विषयसूची:
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इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने ‘फिन्क्लुवेशन’ लॉन्च किया:
सामान्य अध्ययन: 3
अर्थव्यवस्था:
विषय: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां,हस्तक्षेप,उनके डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
प्रारंभिक परीक्षा: ‘फिन्क्लुवेशन’,इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक
प्रसंग:
- भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ तथा वर्तमान में जारी आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर डाक विभाग (डीओपी) के अधीन आने वाले इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने ‘फिन्क्लुवेशन’ – वित्तीय समावेशन के लिए समाधानों के सह-सृजन तथा नवोन्मेषण के लिए फिनटेक स्टार्टअप का सहयोग करने के लिए एक संयुक्त पहल- लॉन्च करने की घोषणा की।
उद्देश्य:
- वित्तीय समावेशन के लिए लक्षित सार्थक वित्तीय उत्पादों के निर्माण की दिशा में स्टार्टअप समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए एक शक्तिशाली मंच की स्थापना करने की यह प्रथम पहल है।
विवरण:
- ‘फिनक्लुवेशन सहभागी स्टार्टअप्स के साथ समावेशी वित्तीय समाधानों को सृजित करने के लिए आईपीपीबी का एक स्थायी प्लेटफॉर्म होगा।
- आईपीपीबी तथा डाक विभाग सामूहिक रूप से डाक घर के माध्यम से लगभग 430 मिलियन ग्राहकों 4,00,000 से अधिक विश्वसनीय तथा सक्षम डाक घर कर्मचारियों और ग्रामीण डाक सेवकों के जरिए इसे विश्व का सबसे बड़ा और भरोसेमंद डाक नेटवर्क बनाएंगे।
- फिन्क्लुवेशन स्टार्टअप्स को सहभागी बनने देने, सहज तथा अनुकूल उत्पादों एवं सेवाओं- जिन्हें ग्राहकों तक पहुंचाया जा सकता है, का विपणन करने के लिए आमंत्रित करेगा।
- स्टार्टअप्स को निम्नलिखित में से किसी भी ट्रैक के साथ संयोजित समाधान निकालने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- क्रेडिटाइजेशन- लक्षित ग्राहकों के उपयोग के लिए संयोजित नवोन्मेषी तथा समावेशी क्रेडिट उत्पादों का विकास करना तथा डाक नेटवर्क के माध्यम से उनके द्वार तक पहुंचाना।
- डिजिटाइजेशन- डिजिटल भुगतान प्रौद्योगिकियों के साथ पारम्परिक सेवाओं के समन्वयन के जरिए सुविधा प्रदान करना, जैसे कि अंतः पारस्परिक बैंकिंग सेवा के रूप में पारंपरिक मनीऑर्डर सेवा उपलब्ध कराना।
- फिन्क्लुवेशन स्टार्टअप्स को आईपीपीबी तथा डाक विभाग विशेषज्ञों के साथ समाधान विकसित करने के लिए तथा डाक नेटवर्क और आईपीपीबी की प्रौद्योगिकी क्षमता का उपयोग कर परियोजना का संचालन करने के लिए काम करने की अनुमति देगा।
- फिन्क्लुवेशन के संरक्षक ग्राहकों की आवश्यकताओं के अनुरूप उत्पादों को ढालने तथा आईपीपीबी और डाक विभाग के प्रचालनगत मॉडलों के साथ बाजार रणनीतियों के अनुकूल बनाने के लिए स्टार्टअप्स के साथ घनिष्ठतापूर्वक कार्य करेंगे।
पृष्ठ्भूमि:
- इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक:
- इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) की स्थापना संचार मंत्रालय के डाक विभाग के तहत, भारत सरकार के स्वामित्व वाली 100% इक्विटी के साथ की गई है।
- आईपीपीबी को 1 सितंबर, 2018 को प्रधानमंत्री द्वारा लॉन्च किया गया था।
- बैंक की स्थापना भारत में आम आदमी को सुलभ, किफायती और भरोसेमंद बैंक बनाने की दृष्टि से की गई है।
- आईपीपीबी का मूल उद्देश्य बिना बैंक वाले और कम बैंकिंग सुविधा वाले लोगों की समस्याओं को दूर करना है और सेवाओं को 160,000 डाकघरों (ग्रामीण क्षेत्रों में 145,000) और 400,000 डाक कर्मचारियों के नेटवर्क का लाभ उठाकर अंतिम छोर तक पहुंचना है।
- आईपीपीबी की पहुंच और इसका प्रचालनगत मॉडल सीबीएस-एकीकृत स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से सरल और सुरक्षित तरीके से ग्राहकों के द्वार तक कागज रहित, नकदी रहित और उपस्थिति-रहित बैंकिंग को सक्षम करता है।
- मितव्ययी नवोन्मेषण का लाभ उठाते हुए और आम लोगों के लिए बैंकिंग की सुगमता पर समुचित ध्यान देने के साथ, आईपीपीबी 13 भाषाओं के माध्यम से सरल और किफायती बैंकिंग समाधान प्रदान करता है।
- आईपीपीबी कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और डिजिटल इंडिया के विजन के अनुररूप है।
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नीति आयोग ने हितधारकों के सुझावों के लिए बैटरी अदला-बदली नीति का मसौदा जारी किया:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: सरकार द्वारा ईवी इकोसिस्टम की दक्षता में सुधार।
प्रारंभिक परीक्षा: कॉप-26 शिखर सम्मेलन,राष्ट्रीय उन्नत सेल (एसीसी)।
मुख्य परीक्षा:परिवहन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए, बिजली-चालित वाहनों के उपयोग सहित स्वच्छ परिवहन व्यवस्था को अपनाने मैं यह नीति किस प्रकार उपयोगी हैं ?
प्रसंग:
- बड़े पैमाने पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए शहरी क्षेत्रों में जगह की कमी को ध्यान में रखते हुए, वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण 2022-23 में कहा था कि भारत सरकार ईवी इकोसिस्टम की दक्षता में सुधार के लिए बैटरी अदला-बदली नीति और विभिन्न श्रेणियों के लिए परस्पर परिचालन-योग्य मानक बनाएगी।
उद्देश्य:
- नीति आयोग ने फरवरी 2022 में बैटरी अदला-बदली के सन्दर्भ में एक मजबूत और व्यापक नीति तैयार करने के लिए अंतर-मंत्रालयी चर्चा की थी।
विवरण:
- उचित विचार-विमर्श और संबंधित हितधारकों द्वारा के इनपुट पर विचार करने के बाद, नीति आयोग ने बैटरी अदला-बदली नीति का मसौदा तैयार किया है।
- ग्लासगो में कॉप-26 शिखर सम्मेलन के दौरान, भारत ने कार्बन उत्सर्जन को 45 प्रतिशत तक कम करने, 2030 तक गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावॉट तक ले जाने, 2030 तक ऊर्जा आवश्यकताओं का 50 प्रतिशत अक्षय ऊर्जा से पूरा करने और अंत में 2070 तक नेट जीरो लक्ष्य हासिल करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।
- कार्बन डाई-ऑक्साइड उत्सर्जन का प्रमुख हिस्सा सड़क परिवहन क्षेत्र से आता है, जिसमें सूक्ष्म कणों के उत्सर्जन का एक-तिहाई भाग होता है।
- परिवहन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए, बिजली-चालित वाहनों के उपयोग सहित स्वच्छ परिवहन व्यवस्था को अपनाना जरूरी है।
- अभिनव व्यावसायिक समाधान,उपयुक्त तकनीक वाली अवसंरचना के साथ बिजली-चालित परिवहन व्यवस्था इन प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का एक व्यावहारिक विकल्प हो सकती है।
- कई सहायक पहलों को लागू किया गया है, जैसे भारत में बिजली-चालित (हाइब्रिड) वाहनों को तेजी से अपनाना और इनका विनिर्माण (फेम) I और II, राष्ट्रीय उन्नत सेल (एसीसी) बैटरी भण्डारण कार्यक्रम (एनपीएसीसी) के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, स्वदेशी बैटरी निर्माण क्षमता को बढ़ावा देना आदि। राज्य सरकारें ईवी अपनाने को बढ़ावा देने के लिए पूरक नीतियां विकसित कर रही हैं।
- भारत के ई-मोबिलिटी में दोपहिया (2 डब्ल्यू) और तिपहिया (3 डब्ल्यू) वाहनों द्वारा प्रमुख भूमिका निभायी जा रही है।
- सभी निजी वाहनों में दोपहिया की हिस्सेदारी 70-80 प्रतिशत है, जबकि तिपहिया वाहन शहरों में अंतिम गंतव्य तक पहुँचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- ईवी की अग्रिम लागत आम तौर पर आंतरिक दहन इंजन (आईसीई) की तुलना में अधिक होती है, लेकिन इसकी परिचालन और रखरखाव लागत कम होती है, जिससे बिजली-चालित वाहनों की कुल लागत, आईसीई वाहनों की कुल लागत के लगभग बराबर हो जाती है।
- बैटरी अदला-बदली एक विकल्प है, जिसके तहत चार्ज की गई बैटरी के लिए चार्ज ख़त्म हो चुकी बैटरी को बदला जाता है।
- बैटरी अदला-बदली; वाहन और ईंधन (इस सन्दर्भ में बैटरी) को अलग कर देती है और इस प्रकार वाहनों की अग्रिम लागत को कम करती है।
- बैटरी अदला-बदली लोकप्रिय रूप से छोटे वाहनों के लिए उपयोग की जाती है, जिनमें छोटी बैटरी होती है और जिनका अन्य वाहनों की तुलना में अदला-बदली करना आसान होता है।
- अन्य वाहनों में बैटरी अदला-बदली, मशीन के उपयोग से की जा सकती है। चार्ज करने की तुलना में बैटरी अदला-बदली तीन प्रमुख लाभ प्रदान करती है: यह समय, स्थान और लागत प्रभावी है, शर्त यह है कि प्रत्येक अदला-बदली की जाने वाली बैटरी सक्रिय रूप से उपयोग की जा रही है।
- इसके अलावा, बैटरी अदला-बदली; ‘बैटरी एक सेवा के रूप में’ जैसे नवोन्मेषी और स्थायी व्यापार मॉडल का अवसर प्रदान करती है।
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रक्षा मंत्री द्वारा आईडेक्स-डीआईओ के डिफकनेक्ट 2.0 कार्यक्रम का उद्घाटन किया जायेगा:
सामान्य अध्ययन: 3
रक्षा:
विषय: रक्षा क्षेत्र में भारत के अग्रणी उद्योगों की भूमिका।
प्रारंभिक परीक्षा: आईडेक्स-डीआईओ के डिफकनेक्ट 2.0 कार्यक्रम ।
प्रसंग:
- रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी) के रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार – रक्षा नवाचार संगठन (आईडेक्स-डीआईओ) ने 22 अप्रैल, 2022 को स्टार्ट-अप्स और विविध हितधारकों के साथ नियमित रूप से जुड़ने की रणनीति के तहत डिफकनेक्ट 2.0 का आयोजन करने जा रहा है। रक्षा मंत्री इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे।
उद्देश्य:
- यह कार्यक्रम रक्षा क्षेत्र में भारत के अग्रणी उद्योगों से एक बड़ी संख्या में नए अन्वेषकर्ताओं और निवेशकों को आकर्षित करेगा।
- इसमें उद्योग के दिग्गजों के साथ सत्र, विभिन्न घोषणाएं और आईडेक्स-डीआईओ की समर्थित स्टार्ट-अप्स की एक श्रृंखला शामिल होंगी।
- यह कार्यक्रम एक उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाने वाले स्वदेशी नवाचारों का पता लगाने के लिए स्टार्ट-अप्स, उद्योग जगत और सैन्य प्रतिनिधियों को एक साथ लाएगा।
विवरण:
- डिफकनेक्ट,आईडेक्स-डीआईओ से जुड़े नवअन्वेषकों को उद्योग जगत की हस्तियों को अपनी क्षमताओं, उत्पादों और अत्याधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन करने का एक अनोखा अवसर प्रदान करेगा।
- वहीं, स्टार्ट-अप्स के लिए यह अवसर निवेश प्राप्त करने और भविष्य के परिचालनों का लाभ उठाने के लिए है।
- यह आईडेक्स स्टार्ट-अप्स से मिलने व आईडेक्स और इससे संबंधित भागीदारों द्वारा विकसित की जा रही उनकी नवीन तकनीकों को समझने का एक अनूठा अवसर होगा।
- इसके तहत नए उद्यमियों को 1.50 करोड़ रुपये तक का अनुदान प्रदान करने का प्रावधान है।
- आईडेक्स, हमेशा रक्षा और आंतरिक सुरक्षा में नवाचार के मामले में सबसे आगे रहा है और इसकी अधिकांश परियोजनाओं में जबरदस्त नागरिक एप्लीकेशन भी हैं, जैसे कि क्वांटम कम्प्यूटेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/प्रेडिक्टिव मेंटेनेंस/ लॉजिस्टिक्स/डेटा एनालिटिक्स, सुरक्षा/एन्क्रिप्शन और संचार आदि।
- इसे और आगे ले जाने के लिए आईडेक्स डीआईएससी के छठें संस्करण को लॉन्च करेगा।
पृष्ठ्भूमि:
- प्रधानमंत्री ने 2018 में आईडेक्स को शुरू किया था। यह अनिवार्य रूप से रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में विभिन्न हितधारकों को एक मंच प्रदान करता है।
- यह इस विशिष्ट क्षेत्र में प्रौद्योगिकी विकास और संभावित सहभागिता के पर्यवेक्षण के एक व्यापक संगठन की तरह कार्य करता है।
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भारत और ब्राजील के बीच ऊर्जा क्षेत्र, जैव ऊर्जा और जैव ईंधन के क्षेत्र में सहयोग पर हुई बैठक पर संयुक्त वक्तव्य:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े समझौते या भारत के हितों को प्रभावित करना।
प्रारंभिक परीक्षा,मुख्य परीक्षा: प्रौद्योगिकी और भविष्य के ईंधन।
प्रसंग:
- भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री के निमंत्रण पर ब्राजील के खान और ऊर्जा मंत्री 19-22 अप्रैल, 2022 तक भारत की चार दिन की सरकारी यात्रा पर थे।
उद्देश्य:
- दोनों नेताओं ने ऊर्जा क्षेत्र के पूरे स्पेक्ट्रम में मौजूदा द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की और आपसी हित पर साझेदारी को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
- इस संदर्भ में दोनों नेताओं ने दोनो देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को करने में द्विपक्षीय ऊर्जा सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका पर संतोष व्यक्त किया।
विवरण:
- दोनों पक्षों ने ब्राजील के तेल और गैस क्षेत्र में भारतीय कंपनियों द्वारा किए गए बड़े निवेश के महत्व को मान्यता प्रदान की और भविष्य में द्विपक्षीय निवेश को प्रोत्साहित करते हुए मौजूदा निवेशों की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
- दोनों पक्षों ने तेल और इसके सह-उत्पादों में द्विपक्षीय व्यापार के महत्व पर प्रकाश डाला और इस पारस्परिक रूप से लाभदायक व्यापार का विस्तार करने की इच्छा व्यक्त की।
- भारतीय पक्ष ने लंबी अवधि के विशेष अनुबंधों के अंतर्गत कच्चे तेल की खोज करने के बारे में रुचि व्यक्त की।
- दोनों पक्षों ने अंतरराष्ट्रीय उत्पादन बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग की अपार संभावनाओं को स्वीकार किया।
- कम कार्बन भविष्य के लिए वैश्विक बदलाव के एक महत्वपूर्ण कार्यक्षेत्र के रूप में टिकाऊ जैव ऊर्जा और जैव ईंधन का उपयोग करने पर सहमति व्यक्त की।
- इस संदर्भ में, वे जैव ऊर्जा में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के महत्व पर सहमत हुए।
- इसके लिए, दोनों पक्ष जैव ऊर्जा और जैव ईंधन के लिए एक भारतीय-ब्राजील गठबंधन विकसित करने की दिशा में काम करने पर सहमत हुए।
- दोनों मंत्रियों ने हाल के वर्षों में जैव ईंधन क्षेत्रों में की गई द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियों और पहलों की लंबी सूची की समीक्षा की, जिसमें तकनीकी यात्राओं का आदान-प्रदान, ब्राजील-भारत इथेनॉल वार्ता के दो संस्करण, विमानन जैव ईंधन पर संगोष्ठी, जैव ऊर्जा सहयोग पर संयुक्त कार्य समूह, ऑटोमोबाइल क्षेत्र में जैव ईंधन के उपयोग में भारत-ब्राजील सहयोग पर गोलमेज सम्मेलन आदि आयोजन शामिल थे।
- उन्होंने जलवायु और ऊर्जा, ब्रिक्स ऊर्जा मंत्रिस्तरीय, जैव भविष्य मंच, स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय, मिशन नवाचार पहल पर जी-20 सदस्य देशों के बीच आपसी समन्वय और आईबीएसए ऊर्जा पर संयुक्त कार्य समूह और ऊर्जा पर संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय वार्ता के संदर्भ में किए गए कार्य को भी रेखांकित किया।
- दोनो मंत्रियों ने बायो इनर्जी सहयोग पर संयुक्त कार्य समूह के निष्कर्षों पर प्रकाश डाला, जिसकी पहली बैठक 6 अगस्त, 2021 को हुई थी, और दो प्रमुख क्षेत्रों के तहत नौ प्रमुख क्षेत्रों में भविष्य में द्विपक्षीय सहयोग के लिए प्राथमिकताओं की पहचान की गई:
I) कार्यान्वयन और स्केलिंग अप:
- वर्तमान बेड़े में ई-20 मिश्रणों के वाहन उपयोग के तकनीकी पहलू,
- फ्लेक्स-ईंधन वाहनों में इथेनॉल के उच्च मिश्रणों के तकनीकी पहलू,
- फ्लेक्स-ईंधन प्रौद्योगिकियां – फोर-स्ट्रोक और टू-स्ट्रोक इंजन (ओटो साइकिल),
- बायोडीजल कार्यान्वयन,
- बायोगैस / बायोमीथेन नीति और प्रोत्साहन, और
- चीनी और इथेनॉल संयंत्रों में कुशल गर्मी और बिजली उत्पादन।
II) प्रौद्योगिकी और भविष्य के ईंधन:
- सतत विमानन ईंधन – नीतियां, फीडस्टॉक्स और कार्यान्वयन के प्रयास,
- दूसरी पीढ़ी के इथेनॉल – नीति और प्रौद्योगिकियां, और
- सिंथेटिक जीव विज्ञान सहयोग।
कुछ सिफारिशों में शामिल हैं:
- बाहरी निर्भरता को कम करने, ओट्टो साइकिल ईंधन की ऑक्टेन संख्या बढ़ाने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए गैसोलीन विकल्प के रूप में इथेनॉल का उपयोग करने के लिए एक सार्वजनिक नीति स्थापित करना;
- फ्लेक्स-फ्यूल और हाइब्रिड फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों को पेश करने के लिए एक कार्य योजना विकसित करना;
- इथेनॉल और बायोमीथेन ईंधन सेल वाहनों का संयुक्त विकास; और
- कम पानी की खपत और अधिक चीनी उपज वाली फसल विकसित करने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग।
- पहली, दूसरी और तीसरी पीढ़ी के जैव ईंधन के लिए अग्रणी ऊर्जा फसलों के लिए जल का प्रबंधन जैव प्रौद्योगिकी और तरल जैव ईंधन के लिए जैव प्रौद्योगिकी का विकास और कृषि औद्योगिक का मूल्य निर्धारण।
- मंत्रियों ने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि वैश्विक स्तर पर स्थायी जैव ऊर्जा और जैव ईंधन को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है, जो ऊर्जा सुरक्षा के विकल्पों में विविधता लाएगा, ग्रामीण विकास को बढ़ावा देगा, तकनीकी और औद्योगिक नवाचार लाएगा और स्थानीय और वैश्विक कार्बन उत्सर्जन कम करते हुए रोजगार और अवसर पैदा करेगा।
- इसके अलावा वे इस बात पर सहमत हुए कि कम कार्बन वाले वैश्विक वाहन प्लेटफॉर्मों के डिजाइन के साथ-साथ नई प्रौद्योगिकियों के विकास और जैव ऊर्जा क्षेत्र में वृहत पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं की स्थापना के लिए टिकाऊ जैव ऊर्जा और जैव ईंधन के लिए एक संपन्न अंतरराष्ट्रीय बाजार आवश्यक होगा।
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नीति आयोग और यूनिसेफ इंडिया ने बच्चों पर केन्द्रित एसडीजी के सम्बन्ध में वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े समझौते या भारत के हितों को प्रभावित करना।
प्रारंभिक परीक्षा: नीति आयोग,यूनिसेफ इंडिया।
प्रसंग:
- नीति आयोग और यूनिसेफ इंडिया ने बच्चों पर केन्द्रित सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के सम्बन्ध में एक आशय वक्तव्य (एसओआई) पर हस्ताक्षर किए।
उद्देश्य:
- ‘भारत में बच्चों की स्थिति: बहुआयामी बाल विकास में स्थिति और रुझान’ विषय पर भारत की पहली रिपोर्ट तैयार करने के लिए नीति आयोग और यूनिसेफ के बीच सहयोग।
विवरण:
- एसडीजी के तहत बाल विकास प्राथमिकताओं को हासिल करने के लिए, यूनिसेफ इंडिया और नीति आयोग; स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, जल और स्वच्छता, घरेलू जीवन स्तर और सुरक्षात्मक वातावरण के सन्दर्भ में बच्चों की बहुआयामी सुविधाओं और अभावों को समझने के लिए एक व्यापक उपाय विकसित कर रहे हैं।
- इसका उद्देश्य बच्चों से संबंधित महत्वपूर्ण एसडीजी की पृष्ठभूमि में बच्चों की वर्त्तमान स्थिति का विश्लेषण करना है, ताकि हाल के रुझानों को स्थापित किया जा सके।
- यह प्रयास 2030 एजेंडा पर भारत की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में योगदान देगा और ‘कोई बच्चा छूट ना जाये’ तथा बच्चों के समग्र विकास को हासिल करने के लिए एसडीजी की दिशा में प्रगति को तेज करने के सन्दर्भ में ठोस कार्रवाई के लिए नीतिगत सिफारिशों का एक सेट प्रदान करेगा।
- बच्चों की स्थिति का व्यापक सर्वेक्षण; स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, सुरक्षित पानी और स्वच्छता, बाल संरक्षण, सामाजिक सुरक्षा और जलवायु कार्रवाई के सन्दर्भ में बहु-क्षेत्रीय नीतियों और कार्यक्रमों का मार्ग प्रशस्त करेगा, ताकि सबसे कमजोर बच्चों तक पहुंच बनाई जा सके।
- भारत में प्रत्येक तीसरे व्यक्ति में से एक 18 वर्ष से कम आयु का बच्चा है, जबकि प्रत्येक पांचवें व्यक्ति में से एक 10 से 19 वर्ष की आयु का किशोर है।
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कृषि एवं ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक – मार्च, 2022:
सामान्य अध्ययन: 3
अर्थव्यवस्था:
विषय:भारतीय अर्थव्यवस्था और संबंधित मुद्दे विकास और रोजगार।
प्रारंभिक परीक्षा: अखिल भारत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक ।
मुख्य परीक्षा: सीपीआई-एएल और सीपीआई-आरएल पर आधारित मुद्रास्फीति।
प्रसंग:
- कृषि एवं ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (आधार 1986-87 = 100) माह मार्च, 2022 में प्रत्येक 3 अंक बढ़कर क्रमशः 1098 अंकों (एक हजार अठानबे) तथा 1109 अंकों (एक हजार एक सौ नौ) के स्तर पर रहे।
उद्देश्य:
- कृषि मजदूरों और ग्रामीण मजदूरों के सामान्य सूचकांक में बढ़ोतरी के लिए प्रमुख योगदान कपड़ों, बिस्तरों और जूतों के समूह का क्रमश: 1.09 और 1.44 अंक की सीमा तक रहा।
- कृषि और ग्रामीण मजदूरों के सामान्य सूचकांक में बढ़ोतरी की दिशा में प्रमुख योगदान मुख्य रूप से साड़ी कॉटन (मिल), धोती कॉटन (मिल), शर्टिंग क्लॉथ कॉटन (मिल), प्लास्टिक की चप्पल/जूते, चमड़े की चप्पल/जूते आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण हुआ।
विवरण:
- सूचकांक में वृद्धि/गिरावट अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग रही।
- कृषि मजदूरों के मामले में 16 राज्यों में 1 से 10 अंक की वृद्धि और 4 राज्यों में 2 से 10 अंकों की कमी आई।
- तमिलनाडु 1282 अंकों के साथ सूचकांक तालिका में सबसे ऊपर है जबकि हिमाचल प्रदेश 876 अंकों के साथ सबसे निचले पायदान पर है।
- ग्रामीण मजदूरों के मामले में इसमें, 16 राज्यों में 2 से 10 अंक की वृद्धि और 4 राज्यों में 3 से 10 अंकों की कमी आई ।
- तमिलनाडु 1270 अंकों के साथ सूचकांक तालिका में शीर्ष पर है जबकि हिमाचल प्रदेश 926 अंकों के साथ सबसे नीचे है।
- राज्यों में, कृषि मजदूरों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में सबसे अधिक वृद्धि महाराष्ट्र राज्य और ग्रामीण मजदूरों के लिए मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान राज्यों (प्रत्येक में 10 अंक) द्वारा द्वारा अनुभव की गई।
- कीमतों में वृद्धि की मुख्य वजह गेहूं-आटा, बाजरा, मांस-बकरी, दूध, मूंगफली का तेल, हरी/सूखी मिर्च, साड़ी कपास (मिल), धोती कॉटन (मिल), शर्टिंग क्लॉथ कॉटन (मिल), प्लास्टिक चप्पल / जूते, पीतल के बर्तन, मिट्टी के बर्तनआदि की कीमतों में वृद्धि रही।
- इसके विपरीत, मुख्य रूप से चावल, ज्वार, रागी, दाल, पान की कीमतों में गिरावट के कारण कृषि मजदूरों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में अधिकतम कमी तमिलनाडु राज्य और ग्रामीण मजदूरों के लिए कर्नाटक राज्य (प्रत्येक में 10 अंक) द्वारा अनुभव की गई। इसकी मुख्य वजह पत्ती, ताजा मछली, प्याज, सब्जियां और फल, आदि की कीमतों में वृद्धि रही।
- सीपीआई-एएल और सीपीआई-आरएल पर आधारित मुद्रास्फीति की बिंदु दर मार्च, 2022 में 6.09% और 6.33 प्रतिशत रही, जो फरवरी, 2022 में क्रमशः5.59% और 5.94 प्रतिशत थी और पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान क्रमशः 2.78% और 2.96% रही थी।
- इसी तरह, मार्च, 2022 में खाद्य मुद्रास्फीति 4.91% और 4.88 प्रतिशत रही, जो फरवरी, 2022 में क्रमशः 4.48% और 4.45 प्रतिशत तथा पिछले वर्ष के इसी महीने में क्रमशः 1.66% और 1.86 प्रतिशत रही थी।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- अटल पेंशन योजना के तहत नामांकन ने 4 करोड़ के आंकड़े को पार किया:
- मार्च 2022 तक अटल पेंशन योजना के तहत कुल नामांकन ने 4.01 करोड़ के आंकड़े को पार कर लिया है।
- लगभग 71 प्रतिशत नामांकन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा, 19 प्रतिशत नामांकन क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा, 6 प्रतिशत नामांकन निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा, 3 प्रतिशत नामांकन भुगतान एवं लघु वित्त बैंकों द्वारा किया गया।
- अटल पेंशन योजना के कुल ग्राहकों में से 44 प्रतिशत महिला ग्राहक हैं,जबकि 56 प्रतिशत पुरुष ग्राहक हैं।
- इसके अलावा, अटल पेंशन योजना के कुल ग्राहकों में से, 45 प्रतिशत ग्राहकों की आयु 18 वर्ष से 25 वर्ष के बीच है।
- अटल पेंशन योजना पीएफआरडीए द्वारा प्रशासित भारत सरकार की सुनिश्चित पेंशन योजना है।
- यह योजना भारत के 18-40 वर्ष के आयु वर्ग के किसी भी नागरिक को बैंक या डाकघर की शाखाओं, जहां उसका बचत बैंक खाता है, के माध्यम से शामिल होने की अनुमति देती है।
- इस योजना के तहत, एक ग्राहक को उसके योगदान के आधार पर 60 वर्ष की आयु से 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये प्रति माह तक का न्यूनतम गारंटी पेंशन मिलेगी।
- ग्राहक की मृत्यु के बाद उसके जीवनसाथी को समान पेंशन का भुगतान किया जाएगा और ग्राहक और उसके जीवनसाथी, दोनों, के निधन पर ग्राहक की 60 वर्ष की आयु तक जमा की गई पेंशन राशि नामांकित व्यक्ति को वापस कर दी जाएगी।
21 अप्रैल 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 20 अप्रैल 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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