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19 जुलाई 2022 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. सरकार ने राष्ट्रीय युवा नीति का नया मसौदा तैयार किया 
  2. गोल कार्यक्रम (गोल 2.0) का दूसरा चरण शुरू: 
  3. वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में आरएंडडी के क्षेत्र में एफडीआई इक्विटी 516 फीसदी अधिक:
  4. भारत अफ्रीका के साथ सौर ऊर्जा, रक्षा व्यापार और सैन्य आदान-प्रदान साझेदारी को मजबूत करने की योजना बना रहा है:
  5.  मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम (थोटा)- 1994:
  6. जन समर्थ पोर्टल:
  7.  जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (जेएनपीसीटी):
  8.  खेलों के विकास के लिए निम्नलिखित योजनाएं

1. सरकार ने राष्ट्रीय युवा नीति का नया मसौदा तैयार किया: 

सामान्य अध्ययन: 2

शासन: 

विषय: शासन, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पहलू।

प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय युवा नीति (एनवाईपी)। 

मुख्य परीक्षा: राष्ट्रीय युवा नीति (एनवाईपी) के महत्व पर प्रकाश डालिये।    

प्रसंग: 

  • सरकार ने मौजूदा राष्ट्रीय युवा नीति, 2014 की समीक्षा की है और राष्ट्रीय युवा नीति (एनवाईपी) का एक नया मसौदा तैयार किया है ।

उद्देश्य:

  • सुझावों/टिप्पणियों और बहु-हितधारकों से विचार-विमर्श के बाद इस नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।  

विवरण:  

  • एनवाईपी के मसौदे में युवा विकास के लिए दस साल की परिकल्पना की गई है जिसे भारत 2030 तक हासिल करना चाहता है। 
  • एनवाईवी प्राथमिकता वाले पांच क्षेत्रों जैसे शिक्षा; रोजगार और उद्यमिता; युवा नेतृत्व और विकास; स्वास्थ्य, फिटनेस और खेल; तथा सामाजिक न्याय आदि है।
    • प्रत्येक प्राथमिकता वाला क्षेत्र उपेक्षित वर्गों को ध्यान में रखते हुए सामाजिक समावेश के सिद्धांत पर आधारित है।
  • राष्ट्रीय युवा नीति के मसौदे में परिकल्पित लाभों और उद्देश्यों का विवरण नीचे दिया गया है:
  • i) नीति आने वाले दशक में युवाओं के लिए विस्तृत रोडमैप तैयार करती है और प्रत्येक प्राथमिकता वाले क्षेत्र में कार्यों को चित्रित करती है।
  • (ii) नीति राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के साथ एक शिक्षा प्रणाली की कल्पना करती है जो सभी युवाओं को करियर के अवसर और जीवन कौशल प्रदान करती है।
  • यह सुनिश्चित करती है कि युवाओं के पास स्थायी आजीविका के अवसर हैं जो उन्हें ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बने रहने और उसे पुनर्जीवित करने, सूक्ष्म-क्षेत्र-विशिष्ट रणनीतियों के माध्यम से रोजगार पैदा करने, उद्यमशीलता और सामाजिक उद्यमिता को बढ़ावा देने तथा अनौपचारिक एवं उभरती हुई गिग अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
  • (iii) भारत के पुरुष और महिला दोनों को कल के नेताओं के रूप में विकसित करने के लिए, नीति स्‍‍वैच्छिक इकोसिस्टम को मजबूत करने, नेतृत्व के अवसरों का विस्तार करने और एक जीवंत युवा सक्षम मंच स्थापित करने के लिए प्रौद्योगिकी को जुटाने का प्रावधान करती है।
  • (iv) इस जनसांख्यिकीय के बीच युवाओं, विशेष रूप से प्रजनन आयु की युवा महिलाओं का स्वास्थ्य और कल्याण, निवारक तथा उपशामक स्वास्थ्य देखभाल को मजबूत करके सुनिश्चित किया जाएगा, विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य, मादक द्रव्यों के सेवन विकारों और यौन तथा प्रजनन स्वास्थ्य के मुद्दों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  • यह नीति उपेक्षित युवाओं को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य सेवा वितरण और विशिष्ट हस्तक्षेपों में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी और डेटा जुटाने के लिए एक प्रगतिशील और आवश्यक दृष्टिकोण को दर्शाती है।
  • नीति में खेल और फिटनेस की जीवंत संस्कृति का निर्माण करके युवाओं की समग्र फिटनेस को मजबूत करने का भी प्रस्ताव है।
  • (v) नीति न्याय के त्वरित वितरण के लिए कानूनी प्रणाली को मजबूत करेंगे और किशोरों के पुनर्वास के लिए समग्र समर्थन प्रदान करेंगे।
  • उपेक्षित और कमजोर युवाओं के लिए सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास निर्धारित हैं ..
  • (vi) यह नीति भारत के कल के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए आज के युवाओं के विकास के लिए एक रोडमैप है।
  • इस राष्ट्रीय स्तर के ढांचे को उन राज्यों द्वारा अपनाया जाएगा जो क्षेत्र की विकास जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी युवा नीतियां तैयार करेंगे।

2. गोल कार्यक्रम (गोल 2.0) का दूसरा चरण शुरू:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन: 

विषय:शासन, पारदर्शिता इसके मुख्य महत्वपूर्ण पहलू एवं सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं एवं उनका कमजोर वर्ग पर प्रभाव।  

प्रारंभिक परीक्षा: गोल कार्यक्रम (गोल 2.0)।  

मुख्य परीक्षा:   

प्रसंग: 

  •  जनजातीय युवाओं के डिजिटल कौशल को बढ़ाने के उद्देश्य से गोल कार्यक्रम (गोल 2.0) का दूसरा चरण 28 जून, 2022 से शुरू किया गया हैं। 

उद्देश्य:

  • गोल (गोइंग ऑनलाइन एज लीडर्स) जनजातीय कार्य मंत्रालय और मेटा (पहले फेसबुक) की एक संयुक्त पहल है।
  • इसका उद्देश्य मेंटॉर (सलाहकार या प्रशिक्षण देने वाला) और मेंटी (प्रशिक्षु) की अवधारणा के माध्यम से जनजातीय युवाओं व महिलाओं का डिजिटल सशक्तिकरण करना है।

विवरण:  

  • गोल कार्यक्रम के पहले चरण को मई, 2020 में एक प्रमुख परियोजना के रूप में शुरू किया गया था।
  • इस चरण में प्रशिक्षुओं को तीन पाठ्यक्रम आधारों में 40 घंटे से अधिक का प्रशिक्षण प्रदान किया गया था।
  • ये पाठ्यक्रम थे- 1) संचार व जीवन कौशल, 2) डिजिटल उपस्थिति को सक्षम बनाना और 3) नेतृत्व व उद्यमिता।
  • गोल कार्यक्रम के पहले चरण के तहत 23 राज्यों के 176 जनजातीय युवाओं को एक ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से चयन किया गया।
  • फेसबुक ने प्रशिक्षुओं को एक स्मार्ट फोन व इंटरनेट कनेक्टिविटी भी प्रदान की गई थी।
  • वहीं, गोल कार्यक्रम के दूसरे चरण (गोल 2.0) को 28 जून, 2022 को शुरू किया गया।
  • इसका उद्देश्य उद्यमिता को बढ़ावा देकर और डिजिटल तकनीक का उपयोग करके जनजातीय युवाओं के कौशल को डिजिटल रूप से उन्नत बनाना था।
  • चरण- I में एक प्रशिक्षक को दो प्रशिक्षकों से जोड़कर ऑनलाइन डिजिटल मेंटरशिप प्रदान की गई। पहले चरण से से प्राप्त शिक्षण के आधार पर दूसरे चरण के डिजाइन में बदलाव किया गया।
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य जनजातीय युवाओं को फेसबुक लाइव सत्र और एक डिजिटल शिक्षण उपकरण- मेटा बिजनेस कोच के माध्यम से कौशल को बढ़ाना और डिजिटल रूप में सक्षम बनाना है।
  • 50,000 वन धन स्वंय सहायता समूहों के 10 लाख से अधिक सदस्यों पर विशेष फोकस रहेगा।
  • वे अपने उत्पादों की बाजार मांग, पैकेजिंग, ब्रांडिंग और विपणन को लेकर डिजिटल रूप से प्रशिक्षित होंगे।
  • यह कार्यक्रम पूरी तरह से मेटा (फेसबुक इंडिया) की ओर से वित्त पोषित है।
  • जनजातीय कार्य मंत्रालय ने इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए कोई व्यय नहीं किया है या कोई धनराशि उपलब्ध नहीं कराई है।
  • संचार प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिकी मंत्रालय के समन्वय से जनजातीय कार्य मंत्रालय इस कार्यक्रम के तहत चुने गए 175 ईएमआरएस विद्यालयों में से हर एक में 6 डिजिटल कक्षाएं प्रदान करेगा।
  • यह परियोजना ईआरनेट की ओर से कार्यान्वित की जा रही है, जो संचार प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिकी मंत्रालय के पास उपलब्ध एसटीसी निधि के माध्यम से और 10 फीसदी वित्त पोषण एनईएसटी की ओर से किया जा रहा है।
  • कौशल भारत मिशन के तहत कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय अपनी महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) को लागू कर रहा है।
  • पीएमकेवीवाई 3.0 के तहत डिजिटल प्रौद्योगिकी व उद्योग 4.0 में कौशल विकास पर भी ध्यान दिया गया है।
  • क्षेत्र कौशल परिषदों (एसएससी) ने नई और उभरती डिजिटल तकनीकों व उद्योग 4.0 कौशल जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) में भी रोजगार का सृजन किया है।
  • कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के पास साल 2022-23 के दौरान जनजातियों के कौशल विकास से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों के लिए अनुसूचित जनजाति घटक (एसटीसी) के तहत 203 करोड़ रुपये का बजट है।
  • इसके अलावा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने ई-स्किल इंडिया पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन कौशल विकास की शुरुआत की है।
  • यह मंच डिजाइन थिंकिग, परियोजना प्रबंधन और डिजिटल मार्केटिंग जैसे पेशेवर कौशल के साथ-साथ उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे कि साइबर सुरक्षा, ब्लॉकचेन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता व मशीन लर्निंग, प्रोडक्टिव मॉडलिंग, स्टैटिस्टिकल बिजनेस एनालिटिक्स, क्लाउड व इंटरनेट ऑफ थिंग्स को सीखने के अवसर प्रदान करता है।
  • इसके अलावा शिक्षा मंत्रालय और साक्षरता विभाग, केंद्रीय प्रायोजित योजना ‘समग्र शिक्षा’ के व्यापक दायरे के तहत स्कूली शिक्षा को  व्यवसाय उन्मुख (वोकेशनल) बनाने  की पहल को कार्यान्वित कर रहा है।
  • इसके तहत योजना के अधीन आने वाले विद्यालयों में 9वीं से 12वीं कक्षा तक के जनजातीय छात्रों सहित स्कूली छात्रों के लिए एनएसक्यूएफ के अनुरूप व्यावसायिक पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं।
  • इनमें संचार कौशल, स्व-प्रबंधन कौशल, सूचना व संचार प्रौद्योगिकी कौशल, उद्यमिता कौशल व हरित कौशल शामिल हैं।

 3. वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में आरएंडडी के क्षेत्र में एफडीआई इक्विटी 516 फीसदी अधिक: 

सामान्य अध्ययन: 3

आर्थिक विकास:

विषय: भारत का आयात निर्यात,विदेशी निवेश,व्यापार संतुलन एवं देश के आर्थिक विकास में इसका महत्व।  

प्रारंभिक परीक्षा: एफडीआई इक्विटी ?

प्रसंग: 

  • भारत ने अनुसंधान एवं विकास यानी आरएंडडी के क्षेत्र में कैलेंडर वर्ष 2021 के दौरान 343.64 मिलियन अमरीकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई इक्विटी प्रवाह आकर्षित किया जो पिछले कैलेंडर वर्ष 2020 (यूएसडी 55.77 मिलियन) की तुलना में 516 फीसदी अधिक है। 

उद्देश्य:

  • अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र में 100 फीसदी स्वचालित मार्ग के तहत लागू कानूनों/विनियमनों, सुरक्षा और अन्य शर्तों के अधीन एफडीआई की अनुमति है।  

विवरण:  

  • कैलेंडर वर्ष 2021 के दौरान आरएंडडी में एफडीआई इक्विटी प्राप्त करने वाले राज्यों में कर्नाटक है। इसके बाद तेलंगाना और हरियाणा का स्थान है।
  • कैलेंडर वर्ष 2021 के दौरान निम्नलिखित राज्यों ने कैलेंडर वर्ष की तुलना में 250 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हासिल की। ये राज्य हैं: तेलंगाना, कर्नाटक, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु।
  • कैलेंडर वर्ष 2021 के दौरान आरएंडडी के क्षेत्र में सिंगापुर शीर्ष निवेश करने वाला देश है, जिसकी आरएंडडी में कुल एफडीआई इक्विटी में 40 फीसदी हिस्सेदारी है।
  • इसके बाद जर्मनी (35 फीसदी) और यूएसए (11 फीसदी) का स्थान है।
  • इसके अलावा, जर्मनी, मॉरीशस, फ्रांस, सिंगापुर, ओमान और यूएसए जैसे कई देशों से एफडीआई इक्विटी इन्फ्लो में पिछले कैलेंडर वर्ष की तुलना में 200 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई।
  • डेमलर ट्रक इनोवेशन सेंटर कैलेंडर वर्ष 2021 के दौरान आरएंडडी मे कुल एफडीआई इक्विटी की 35 फीसदी हिस्सेदारी के साथ आरएंडडी में शीर्ष एफडीआई इक्विटी प्रवाह हासिल करने वाली कंपनी थी। इसके बाद अगले पायदान पर अराजेन लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड (34 फीसदी) और स्टेलिस बायोफार्मा प्राइवेट लिमिटेड (21 फीसदी) हैं।
  • ये रुझान एक मजबूत और प्रगतिशील अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र का संकेत देते हैं जो नवाचार को प्रोत्साहन देकर और उत्पादकता बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचाएगा, जिससे उच्च आर्थिक विकास होगा।

 पृष्ठ्भूमि:

  • अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो उच्च आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) अर्थव्यवस्था में दीर्घकालिक स्थायी पूंजी का संचार करता है और अन्य लाभों के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, रणनीतिक क्षेत्रों के विकास, अत्यधिक नवाचार, प्रतिस्पर्धा और रोजगार सृजन में योगदान देता है।
  • त्वरित आर्थिक संवृद्धि और विकास के लिए घरेलू पूंजी, प्रौद्योगिकी और कौशल के पूरक के लिए आरएंडडी गहन एफडीआई आकर्षित करने व इसे प्रोत्साहन देने की दिशा सरकार निरंतर प्रयासरत है।

 4. भारत अफ्रीका के साथ सौर ऊर्जा, रक्षा व्यापार और सैन्य आदान-प्रदान साझेदारी को मजबूत करने की योजना बना रहा है: 

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: भारत के व्यापारिक हितों पर विभिन्न विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियां,समझौते और उनका प्रभाव।  

मुख्य परीक्षा: भारत-अफ्रीका संबंधों पर एक लेख लिखिए।   

प्रसंग: 

  • भारत अपनी और अफ्रीका की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए चार क्षेत्रों में दोनों देशों की भागीदारी को मजबूत करने की योजना बना रहा है। 

उद्देश्य: 

  • पहला क्षेत्र, सौर ऊर्जा है, इससे स्वच्छ ऊर्जा और ऊर्जा सुरक्षा लाने में मदद मिलेगी तथा अफ्रीका में रोजगार सृजित होंगे।
  • दूसरा, हिंद महासागर में रक्षा व्यापार और सैन्य आदान-प्रदान, बख्तरबंद वाहनों और यूएवी का निर्माण है।
  • तीसरा, फिजिकल और डिजिटल इंफ्रा है, जो आईटी/कंसल्टेंसी और प्रोजेक्ट एक्सपोर्ट में मदद करेगा।
  • चौथा, स्वास्थ्य देखभाल और फार्मा है।

विवरण:  

  • भारत-अफ्रीका विकास साझेदारी पर सीआईआई-एक्जिम बैंक कॉन्क्लेव का उद्घाटन।
  • यह सम्मेलन भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरा होने से ठीक पहले उस समय आयोजित किया जा रहा है।
  • भारत और अफ्रीकी देशों के बीच गहरी दोस्ती विकसित हो रही है।
  • भारत-अफ्रीका साझेदारी हमारी आगे की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, क्योंकि भारत और अफ्रीका की आबादी सामूहिक रूप से दुनिया की कुल आबादी का 1/3 हिस्सा हैं लेकिन दोनों देश कई मामलों में बहुत भिन्न भी हैं।
  • भारत-अफ्रीका रिश्तों के चार स्तंभ हैं लोग, व्यापार, व्यवसाय और सरकार। लगभग 46 अफ्रीकी देशों में भारतीय प्रवासी मौजूद हैं।
  • पिछले 25 वर्षों से भारत 71 अरब डॉलर के निवेश के साथ अफ्रीका में निवेश करने वाले 5 शीर्ष देशों में शामिल हो गया है।
  • दक्षिण अफ्रीका से भारत को मिलने वाले समर्थन में प्रस्तावित ट्रिप्स छूट (दक्षिण अफ्रीका और भारत द्वारा प्रायोजित और सभी अफ्रीकी देशों द्वारा समर्थित), हमारी साझेदारी की ताकत और विकासशील देशों के समूह के रूप में काम करने के हमारे प्रयासों को दर्शाती है।
  • व्यापार के मामले में अफ्रीका भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
  • हमारा व्यवसायिक व्यापार 2019-20 के 67 अरब डॉलर से बढ़कर 2021-22 में 89 अरब डॉलर हो गया।
  • भारत विभिन्न अफ्रीकी देशों को 40 अरब डॉलर का निर्यात और वहां से 49 अरब डॉलर का आयात करता है।
  • यही समय है, जब भारत और अफ्रीका वैश्विक प्रगति का नेतृत्व कर सकते हैं। हम अफ्रीका को प्रगति में भागीदार के रूप में देखते हैं।
  • भारत ने अफ्रीका के 27 अल्प विकसित (एलडीसी) देशों को शुल्क मुक्त टैरिफ वरीयता का लाभ दिया है।
  • कोविड बाद की दुनिया में स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में भारतीय ज्ञान अफ्रीका के साथ रिश्तों को गहरा करने में मदद करेगा।
  • हम पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, फिनटेक और सौर ऊर्जा जैसे कई क्षेत्रों में कम लागत वाले समाधान तलाशने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।
  • भारत ने दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाया है।
  • भारत विभिन्न अफ्रीकी देशों में समान प्रणाली बनाने में मदद कर सकता है और डीपीआईआईटी स्टार्टअप इंडिया के अनुभवों और विशेषज्ञता को स्टार्टअप अफ्रीका के साथ साझा कर सकता है।

 5. मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम (थोटा)- 1994: 

सामान्य अध्ययन: 2

स्वास्थ:

विषय: सरकार की स्वास्थ एवं चिकित्सा सम्बन्धी योजनाएं एवं उनका प्रभाव।  

प्रारंभिक परीक्षा: मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम (थोटा)- 1994

प्रसंग: 

  • मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम (थोटा)- 1994 में चिकित्सीय उद्देश्यों और मानव अंगों व ऊतकों के वाणिज्यिक लेनदेन की रोकथाम के लिए मानव अंगों व ऊतकों को हटाने, भंडारण और प्रत्यारोपण के नियमन का प्रावधान है।

उद्देश्य:

  • उपरोक्त अधिनियम के तहत कृत्रिम अंगों का विषय विनियमित नहीं है।
  • राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और राज्य स्तर पर अंग व ऊतक प्रत्यारोपण संगठनों का एक नेटवर्क स्थापित करने और उन्हें प्रत्यारोपण व फिर से प्राप्त करने वाले अस्पतालों व ऊतक बैंकों के साथ जोड़ने के लिए राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम (एनओटीपी) लागू किया गया है।
  • मृत दाताओं से अंग व ऊतकों की खरीद और वितरण के लिए एक कुशल प्रणाली के लिए अंग व ऊतक दाताओं और प्राप्तकर्ताओं की राष्ट्रीय रजिस्ट्री का प्रावधान किया गया है।

विवरण:  

  • स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की रिपोर्ट के अनुरूप पिछले दशक में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, क्रोनिक किडनी रोग और गैर-अल्कोहलिक फैटी लीवर जैसी बीमारियों में व्यापक बढ़ोतरी हुई है, जिससे अंग को नुकसान हो सकता है।
  • इनमें एक बार अंतिम चरण के अंग की विफलता के बाद अंग प्रत्यारोपण की जरूरत हो सकती है।
  • भारत सरकार ने राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और राज्य स्तर पर अंग व ऊतक प्रत्यारोपण संगठनों का एक नेटवर्क स्थापित करने और उन्हें प्रत्यारोपण व फिर से प्राप्त करने वाले अस्पतालों व ऊतक बैंकों के साथ जोड़ने के लिए और मृत दाताओं से अंगों व ऊतकों की खरीद और वितरण के लिए एक कुशल प्रणाली प्रदान करने के उद्देश्य से अंग व ऊतक दाताओं और प्राप्तकर्ताओं की एक राष्ट्रीय रजिस्ट्री बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम (एनओटीपी) लागू किया गया है।
  • इस कार्यक्रम के तहत नए अंगों व ऊतक प्रत्यारोपण व फिर से प्राप्त करने की सुविधाओं को स्थापित करने या उन्नयन करने व ऊतक बैंकों की स्थापना करने के लिए सहायता प्रदान की जाती है।

 6. जन समर्थ पोर्टल: 

सामान्य अध्ययन: 2

शासन 

विषय: शासन, पारदर्शिता इसके मुख्य महत्वपूर्ण पहलू एवं सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं एवं उनका कमजोर वर्ग पर प्रभाव। 

प्रारंभिक परीक्षा: जन समर्थ पोर्टल। 

प्रसंग: 

  • सरकार ने 6 जून, 2022 को “जन समर्थ” पोर्टल लॉन्च किया था। 

उद्देश्य:

  • “जन समर्थ” पोर्टल के उपयोग से ऋण आवेदन और धनराशि वितरण प्रक्रिया आसान हो जायेगी, क्योंकि आवेदन के अपलोड होने के बाद आगे की प्रक्रिया के लिए इसमें लगे नियम इंजन स्वतः काम करना शुरू कर देते हैं।
  • इससे समय और मेहनत की बचत होगी, क्योंकि आवेदक पोर्टल पर ऋण के लिए आवेदन कर सकता है, जो 24/7 आधार पर उपलब्ध है।

विवरण:  

  • पोर्टल वर्तमान में ऋण से जुड़ी 13 सरकारी योजनाओं के तहत युवाओं, छात्रों, उद्यमियों और किसानों के लिए ऋण की सुविधा देता है, जिनमें शिक्षा ऋण, कृषि ऋण, व्यावसायिक गतिविधि ऋण और आजीविका ऋण आदि शामिल हैं।
  • कोई भी आवेदक/लाभार्थी पंजीकरण कर सकता है, विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत पात्रता की जांच कर सकता है और जन समर्थ पोर्टल के माध्यम से डिजिटल ऋण के लिए आवेदन कर सकता है।

“जन समर्थ” पोर्टल की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • i) यह सभी हितधारकों जैसे लाभार्थियों, वित्तीय संस्थानों, केंद्र/राज्य सरकार की एजेंसियों और नोडल एजेंसियों को एक साझा मंच प्रदान करता है।
  • ii) आवेदक वर्तमान में इस पोर्टल के माध्यम से 13 योजनाओं तक पहुँच सकता है।
  • iii) सब्सिडी पात्रता की जांच के लिए आवेदकों का सहज मार्गदर्शन।
  • iv) लाभार्थी के लिए सबसे उपयुक्त योजना की सिफारिश की सुविधा।
  • vi) डिजिटल सत्यापन के आधार पर ऋण आवेदन की डिजिटल स्वीकृति।
  • vii) लाभार्थी अपने ऋण आवेदन की स्थिति की जानकारी वास्तविक समय पर प्राप्त कर सकते हैं।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

7. जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (जेएनपीसीटी):

  • जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (जेएनपीसीटी) देश का पहला ऐसा बंदरगाह बन गया है, जिसके बुनियादी ढांचे पर बंदरगाह प्राधिकरण का शत प्रतिशत मालिकाना हक है तथा प्राधिकरण के नियमों का ही पालन किया जायेगा; परिचालन पीपीपी आधार पर होगा।
  • भारतीय बंदरगाहों में निवेश की निजी-सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) प्रणाली ने पिछले 25 वर्षों के दौरान उल्लेखनीय प्रगति की है।
  • इसकी शुरूआत जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (जेएनपी) से की गई। परिणामस्वरूप क्षमता और उत्पादकता में बढ़ोतरी व सुधार हुआ।
  • जेएनपी देश का अग्रणी कंटेनर बंदरगाह है तथा विश्व के 100 बंदरगाहों में 26वें नंबर पर आता है, जैसा कि लॉयड लिस्ट टॉप 100 पोर्ट्स 2021 रिपोर्ट में दर्ज है।
  • इस समय, जेएनपी में पांच कंटेनर टर्मिनल काम कर रहे हैं, जिसमें से केवल एक बंदरगाह प्राधिकरण के स्वामित्व में है।
  • दूर-दराज के इलाकों से वह रेल व सड़क के माध्यम से जुड़ा है। सीएफएस, आईसीटी के साथ कनेक्टिविटी, सम्पूर्ण कस्टम हाउस, हवाई अड्डा, होटल, मुम्बई, पुणे, नासिक से निकटता तथा औद्योगिक पट्टी के कारण यह अनोखा कंटेनर टर्मिनल बन जाता है।
  • पीपीपी के तहत अब तक 55,000 करोड़ रुपये की कीमत की 86 परियोजनाओं को मंजूर किया गया है।

8. खेलों के विकास के लिए निम्नलिखित योजनाएं:

  • ‘खेल’ राज्य का विषय होने के कारण जनजातीय समुदाय के बच्चों को पारंपरिक खेलों में अपनी प्रतिभा दिखाने में समर्थ बनाने और  खेलों को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से संबंधित राज्य/केन्द्र-शासित प्रदेश की सरकारों की है।
  • युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय जनजातीय क्षेत्रों सहित देश भर में खेलों के विकास के लिए निम्नलिखित योजनाओं को संचालित कर रहा है:  

योजनाएं 

  • खेलो इंडिया- खेलों के विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम
  • राष्ट्रीय खेल संघों को सहायता
  • अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के विजेताओं एवं उनके प्रशिक्षकों को विशेष पुरस्कार
  • राष्ट्रीय खेल पुरस्कार
  • मेधावी खिलाड़ियों को पेंशन
  • पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय खेल कल्याण कोष
  • राष्ट्रीय खेल विकास कोष
  • भारतीय खेल प्राधिकरण के माध्यम से खेल प्रशिक्षण केन्द्रों का संचालन
  • साथ ही, युवा कार्यक्रम विभाग नेहरू युवा केन्द्र संगठन (एनवाईकेएस) के माध्यम से जनजातीय इलाकों सहित देश भर के 623 जिलों में ग्रामीण युवाओं के बीच खेल संस्कृति को विकसित करने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है।

इसके दो घटक हैं, यानी:

  • (i) युवा मंडलों को खेल किट प्रदान करना- इस कार्यक्रम के तहत, चयनित एनवाईके युवा मंडलों को खेल किट प्रदान की जाती हैं ताकि वे नियमित रूप से विभिन्न खेल गतिविधियों का आयोजन कर सकें।
  • (ii) प्रखंड एवं जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन- एनवाईकेएस प्रखंड एवं जिला स्तर के युवा मंडलों के बीच खेल प्रतियोगिताएं आयोजित करता है।
  • एनवाईकेएस गृह मंत्रालय के वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभाग के सहयोग से जनजातीय युवाओं का आदान – प्रदान कार्यक्रम लागू कर रहा है।
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाकों के जनजातीय युवाओं को देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रति संवेदनशील बनाना, उन्हें विविधता में एकता की अवधारणा की सराहना करने में समर्थ बनाना, देश के अन्य हिस्सों में हो रही विकास की गतिविधियों एवं तकनीकी/औद्योगिक उन्नति से अवगत कराना, अपनी जरूरतों के बारे में उनकी समझ को बढ़ाकर तथा करियर संबंधी आवश्यक परामर्श प्रदान करके उनके व्यक्तित्व का विकास करना है।
  • जनजातीय युवाओं के आदान-प्रदान कार्यक्रम के दौरान, पारंपरिक खेलों का प्रदर्शन भी किया जाता है।

लिंक किए गए लेख में 18 July 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।

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