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28 अप्रैल 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. विश्व बैंक का लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक
  2. राष्ट्रीय विनिर्माण नवाचार सर्वेक्षण 
  3. शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के परिवहन मंत्रियों की 10 वीं बैठक
  4. विश्व पशु चिकित्सा दिवस-2023
  5. भारत, यूके की प्रमुख रदरफोर्ड एपलटन प्रयोगशाला में सुविधाएं बढ़ाने में सहयोग करेगा
  6. जंगी जहाज इंफाल परीक्षण के लिए पहली बार समुद्र में रवाना किया गया

1.विश्व बैंक का लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक:

सामान्य अध्ययन-3

अवसंरचना:

विषय: अवसंरचना विकास

प्रारंभिक परीक्षा: विश्व बैंक के लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक के बारे में

संदर्भ:

  • विश्व बैंक के लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक में भारत 38वीं रैंक पर पहुंच गया है।

विवरण:

  • विश्व बैंक के लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक (I-PI) रिपोर्ट 2023 के मुताबिक भारत के लिए औसत कंटेनर ठहराव समय (कंटेनर ड्वेल टाइम) तीन दिन के स्तर पर पहुंच गया है। 
  • भारत के तीन दिन के कंटेनर ड्वेल टाइम के मुकाबले यह संयुक्त अरब अमीरात और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में 4 दिन, संयुक्त राज्य अमेरिका में 7 दिन और जर्मनी में 10 दिन है।
  • शिपिंग क्षेत्र में देश द्वारा किए गए सुधारों का ही परिणाम है कि अब भारतीय समुद्री बंदरगाहों पर बहुत कम ठहराव समय लग रहा है जिससे बंदरगाह उत्पादकता बढ़ रही है और डिजिटलीकरण के माध्यम से आपूर्ति श्रृंखला में सुधार होता दिख रहा है।
  • पीएम गति-शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत समन्वित योजना और कार्यान्वयन के माध्यम से दूरदारज के इलाकों से कनेक्टिविटी में सुधार पर ध्यान केंद्रित करने और समुद्री क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर जोर देने से भारत अंतर्राष्ट्रीय शिपमेंट श्रेणी में वैश्विक रैंकिंग में 22वें स्थान पर पहुंच गया है और देश के लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक स्कोर के अनुसार समग्र रूप से 38वीं रैंक भारत को प्राप्त हुई है।
  • नीतिगत सुधारों, नई तकनीकों को शामिल करने और अधिक से अधिक सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से बंदरगाहों  की दक्षता और उत्पादकता में सुधार पर जोर दिया गया है। भारतीय बंदरगाहों ने “टर्न अराउंड टाइम” में भी भारी सुधार दर्ज किया है।
  • विश्व बैंक के लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक (I-PI) रिपोर्ट 2023 में प्रकाशित “टर्न अराउंड टाइम” पैरामीटर पर भारतीय बंदरगाहों की वैश्विक तुलना, भारतीय बंदरगाहों को “टर्न अराउंड टाइम” 0.9 दिनों के रूप में स्वीकार करती है जो यूएसए (1.5 दिन), ऑस्ट्रेलिया (1.7 दिन), बेल्जियम (1.3 दिन), कनाडा (2.0 दिन), जर्मनी (1.3 दिन), यूएई (1.1 दिन), सिंगापुर (1.0 दिन), रूसी संघ (1.8 दिन), मलेशिया (1.0 दिन), आयरलैंड (1.2 दिन), इंडोनेशिया (1.1 दिन), न्यूजीलैंड (1.1 दिन) और दक्षिण अफ्रीका (2.8 दिन) से बेहतर है।

लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक:

  • लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक विश्व बैंक द्वारा बनाया गया एक इंटरएक्टिव बेंचमार्किंग टूल है, जो देशों को व्यापार लॉजिस्टिक्स पर उनके प्रदर्शन में आने वाली चुनौतियों और अवसरों की पहचान करने में मदद करता है और इसमें यह भी शामिल है कि देश अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए क्या कर सकते हैं।
  • विश्व बैंक द्वारा हर 2 साल में लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक सर्वेक्षण आयोजित किया जाता है।   
  • लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक 2023 में 139 देशों की तुलना की गई है।

2.राष्ट्रीय विनिर्माण नवाचार सर्वेक्षण

सामान्य अध्ययन-3

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास और अनुप्रयोग   

प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय विनिर्माण नवाचार सर्वेक्षण (NMIS) के बारे में 

संदर्भ:

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव ने “राष्ट्रीय विनिर्माण नवाचार सर्वेक्षण (NMIS) 2021- 22 : नीति निर्माताओं के लिए सारांश” रिपोर्ट जारी की।

विवरण:

  • राष्ट्रीय विनिर्माण नवाचार सर्वेक्षण (NMIS) 2021-22 विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किया गया था क्योंकि भारत सरकार ने भारतीय विनिर्माण की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने और GDP में इसकी हिस्सेदारी बढ़ाने को प्राथमिकता दी है। 
  • सर्वेक्षण के निष्कर्ष फर्मों द्वारा नवाचार के लिए सक्षम गतिविधियों और बाधाओं में व्यापक अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं और इसमें बारीकी से यह मूल्यांकन किया गया है कि नए उत्पादों, सेवाओं और व्यावसायिक प्रक्रियाओं का उत्पादन करने की निर्माण फर्मों की क्षमता के संबंध में राज्यों और क्षेत्रों ने कैसा प्रदर्शन किया है। 
  • सर्वेक्षण के परिणामों का विस्तृत विश्लेषण भी भारत में नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र पर मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करता है और इस प्रकार, यह रिपोर्ट नवाचार और आर्थिक विकास के क्षेत्र में नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और चिकित्सकों के लिए बहुत रुचिकर होगी।
  • राष्ट्रीय विनिर्माण नवाचार सर्वेक्षण 2021- 22 में दो विशिष्ट घटक थे: 
  • फर्म-स्तरीय सर्वेक्षण 
  • नवाचार सर्वेक्षण की क्षेत्रीय प्रणाली (SSI)।
  • फर्म-स्तरीय सर्वेक्षण में फर्मों द्वारा किए गए नवाचारों के प्रकार और अभिनव उपायों से संबंधित ऐसे डेटा को शामिल किया गया है जिसमें नवाचार की प्रक्रिया, वित्त तक पहुंच, संसाधन और नवाचार के लिए जानकारी शामिल है, इसके अलावा किसी एक फर्म में नवाचार गतिविधियों को प्रभावित करने वाले कारकों को भी रिकॉर्ड किया गया है। 
  • चार में से एक फर्म ने अवलोकन अवधि में एक नवाचार को सफलतापूर्वक लागू किया था, और इनमें से 80 प्रतिशत से अधिक फर्में बाजारों और उत्पादन के विस्तार और लागत को कम करने में महत्वपूर्ण रूप से लाभान्वित हुईं।
  • नवाचार सर्वेक्षण की क्षेत्रीय प्रणाली (SSI) ने विनिर्माण नवाचार प्रणाली और फर्मों में नवाचारों को प्राप्त करने में इसकी सक्षम भूमिका का मानचित्रण किया। 
  • SSI अध्ययन में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण पांच प्रमुख विनिर्माण क्षेत्रों – कपड़ा ; खाद्य और पेय पदार्थ ; मोटर वाहन; औषधि (फार्मा) ; और सूचना एवं संवाद प्रौद्योगिकी के मानचित्रण में नवोन्मेष पारिस्थितिकी तंत्र के हितधारकों, नवोन्मेष के सापेक्ष बाधाओं के साथ-साथ चुनिंदा देशों में वर्तमान नीति उपकरणों के अभिसरण या विचलन को मापा गयाI
  • फर्म-स्तरीय इस सर्वेक्षण में कुल 8,087 फर्मों ने भाग लिया, जबकि SSI सर्वेक्षण में 5,488 फर्मों और गैर-फर्मों ने भाग लिया। फर्म-स्तरीय सर्वेक्षण के निष्कर्षों को ‘ भारतीय विनिर्माण में फर्म-स्तरीय नवाचार का आकलन’ में शामिल किया गया है। 
  • मोटर वाहन, औषधि उद्योग, वस्त्र, खाद्य एवं पेय पदार्थ, और सूचना एवं संवाद प्रौद्योगिकियां जैसे पांच विनिर्माण क्षेत्रों के भीतर नवाचार की क्षेत्रीय प्रणालियों के अध्ययन से अलग से पांच रिपोर्टें विकसित की गई हैं।

राष्ट्रीय विनिर्माण नवाचार सर्वेक्षण 2021-22:

  • राष्ट्रीय विनिर्माण नवाचार सर्वेक्षण 2021-22 भारत में निर्माण फर्मों के नवाचार प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन द्वारा किया गया एक संयुक्त अध्ययन है। 
  • राष्ट्रीय विनिर्माण नवाचार सर्वेक्षण 2021-22 अध्ययन को द्वि-आयामी सर्वेक्षण के रूप में आयोजित किया गया था, जिसमें निर्माण फर्मों में नवाचार प्रक्रियाओं, परिणामों और बाधाओं की जांच की गई थी और इन फर्मों में नवाचार परिणामों को प्रभावित करने वाले नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का भी अध्ययन किया गया था। 
  • यह अध्ययन 2011 में आयोजित विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के पहले राष्ट्रीय नवाचार सर्वेक्षण के अनुरूप किया गया हैI
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन द्वारा परस्पर सभागिता में किए गए इस अध्ययन ने फर्म स्तर पर विनिर्माण नवाचार परिणामों, प्रक्रियाओं और बाधाओं को मापने के लिए 360-डिग्री दृष्टिकोण की अनुमति देने के साथ ही योगदान प्रक्रियाओं और परस्पर विमर्श (इंटरैक्शन) का मानचित्रण (पिंग) किया और इस तरह राज्यों, क्षेत्रों और फर्म के आकार के प्रदर्शन का आकलन किया।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1.शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के परिवहन मंत्रियों की 10वीं बैठक:

  • केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने नई दिल्ली में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के परिवहन मंत्रियों की 10वीं बैठक की अध्यक्षता की। 
  • बैठक में, सभी सदस्य देशों ने “अधिक दक्षता और स्थायित्व के लिए कार्बन रहित परिवहन, डिजिटल बदलाव और नवीन तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए SCO सदस्य देशों के बीच सहयोग की अवधारणा” का समर्थन किया।
  • भारत, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का वर्तमान अध्यक्ष है। 
  • अंतर-सरकारी संगठन शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की स्थापना 15 जून 2001 को शंघाई में हुई थी। 
  • SCO में इस समय आठ सदस्य देश – भारत, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।

2.विश्व पशु चिकित्सा दिवस-2023:

  • पशुधन उत्पादन और प्रबंधन के माध्यम से वन्यजीव संरक्षण, पर्यावरण और जैव विविधता की सुरक्षा, जैव आतंकवाद के खतरे को रोककर देश की सुरक्षा, पशु और मानव स्वास्थ्य और कल्याण, खाद्य सुरक्षा, खाद्य गुणवत्त, पारितंत्र, दवाओं और फार्मास्यूटिकल्स विकास, जैव चिकित्सा अनुसंधान, ग्रामीण विकास, शिक्षकों, प्रशिक्षकों और नीति निर्माताओं के रूप में आर्थिक विकास में पशु चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिकाओं को पहचानने और उसका समारोह मनाने के लिए पशुपालन और डेयरी विभाग भारतीय पशु चिकित्सा परिषद के साथ मिलकर पशु चिकित्सा दिवस- 2023 का विश्व उत्सव मनाने जा रहा है। 
  • इसका आयोजन 29 अप्रैल, 2023 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में किया जाएगा।
  • यह दिन हर साल अप्रैल के अंतिम शनिवार को पशु चिकित्सा व्यवसाय को सम्मान स्वरुप मनाया जाता है। 
  • इस साल इस दिवस का विषय पशु चिकित्सा क्षेत्र में विविधता, समानता और समावेश को बढ़ावा देना है।

3.भारत, यूके की प्रमुख रदरफोर्ड एपलटन प्रयोगशाला में सुविधाएं बढ़ाने में सहयोग करेगा:

  • रदरफोर्ड एपलटन लेबोरेटरी (RAL) ब्रिटेन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी सुविधा परिषद (साइंस एंड टेक्नोलॉजी फैसिलिटीज काउंसिल – STFC) द्वारा संचालित राष्ट्रीय वैज्ञानिक अनुसंधान प्रयोगशालाओं में से एक है। 
  • ब्रिटेन (यूके) के लिए स्वदेशी (होस्टिंग) सुविधाओं के अलावा, RAL प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं में भागीदारी के यूके कार्यक्रम को समन्वयित करने के लिए विभागों का संचालन भी करता है। 
  • इनमें से सबसे बड़े क्षेत्र कण भौतिकी (पार्टिकल फिजिक्स) और अंतरिक्ष विज्ञान (स्पेस साइंस) के हैं। 
  • यहाँ यूके की कुछ प्रमुख वैज्ञानिक सुविधाएं हैं, जिनमें ISIS न्यूट्रॉन और म्यूऑन सोर्स (1984), एक स्पैलेशन न्यूट्रॉन स्रोत, सेंट्रल लेजर सुविधा, डायमंड लाइट सोर्स सिंक्रोट्रॉन शामिल हैं।

4.जंगी जहाज इंफाल परीक्षण के लिए पहली बार समुद्र में रवाना किया गया:

  • भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 15B श्रेणी के तहत तैयार किया गया और रडार से बचने में सक्षम तीसरा स्वदेशी विध्वंसक युद्धपोत इंफाल परीक्षण के लिए पहली बार समुद्री में रवाना किया गया। 
  • इस जहाज को मौजूदा वर्ष के अंत तक सेवारत करने की योजना है। 
  • युद्धपोत इंफाल को कई विशिष्ट तकनीकों तथा उच्च स्वदेशी सामग्री से लैस किया गया है और इसे नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा इन-हाउस डिजाइन किया गया है। 
  • इंफाल का निर्माण मझगांव डॉक लिमिटेड द्वारा किया गया है, जो भारतीय नौसेना के ‘आत्मनिर्भर भारत’ व ‘मेक इन इंडिया’ पहल के राष्ट्रीय दृष्टिकोण पर जोर देने का स्वाभिमानी प्रमाण है।
  • इंफाल को अब तक का सबसे बड़ा और सबसे उन्नत विध्वंसक युद्धपोत होने का अनूठा गौरव प्राप्त होगा, जिसका नामकरण पूर्वोत्तर भारत के एक शहर (इंफाल) के नाम पर किया गया है। 
  • इस प्रकार इंफाल राष्ट्रीय सुरक्षा एवं विकास के लिए उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और मणिपुर राज्य के बढ़ते महत्व तथा योगदान को प्रदर्शित करने का एक उपयुक्त प्रतिरूप होगा।
  • इंफाल भारतीय नौसेना की लड़ाकू क्षमताओं में महत्वपूर्ण माध्यम से वृद्धि करेगा। 
    • प्रोजेक्ट 15B के तहत मझगांव डॉक्स लिमिटेड निर्देशित मिसाइल विध्वसंक युद्धपोतों का निर्माण कर रहा है। 
    • प्रोजेक्ट 15B के तहत चार जहाजों के निर्माण के अनुबंध पर 28 जनवरी 2011 को हस्ताक्षर किए गए थे। 
    • इन्हें विशाखापत्तनम श्रेणी के जहाजों के रूप में जाना जाता है।
    • यह प्रोजेक्ट पिछले दशक में शुरू किए गए कोलकाता श्रेणी (परियोजना 15A) का अनुवर्ती है।

 

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