Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests - Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests -

फॉकलैंड द्वीप समूह विवाद

फॉकलैंड द्वीप समूह  को लेकर पिछले कई दशकों से ब्रिटेन और अर्जेंटीना के बीच विवाद जारी है। दक्षिण अटलांटिक महासागर में स्थित फॉकलैंड द्वीप समूह जिसे माल्विनास द्वीप समूह या स्पेनिस इसलास माल्विनास भी कहा जाता है ब्रिटेन का आतंरिक रूप से स्वशासी विदेशी क्षेत्र है। यह दक्षिण अमेरिका के सबसे दक्षिणी बिंदु से लगभग 500 किमी दूर उत्तर पूर्व में स्थित है साथ ही साथ मैगलन जलडमरूमध्य के पूर्व दिशा से भी लगभग इतनी ही दुरी पर है।  फॉकलैंड द्वीप समूह का प्रशासन दक्षिण जार्जिया के ब्रिटिश विदेशी क्षेत्र का भी प्रभारी है। इस द्वीप समूह की राजधानी स्टैनली पूर्वी फाकलैंड पर स्थित और इस द्वीप समूह का सबसे बड़ा शहर है। इस द्वीप समूह में कई छोटे छोटे शहर बसे हुए हैं और उन्हीं में से एक माउन्ट प्लीसेन्ट पर यूनाइटेड किंगडम की रॉयल एयर फोर्स का अड्डा बना हुआ है।

फॉकलैंड द्वीप समूह अंतरराष्ट्रीय दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण विषय है यह हाल ही में समचारों में रहा है। इस विषय से संबंधित प्रश्न यूपीएससी प्रीलिम्स में करंट अफेयर्स या भूगोल विषय में पूछे जाने की प्रबल संभावना है।

नोट: यूपीएससी 2023 परीक्षा करीब आ रही है; इसलिए आप BYJU’S द्वारा द हिंदू समाचार पत्र के मुफ्त दैनिक वीडियो विश्लेषण के साथ अपनी तैयारी को पूरा करें।

फाकलैंड द्वीप समूह का इतिहास 

18 वीं शताब्दी के बाद से ही निरन्तर फाकलैंड द्वीप पर ब्रिटेन,फ़्रांस,स्पेन और अर्जेंटीना जैसे देश विजय प्राप्त करते रहे और इस द्वीप समूह को अपना उपनिवेश बनाते रहे थे।  ये द्वीप 17 वीं शताब्दी तक निर्जन रहे ततपश्चात सन 1764 में फ़्रांस जाकर इस द्वीप समूह का प्रथम उपनिवेशिक शक्ति के रूप में स्थापित हुआ था। इसके पश्चात आने आने वाले दशकों में ब्रिटेन ने जब इन द्वीप समूहों पर अपना अधिकार जताना आरंभ किया यहीं से इस द्वीप समूहों पर अधिपत्य को लेकर एक लंबे संघर्ष की नींव पड़ गई। आरंभ में सन 1811 तक इन द्वीपों को औपनिवेशिक शक्तियों द्वारा मुक्त करने तक इन द्वीपों का दोहन मछली पकड़ने वाली नौकाओं तक सीमित था किंतु नबंबर 1820 में अचानक डेविड ज्वेट नमक अमेरिकी व्यक्ति ने निजी रूप से अर्जेंटीना की ओर से दावा कर एक लम्बे समय से चले आ रहे विवाद को फिर से हवा दे दी।

अगले दो दशकों तक ब्रिटेन और अर्जेंटीना के मध्य एक दूसरे पर वर्चस्व स्थापित करने हेतु संघर्ष होता रहा। अंत में ब्रिटेन ने विजय प्राप्त कर इसे ब्रिटिश क्राउन बना दिया और एक ग्रामीण क्षेत्र विकसित करने हेतु इन द्वीपों पर स्कॉटिश लोगों को ले जाकर बसा दिया। फाकलैंड द्वीप समूह ब्रिटेन के लिए रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण थे जो प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के समय दक्षिण अटलांटि महासागर में एक सैन्य अड्डे के रूप में उपयोगी सिद्ध हुआ हालांकि द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के पश्चात् ये द्वीप समूह एक बार पुनः विवाद के रूप में खड़े हो गए। 

सन 1964 में यूएन कमेटी ऑफ़ डिकोलोनाइज़ेशन ने इन द्वीपों की स्थिति पर चर्चा की। 

संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा सन  1965 में इन द्वीपों पर यूनाइटेड किंगडम तथा अर्जेंटीना के मध्य एक क्षेत्रीय विवाद के रूप में स्वीकारते हुए एक गैर बाध्यकारी प्रस्ताव पारित कर शांतिपूर्ण समाधान का आग्रह किया।  इस अलोक में अगले तीन वर्षों तक यूनाइटेड किंगडम और अर्जेंटीना के मध्य इन द्वीपों के बारे अर्जेंटीना और यूनाइटेड किंगडम ने अगले तीन वर्षों के लिए द्वीपों के बारे में चर्चा की। लेकिन यह फॉकलैंड्स में अप्रवासियों द्वारा बाधित रही, जो शुरू में यूनाइटेड किंगडम से आए थे। इसके बाद 1977 तक दोनों देशों के बीच सभी वार्ताओं को रोक दिया गया था। वित्तीय चिंताओं के कारण, यूनाइटेड किंगडम की थैचर सरकार ने गंभीरता से फ़ॉकलैंड द्वीप समूह को संघर्ष के क्रम में अर्जेंटीना को सौंपने पर विचार किया। इन घटनाओं की पृष्ठभूमि में इन द्वीपों को लेकर दोनों देशों के बीच सतह के नीचे तनाव जारी रहा। अर्जेंटीना ने 1982 में फॉकलैंड द्वीपों पर हमला किया, यह दावा करते हुए कि यूनाइटेड किंगडम (यूके) ने उन्हें अवैध रूप से कब्जा कर लिया था। इससे फ़ॉकलैंड्स युद्ध छिड़ गया। यह अर्जेंटीना की सैन्य सरकार के अधिकार के साथ-साथ इस तथ्य के कारण था कि यह ब्रिटिश कब्जे की 150 वीं वर्षगांठ थी। युद्ध शुरू होने के दो महीने बाद ही यूनाइटेड किंगडम की जीत के साथ यह समाप्त हो गया। हालांकि 1990 में यूनाइटेड किंगडम और अर्जेंटीना के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध बहाल हो गए, लेकिन दोनो देशों के बीच स्वामित्व का मुद्दा विवाद का स्रोत बना रहा। 

नोट: उम्मीदवार यूपीएससी 2023 परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले नवीनतम UPSC Prelims Syllabus in Hindi का ठीक से अध्ययन कर लें। इसके बाद ही अपनी आईएएस परीक्षा की तैयारी की रणनीति बनाएं।

फॉकलैंड द्वीप समूह विवाद में भारत की भूमिका

राजधानी दिल्ली में 25 अप्रैल से शुरू हुए रायसीना डायलॉग में भाग लेने के लिए अर्जेंटीना के विदेश मंत्री सैंटियागो कैफिएरो भी नई दिल्ली पहुंचे थे। कैफिएरो का मकसद फॉकलैंड द्वीप समूह विवाद को सुलझाने के लिए भारत को ब्रिटेन से बातचीत करने के लिए आग्रह करना था। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के दौरे के ठीक बाद अर्जेंटीना के विदेश मंत्री दिल्ली पहुंचे थे।  

पिछले कुछ सालो मे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का दबदबा बढ़ा है। अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन समते दुनिया के कई बड़े देशो से भारत के अच्छे संबंध हैं। वहीं भारत और ब्रिटेन के संबंध भी काफी अच्छे हैं। इसी को देखते हुए फॉकलैंड द्वीप विवाद को सुलझाने मे अर्जेंटीना, भारत की मदद चाहता है। अर्जेंटीना के विदेश मंत्री ने भारत से इस मामले में ब्रिटेन से बात करने का आग्रह किया है। 

एक रिपोर्ट में, रायसीना डायलॉग में हिस्सा लेंने भारत आए अर्जेंटीना के विदेश मंत्री सैंटियागो कैफिएरो द्वारा भारत में द कमीशन फॉर द डायलॉग ऑन द क्वश्चेन ऑफ द माल्विनास आईलैंड्स इन इंडिया नाम के एक आयोग बनाने का भी दावा किया गया है। इस आयोग में. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, भाजपा नेता शाजिया इल्मी, कांग्रेस नेता शशि थरूर और अनुभवी शांतिदूत तारा गांधी भट्टाचार्जी सदस्य होंगे। 

फॉकलैंड द्वीप पर विभिन्न दावों की पृष्ठभूमि

अर्जेंटीना का दावा – फाकलैंड्स पर इसका दावा 1493 के एक आधिकारिक कागज पर आधारित था, जिसे 1494 की टोरडेसिलस की संधि द्वारा संशोधित किया गया था। इस संधि के तहत स्पेन और पुर्तगाल ने द्वीपों की दक्षिण अमेरिका से निकटता, स्पेन का उत्तराधिकार, औपनिवेशिक स्थिति को समाप्त करने की आवश्यकता के आधार पर इसे आपस में बांट लिया था।

यूनाइटेड किंगडम का दावा – इसका दावा 1833 से इन द्वीपों के ‘खुले, निरंतर, प्रभावी नियंत्रण, अधिभोग और प्रशासन’ पर आधारित था, साथ ही इन पर रहने वाले लोगों के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर के आत्मनिर्णय के सिद्धांत को लागू किया जाना था। इसमें आगे दावा किया कि, एक औपनिवेशिक स्थिति को समाप्त करने के बजाय, अर्जेंटीना प्रशासन और फाल्क लैंडर्स के शासन के बिना उनकी इच्छा के बिना एक बना देगा। 

वर्ष 1833 से ब्रिटेन ने फाॅकलैंड द्वीप पर अपने “स्वतंत्र, निरंतर, प्रभावी कब्ज़ें, व्यवसाय और प्रशासन” के आधार पर दावा प्रस्तुत किया जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर में मान्यता प्राप्त आत्मनिर्णय के सिद्धांत को फाॅकलैंड के निवासियों पर लागू करने के अपने दृढ़ संकल्प पर आधारित था।

नोट: आप खुद को नवीनतम UPSC Current Affairs in Hindi से अपडेट रखने के लिए BYJU’S के साथ जुडें, यहां हम प्रमुख जानकारियों को आसान तरीके से समझाते हैं।

हाल ही में घटी घटनाएं 

चीन ने हाल ही में फ़ॉकलैंड द्वीप समूह पर अर्जेंटीना के दावे के समर्थन की पुष्टि करते हुए एक बयान जारी किया, जिसे ब्रिटेन ने खारिज कर दिया। 

चीन और अर्जेंटीना ने हाल ही में एक संयुक्त बयान प्रकाशित किया था। चीन ‘माल्विनास द्वीप समूह (फ़ॉकलैंड द्वीप) पर पूर्ण संप्रभुता के लिए अर्जेंटीना की खोज के लिए अपने समर्थन की पुष्टि करता है’,इसमें चीन ने इस क्षेत्र को अर्जेंटीना नाम से संबोधित किया था। 

अन्य संबंधित लिंक्स : 

Ayushman Bharat Day in Hindi Azadi Ka Amrit Mahotsav in Hindi
Best GK Book For UPSC in Hindi CSAT Book For UPSC in Hindi
Best Magazine For UPSC in Hindi UPSC Prelims Syllabus in Hindi
UPSC Mains Syllabus in Hindi NCERT Books for UPSC in Hindi

Comments

Leave a Comment

Your Mobile number and Email id will not be published.

*

*