विषयसूची:
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1.पीयूष गोयल ISO कोपोल्को की 44वीं पूर्ण बैठक का उद्घाटन करेंगे:
सामान्य अध्ययन 2:
शासन:
विषय: महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश।
प्रारंभिक परीक्षा: ISO कोपोल्को और इसकी वार्षिक पूर्ण बैठक से संबंधित तथ्य।
प्रसंग:
- भारत 23-26 मई 2023 को नई दिल्ली में प्रतिष्ठित ISO कोपोल्को की वार्षिक पूर्ण बैठक के 44वें संस्करण की मेजबानी कर रहा है।
ISO कोपोल्को क्या है?
- ISO कोपोल्को या उपभोक्ता नीति पर समिति, मानकीकरण प्रक्रिया में उपभोक्ता हितों को बढ़ावा देने और मानकों को उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जाना सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार अंतर्राष्ट्रीय संगठन (ISO) की एक समिति है।
विवरण:
- इस कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले और खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल करेंगे। कोपोल्को की अध्यक्ष सैडी डेंटन, ISO के महासचिव सर्जियो मुजिका और ISO के अन्य उच्च अधिकारी भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
- भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा आयोजित इस मेगा इवेंट में मानकीकरण प्रक्रिया में उपभोक्ता सम्पर्क को लक्षित अन्य विशिष्ट गतिविधियों के अलावा, भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय में संबंधित विषयों पर संवाद सत्र और कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएगी।
- इस चार दिवसीय कार्यक्रम में सरकारी और व्यावसायिक क्षेत्रों के प्रमुखों की विशिष्ट उपस्थिति होगी और प्रतिष्ठित वैश्विक हितधारकों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल शामिल होंगे।
- इस वर्ष की पूर्ण बैठक में जन-केंद्रित दृष्टिकोण और ‘उपभोक्ता सम्पर्क के लिए चुनौतियां और अच्छी प्रक्रियाएं, ‘सतत भविष्य के लिए उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना’ और ‘उपभोक्ता संरक्षण और कानूनी ढांचे’ जैसे विषयों पर परिचर्चाएं होंगी जो भारत और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
- सम्मेलन में विभिन्न विषयों पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा और इसके अलावा बैठक को विभिन्न उच्च स्तरीय वक्ता और मंत्री संबोधित करेंगे।
- 26 मई को समाप्त होने वाले इस कार्यक्रम में उपभोक्ता सम्पर्क से संबंधित विषयों पर पैनल चर्चाएं भी होंगी।
- ऐसा माना जाता है कि ISO कोपोल्को पूर्ण बैठक का वैश्विक अर्थव्यवस्था और साथ ही लोगों के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
अंतर्राष्ट्रीय मानक संगठन (ISO)
- यह एक अंतर्राष्ट्रीय निकाय है और दुनिया के 168 देश इसके इसके सदस्य हैं।
- यह संगठन व्यापार और सामाजिक क्षेत्रों की विविध श्रेणियों को प्रभावित करने वाले वैश्विक मानकों का विकास करता है।
- मानक विकास पर उनकी उपभोक्ता समिति (कोपोल्को) के माध्यम से, ISO मानकीकरण की प्रक्रिया में व्यापक जनता को शामिल करता है। इसलिए, ISO कोपोल्को की पूर्ण बैठक को एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय घटना माना जाता है जिसमें ISO के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों को दुनिया में मानकों के विकास में तेजी लाने के लिए चर्चा और रणनीति विकसित करने का अवसर मिलता है।
- भारत लंबे समय से अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण के मामलों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है और अंतर्राष्ट्रीय मानक संगठन (ISO) के संस्थापक सदस्यों में से एक है।
- भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय के रूप में अपनी क्षमता में, BIS अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मानकीकरण के मामलों में सक्रिय रूप से शामिल है।
- BIS अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (ISO) का सदस्य है और भारतीय राष्ट्रीय समिति (INC) के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रो तकनीकी आयोग (IEC) का भी सदस्य है।
- BIS प्रशांत क्षेत्र मानक कांग्रेस (PASC) और दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय मानक संगठन (SARSO) जैसे क्षेत्रीय मानक निकायों का भी सदस्य है वे IBSA (भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका) के ढांचे के तहत है।
2.शिक्षा मंत्रालय और परख (राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र) ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के साथ मूल्यांकन पर राष्ट्रीय स्तर की पहली कार्यशाला का आयोजन किया:
सामान्य अध्ययन 2:
शासन:
विषय: शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: परख (राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र); विद्यालय मूल्यांकन, परीक्षा पद्धतियों तथा बोर्डों की समानता से संबंधित जानकारी।
प्रसंग:
- शिक्षा मंत्रालय और परख द्वारा 22 मई को नई दिल्ली में देश भर से विद्यालय मूल्यांकन, परीक्षा पद्धतियों तथा बोर्डों की समानता पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
विवरण:
- NCERT के अंतर्गत एक संगठन के रूप में परख को स्थापित किया गया है।
- यह राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूल बोर्डों को एक साझा मंच पर लाने का कार्य करेगा।
- इस संदर्भ में शिक्षा मंत्रालय और परख द्वारा पहले कदम के रूप में 22 मई को नई दिल्ली में देश भर से विद्यालय मूल्यांकन, परीक्षा पद्धतियों तथा बोर्डों की समानता पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
- परख एक समग्र दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से सभी संबंधित हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के लिए एक सामान्य मंच के रूप में कार्य करेगा। जिससे एक निष्पक्ष मूल्यांकन प्रणाली सुनिश्चित की जा सकती है, जो छात्रों के मूल्यांकन में न्यायसंगतता और प्रदर्शन में समानता को बढ़ावा देता है।
- कार्यशाला की अध्यक्षता स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने की।
- इस समय भारत भर में लगभग 60 स्कूल परीक्षा बोर्ड हैं, जो विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कार्य कर रहे हैं।
- कार्यशाला का उद्देश्य एक ऐसा एकीकृत ढांचा स्थापित करना है, जो विभिन्न बोर्डों या क्षेत्रों के बीच छात्रों के लिए निर्बाध परिवर्तन को संभव बनाता है।
- इसमें पाठ्यक्रम मानकों को संरेखित करना, ग्रेडिंग सिस्टम और मूल्यांकन के तरीके शामिल हैं ताकि विश्वसनीयता, प्रमाणपत्रों की मान्यता तथा बोर्डों में प्राप्त ग्रेड को बढ़ाया जा सके।
- यह कार्यशाला शैक्षिक बोर्डों की समानता पर हुई चर्चा पर केंद्रित थी।
- परख की अवधारणा के बारे में कई हितधारकों को सूचित किया गया था।
- कार्यक्रम के दौरान चर्चा हमारी शिक्षा प्रणाली में प्रचलित रटकर परीक्षा देने की संस्कृति के पुनर्मूल्यांकन की आवश्यकता के आसपास घूमती रही। यह एक बढ़ता हुआ भाव है कि प्रत्येक छात्र की क्षमताओं और सामर्थ्य के विभिन्न आयामों को शामिल करते हुए समग्र मूल्यांकन करना समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।
3.GRSE त्वरित नवाचार पोषण योजना-2023 या “गेन्स 2023 (GAINS 2023)”:
सामान्य अध्ययन 3:
बुनियादी ढाँचाः
विषय: बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।
प्रारंभिक परीक्षा: GRSE त्वरित नवाचार पोषण योजना-2023 या “गेन्स 2023” से संबंधित तथ्य।
प्रसंग:
- गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) लिमिटेड, भारत देश की अग्रणी रक्षा शिपयार्ड और प्रथम श्रेणी की मिनी रत्न कंपनी, ने अपने स्टार्टअप के माध्यम से जहाज निर्माण में तकनीकी प्रगति करने की दिशा में अभिनव समाधानों के विकास की पहचान करने एवं उसे प्रोत्साहित करने के लिए एक अभियान की शुरुआत की है।
विवरण:
- इस अभियान के भाग के रूप में, कंपनी ने 22 मई को पश्चिमी बंगाल के कोलकाता में GRSE त्वरित नवाचार पोषण योजना-2023 या “गेन्स 2023” की शुरुआत की है, जो जहाज डिजाइन एवं निर्माण उद्योग में वर्तमान समय में उभरती चुनौतियों का समाधान करने वाले इकोसिस्टम का लाभ प्राप्त करती है।
- GRSE इस पहल के साथ, प्रतिभाशाली युवाओं की क्षमता एवं विचारों को औद्योगिक क्रांति लाने के लिए अपनाता है और इस विश्वास की पुष्टि करता है कि आज की युवा पीढ़ी बड़े पैमाने पर कंपनी एवं उद्योग दोनों के भविष्य के लिए एक प्रेरक शक्ति हैं।
- GRSE का यह रणनीतिक कदम, नवाचार को बढ़ावा देने एवं नए दृष्टिकोण को अपनाने के लिए उसकी लगातार प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- शिपयार्ड में नवाचार को बढ़ावा देने और किसी भी शिपयार्ड को भविष्य के लिए सक्षम शिपयार्ड बनने की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए, “ओपन इनोवेशन चैलेंज” के माध्यम से नवप्रवर्तकों को इसका हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित करने वाली इस योजना को समय की आवश्यकता माना जा रहा है।
- ‘गेन्स 2023’ को नए एवं उभरते नवप्रवर्तकों, इंजीनियरों और डिजाइनरों को शिपयार्ड के मुख्य व्यावसायिक हितों और इसकी स्थापित या पहले से निर्धारित प्रथाओं को समझने का अवसर प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है और इस प्रकार से उन्हें इस महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विचार एवं नवाचार करने के लिए प्रेरित किया गया है।
- शिपयार्ड ने गेन्स पहल को आगे बढ़ाने एवं भारत सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप, भारतीय नवप्रवर्तकों की तलाश एवं समर्थन प्रदान करने के लिए एक अलग विभाग स्थापित किया गया है।
GRSE के बारे में:
- GRSE, 1960 में DPSU बना है और उसके बाद से ही एक अग्रणी शिपयार्ड रहा है, जिसने 1961 में भारतीय नौसेना को पहला स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस अजय प्रदान किया।
- वैश्विक बाजार में जहाज निर्माण की अग्रणी कंपनी के रूप में उभरने वाला यह शिपयार्ड पिछले कुछ समय से तकनीकी विकास में भी बहुत आगे है। स्वतंत्र नवाचार, बहुत कम समय में बेहतर समाधान प्राप्त करने के लिए संस्थान एवं इसके बाहर से विचारों को प्राप्त करने का एक अच्छा एवं प्रभावी उपाय है।
‘गेन्स 2023’ चैलेंज:
- ‘गेन्स 2023’ चैलेंज एक द्विस्तरीय प्रक्रिया है जो बड़ी संख्या में विचारों को उत्पन्न करने में सहायता प्रदान करती है, जिसमें से कुछ आशाजनक लोगों का चयन एवं पोषण किया जा सकता है।
- पहले चरण में शामिल होने वाले संस्थाओं/फर्मों/व्यक्तियों को केवल चयनित की गई समस्या/समाधान की समझ को स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त विवरण के साथ संक्षिप्त रूप से सचित्र एवं लिखित प्रस्तुतियां प्रदान करने की आवश्यकता होगी।
- इसके साथ ही प्रस्ताव को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए आवश्यक लागत एवं पेशेवर योग्यता/क्षमता का औचित्यपूर्ण एक विस्तृत क्रम भी इसके लिए आवश्यक है।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नवीकरणीय/हरित ऊर्जा एवं ऊर्जा दक्षता के साथ-साथ दक्षता में बढ़ोत्तरी GRSE के फोकस क्षेत्र हैं और ‘गेन्स 2023’ चैलेंज के अंतर्गत आने वाले विषयगत क्षेत्र भी हैं।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.प्रधानमंत्री पापुआ न्यू गिनी के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित:
- पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी स्थित गवर्नमेंट हाउस में आयोजित एक विशेष समारोह में पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर-जनरल महामहिम सर बॉब डाडे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ग्रैंड कम्पैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू (GCL) से सम्मानित किया।
- इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान को प्राप्त करने वाले व्यक्ति को ‘चीफ’ की उपाधि दी जाती है।
2.G20 के स्टार्टअप20 एंगेजमेंट ग्रुप ने पहली मसौदा नीति विज्ञप्ति जारी करने की घोषणा की:
- स्टार्टअप20 एंगेजमेंट समूह G20 ढांचे में समर्पित प्लेटफार्म है, जो वार्ता को सुगम बनाने, नवाचार को बढ़ावा देने और स्टार्टअप इकोसिस्टम को गति प्रदान करने के बारे में ध्यान केंद्रित करता है।
- इस समूह में विभिन्न देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं। यह समूह दुनिया में स्टार्टअप्स, उद्यमियों तथा विश्व में इकोसिस्टम के निर्माण करने वाली नीतियों को विकसित और कार्यान्वित करने का प्रयास करता है।
22 May PIB :- Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 21 May 2023 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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