विषयसूची:
|
-
वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम मिसाइल का सफल परीक्षण:
सामान्य अध्ययन: 3
विज्ञानं एवं प्रोधोगिकी:
विषय: देश के अनुसंधान संगठनों द्वारा में स्वदेशी प्रक्षेपण प्रौद्योगिकी का निर्माण,उपयोग को बढ़ावा एवं इसका महत्व।
प्रारंभिक परीक्षा: वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (वीएसएचओआरएडीएस) मिसाइल से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
-
डीआरडीओ ने 27 सितंबर 2022 को ओडिशा के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर में सतह आधारित पोर्टेबल लॉन्चर से वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (वीएसएचओआरएडीएस) मिसाइल के दो सफल प्रशिक्षण किए।
उद्देश्य:
-
वीएसएचओआरएडीएस एक मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम है जिसे डीआरडीओ के रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीआई), हैदराबाद द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योग भागीदारों के सहयोग से स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।
विवरण:
-
वीएसएचओआरएडीएस मिसाइल में मिनिएचराइज़्ड रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम और एकीकृत एवियोनिक्स सहित अनेक नवीन प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।
-
कम दूरी पर कम ऊंचाई वाले हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए बनाई गई मिसाइल को दोहरे प्रणोद वाली ठोस मोटर द्वारा गतिमान किया जाता है।
-
आसान सुनिश्चित करने के लिए लांचर सहित मिसाइल के डिजाइन को अत्यधिक अनुकूलित किया गया है। दोनों उड़ानों का परिक्षण सफल रहा।
-
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की एकीकृत क्रायोजेनिक इंजन निर्माण सुविधा का उद्घाटन:
-
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 27 सितंबर, 2022 को बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की एकीकृत क्रायोजेनिक इंजन निर्माण सुविधा का उद्घाटन किया।
-
इस अवसर पर उन्होंने जोनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (दक्षिण क्षेत्र) का भी आभासी रूप से शिलान्यास किया।
-
राष्ट्रपति ने कहा कि इसरो देश का गौरव है। 1960 के दशक में जब यह संस्था शुरू हुई, तब भारत एक युवा गणराज्य था, जो गरीबी और निरक्षरता की गंभीर चुनौतियों से जूझ रहा था।
-
इसरो के ईमानदार प्रयासों और समर्पण की बदौलत भारत क्रायोजेनिक इंजन निर्माण क्षमता वाला दुनिया का छठा देश बन चुका है।
-
एचएएल और इसरो संयुक्त रूप से सामरिक रक्षा और विकास के क्षेत्र में योगदान करते हैं। दोनों संगठनों ने देश की सुरक्षा और विकास को सुदृढ़ बनाने वाले विभिन्न उपकरणों के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई है।
-
एचएएल रक्षा संबंधी उपकरणों के निर्माण की अपनी अत्याधुनिक सुविधा के साथ हमारे देश के लिए बहुमूल्य साबित हुई है।
-
वर्ष 2047 तक, जब हम स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएंगे, हमारे आस-पास की दुनिया काफी बदल चुकी होगी।
-
यह सुनिश्चित करना हमारी संयुक्त जिम्मेदारी है कि 2047 का भारत कहीं अधिक समृद्ध और सशक्त राष्ट्र हो।
-
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के तहत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे भी वायरोलॉजी के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ाने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।
-
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को विश्व स्वास्थ्य संगठन की सहयोगी प्रयोगशालाओं में से एक के रूप में नामित किया गया है।
-
विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों की मांगों को पूरा करने की दिशा में देश भर में क्षेत्रीय परिसरों के माध्यम से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी का विस्तार प्रशंसनीय है।
-
- पोषण अभियान 2022:
-
पोषण माह 2022 के दौरान, बच्चों, किशोरियों गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं में एनीमिया की रोकथाम और उपचार के लिए देश भर में टी3 शिविर (टेस्ट, ट्रीट, टॉक), आईएफए वितरण, सेमिनार, एनीमिया के लिए आयुष, वेबिनार, प्रश्नोत्तरी और खाना बनाने की विधि प्रतियोगिता, पारंपरिक खाद्य प्रथाओं, जागरूकता रैलियों जैसी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।
-
एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) की संख्या,और फलस्वरूप उनकी ऑक्सीजन-वहन क्षमता, शरीर की शारीरिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपर्याप्त हो जाती है।
-
सरकार ने एनीमिया से निपटने के लिए अपनी व्यापक रणनीति के हिस्से के रूप में कई राज्यों की योजनाओं/कार्यक्रमों के लिए केन्द्रीय मंत्रालयों से स्टेपल फूड फोर्टिफिकेशन शामिल किया हैं।
-
आयरन की कमी होने और बाद में आयरन की कमी के साथ एनीमिया होने में आहार संबंधी आदतें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
-
हांलाकि आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया सबसे आम रूप है और आहार परिवर्तन के माध्यम से इसका इलाज करना अपेक्षाकृत आसान है।
-
आहार में सुधार/सुदृढ़ीकरण/विविधीकरण के माध्यम से आयरन की मात्रा बढ़ाने के लिए आहार आधारित दृष्टिकोण और स्वच्छ वातावरण महत्वपूर्ण स्थायी रणनीतियाँ हैं जिनसे सामान्य आबादी में आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया को रोका जा सकता है।
-
एनीमिया से निपटने के लिए अपनी व्यापक रणनीति के हिस्से के रूप में, भारत सरकार ने कई राज्यों में योजनाओं/कार्यक्रमों के लिए केन्द्रीय मंत्रालयों से मुख्य खाद्य फोर्टिफिकेशन को शामिल किया है।
-
पोषण अभियान कुपोषण से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए एक व्यावहारिक दृष्टिकोण है। प्रमुख मंत्रालयों/विभागों, मुख्य रूप से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएच एंड एफडब्ल्यू के सहयोग से एनीमिया की बीमारी से निपटना अभियान के महत्वपूर्ण उद्देश्यों में से एक है।
-
पोषण अभियान के तहत, सामुदायिक जुड़ाव, लाभार्थियों के सशक्तिकरण और बेहतर पोषण की दिशा में व्यवहार परिवर्तन के लिए व्यवस्था क्रम को मजबूत करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं, जिसके लिए अभियान आंगनवाड़ी केन्द्रों में समुदाय आधारित कार्यक्रम (सीबीई) आयोजित किए जा रहे हैं।
-
पोषण में सुधार और बीमारी को कम करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य से संबंधित संदेशों, एनीमिया की रोकथाम, पौष्टिक भोजन का महत्व, आहार विविधता आदि जैसे समुदाय आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
-
अनेक राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों ने लोहे की कमी को कम करने के लिए खाना पकाने के लिए लोहे के बर्तनों के उपयोग जैसी सर्वोत्तम स्वदेशी प्रथाओं को बढ़ावा दिया है, पूरक पोषण आदि के साथ आयुर्वेद उत्पादों और योग को एकीकृत करने का काम किया है।
-
- राष्ट्रीय एससी-एसटी हब मेगा इवेंट का अहमदाबाद, गुजरात में आयोजन:
-
राष्ट्रीय एससी-एसटी हब मेगा इवेंट का अहमदाबाद, गुजरात में आयोजन किया जायेगा।
-
कॉन्क्लेव का आयोजन भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) द्वारा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति हब (एनएसएसएच) योजना और मंत्रालय की अन्य योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए किया जा रहा है।
-
यह सार्वजनिक क्षेत्रों में एससी-एसटी एमएसई की भागीदारी बढ़ाने के लिए इच्छुक/मौजूदा एससी-एसटी उद्यमियों, सीपीएसई, उद्योग संघों और ऋण देने वाली संस्थाओं के साथ बातचीत करने का भी समय होगा।
-
एमएसएमई क्षेत्र रोजगार सृजन और आजीविका में सुधार के मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
-
वर्तमान में इसमें 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देने वाली 6 करोड़ यूनिट्स शामिल हैं, जो सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 30 प्रतिशत योगदान और भारत से कुल निर्यात में 45 प्रतिशत से अधिक के साथ आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
-
भारतीय अर्थव्यवस्था के समावेशी विकास के लिए भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति हब (एनएसएसएच) योजना शुरू की है।
-
इसका उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्रों में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए एससी-एसटी आबादी की क्षमता वृद्धि और “उद्यमिता संस्कृति” को बढ़ावा देना है।
-
इसे एमएसएमई मंत्रालय के तहत एक सीपीएसई, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
-
हमारी अर्थव्यवस्था पर एमएसएमई के प्रभाव को देखते हुए, यह जरूरी है कि युवाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने और एक अनुकूल ईकोसिस्टम बनाने के लिए केंद्रित प्रयास किए जाएं ताकि वे 5 ट्रिलियन अमरीकी डालर की अर्थव्यवस्था बनाने में अपना योगदान दे सके ।
-
एमएसएमई क्षेत्र का विकास राष्ट्र की आर्थिक भलाई के लिए महत्वपूर्ण है।
-
एमएसएमई मंत्रालय सतत विकास के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाने और वैश्विक मूल्य श्रृंखला के अनुरूप उन्हें तैयार करने के लिए लगातार काम कर रहा है।
-
- एनसीएस पोर्टल:
-
भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का राष्ट्रीय करियर सेवा (NCS) पोर्टल जुलाई 2015 में प्रधानमंत्री श्री नरन्द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था।
-
एनसीएस पोर्टल रोजगार का एक प्लेटफार्म है, जो विभिन्न प्रकार की रोजगार सेवाएं प्रदान करता है।
-
रोजगार पाने के इच्छुक योग्य व्यक्तियों को उपयुक्त रोजगार पाने के क्रम में संभावित नियोक्ताओं से जोड़ना इसका उद्देश्य है।
-
एनसीएस करियर परामर्श, व्यावसायिक मार्गदर्शन और करियर कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से उम्मीदवारों के व्यक्तित्व को भी बढ़ाता है।
-
26 सितंबर, 2022 तक, एनसीएस पोर्टल पर विभिन्न क्षेत्रों में रिक्तियों की संख्या 4,82,264 हो गई है, जो अब तक की सर्वाधिक है। यह देश में रोजगार में वृद्धि का संकेत है।
-
जून 2019 में सक्रिय रिक्तियों की संख्या 3,20,917 थीं, जो उस समय तक सर्वाधिक थी। इसमें योगदान देने वाले 5 शीर्ष क्षेत्र- वित्त एवं बीमा, संचालन एवं सहायता, होटल / खाद्य सेवा एवं खानपान, स्वास्थ्य क्षेत्र और आईटी एवं संचार हैं।
-
एनसीएस पोर्टल की स्थापना के बाद से इस पर एकत्रित रिक्तियों की संख्या कुल मिलाकर 1.09 करोड़ से अधिक है।
-
वित्त मंत्री द्वारा बजटीय घोषणा 2022-23 के अनुरूप, एनसीएस पोर्टल अब ई-श्रम के साथ एपीआई के माध्यम से जुड़ा है।
-
इससे असंगठित क्षेत्र के कामगारों को एनसीएस पोर्टल पर रोजगार पाने के इच्छुक के रूप में रजिस्टर्ड करने की सुविधा प्राप्त होती है।
-
साथ ही, उद्यम पोर्टल पर उद्यम में रजिस्टर्ड एमएसएमई के पंजीकरण के लिए नियोक्ता को आसानी से एनसीएस पोर्टल पर अपनी रिक्तियों को पोस्ट करने की सुविधा प्रदान करता है।
-
- आशा पारेख को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, 2020 से सम्मानित किया जाएगा:
-
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने घोषणा की है कि वर्ष 2020 के लिए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख को दिया जाएगा।
-
ये पुरस्कार नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा।इस समारोह की अध्यक्षता भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु करेंगी।
-
सुश्री आशा पारेख एक प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री, निर्देशक, निर्माता और एक कुशल भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना हैं।
-
एक बाल कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू करते हुए उन्होंने 95 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया।
-
सुश्री पारेख पद्मश्री से सम्मानित हैं जो उन्हें 1992 में दिया गया था। उन्होंने 1998-2001 तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के प्रमुख के रूप में भी काम किया है।
-
सुश्री पारेख को पुरस्कार देने का निर्णय पांच सदस्यों की जूरी द्वारा लिया गया था।
-
27 सितंबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 26 सितंबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें। सम्बंधित लिंक्स:
Comments