विषयसूची:
1. भारत का सिरेमिक एवं ग्लासवेयर उत्पादों का निर्यात 168 प्रतिशत बढ़ा:
सामान्य अध्ययन: 3
अर्थव्यवस्था:
विषय:भारत की आयत निर्यात व्यवस्था।
प्रारंभिक परीक्षा:सिरेमिक एवं ग्लासवेयर उत्पाद।
मुख्य परीक्षा:
प्रसंग:
- भारत का सिरेमिक एवं ग्लासवेयर उत्पादों का निर्यात वर्ष 2021-22 में रिकॉर्ड 346.4 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया।
विवरण:
- वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान भारत ने 129.2 करोड़ डॉलर मूल्य के सिरेमिक एवं ग्लासवेयर उत्पादों का निर्यात किया था।
- सिरेमिक टाइल्स और सेनेटरीवेयर उत्पादों के शिपमेंट में बढ़ोतरी होने से सिरेमिक टाइल्स के निर्यात में तेजी आई है।
- भारतीय टाइल उद्योग आज एक वैश्विक खिलाड़ी बन गया है और ‘मेक इन इंडिया’ दृष्टिकोण के साथ देश के लिए विदेशी मुद्रा अर्जित कर रहा है।
- भारत आज विश्व का दूसरा सबसे बड़ा टाइल विनिर्माता देश है।
- वस्तुओं की ग्लास पैकिंग सामग्रियों, ग्लास फाइबर बनाने की सामग्रियों, पोर्सलीन के सैनेटटरी फिक्स्चर, ग्लास मिरर, टिंटेड नॉन-वायर्ड ग्लास, ग्लास बीड एवं ग्लास वूल के शिपमेंट में बढ़ोतरी होने के कारण ग्लासवेयर उत्पादों के निर्यात में यह वृद्धि हुई है।
- भारत इन उत्पादों को 125 से अधिक देशों को निर्यात करता है और शीर्ष गंतव्यों में सऊदी अरब, अमेरिका, मैक्सिको, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, इराक, ओमान, इंडोनेशिया, ब्रिटेन और पोलैंड शामिल हैं।
- अब रूस और लैटिन अमेरिकी देश जैसे नए बाजारों को भी इसमें शामिल किया गया है।
- वाणिज्य विभाग के निरंतर प्रयासों के कारण सिरेमिक एवं ग्लासवेयर उत्पादों के निर्यात में उछाल आया है।
- इसके अलावा, कैपेक्सिल ने मार्केट ऐक्सेस इनिशिएटिव स्कीम के तहत अनुदान का उपयोग करके कई पहल की है, जैसे विभिन्न देशों में बी2बी प्रदर्शनियों का आयोजन, भारतीय दूतावासों की सक्रिय भागीदारी के साथ खास उत्पाद के लिए और विपणन अभियानों के जरिये संभावित नए बाजारों की तलाश आदि।
- माल भाड़े, कंटेनरों की कमी आदि लॉजिस्टिक संबंधी अभूतपूर्व चुनौतियों के बावजूद निर्यात में यह वृद्धि हासिल की गई है।
- सिरेमिक एवं ग्लासवेयर उत्पादों के निर्यात में वृद्धि से गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के छोटे एवं मझोले निर्यातक लाभान्वित हुए हैं।
- पिछले कई वर्षों से यह उद्योग नवाचार, उत्पाद प्रोफाइल, गुणवत्ता एवं नए डिजाइन के साथ आधुनिकीकरण कर रहा है ताकि वैश्विक प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए इसे एक विश्वस्तरीय उद्योग के रूप दे सके।
- नए डिजाइन, डिजिटल तरीके से मुद्रित टाइल्स और विभिन्न रंगों वाली बड़े आकार की टाइल के मामले में हमारे नवाचारों को भी विदेशी बाजारों में स्वीकृति मिली है।
2. भारत की ऊर्जा परिवर्तन की वैश्विक रूप से स्वीकृत पहल:
सामान्य अध्ययन: 3
अर्थव्यवस्था:
विषय: ऊर्जा।
प्रारंभिक परीक्षा: इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) ,यूरोपीय संघ।
प्रसंग:
- ऊर्जा और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह, आईएसए असेम्बली के अध्यक्ष, और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष महामहिम उर्सुला वॉन डेर लेयन ने गुरूग्राम स्थित इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) सचिवालय की अपनी यात्रा के दौरान आईएसए मुख्यालय में सौर ऊर्जा विकास पर उद्योग को संबोधित किया।
उद्देश्य:
- इस बैठक में सौर ऊर्जा विकास पर एक चर्चा की गई।
विवरण:
- आईएसए असेंबली के अध्यक्ष श्री आर के सिंह ने कहा कि भारत ने ऊर्जा परिवर्तन की विश्व स्तर पर स्वीकृत पहल की है।
- अब समय आ गया है कि सभी देश एक साथ आएं और एक-दूसरे की समस्याओं को हल करने में योगदान दें।
- यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष ने भारत के बारे में कहा, “भारत और यूरोपीय संघ जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं।
- भारत और यूरोपीय संघ दोनों शुद्ध शून्य उत्सर्जन के अपने रास्ते पर चल दिए हैं। इसमें सफलता हासिल करने के लिए भारत और यूरोप दोनों में, सौर ऊर्जा प्रमुख भूमिका निभाएगी।
- अब हमें सौर ऊर्जा के विकास में यूरोपीय संघ और भारत के बीच सहयोग बढ़ाने की जरूरत है।
- हम एक दूसरे से सीख सकते हैं कि कैसे सौर ऊर्जा से आमदनी को कैसे बढ़ाया जाए और असरदार तरीके से कैसे इस्तेमाल किया जाए और कैसे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और सौर पैनलों के लिए आवश्यक सामग्री को सुरक्षित किया जाए।
- वैश्विक समुदाय जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में इंटरनेशनल सोलर एलायंस पर भरोसा बढ़ा रहा है।
- यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष की आईएसए मुख्यालय की यात्रा आईएसए के प्रयासों को मजबूत करने के लिए दुनिया भर के देशों ने एक नई प्रतिबद्धता की राह दिखाएगी।
- उद्योगपतियों में क्लीन एनर्जी इंटरनेशनल इनक्यूबेशन सेंटर, ईडीएफ-इंडिया, ग्रीनको, रिलायंस, रिन्यू पावर, शनिडर इलेक्ट्रिक, टाटा पावर और विक्रम सोलर के सीईओ शामिल थे।
- इंटरनेशनल सोलर एलायंस की स्थापना के बाद से यूरोपीय आयोग और आईएसए ने बहुत अधिक सहयोग किया है।
- 2018 में सीओपी24 में, यूरोपीय संघ और इंटरनेशनल सोलर एलायंस ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए।
- यूरोपीय आयोग के कार्यकारी-उपाध्यक्ष, महामहिम फ्रांस टिमरमैन्स ने अक्टूबर 2021 में आईएसए असेम्बली में अपनी भागीदारी के दौरान यूरोपीय संघ द्वारा 1 मिलियन यूरो की एक परियोजना की घोषणा की, जिसका उद्देश्य इंटरनेशनल सोलर एलायंस के साथ यूरोपीय संघ, यूरोपीय संघ के सदस्य देशों और यूरोपीय संघ के शैक्षणिक, व्यापार और वित्तीय समुदायों के जुड़ाव को और मजबूत करना है।
- वर्तमान में,7 ईयू सदस्य देश: फ्रांस, नीदरलैंड, डेनमार्क, स्वीडन, जर्मनी, इटली और ग्रीस आईएसए सदस्य देश हैं।
- भारत और फ्रांस आईएसए के अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष हैं।
पृष्ठ्भूमि:
यूरोपीय संघ-आईएसए:
- 11 दिसंबर 2018 को सहयोग के लिए एक संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर के साथ, यूरोपीय संघ आईएसए का एक भागीदार संगठन है।
- ईयू आईएसए के सहयोगी और ज्ञान मंच, आईएसए इन्फोपीडिया और सौर अकादमी के विकास जैसे ठोस कार्यों के साथ आईएसए को सहयोग करता है।
- अकादमी जिसे आईएसए की महासभा 2019 में शुरू किया गया था।
- स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु कार्रवाई के क्षेत्र में यूरोपीय संघ-भारत सहयोग: यूरोपीय संघ और भारत जलवायु कार्य और किफायती, स्वच्छ और सुरक्षित ऊर्जा सुनिश्चित करने के लिए सहयोग कर रहे हैं।
- वर्तमान यूरोपीय संघ- भारत जलवायु और ऊर्जा संबंध भारत-यूरोपीय संघ स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु भागीदारी पर आधारित हैं, जैसा कि 30 मार्च 2016 को यूरोपीय संघ-भारत शिखर सम्मेलन में सहमति व्यक्त की गई थी, जिसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के क्षेत्र में और पेरिस समझौते के कार्यान्वयन में सहयोग को बढ़ाना है।
- 6 अक्टूबर 2017 को यूरोपीय संघ-भारत शिखर सम्मेलन में संयुक्त बयान में इस साझेदारी की पुन: पुष्टि की गई।
- संयुक्त वक्तव्य में और यूरोपीय संघ-भारत रणनीतिक साझेदारी: यूरोपीय संघ-भारत शिखर सम्मेलन में 15 जुलाई 2020 को 2025 के रोडमैप पर सहमति हुई, साथ ही 8 मई 2021 को यूरोपीय संघ-भारत के नेताओं की बैठक में दिए गए संयुक्त वक्तव्य में भी स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु भागीदारी के तहत सहयोग को मजबूत करने का स्वागत किया गया।
3. फसल बीमा पर राष्ट्रव्यापी कार्यशाला लॉन्च किया जायेगा:
सामान्य अध्ययन: 3
अर्थव्यवस्था:
विषय: भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्षों में कृषि विकास निम्नलिखित उपलब्धियां।
प्रारंभिक परीक्षा: सरकार की विभिन्न प्रमुख योजनाओं के तहत गतिविधियां और उपलब्धियां।
प्रसंग:
- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के विभिन्न अन्य मंत्रालयों/विभागों के सहयोग से ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में 25 से 30 अप्रैल, 2022 तक ‘किसान भागीदारी, प्राथमिकता हमारी’ अभियान का आयोजन कर रहा है।
उद्देश्य:
- इस अभियान के दौरान, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग किसानों के लिए क्षेत्रीय स्तर पर राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम आयोजित करेगा।
विवरण:
- इसमें केंद्रीय कृषि मंत्री सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) द्वारा आयोजित फसल बीमा पर राष्ट्रव्यापी कार्यशाला का लॉन्च करेंगे।
- उक्त अभियान के दौरान भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्षों में कृषि विकास की निम्नलिखित उपलब्धियों पर प्रकाश डाला जाएगा:
- हरित क्रांति: खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भरता;
- बागवानी फसलों- अदरक, केला, आम और पपीता का सबसे बड़ा उत्पादक;
- पीली क्रांति (ऑपरेशन गोल्डन फ्लो);
- मीठी क्रांति: शहद उत्पादन;
- फसल सिंचाई में सुधार;
- कृषि में आईसीटी का उपयोग;
- कृषि में रिमोट सेंसिंग/जीआईएस/ड्रोन का अनुप्रयोग;
- कृषि में जैव-प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग;
- जल-संभर विकास कार्यक्रम की सफलता;
- बीज और उर्वरक में आत्मनिर्भरता;
- कृषि यंत्रीकरण में उन्नति;
- मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन (आईएनएम)
- कीटों का प्रभावी प्रबंधन (आईपीएम);
किसान भागीदारी प्राथमिक हमारी अभियान भारत सरकार की विभिन्न प्रमुख योजनाओं के तहत गतिविधियों और उपलब्धियों को रेखांकित करेगा, अर्थात्:
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि;
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना;
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना – प्रति बूंद अधिक फसल;
- प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना;
- किसान क्रेडिट कार्ड;
- कृषि ऋण;
- ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-एनएएम);
- किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ);
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड;
- जैविक और प्राकृतिक खेती;
- पौध संरक्षण और पौध संगरोध;
- मधुमक्खी पालन;
- फार्म मशीनीकरण;
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन;
- बीज और रोपण सामग्री;
- बागवानी के समेकित विकास पर मिशन;
- विस्तार सुधार (एटीएमए);
- आरकेवीवाई – रफ्तार – कृषि स्टार्ट-अप;
4. नौसेना कमांडरों का सम्मेलन 22/1:
सामान्य अध्ययन: 3
सुरक्षा:
विषय: भारत के निकटवर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा परिदृश्य अवं देश पर इसके प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: नौसेना कमांडरों का सम्मेलन
प्रसंग:
- वर्ष 2022 के नौसेना कमांडरों के सम्मेलन का पहला संस्करण 25 से 28 अप्रैल 22 तक निर्धारित है।
उद्देश्य:
- यह सम्मेलन नौसेना कमांडरों के लिए सैन्य-रणनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण समुद्रिक मामलों पर चर्चा करने के साथ-साथ एक संस्थागत फोरम के माध्यम से वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।
विवरण:
- सम्मेलन के दौरान, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों पर नौसेना कमांडरों को संबोधित करेंगे और उनके साथ बातचीत करेंगे।
- भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के प्रमुख तीनों सेनाओं के संयोजन तथा एक सामान्य प्रचालनगत वातावरण तथा इसके साथ-साथ तीनों सेनाओं के समन्वय में वृद्धि करने के तरीकों पर भी नौसेना कमांडरों के साथ चर्चा करेंगे।
- अन्य नौसेना कमांडरों के साथ नौसेना प्रमुख पिछले छह महीनों में भारतीय नौसेना द्वारा किए गए प्रमुख प्रचालन, सामग्री, लॉजिस्टिक्स, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक कार्यकलापों की समीक्षा करेंगे और महत्वपूर्ण गतिविधियों और पहलों के लिए भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श करेंगे।
- इस सम्मेलन में निकटवर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा परिदृश्य की पृष्ठभूमि में भू-रणनीतिक स्थिति की गतिशीलता के साथ-साथ वर्तमान में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण हो रहे परिवर्तनों पर भी विचार किया जाएगा।
- भारतीय नौसेना भविष्य के दृष्टिकोण के साथ युद्ध की तैयारी, विश्वसनीय और संयोजक बल बनने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
- नौसेना ने भारत के बढ़ते समुद्री हितों के अनुरूप पिछले कुछ वर्षों में अपने परिचालन कार्यों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज कराई है।
- ‘पसंदीदा सुरक्षा भागीदार’ के रूप में भारतीय नौसेना की स्थिति भी हाल के दिनों में समान रूप से बढ़ी है।
- 2020-21 में, भारतीय नौसेना जहाजों ने आईओआर तटवर्ती देशों को भोजन और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए और सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के माननीय प्रधानमंत्री के विजन के हिस्से के रूप में कई कोविड संबंधित आउटरीच मिशन शुरू किए हैं।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
आज इससे सम्बंधित कोई समाचार नहीं हैं।
24 अप्रैल 2022 : PIB विश्लेषण :-Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 23अप्रैल 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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