विषयसूची:
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1.भारत और लिथुआनिया गहन प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप्स के क्षेत्रों और सेमीकंडक्टर चिप्स निर्माण में स्थायी संबंध बनाने पर सहमत हुए
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: गहन प्रौद्योगिकी (डीप टेक), सेमीकंडक्टर चिप्स का निर्माण।
मुख्य परीक्षा: भारत और लिथुआनिया के बीच गहन प्रौद्योगिकी (डीप टेक) स्टार्ट-अप्स के क्षेत्रों में काम करने और सेमीकंडक्टर चिप्स के निर्माण में स्थायी संबंध बनाने पर बनी सहमति के महत्व पर प्रकाश डालिये।
प्रसंग:
- भारत और लिथुआनिया गहन प्रौद्योगिकी (डीप टेक) स्टार्ट-अप्स के क्षेत्रों में काम करने और सेमीकंडक्टर चिप्स के निर्माण में स्थायी संबंध बनाने पर सहमत हुए।
उद्देश्य:
- विदेश मंत्रालय के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग 2010 से लिथुआनिया सरकार के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के एक समझौते पर बातचीत कर रहा है।
विवरण:
- लिथुआनिया के एक उच्च स्तरीय लिथुआनियाई प्रतिनिधिमंडल ने डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में 2010 के समझौते को पुनर्जीवित करने के तरीकों पर चर्चा की।
- रोजगार के अधिक अवसर और धन सृजन के लिए स्टार्ट-अप संस्कृति को और अधिक बढ़ावा देने की गहरी रुचि के प्रत्त्युत्तर में करोलिस जेमेइटिस ने भारतीय मंत्री को आश्वासन दिया कि लिथुआनिया के पास जीवन विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी और एसटीईएम जैसे क्षेत्रों में सुदृढ़ जानकारी एवं क्षमताएं हैं और वे उच्च तकनीक स्टार्ट-अप में दोनों देशों के बीच सहयोग के इच्छुक हैं।
- डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने पिछले 9 वर्षों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की है।
- अंतरिक्ष में तेजी से और विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त उपलब्धियों के अलावा, कोविड के 4 स्वदेशी टीकों के मामले में बायोटेक की ख्याति दुनिया के सामने है।
- भारत ने 94 देशों को कोविड -19 वैक्सीन की 723 लाख से अधिक खुराक की आपूर्ति की है और कुशल वैक्सीन वितरण के लिए कोविन-सीओडब्ल्यूआईएन ऐप भी साझा किया है।
- लिथुआनियाई मंत्री ने उल्लेख किया कि उनके देश की एक वैश्विक बहुराष्ट्रीय कंपनी (एमएनसी), “टेलटोनिका” परिष्कृत चिप्स के निर्माण के लिए ताइवान के साथ काम कर रही है और इस कंपनी की भारत में भी उपस्थिति है और आने वाले वर्षों में चिप बनाने के सहयोग को एक नई ऊंचाई तक ले जा सकती है।
2. प्रवासी भारतीयों के लिए वैभव फैलोशिप की शुरुआत:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: शासन के महत्वपूर्ण पहलू, पारदर्शिता एवं जवाबदेही, प्रतिरूप, सफलताएं और सीमाएं एवं उनका देश के विकास पर प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: वैभव फैलोशिप योजना।
प्रसंग:
- डॉ. जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर भारतीय प्रवासियों के लिए वैभव फैलोशिप योजना की शुरुआत की।
उद्देश्य:
- वैभव फैलोशिप का उद्देश्य विदेशी संस्थानों से भारत में शिक्षकों/शोधकर्ताओं की मोबिलिटी के माध्यम से भारतीय संस्थानों व विश्व के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान सहभागिताओं के द्वारा भारत के उच्च शैक्षणिक संस्थानों के अनुसंधान इकोसिस्टम में सुधार करना है।
विवरण:
- इस योजना के तहत आवेदक को अनिवासी भारतीय (NRI), भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) या भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई) होना चाहिए और उनके पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से पीएचडी/एमडी/एमएस की डिग्री हो।
- इसके अलावा आवेदक को अनुसंधान और विकास के प्रमाणित ट्रैक रिकॉर्ड के साथ एक विदेशी शैक्षणिक/अनुसंधान/औद्योगिक संगठन में एक शोधकर्ता होने के साथ भारत में एक शोध संस्थान/शैक्षणिक संस्थान में एक साल में कम से कम 1 महीने से लेकर अधिकतम 2 महीने तक काम करने की योजना होनी चाहिए।
- डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अब तक के अपने नौ स्वतंत्रता दिवस संबोधनों में ऐतिहासिक वैज्ञानिक पहलों की घोषणा की है।
- 15 अगस्त, 2014, जब स्वच्छ भारत मिशन की घोषणा व्यक्तिगत घरेलू शौचालय के निर्माण को लेकर की गई थी, जिससे ग्रामीण गरीबों, विशेषकर युवा लड़कियों और महिलाओं को स्वास्थ्य व स्वच्छता के मामले में बड़ी राहत प्राप्त हुई थी।
- इसी तरह प्रधानमंत्री ने साल 2015 के स्वतंत्रता दिवस पर “स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया” की एक अन्य ऐतिहासिक घोषणा थी।
- इसके बाद डिजिटल इंडिया, जिसने डीबीटी, जेएएम (जनधन, आधार व मोबाइल) ट्रिनिटी और यूपीआई की शुरुआत की, फिर गगनयान मिशन, डिजिटल स्वास्थ्य, डीप सी (गहरा समुद्र) मिशन की घोषणा की गई।
- वहीं, पिछले साल उन्होंने “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान” का आह्वान करके नवोन्मेष को आगे बढ़ाया था।
- इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने लगातार दो स्वतंत्रता भाषणों यानी 2021 में डिजिटल स्वास्थ्य मिशन और 2022 में डीप सी मिशन का उल्लेख किया।
- हम 2015 तक वैश्विक नवाचार सूचकांक में 130 देशों में 81वें नंबर पर थे, लेकिन 2022 में हम 40वें स्थान पर पहुंच गए हैं।
- आज भारत पीएचडी और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के मामले में विश्व के शीर्ष तीन देशों में शामिल है।
- पिछले 9 वर्षों के दौरान कई प्रकाशनों (नेशनल साइंस फाउंडेशन डेटाबेस के आधार पर 2013 में वैश्विक स्तर पर 6वें स्थान से अब तीसरे पर), पेटेंट (निवासी पेटेंट जमा करने के मामले में वैश्विक स्तर पर 9वां स्थान) और शोध प्रकाशनों की गुणवत्ता (2013 में 13वें से अब वैश्विक स्तर पर 9वां स्थान) के मामले में देश के समग्र प्रदर्शन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।
- डॉ. जितेंद्र सिंह ने जी-20 की भारत की अध्यक्षता के अनुरूप इस साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की विषयवस्तु “वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान” को चुना है।
3. भारत-डेनिश ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: भारत-डेनिश ग्रीन स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप।
प्रसंग:
- भारत-डेनिश ग्रीन स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप न केवल डेनमार्क और भारत में बल्कि यूरोप और पूरे विश्व के लिए एलआईएफई सहित सतत जीवन शैली को प्रोत्साहित करने के लिए विचारों, श्रेष्ठ व्यवहारों, ज्ञान, प्रौद्योगिकी, क्षमता निर्माण के आदान-प्रदान का उपयुक्त मंच है।
उद्देश्य:
- भारत और डेनमार्क ने जलवायु और ऊर्जा पर अत्यंत महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किए हैं। ये लक्ष्य पेरिस समझौते के महत्वाकांक्षी क्रियान्वयन में योगदान देंगे।
- साथ में दोनों देश विश्व को दिखा सकते हैं कि महत्वाकांक्षी जलवायु और टिकाऊ ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करना संभव है।
- यह भी आवश्यक है कि रियो संधि के संस्थापक सिद्धांतों के प्रति हम स्वयं को प्रतिबद्ध करें।
विवरण:
- नई दिल्ली में भारत-डेनमार्कः हरित और सतत प्रगति के लिए साझेदार सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु पर्यावरण मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने कहा है कि डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट्टे फ्रेडरिक्सन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच 28 सितंबर, 2020 को वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान ग्रीन स्टैटजिक पार्टनरशिप प्रारंभ होने के बाद से द्विपक्षीय सहयोग हरित और सतत विकास को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है।
- मई 2022 में प्रधानमंत्री मोदी की डेनमार्क यात्रा के दौरान भारत और डेनमार्क ग्रीन हाइड्रोजन, नवीकरणीय ऊर्जा तथा अपशिष्ट जल प्रबंधन पर ध्यान देने के साथ-साथ ग्रीन स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप को और सुदृढ़ करने पर सहमत हुए थे।
- डेनमार्क और भारत के बीच ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप में दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण और सहयोगपूर्ण संबंधों में एक नया अध्याय खोला है।
- शर्म अल-शेख में हाल में संपन्न सीओपी 27 में जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों में टिकाऊ जीवन शैली तथा उपभोग और उत्पादन के टिकाऊ पैटर्न (एससीपी) के महत्व को रेखांकित किया गया था।
- इस संबंध में उपस्थित लोगों का ध्यान प्रधानमंत्री द्वारा घोषित और प्रारंभ की गई एलआईएफई या लाइफ स्टाइल फॉर इनवायरनमेंट की ओर आकर्षित किया।
- 2030 तक एसडीजी को प्राप्त करने की वैश्विक प्रतिबद्धता के अनुरूप मिशन एलआईएफई लगभग सभी एसडीजी में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से योगदान देता है, जिसमें टिकाऊ शहर और समुदायों (एसडीजी 11), उत्तरदायी उत्पादन और उपभोग (एसडीजी 12), जलवायु परिवर्तन (एसडीजी 13), भूमि परजीवन (एसडीजी 15) तथा जल के नीचे जीवन (एसडीजी 14) शामिल है।
- विश्व के सबसे अधिक आबादी वाले लोकतंत्र और एक जीवंत उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में भारत उदाहरण के साथ नेतृत्व करने का इच्छुक है तथा विश्व समुदाय को व्यक्तिगत, परिवार तथा समुदाय आधारित कार्यों के लिए मिशन एलआईएफई का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया।
- भारत समावेशी तथा समग्र सतत विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। विशेष रूप से पर्यावरण के क्षेत्र में और यह राष्ट्रीय तथा वैश्विक स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी के माध्यम से किया जा रहा है।
- जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत और डेनमार्क की साझी प्रतिबद्धता अब तटीय पवन तथा नवीकरणीय ऊर्जा पर रणनीतिक क्षेत्र सहयोग के साथ-साथ अप-तटीय पवन, ऊर्जा मॉडलिंग और नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण के क्षेत्रों में क्षमता निर्माण तथा टेक्नोलॉजी हस्तान्तरण पर भारत-डेनमार्क ऊर्जा साझेदारी (आईएनडीईपी) का उदाहरण है।
4. गत वर्ष की तुलना में जनवरी 2023 में आठ प्रमुख उद्योगों (आईसीआई) का संयुक्त सूचकांक 7.8 प्रतिशत (अनंतिम) बढ़ा:
सामान्य अध्ययन: 3
आर्थिक विकास:
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोजगार से संबंधित विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: आठ प्रमुख उद्योग (आईसीआई)।
प्रसंग:
- जनवरी 2022 के सूचकांक की तुलना में जनवरी 2023 में आठ प्रमुख उद्योगों (आईसीआई) का संयुक्त सूचकांक 7.8 प्रतिशत (अनंतिम) बढ़ा।
विवरण:
- आठ प्रमुख उद्योगों का संयुक्त सूचकांक जनवरी 2022 के सूचकांक की तुलना में जनवरी 2023 के दौरान 7.8 प्रतिशत (अनंतिम) बढ़ गया।
- उर्वरक, कोयला, बिजली, इस्पात, प्राकृतिक गैस, सीमेंट और रिफाइनरी उत्पादों का उत्पादन जनवरी 2023 में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में बढ़ा है।
- आईसीआई चुने हुए आठ प्रमुख उद्योगों अर्थात कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली में उत्पादन का संयुक्त और एकल निष्पादन को मापता है।
- आठ प्रमुख उद्योगों में औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक (आईआईपी) में शामिल मदों के भार का 40.27 प्रतिशत शामिल होता है।
- अप्रैल-जनवरी 2022-23 के दौरान आईसीआई की संचयी वृद्धि दर पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7.9 प्रतिशत (अनंतिम) थी।
आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांक का सारांश नीचे दिया गया है:
- कोयला – कोयला उत्पादन (भारांक: 10.33 प्रतिशत) जनवरी, 2023 में जनवरी, 2022 की तुलना में 13.4 प्रतिशत बढ़ गया।
- अप्रैल से जनवरी, 2022-23 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 16.1 प्रतिशत बढ़ गया।
- कच्चा तेल – कच्चे तेल का उत्पादन (भारांक: 8.98 प्रतिशत) जनवरी, 2023 में जनवरी, 2022 की तुलना में 1.1 प्रतिशत कम हुआ। इसका संचयी सूचकांक अप्रैल से जनवरी, 2022-23 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 1.3 प्रतिशत कम हुआ।
- प्राकृतिक गैस – प्राकृतिक गैस का उत्पादन (भारांक: 6.88 प्रतिशत) जनवरी, 2023 में जनवरी, 2022 की तुलना में 5.3 प्रतिशत बढ़ गया।
- अप्रैल से जनवरी, 2022-23 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 1.4 प्रतिशत बढ़ा।
- पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पाद – पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादन (भारांक: 28.04 प्रतिशत) जनवरी, 2023 में जनवरी, 2022 की तुलना में 4.5 प्रतिशत बढ़ गया।
- अप्रैल से जनवरी, 2022-23 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 5.4 प्रतिशत बढ़ गया।
- उर्वरक – उर्वरक उत्पादन (भारांक: 2.63 प्रतिशत) जनवरी, 2023 में जनवरी, 2022 की तुलना में 17.9 प्रतिशत बढ़ गया।
- इसका संचयी सूचकांक अप्रैल से जनवरी, 2022-23 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 10.5 प्रतिशत बढ़ा।
- स्टील – इस्पात उत्पादन (भारांक: 17.92 प्रतिशत) जनवरी, 2023 में जनवरी, 2022 की तुलना में 6.2 प्रतिशत बढ़ गया।
- अप्रैल से जनवरी, 2022-23 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7.1 प्रतिशत बढ़ा।
- सीमेंट – सीमेंट उत्पादन (भारांक: 5.37 प्रतिशत) जनवरी, 2023 में जनवरी, 2022 की तुलना में 4.6 प्रतिशत बढ़ गया।
- अप्रैल से जनवरी, 2022-23 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 10.0 प्रतिशत बढ़ गया।
- बिजली – बिजली उत्पादन (भारांक: 19.85 प्रतिशत) जनवरी, 2023 में जनवरी, 2022 की तुलना में 12.0 प्रतिशत बढ़ गया।
- अप्रैल से जनवरी, 2022-23 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 10.1 प्रतिशत बढ़ गया।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. चौथा राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव:
- लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला 2 मार्च, 2023 को संसद के केन्द्रीय कक्ष, नई दिल्ली में राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव (एनवाईपीएफ) के चौथे संस्करण के समापन समारोह को संबोधित करेंगे।
राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव:
- राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव (एनवाईपीएफ) का उद्देश्य युवाओं के विचारों से अवगत होना है, जो आने वाले वर्षों में सार्वजनिक सेवाओं सहित विभिन्न करियर में शामिल होंगे।
- एनवाईपीएफ दरअसल प्रधानमंत्री द्वारा 31 दिसंबर, 2017 को अपने ‘मन की बात’ संबोधन में दिए गए विचार पर आधारित है।
- इस विचार से प्रेरणा लेते हुए एनवाईपीएफ 2019 का प्रथम संस्करण ‘नए भारत की आवाज बनें और समाधान खोजें एवं नीति में योगदान करें’ थीम के साथ आयोजित किया गया था जिसमें 88,000 युवाओं की भागीदारी हुई थी।
- राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव 2021 का दूसरा संस्करण ‘युवा- उत्साह नए भारत का’ थीम के साथ आयोजित किया गया था, जिसके साक्षी देश भर के 23 लाख से भी अधिक युवा और हितधारक वर्चुअल मोड में बने थे।
- राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव, 2022 का तीसरा संस्करण ‘नए भारत की आवाज बनें और समाधान खोजें एवं नीति में योगदान करें’ थीम के साथ आयोजित किया गया था जिसमें 2.44 लाख से भी अधिक युवाओं की भागीदारी हुई थी।
- राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव, 2023 का चौथा संस्करण ‘बेहतर कल के लिए आइडिया: पूरे विश्व के लिए भारत’ थीम के साथ शुरू किया गया।
- जिला युवा संसद का आयोजन 25 से 29 जनवरी 2023 तक किया गया। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 748 जिलों के 2.01 लाख से भी अधिक युवाओं ने देश भर में 150 कार्यक्रम-स्थलों पर भाग लिया।
- जिला युवा संसद (डीवाईपी) में प्रथम और द्वितीय स्थान पर रहने वालों ने 3 से 7 फरवरी, 2023 तक राज्य युवा संसद महोत्सव में भाग लिया।
- जिला और राज्य स्तरीय युवा संसद के दौरान प्रतिभागियों ने निर्दिष्ट विषयों पर विचार-विमर्श किया।
- प्रथम तीन विजेताओं को 2 मार्च, 2023 को लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष अपने विचार व्यक्त करने का अवसर मिलेगा, जो इस अवसर पर युवाओं के साथ संवाद भी करेंगे।
2.आइजोल 1-3 मार्च, 2023 से दूसरे B-20 कार्यक्रम की मेजबानी करेगा:
- आइजोल 1-3 मार्च, 2023 से पूर्वोत्तर में निर्धारित चार B-20 भारत कार्यक्रमों में से दूसरे कार्यक्रम की मेजबानी करेगा।
- बिजनेस-20 (B-20) वैश्विक व्यवसाय समुदाय के लिए आधिकारिक G-20 संवाद फोरम है।
- G-20 के सबसे उल्लेखनीय सहयोग समूहों में से एक के रूप में, B-20, G-20 व्यवसाय समुदाय का प्रतिनिधित्व करता है और वैश्विक आर्थिक तथा व्यापार शासन पर वैश्विक व्यवसाय नेताओं के विचारों को संघटित करता है।
- आर्थिक वृद्धि और विकास को बढ़ावा देने के लिए बारी बारी से अध्यक्षता करने वाले प्रत्येक प्रेसीडेंसी को B-20 ठोस नीतिगत सुझाव प्रदान करता है।
- B-20 शिखर सम्मेलन के दौरान, B-20 अपनी अंतिम अनुशंसाएं G-20 प्रेसीडेंसी को भेजता है।
- 1-3 मार्च, 2023 तक निर्धारित B-20 कार्यक्रम बहुपक्षीय व्यवसाय साझीदारियों के लिए उन अवसरों को रेखांकित करेगा जो राज्य प्रतिनिधिमंडलों को शहरी योजना निर्माण, बुनियादी ढांचे, बांस, स्टार्टअप्स, कौशल विकास, नर्सिंग तथा पैरामेडिक्स में प्रस्तुत कर सकता है।
- इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में मंत्रियों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, राजनयिकों तथा व्यवसाय समुदाय के प्रतिनिधियों के लगभग 500 सहभागियों के भाग लेने की उम्मीद है।
- राज्य सरकार ने तीन दिवसीय कार्यक्रम के लिए व्यापक तैयारियां की हैं।
- कार्यक्रम की शुरुआत एक सांस्कृतिक संध्या के साथ होगी और प्रतिनिधिमंडलों के आगमन के दिन राजभवन में एक स्वागत रात्रिभोज का आयोजन किया जाएगा।
- दूसरे दिन मिजोरम राज्य विश्वविद्यालय में B-20 सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा जिसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
- चापचर कुट, जो मिजोरम का एक वसंत त्यौहार है, का प्रदर्शन आइजोल में B-20 सम्मेलन के समापन के लिए तीसरे दिन एआर ग्राउंड में प्रतिनिधिमंडलों के समक्ष किया जाएगा।
- पूर्वोत्तर में निर्धारित चार B-20 भारत कार्यक्रमों का प्रयोजन पूर्वोत्तर राज्यों की अप्रयुक्त क्षमता तथा अवसरों का दोहन करना है।
3. 47वां सिविल लेखा दिवस:
- 47वां सिविल लेखा दिवस 28 फरवरी 2023 को मनाया गया। इसी दिन भारतीय सिविल लेखा सेवा की स्थापना की गई थी।
- भारतीय सिविल लेखा सेवा (आईसीएएस) का गठन 1976 में लोक वित्तीय प्रशासन में एक ऐतिहासिक सुधार के परिणामस्वरूप किया गया था, जब केंद्र सरकार के खातों के रखरखाव को लेखा परीक्षा से अलग कर दिया गया था।
- नतीजतन, भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक को इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया था।
- लेखा परीक्षा से खातों को अलग करने और विभागीय खातों का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक मार्च, 1976 को राष्ट्रपति द्वारा दो अध्यादेश — नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कर्तव्य, शक्तियां और सेवा की शर्तें) संशोधन अध्यादेश और संघ लेखा विभागीकरण (कार्मिक का स्थानांतरण) अध्यादेश, 1976 लागू किए गए थे।
- इसी उपलक्ष्य में, हर साल एक मार्च को संगठन अपना स्थापना दिवस मनाता है।
- लेखा महानियंत्रक का कार्यालय, भारत सरकार का प्रधान लेखा सलाहकार होता है और देश की भुगतान और लेखा प्रणाली की देखरेख करता है।
- संगठन खातों के माध्यम से वित्तीय जवाबदारी सुनिश्चित करता है और निर्णय लेने में कार्यकारी की सहायता करता है।
- अपनी स्थापना के बाद से भारतीय नागरिक लेखा संगठन का महत्त्व लगातार बढ़ा है और अब यह केंद्र सरकार के सार्वजनिक वित्त के प्रबंधन में उत्कृष्ट व्यवहारों के माध्यम से शासन को मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- संगठन का मिशन बजट, भुगतान, लेखांकन और पेंशन वितरण के लिए एक प्रभावी, विश्वसनीय और उत्तरदायी प्रणाली का संचालन करना है।
- इसका उद्देश्य मंत्रालयों में एक विश्व स्तरीय और मजबूत सरकार-व्यापी एकीकृत वित्तीय सूचना प्रणाली और निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) उपलब्ध कराना है।
- इसके अलावा, संगठन ने बेहतर पारदर्शिता और जवाबदारी के लिए आंतरिक लेखा परीक्षा का एक नया प्रतिमान विकसित करने का प्रयास किया है।
- संगठन ने एक समर्पित और प्रेरित कार्य बल के माध्यम से कार्य-व्यवसाय संबंधी निष्ठा और क्षमता को बढ़ावा देने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
- पिछले कुछ वर्षों में सिविल लेखा संगठन ने दस्ती कामकाज से इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली तक की एक लंबी यात्रा तय की है।
- सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस), एक वेब-आधारित पोर्टल है जो निगरानी प्रणाली के रूप में शुरू हुआ था।
- अब सरकार के सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन के विभिन्न आयामों को कवर करने के लिए उसे विस्तार दे दिया गया है।
- अपने नए अवतार के तहत पीएफएमएस देश में वित्तीय प्रशासन के मेरु के रूप में विकसित हुआ है।
- सरकार के लिए मूल्य-संवर्धित सेवाएं जैसे प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, जीएसटी रिफंड की प्रोसेसिंग, कोषागार एकीकरण के माध्यम से राज्यों को जारी धन की निगरानी, गैर-कर रसीद पोर्टल के माध्यम से गैर-कर प्राप्तियों को स्वचालित करना आदि इसके दायरे में हैं।
- पीएफएमएस देश में सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन सुधार के एक प्रमुख कारक के रूप में उभरा है।
- पीएफएमएस ने केंद्र सरकार की वास्तविक समय मूल्य संवर्धित वित्तीय रिपोर्टिंग के लिए दैनिक, मासिक और वार्षिक लेखा प्रक्रियाओं का एकीकरण सुनिश्चित किया है और सरकारी नीतियों/कार्यक्रमों को तैयार करने और उनके निस्तारण की सुविधा प्रदान की है।
- पीएफएमएस ने अपनी नई पहलों, जैसे अन्य केंद्रीय व्यय के लिए ट्रेजरी सिंगल अकाउंट्स (टीएसए) प्रणाली, केंद्रीय क्षेत्र की योजना के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसी (सीएनए) तंत्र और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए एकल नोडल एजेंसी (एसएनए) के माध्यम से देश के नकदी और ऋण प्रबंधन में सुधार किया है।
- अलग-अलग और “जस्ट इन टाइम” कोष जारी करने से देश में नकदी प्रबंधन में सुधार हुआ है और उधार लेने में आने वाले खर्च को कम करने में मदद मिली है।
- पीएफएमएस ने केन्द्र और राज्य सरकारों तथा कार्यान्वयन एजेंसियों से निधियों के प्रवाह का एकीकरण और उन्हें सुव्यवस्थित करना सुनिश्चित किया है।
- उसने योजनाओं में अंतिम परिणामों की बेहतर आपूर्ति भी सुनिश्चित की है।
- प्राप्ति और भुगतान नियमों की समीक्षा ने ई-वे बिल प्रणाली के कार्यान्वयन, कोषागार एकल लेखा प्रणाली के कार्यान्वयन और केंद्रीय क्षेत्र और केंद्र प्रायोजित योजनाओं में धन प्रवाह के परिवर्तन को सुविधाजनक बनाया है।
- उसने योजनाओं के वित्तीय प्रशासन को फिर से तैयार किया है और प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदारी सुनिश्चित की है।
- सिविल लेखा संगठन द्वारा किया गया आंतरिक लेखा परीक्षा कार्य प्रक्रियाओं और प्रणालियों के व्यवस्थित मूल्यांकन द्वारा कार्यकारी शाखा के लिए मूल्यसंवर्धन करता है तथा संगठन में नियंत्रण को मजबूत करने में मदद करता है।
28 February PIB :- Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 27 फरवरी 2023 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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