विषयसूची:
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भारत और कोरिया के बीच समझौते पर हस्ताक्षर:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से सम्बंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
मुख्य परीक्षा: भारत एवं कोरिया के बीच हुए समझौते से विशेष रणनीतिक साझेदारी और भी अधिक समेकित एवं मजबूत हुई है। टिप्पणी कीजिए।
प्रसंग:
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नागपुर-मुंबई सुपर कम्युनिकेशन एक्सप्रेसवे परियोजना पर इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम की स्थापना के लिए 245.081 अरब कोरियाई वॉन (लगभग 1,495.68 करोड़ रुपये) के आर्थिक विकास सहयोग कोष (ईडीसीएफ) ऋण के संबंध में भारत सरकार और कोरिया गणराज्य सरकार के बीच एक समझौते पर 30 नवंबर को हस्ताक्षर किए गए।
उद्देश्य:
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इस परियोजना का उद्देश्य इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) एवं यातायात केंद्र (ट्रैफिक सेंटर) की स्थापना के जरिए यातायात प्रबंधन में दक्षता बढ़ाना, टोल संग्रह प्रणाली (TCS) की स्थापना के जरिए टोल प्रबंधन में दक्षता बढ़ाना, और कोरिया गणराज्य से प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के जरिए आईटीएस एवं इसके ओएंडएम का एक टिकाऊ मॉडल स्थापित करना है।
विवरण:
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कोरिया गणराज्य को अक्टूबर, 2016 में विकास सहयोग के लिए भारत के आधिकारिक विकास सहायता (ODA) साझेदार के रूप में नामित किया गया था।
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यह कोरिया गणराज्य की सरकार द्वारा ईडीसीएफ ऋण के जरिए वित्त पोषित पहली परियोजना है।
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दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को वर्ष 2015 में ‘विशेष रणनीतिक साझेदारी’ के रूप में उन्नत (अपग्रेड) किया गया था।
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इससे भारत एवं कोरिया गणराज्य के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी और भी अधिक समेकित एवं मजबूत हुई है।
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[विनिमय दर : 100 वॉन = 6.12 रुपये]
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मातृ मृत्यु दर (MMR) में महत्वपूर्ण गिरावट:
सामान्य अध्ययन: 2
स्वास्थ्य:
विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से सम्बंधित सामाजिक क्षेत्र/सवाओं के विकास और प्रबंधन से सम्बंधित विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: मातृ मृत्यु दर (MMR), सतत विकास लक्ष्य (SDG) से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
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मातृ मृत्यु दर (MMR) में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज करने के साथ ही देश ने एक नई उपलब्धि हासिल कर ली है।
उद्देश्य:
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मातृ मृत्यु दर (MMR) में महत्वपूर्ण गिरावट आई है, MMR 2014-16 में प्रति लाख जीवित प्रसवों पर 130 से घटकर 2018-20 में 97 हो गई है।
विवरण:
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इसमें गुणवत्तापूर्ण मातृ और प्रसव देखभाल सुनिश्चित करने के लिए सरकार की विभिन्न स्वास्थ्य नीतियों व पहलों ने MMR को नीचे लाने में महत्वपूर्ण सहायता की है।
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भारत के रजिस्ट्रार जनरल (RGI) द्वारा MMR पर जारी विशेष बुलेटिन के अनुसार, भारत में मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) में 6 अंकों का शानदार सुधार हुआ है और अब यह प्रति लाख जीवित प्रसवों पर 97 हो गई है।
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मातृ मृत्यु दर (MMR) को प्रति 100,000 जीवित प्रसव पर एक निश्चित समय अवधि के दौरान मातृ मृत्यु की संख्या के रूप में परिभाषित किया गया है।
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नमूना पंजीकरण प्रणाली (SRS) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, देश ने MMR में प्रगतिशील तरीके से कमी देखी है।
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यह 2014-2016 में 130, 2015-17 में 122, 2016-18 में 113, 2017-19 में 103 और 2018-20 में 97 रहा है।
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इसे प्राप्त करने पर, भारत ने प्रति लाख जीवित प्रसवों पर 100 से कम MMR के राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (NHP) लक्ष्य को हासिल कर लिया है और 2030 तक प्रति लाख जीवित प्रसवों पर 70 से कम MMR के एसडीजी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सही रास्ते पर है।
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सतत विकास लक्ष्य (SDG) लक्ष्य हासिल करने वाले राज्यों की संख्या के संदर्भ में हुई उत्कृष्ट प्रगति के साथ ऐसे राज्यों की संख्या अब छह से बढ़कर आठ हो गई है, जिसमें केरल (19) प्रथम स्थान पर है और उसके बाद क्रमशः महाराष्ट्र (33), तेलंगाना (43), आंध्र प्रदेश (45), तमिलनाडु (54), झारखंड (56), गुजरात (57) और कर्नाटक (69) का स्थान है।
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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत, वर्ष 2014 से भारत ने सुलभ गुणवत्ता वाली मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने और रोकथाम योग्य मातृ मृत्यु अनुपात को कम करने के लिए एक ठोस प्रयास किया है।
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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने विशेष रूप से निर्दिष्ट MMR लक्ष्यों को पूरा करने हेतु मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के प्रावधान को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण निवेश किया है।
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“जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम” और “जननी सुरक्षा योजना” जैसी सरकारी योजनाओं को संशोधित किया गया है और इन्हें सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (सुमन) जैसी अधिक सुनिश्चित एवं सम्मानजनक सेवा वितरण योजनाओं में अपग्रेड किया गया है।
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प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले गर्भधारण की पहचान करने और उनके उचित प्रबंधन को सुविधाजनक बनाने पर केंद्रित है।
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रोकी जा सकने वाली मृत्यु दर को कम करने पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।
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लक्ष्य और मिडवाइफरी पहल सभी गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव कराने का विकल्प सुनिश्चित करते हुए एक सम्मानजनक तथा गरिमापूर्ण तरीके से गुणवत्तापूर्ण देखभाल को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करती हैं।
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MMR दर को सफलतापूर्वक कम करने में भारत के उत्कृष्ट प्रयास वर्ष 2030 के निर्धारित समय से पहले 70 से कम MMR के एसडीजी लक्ष्य को प्राप्त करने और सम्मानजनक मातृ देखभाल प्रदान करने वाले राष्ट्र के रूप में माने जाने पर एक आशावादी दृष्टिकोण उपलब्ध कराते हैं।
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भारत ने IMO की योजना में डिजिटलीकरण को शामिल करने के UAE के प्रस्ताव का समर्थन किया:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
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पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने लंदन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) की परिषद के 128वें सत्र को संबोधित किया।
उद्देश्य:
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आईएमओ सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा और साइबर सुरक्षा जोखिमों के प्रबंधन को सुनिश्चत करने का कार्य कर रहा है, जिससे पोत परिवहन डिजिटल क्रांति को अपना सके।
विवरण:
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इसमें भारत ने अगली रणनीतिक योजना में डिजिटलीकरण के हिस्से को शामिल करने के साथ-साथ डिजिटलीकरण पहल के एक हिस्से के तहत एक समुद्री एकल खिड़की प्रणाली को अपनाने से संबंधित यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) के प्रस्ताव का समर्थन किया है, क्योंकि यह समुद्री उद्योग में आने वाली नियामक बाधाओं के समाधान में सहायता करेगा।
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डिजिटलीकरण के लिए समयबद्ध कार्य योजना, IMO के इस रणनीतिक निर्देशों का हिस्सा होना चाहिए।
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आगे भारत ने इस पक्ष को भी सामने रखा कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने और इसके लिए वित्त पोषण को एक अलग रणनीतिक दिशा के रूप में शामिल किया जा सकता है, जिसमें सामान्य लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं (CDBR-RC) के सिद्धांत को आगे बढ़ने की नींव के रूप में शामिल किया जा सकता है।
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‘कोई भी पीछे नहीं छूटना चाहिए’ की अवधारणा सहित ‘क्षमता-निर्माण दशक 2021-2030’ रणनीति पर भारत, संयुक्त अरब अमीरात के प्रस्ताव की सराहना करता है।
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भारत ने इसका उल्लेख किया है कि मौजूदा सामरिक योजना के तहत 8 रणनीतिक निर्देशों के उद्देश्यों के अंतर्गत यह हिस्सा व्यापक रूप से समाहित नहीं होता है।
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इसे देखते हुए भारत विकासशील राष्ट्रों की सहायता के लिए तकनीकी सहयोग समिति के कार्य के माध्यम से IMO के पास उपलब्ध वित्तीय और तकनीकी संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिए इस पहलू को महत्वपूर्ण मानता है।
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IMO सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा और साइबर सुरक्षा जोखिमों के प्रबंधन को सुनिश्चत करने का कार्य कर रहा है, जिससे पोत परिवहन डिजिटल क्रांति को अपना सके।
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इससे संबंधित हितधारकों यानी पोत परिवहन, पत्तन और लॉजिस्टिक्स (रसद) के बीच सहभागिता पोत परिवहन के डिजिटलीकरण को संचालित करने के लिए महत्वपूर्ण होगा।
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यह इसकी दक्षता और स्थिरता में बढ़ोतरी करेगा, जिससे व्यापार की सुगमता और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
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प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- मणिपुर का संगई महोत्सव:
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प्रधानमंत्री ने 30 नवंबर को मणिपुर के संगई महोत्सव को वीडियो संदेश से संबोधित किया।
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यह राज्य में सबसे भव्य त्योहार के रूप में जाना जाने वाला मणिपुर संगई महोत्सव मणिपुर को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने में मदद करता है।
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इस उत्सव का नाम राजकीय पशु, संगई के नाम पर रखा गया है, बारहसिंगे की तरह दिखाई देने वाला यह हिरण केवल मणिपुर में पाया जाता है।
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कोरोना महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। मणिपुर संगई महोत्सव मणिपुर के लोगों की भावना और उत्साह को दर्शाता है।
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भारत अपने अमृत काल में ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना के साथ आगे बढ़ रहा है।
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‘एकता के त्योहार’ संगई महोत्सव की विषय वस्तु राष्ट्र के लिए ऊर्जा और प्रेरणा स्रोत के रूप में कार्य करेगी।
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“संगई न केवल मणिपुर का राजकीय पशु है, बल्कि भारत की आस्था और विश्वास में भी इसका विशेष स्थान है। संगई महोत्सव भारत की जैव विविधता’ का भी जश्न मनाता है।
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यह प्रकृति के साथ भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों का भी जश्न मनाता है।
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संगई महोत्सव न केवल राज्य की राजधानी में बल्कि पूरे राज्य में आयोजित किया जा रहा है, जिससे ‘एकता के त्योहार’ की भावना का विस्तार हो रहा है।
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इस उत्सव के अलग-अलग मूड और रंगों की झलक नगालैंड की सीमा से लेकर म्यांमार की सीमा तक लगभग 14 स्थानों पर देखी जा सकती है।
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संगई महोत्सव जैसे आयोजन निवेशकों और उद्योगों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण हैं।
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- भारतीय डाक भुगतान बैंक:
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भारत सरकार के स्वामित्व वाली 100 प्रतिशत निवेश के साथ संचार मंत्रालय के डाक विभाग के अंतर्गत भारतीय डाक भुगतान बैंक (IPPB) की स्थापना की गई है।
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IPPB को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 1 सितंबर, 2018 को शुरू किया गया था।
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बैंक की स्थापना भारत में आम आदमी के लिए सबसे सुलभ, किफायती और भरोसेमंद बैंक बनाने की परिकल्पना के साथ की गई है।
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भारतीय डाक भुगतान बैंक का मौलिक जनादेश बिना बैंक खाता वाले और कम बैंक खाते वाले क्षेत्रों के लिए बाधाओं को दूर करना और 155,000 डाकघरों (ग्रामीण क्षेत्रों में 135,000) और 300,000 डाक कर्मचारियों वाले डाक नेटवर्क का लाभ उठाते हुए देश के हर कोने तक पहुंचना है।
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भारतीय डाक भुगतान बैंक की पहुंच और इसका संचालन मॉडल इंडिया स्टैक के प्रमुख स्तंभों- सीबीएस-एकीकृत स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से ग्राहकों के दरवाजे पर सरल और सुरक्षित तरीके से पेपरलेस, कैशलेस और उपस्थिति-रहित बैंकिंग को सक्षम करने पर आधारित है।
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मितव्ययी नवाचार का लाभ उठाते हुए और जनता के लिए बैंकिंग में आसानी पर उच्च ध्यान देने के साथ, भारतीय डाक भुगतान बैंक 13 भाषाओं में उपलब्ध सहज ज्ञान युक्त इंटरफेस के माध्यम से सरल और किफायती बैंकिंग समाधान प्रदान करता है।
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भारतीय डाक भुगतान बैंक कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और डिजिटल इंडिया की परिकल्पना में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
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भारत तब समृद्ध होगा जब प्रत्येक नागरिक के पास आर्थिक रूप से सुरक्षित और सशक्त होने के समान अवसर होंगे।
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हमारा आदर्श वाक्य सच साबित होता है कि- प्रत्येक ग्राहक महत्वपूर्ण है; प्रत्येक लेन-देन महत्वपूर्ण है और प्रत्येक जमा पूंजी मूल्यवान है।
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- सुमंगलम पंचमहाभूत सम्मेलन:
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आजादी के 75वें वर्ष में आजादी का अमृत महोत्सव की भावना का उत्सव मनाने और देश में स्वच्छ वायु की जरूरत पर चैनल डायलॉग (संवाद) के लिए ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित शिक्षा ‘ओ’ अनुसंधान विश्वविद्यालय में 2 से 4 दिसंबर, 2022 तक ‘वायु- एक महत्वपूर्ण जीवन शक्ति’ सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
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यह सम्मेलन जलवायु परिवर्तन व प्रदूषण नियंत्रण को लेकर वैज्ञानिक चर्चा से लेकर प्राचीन शास्त्रों और ग्रंथों से वायु गुणवत्ता पर हमारी समझ को समृद्ध करने तक विभिन्न वायु गुणवत्ता संबंधित मुद्दों पर केंद्रित है।
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पंचमहाभूत की अवधारणा के अनुसार प्रकृति में सब कुछ पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और अंतरिक्ष पांच तत्वों से मिलकर बना है।
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इनमें से किसी भी तत्व का असंतुलन मानवता के कल्याण के लिए खतरा है।
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इस प्रकार जीवन शक्ति और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए स्वच्छ वायु महत्वपूर्ण है। इस वायु सम्मेलन का उद्देश्य सभी महत्वपूर्ण हितधारकों को एकसाथ लाकर राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम में निर्धारित हमारे वायु गुणवत्ता लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकारों की ओर से किए गए बहुआयामी प्रयासों का निर्माण करना है।
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स्वच्छ वायु लक्ष्यों को प्राप्त करने के अपने प्रयासों में हमारे शहरों की उपलब्धियों का उत्सव मनाने के लिए, स्वच्छ वायु सर्वेक्षण पर आधारित ‘राष्ट्रीय स्वच्छ वायु शहर’ पुरस्कार वायु गुणवत्ता लक्ष्यों को पूरा करने और सुधारात्मक, निवारक न्यूनीकरण कार्यों के कार्यान्वयन के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले नौ शहरों को दिया जाएगा।
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इन शहरों को स्वच्छ वायु लक्ष्यों की दिशा में और अधिक ठोस कार्रवाई करने को लेकर प्रेरित करने के लिए लगभग 5 करोड़ रुपये का कुल नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
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30 नवंबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 29 नवंबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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