक बोर्ड में एक पीठासीन अधिकारी और दो सदस्य होंगे। 
    • पीठासीन अधिकारी भारत के सर्वोच्च न्यायालय का सेवानिवृत्त न्यायाधीश या उच्च न्यायालय का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश होगा और दो सदस्य या तो राज्य सरकार के सेवानिवृत्त मुख्य सचिव या समकक्ष; या फिर भारत सरकार के एक सेवानिवृत्त सचिव या समकक्ष होंगे।
  • इस न्यायिक बोर्ड के पीठासीन अधिकारी और सदस्यों की नियुक्ति एक चयन समिति की सिफारिश पर की जाएगी जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित व्यक्ति; कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव तथा पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव शामिल होंगे।
  • सरकार द्वारा उपरोक्त नियमों के अनुसार न्यायिक बोर्ड गठित करने की कार्रवाई शुरू की जा रही है।
    • न्यायिक बोर्ड के गठन के बाद प्रमुख बंदरगाहों के लिए प्रशुल्क प्राधिकरण का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।

 

19 January PIB :- Download PDF Here

लिंक किए गए लेख में 18 जनवरी 2023 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।

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