विषयसूची:
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1. पीएम केयर चिल्ड्रन के लिए केंद्रीय क्षेत्र की छात्रवृत्ति योजना:
सामान्य अध्ययन: 2
कल्याणकारी पहल:
विषय: सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं एवं उनका कमजोर वर्ग पर प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना।
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 29 मई, 2021 को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना शुरू की थी ।
उद्देश्य:
- प्रधानमंत्री ने इस योजना के तहत मिलने वाले लाभों की घोषणा की ।
- कोविड-19 महामारी के दौरान अपने माता-पिता या कानूनी अभिभावक या दत्तक माता-पिता या जीवित माता या पिता को खोने वाले बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए फरवरी 2022 में एक पहल शुरू की गई थी ।
- प्रधानमंत्री ने उन बच्चों के जीवन में आ रही कठिनाइयों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की जिन्होंने कोरोना के कारण अपने प्रियजनों को खो दिया।
विवरण:
- उपरोक्त पहल के अनुरूप, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने ऐसे बच्चों को बिना किसी बाधा के अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिन्होंने कोविड-19 महामारी में माता-पिता या कानूनी अभिभावक या दत्तक माता-पिता या जीवित माता या पिता को खो दिया है
- तदनुसार, इस उद्देश्य के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में स्कॉलरशिप फॉर पीएम केयर्स चिल्ड्रन नाम से एक नई योजना शुरू की गई है।
- इस योजना के तहत छात्रवृत्ति भत्ता 20,000/- रुपये प्रति बच्चा प्रति वर्ष होगा जिसमें 1,000 रुपये प्रति माह मासिक भत्ता और स्कूल की फीस, किताबों व वर्दी की लागत, जूते और अन्य शेक्षिणक सामान खरीदने के लिए 8000 रुपये का वार्षिक शैक्षणिक भत्ता शामिल होगा।
- पहली कक्षा से 12वीं तक बच्चों को छात्रवृत्ति डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी।
- इस योजना का शुभारम्भ 30 मई 2022 को प्रधानमंत्री ने किया है।
- ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन ऐसे कोरोना प्रभावित बच्चों की मुश्किलों को कम करने का एक प्रयास है, जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया।
- प्रधानमंत्री ने बताया कि अगर किसी को व्यावसायिक पाठ्यक्रम (प्रोफेशनल कोर्स) या उच्च शिक्षा के लिए शैक्षणिक ऋण (एजुकेशन लोन) की जरूरत है तो उसमें भी पीएम केयर्स मदद करेगा।
- अन्य दैनिक जरूरतों के लिए भी अन्य योजनाओं के माध्यम से उनके लिए हर माह 4 हजार रुपये की व्यवस्था की गई हैI
- 23 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर 10 लाख रुपये के अलावा मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक मदद के लिए बच्चों को आयुष्मान कार्ड के माध्यम से स्वास्थ्य बीमा और संवाद हेल्पलाइन के माध्यम से परामर्श भी दिया जाएगा ।
2. परम अनंत सुपरकंप्यूटर को आईआईटीए गांधीनगर में कमीशन किया गया:
सामान्य अध्ययन: 3
विज्ञानं एवं प्रोधोगिकी :
विषय: सरकार की विज्ञानं समर्पित योजनाएं एवं दैनिक जीवन में विकास एवं उनके अनुप्रयोग और उनका कमजोर वर्ग पर प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: परम अनंत सुपरकंप्यूटर।
मुख्य परीक्षा: यह सुपरकंप्यूटिंग फैसिलिटी वैश्विक सम्मान की स्थिति तक पहुंचने के लिए भारतीय शिक्षा क्षेत्र तथा उद्योगों में अनुसंधान एवं विकास पहलों को किस प्रकार बड़ा प्रोत्साहन उपलब्ध कराएगा, के सन्दर्भ में इसके महत्व पर प्रकाश डालिये।
प्रसंग:
- इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) तथा विभाग एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की – एक संयुक्त पहल राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के तहत राष्ट्र को समर्पित एक अत्याधुनिक सुपरकंप्यूटर परम अनंत आईआईटी, गांधीनगर द्वारा 30 मई, 2022 को कमीशन किया गया।
उद्देश्य:
- परम अनंत सुपरकंप्यूटिंग फैसिलिटी की स्थापना राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के चरण 2 के तहत की गई है,जहां इस प्रणाली को बनाने के लिए प्रयुक्त अधिकांश कंपोनेंट का विनिर्माण और असेंबल मेक इन इंडिया की तर्ज पर सी-डैक द्वारा विकसित स्वदेशी सॉफ्टवेयर स्टैक के साथ-साथ देश में किया गया है।
विवरण:
- राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत इस 838 टेराफ्लॉप्स सुपरकंप्यूटिंग फैसिलिटी की स्थापना करने के लिए 12 अक्तूबर 2020 को आईआईटी, गांधीनगर और एडवांस कंप्यूटिंग विकास केंद्र (सी-डैक) के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
- यह प्रणाली सीपीयू नोड्स, जीपीयू नोड्स, हाई मेमोरी नोड्स, हाई थौरोपुट स्टोरेज एवं हाई परफार्मेंस इनफिनीब के मिक्स सुसज्जित है, तथा विभिन्न वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग अनुप्रयोगों की कंपूटिंग आवश्यकताओं को पूरी करने के लिए इंटरकनेक्ट है।
- परम अनंत सिस्टम डायरेक्ट कांटैक्ट लिक्विड कूलिंग टेक्नोलॉजी पर आधारित है।
- मौसम तथा जलवायु, बायोइंफार्मेटिक्स, कंप्यूटेशनल कैमिस्ट्री, मोलेक्यूलर डायनैमिक्स, मैटेरियल साईंस, कंप्यूटेशनल फ्लुड डायनैमिक्स जैसे विभिन्न वैज्ञानिक डोमैन से मल्टीपल ऐप्लीकेशंस को शोधकर्ताओं के सिस्टम में संस्थापित किया गया है।
- यह हाई एंड कंप्यूटिंग सिस्टमशोधकर्ताओं के लिए लाभदायक होगा ।
- परम अनंत सुपरकंप्यूटिंग फैसिलिटी संस्थान में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के विविध क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) गतिविधियों के लिए काफी लाभप्रद होगा।
- इसके अतिरिक्त, यह कृत्रिम आसूचना (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल) एवं डाटा साईंस, कंप्यूटेशनल फ्लुड डायनैमिक्स (सीएफडी), जीनोम सेक्वेसिंग तथा डीएनए अध्ययन के लिए बायो इंजीनियरिंग, जीन नेटवर्क का पूर्वानुमान तथा पता लगाने में प्रयुक्त कंप्यूटेशनल बायोलॉजी तथा बायोइंफार्मेटिक्स, एटोमिक एवं मोलेक्यूलर विज्ञान जो यह समझने में मदद करेगा कि किस प्रकार कोई ड्रग किसी विशेष प्रोटीन को बांधता है, उग्र मौसम पूर्वानुमानों तथा मॉडलों के सिमुलेशन के लिए जलवायु परिवर्तन तथा पर्यावरण अध्ययन जो किसी तूफान के आने का पूर्वानुमान लगा सकेगा ऊर्जा अध्ययन जो डिजाइन सिमुलेशन को आगे बढ़ाने तथा विभिन्न परिमाणों पर ऊर्जा रूपांतरण उपकरणों को ईष्टतम बनाने में सहायता करेगा, फायर डायनैमिक्स सिमुलेशन, नैनोटेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स, एप्लॉयड गणित, खगोल विज्ञान तथा खगोल भौतिकी, सामग्री विज्ञान, क्वांटम यांत्रिकी, भवनों, सेतुओं तथा जटिल संरचना के गतिशील व्यवहार को समझने के लिए सिविल इंजीनियरिंग तथा संरचनात्मक यांत्रिकी के लिए भी लाभदायक सिद्ध होगा ।
- इसके अतिरिक्त अन्य सस्थानों एवं उद्योगों से जुड़े शोधकर्ताभी इस सुपरकंप्यूटिंग फैसिलिटी का उपयोग कर सकेंगे ।
- राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत, अभी तक 24 पेटाफ्लॉप की संचयी कंप्यूटिंग क्षमता के साथ देश भर में 15 सुपरकंप्यूटर संस्थापित किए जा चुके हैं।
- इन सभी सुपरकंप्यूटरों का विनिर्माण भारत में किया गया है और ये स्वदेशी तरीके से विकसित सॉफ्टवेयर स्टैक पर चल रहे हैं।
3. ‘गरीब कल्याण सम्मेलन’;
सामान्य अध्ययन: 2
कल्याणकारी पहल:
विषय: सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं एवं उनका कमजोर वर्ग पर प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना, ‘गरीब कल्याण सम्मेलन’।
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री 31 मई, 2022 को शिमला, हिमाचल प्रदेश का दौरा करेंगे एवं वहां प्रधानमंत्री ‘गरीब कल्याण सम्मेलन’ में भाग लेंगे।
उद्देश्य:
- सरकार के आठ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यह अनूठा सार्वजनिक कार्यक्रम राज्यों की राजधानियों, जिला मुख्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों में आयोजित किया जा रहा है।
- यह सम्मेलन सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रमों के बारे में लोगों की राय प्राप्त करने और देश भर में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को जनता के साथ सीधे बातचीत करने का अवसर प्रदान करेगा ।
विवरण:
- सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री भारत सरकार के नौ मंत्रालयों/विभागों के विभिन्न कार्यक्रमों के लाभार्थियों से सीधे संवाद करेंगे।
- देश भर में आयोजित फ्रीव्हीलिंग बातचीत का उद्देश्य जनता से स्वतंत्र और स्पष्ट राय प्राप्त करना, लोगों के जीवन में कल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव को समझना और विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों को लेकर विलय एवं सैचुरेशन का पता लगाना है।
- प्रधानमंत्री इस अवसर पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 11वीं किस्त भी जारी करेंगे।
- इससे 10 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों को 21,000 करोड़ रुपये की राशि अंतरित हो सकेगी।
4. गोवा का 35वां स्थापना दिवस:
सामान्य अध्ययन: 3
राजव्यवस्था, समसामायकी:
विषय: राज्यों की स्थापना
प्रारंभिक परीक्षा:
मुख्य परीक्षा:
प्रसंग:
- गोवा 30 मई 2022 को अपना 35वां स्थापना दिवस मना रहा है।
उद्देश्य:
- 30 मई 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था। आजादी के 14 वर्ष बाद भी गोवा पुर्तगाली शासन के अधीन था।
विवरण:
- ज्ञातव्य हैं की 19 दिसंबर 1961 को गोवा को पुर्तगाल से आजादी मिली थी।
गोवा का मुक्ति एवं स्थापना दिवस:
- 15 अगस्त, 1948 को भारत के स्वतंत्र होने के बाद भी गोवा पुर्तगालियों के कब्जे में ही रहा।
- भारत सरकार के कई बार आग्रह किये जाने के बावजूद जब पुर्तगाली नहीं माने तो सरकार फिर ऑपरेशन विजयशुरू किया ।
- अंतत: 19 दिसंबर, 1961 को गोवा को मुक्त करा लिया गया और इसे दमन तथा दीव के साथ मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था।
- 30 मई 1987 में केंद्र शासित प्रदेश को विभाजित किया गया था, और गोवा भारत का पच्चीसवां राज्य बनाया गया। जबकि दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश ही रहे।
- तब से ही 30 मई का दिन गोवा मुक्ति दिवस यानी स्थापना दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
- स्थापना के बाद पणजी को गोवा की राजधानी तथा कोंकणी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया।
- पूरी दुनिया में गोवा अपने सुंदर समुद्री तट और मशहूर स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध है।
- भारत के पश्चिमी तट पर स्थित गोवा भारत के सबसे रमणीय राज्यों में से एक है। अपनी उष्णकटिबंधीय जलवायु के कारण गोवा सभी मौसमों के लिए बेहतर पर्यटन स्थल है।
- गोवा संस्कृति, संगीत, नृत्य और कला रूपों का खजाना है जिसका आनंद स्थानीय त्योहारों और समारोहों के दौरान लिया जा सकता है।
- यह शहर अपनी जीवंतता के लिए जाना जाता है जो वार्षिक गोवा कार्निवल उत्सव मनाता है।
- गोवा का प्रमुख उद्योग पर्यटन है।
- पर्यटन के आलावा गोवा में लौह खनिज भी विपुल मात्रा में पाया जाता है जो जापान तथा चीन जैसे देशों को निर्यात होता है।
- गोवा मतस्य (मछली) उद्योग के लिए भी जाना जाता है लेकिन यहाँ की मछली निर्यात नहीं की जाती बल्कि स्थानीय बाजारों में बेची जाती है। यहाँ का काजू सउदी अरब, ब्रिटेन तथा अन्य यूरोपीय राष्ट्रों को निर्यात होता है।
भौगोलिक स्थिति एवं इसका पौराणिक महत्व:
- गोवा भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी तट पर स्थित है। इसके उत्तर में तेरेखोल नदी बहती है, जो गोवा को महाराष्ट्र से अलग करती है।
- इसके दक्षिण में कर्नाटक का उत्तर कन्नड़ जिला और पूर्व में पश्चिमी घाट तथा पश्चिम में अरब सागर है। पणजी, मडगांव, वास्को, मापुसा, तथा पोंडा राज्य के प्रमुख शहर हैं।
- राज्य में अधिक क्षेत्र में घने वन हैं। गोवा का उल्लेख भारतीय संस्कृति के कई पौराणिक ग्रंथों में मिलता है।
- महाभारत के समय दक्षिण कोंकण क्षेत्र में गोवा को गोपराष्ट्र अर्थात गाय चराने वालों के देश के रूप में वर्णित है।
- कई अन्य संस्कृत श्लोक और धार्मिक ग्रंथों में इसे गोमांचल, गोपकपट्टम, गोपकेपुरी, गोवापुरी, गोवाराष्ट्र और गोमांतक आदि कई नामों से उल्लेखित किया गया है।
- टोलेमी ने गोवा का उल्लेख 200 ई. के आस-पास गोउबा के रूप में किया है।
- अरब के मध्युगीन यात्रियों ने इस क्षेत्र को चंद्रपुर और चंदौर के नाम से इंगित किया है।
- जिस स्थान का नाम पुर्तगाल के यात्रियों ने गोवा रखा वह आज का छोटा सा समुद्र तटीय शहर गोअ-वेल्हा है। बाद में उस पूरे क्षेत्र को गोवा कहा जाने लगा जिस पर पुर्तगालियों ने कब्जा किया।
- 1843 में पुर्तगाली राजधानी को वेल्हा गोवा से पंजिम ले गए। मध्य 18 वीं शताब्दी तक, पुर्तगाली गोवा का वर्तमान राज्य सीमा के अधिकांश भाग तक विस्तार किया गया था।
- गोवा करीब करीब 450 साल तक पुर्तगाली शासन के अधीन रहा, इस कारण यहाँ यूरोपीय संस्कृति का प्रभाव बहुत है। गोवा की लगभग 60% जनसंख्या हिंदू और लगभग 28% जनसंख्या ईसाई है।
- गोवा की एक खास बात यह है कि, यहाँ के ईसाई समाज में भी हिंदुओं जैसी जाति व्यवस्था पाई जाती है।
- गोवा की संस्कृति काफी प्राचीन है। 1000 साल पहले इसे गोवा “कोंकण काशी” के नाम से जाना जाता था।
- गोवा की भाषा कोंकणी और लिपि देवनागरी है। हिन्दी का भी अधिकाधिक उपयोग होता है।
गोवा की राजनैतिक पृष्ठ्भूमि:
- गोवा अपने प्रारंभिक राजनीतिक इतिहास में सातवाहन साम्राज्य का अंग रहा था।
- उसके बाद यह क्षेत्र कदंब, मलखेड़ के राष्ट्रकूटों, चालुक्य तथा सिलाहार राजवंशों के अधीन रहा।
- मध्यकालीन भारत में 14वीं शताब्दी के अंत में यादवों का साम्राज्य समाप्त हुआ और दिल्ली के खिलजी वंश ने शासन किया।
- भारत के लिए समुद्री मार्ग की खोज करते हुए 1498 में वास्कोडिगामा और उसके बाद कई पुर्तगाली यात्री भारत पहुंचे थे।
- 1510 में अल्फांसो द अलबुकर्क ने विजयनगर के सम्राट की मदद से गोवा पर आक्रमण करके इसे कब्जा लिया।
गोवा से सम्बंधित प्रमुख जानकारी:
- गोवा की मुख्य खाद्य फसल चावल है। इसके साथ ही वहां दालें, रागी तथा कुछ अन्य खाद्य फसलें भी उगाई जाती हैं।
- गोवा में नारियल, काजू, सुपारी तथा गन्ने जैसी फसलों के साथ-साथ यहां अनन्नास, आम और केला की पैदावार की जाती है।
- राज्य में मत्स्यकी का एक प्रमुख स्थान है।
- गोवा की सात प्रमुख नदियां जुआरी, मंडोवी, तेरेखोल, चापोरा, गलगीबाग, कुम्बरजुआ नहर, तलपोना और साल हैं।
गोवा के मुख्य पर्यटन स्थल:
- कोलवा, कालनगुटे, वागाटोर, बागा, हरमल, अंजुना और मीरामार समुद्र तट गोवा के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं।
- पुराने गोवा में बैसीलिका ऑफ बोम जीसस और से-केथेड्रल चर्च; कावलेम, मारडोल, मंगेशी तथा बनडोरा मंदिर भी प्रमुख स्थल हैं।
- अगुडा, तेरेखोल, चपोरा और काबो डि रामा किले; प्राकृतिक सौंदर्य के लिए दूधसागर और हरवालेम जलप्रपात तथा माएम झील प्रसिद्ध हैं।
- गोवा का क्षेत्रफल 3,702 वर्ग किलोमीटर है और यहां की जनसंख्या लगभग 15 लाख है।
गोवा में कुछ मुख्य समृद्ध वन्यप्राणी उद्यान हैं:
- बोंडला वन्यजीव अभयारण्य
- मोल्लेम राष्ट्रीय उद्यान
- डॉ सलीम अली पक्षी अभयारण्य
- कोटीगाओ वन्यजीव अभयारण्य
- भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
आज इससे सम्बंधित कोई समाचार नहीं हैं।
30 May 2022 : PIB विश्लेषण :-Download PDF Here
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