Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests - Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests -

भारत के संविधान की विशेषताएं

भारतीय संविधान एक विस्तृत कानूनी दस्तावेज है। यह भारत की सर्वोच्च विधि है। अन्य सभी विधियां भारतीय संविधान के अधीन होती हैं। वर्तमान में भारतीय संविधान में कुल 395 अनुच्छेद 25 भाग और 12 अनुसूचियां हैं। भारतीय संविधान में विभिन्न राजनीतिक दर्शन, नागरिकों के मूल अधिकार, नागरिकों के मूल कर्तव्य के अलावा विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों का विभाजन इत्यादि अनेक प्रावधानों को शामिल किया गया है। इसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार के मध्य विषयों का विभाजन भी किया गया है, ताकि इन दोनों के बीच उत्पन्न होने वाले मतभेदों को न्यूनतम किया जा सके। भारतीय संविधान एक ऐसा गुणवत्तापरक दस्तावेज है, जो अपने आप में विभिन्न विशेषताएं समेटे हुए हैं।

राजनीती विज्ञान के हमारे अन्य उपयोगी हिंदी लेख:

IAS 2023 results


नोट : UPSC 2023 परीक्षा की तिथि करीब आ रही है, आप खुद को नवीनतम UPSC Current Affairs in Hindi से अपडेट रखने के लिए BYJU’S के साथ जुड़ें, यहां हम महत्वपूर्ण जानकारियों को सरल तरीके से समझाते हैं ।

हिंदी माध्यम में UPSC से जुड़े मार्गदर्शन के लिए अवश्य देखें हमारा हिंदी पेज  IAS हिंदी

Explore The Ultimate Guide to IAS Exam Preparation

Download The E-Book Now!

Download Now! Download Now

IAS हिंदी से जुड़े हर अपडेट के बारे में लिंक किए गए लेख में जानें।

तो आइए, अब हम भारतीय संविधान की विशेषताओं की चर्चा करते हैं-

1. भारतीय संविधान – लिखित संविधान

भारतीय संविधान एक लिखित संविधान है। इसका अर्थ है कि भारत के संविधान को लिखने के लिए एक समर्पित संविधान सभा का गठन किया गया था, जिसका कार्य मुख्य रूप से आपसी विचार विमर्श के माध्यम से भारत का संविधान लिखना था। कई देशों में संविधान तो होता है, लेकिन उस संविधान को लिखित संविधान नहीं कहा जा सकता है। उदाहरण के लिए, ब्रिटेन में संविधान तो है, लेकिन वह लिखित संविधान नहीं है। इसका अर्थ यह है कि ब्रिटिश संविधान को लिखने के लिए विधिवत तरीके से किसी संविधान सभा का गठन नहीं हुआ था, बल्कि विभिन्न परंपराओं, न्यायिक निर्णयों और संसद के द्वारा पारित कानूनों के माध्यम से वहाँ का संविधान निर्मित हुआ है। इसलिए ब्रिटेन के संविधान को अलिखित संविधान कहा जाता है।

2. भारतीय संविधान – विशाल संविधान

भारत का संविधान एक अत्यंत विशाल संविधान है। इसका कारण यह है कि भारतीय संविधान में विभिन्न प्रावधानों को काफी सहज से तरीके से विस्तृत रूप में लिखा गया है, ताकि संविधान का पालन करने के दौरान शासन प्रशासन को अधिक कठिनाइयों का सामना ना करना पड़े। यही कारण है कि भारतीय संविधान में वर्तमान में कुल 395 अनुच्छेद 25 भाग और 12 अनुसूचियां विद्यमान है। संख्यात्मक दृष्टि से भारतीय संविधान में अनुच्छेदों की संख्या बेशक 395 नजर आती है, लेकिन वास्तव में भारतीय संविधान में लगभग 450 के आसपास अनुच्छेद मौजूद हैं। इसीलिए कुछ विद्वान इसे दुनिया का सबसे विस्तृत संविधान भी कहते हैं।

3. भारतीय संविधान – लचीलेपन और कठोरता का मिश्रण

भारतीय संविधान के लचीले होने का अर्थ यह है कि भारतीय संविधान के कुछ प्रावधान ऐसे हैं, जिन्हें भारतीय संसद साधारण बहुमत के माध्यम से संशोधित कर सकती है। उदाहरण के लिए, राज्यों के नाम, उनकी सीमा इत्यादि में संशोधन भारतीय संसद साधारण बहुमत के माध्यम से ही कर सकती है। जबकि भारतीय संविधान के कठोर होने का अर्थ यह है कि इस संविधान के कुछ ऐसे प्रावधान भी हैं, जिन्हें संशोधित करना भारतीय संसद के लिए आसान नहीं होता है। इन प्रावधानों के लिए न सिर्फ संसद के दोनों सदनों में विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है, बल्कि देश के आधे राज्यों के विधान मंडल के समर्थन की आवश्यकता भी होती है। देश की संघीय व्यवस्था से संबंधित तमाम प्रावधान इसी प्रक्रिया के माध्यम से संशोधित किए जा सकते हैं। इस प्रकार भारतीय संविधान लचीलेपन और कठोरता का सुंदर मिश्रण है।

4. भारतीय संविधान – संघात्मकता और एकात्मकता का मिश्रण

भारतीय संविधान संघात्मक व्यवस्था और एकात्मक व्यवस्था दोनों का एक सुंदर मिश्रण है। भारतीय संविधान को संघात्मक संविधान इस आधार पर कहा जाता है कि यह एक लिखित संविधान है, इसमें सर्वोच्च व स्वतंत्र न्यायपालिका का प्रावधान किया गया है तथा इसमें केंद्र व राज्यों के मध्य शक्तियों का स्पष्ट विभाजन किया गया है। जबकि भारतीय संविधान एकात्मक व्यवस्थाओं को भी समेटे हुए हैं, जो आपातकाल संबंधी प्रावधानों, केंद्र सरकार द्वारा राज्यों में राज्यपालों की नियुक्तियों, वित्तीय प्रणाली पर केंद्र सरकार के प्रभावी नियंत्रण इत्यादि के माध्यम से परिलक्षित होती हैं।

5. भारतीय संविधान – लोकतांत्रिक गणराज्य

भारत के संविधान की प्रस्तावना में भारत को एक लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने का लक्ष्य घोषित किया गया है। इसका अर्थ यह है कि भारत एक गणराज्य होगा और उसके राज्याध्यक्ष का चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से किया जाएगा। गणराज्य होने का अर्थ यह है कि भारत का कोई सामान्य व्यक्ति भी अपनी योग्यता के दम पर देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति तक पहुंच सकता है। यानी राष्ट्रपति बनने के लिए देश के किसी भी नागरिक को नहीं रोका जा सकता है। हालांकि संसद इसके लिए कुछ सामान्य शर्तें निर्धारित कर सकती है।

6. भारतीय संविधान – एकल नागरिकता

भारतीय संविधान भारत के नागरिकों के लिए एकल नागरिकता निर्धारित करता है। इसका अर्थ यह है कि भारत का नागरिक सिर्फ भारत का ही नागरिक होता है, वह किसी भी अन्य देश का नागरिक नहीं हो सकता है। यदि कोई भारतीय नागरिक किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण करता है, तो जिस समय वह अन्य देश की नागरिकता ग्रहण करता है, ठीक उसी समय से वह भारत का नागरिक नहीं रहता है। इसके अलावा, एकल नागरिकता का एक अर्थ यह भी है कि भारत का नागरिक सिर्फ भारत का ही नागरिक होता है, वह किसी प्रांत का नागरिक नहीं होता है। यानी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही स्तर पर भारत में एकल नागरिकता को स्वीकार किया गया है।

7. भारतीय संविधान – संसदीय व्यवस्था

भारतीय संविधान में शासन की संसदीय प्रणाली को स्वीकार किया गया है। इसका अर्थ है कि भारत में मंत्रिपरिषद विधानमंडल के प्रति उत्तरदाई होती है। इसके अलावा, सरकार तब तक ही अपना अस्तित्व बनाए रखती है, जब तक वह लोकसभा में अपना बहुमत रखती है। जिस क्षण सरकार लोकसभा में बहुमत खो देती है, उसी क्षण सरकार अपना अस्तित्व खो देती है। यानी सरकार को अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए लोकसभा में साधारण बहुमत की आवश्यकता होती है और किसी असमंजस की स्थिति में विपक्ष के द्वारा सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। यदि अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो सरकार को अनिवार्य रूप से इस्तीफा देना होता है।

8. भारतीय संविधान – संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न राज्य

भारतीय संविधान की प्रस्तावना में घोषित किया गया है कि भारत एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न राज्य होगा। इसका अर्थ है कि भारत की सरकार किसी भी अंतरराष्ट्रीय दबाव के अंतर्गत कार्य नहीं करेगी। भारत की सरकार भारत के हित से संबंधित निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगी। कोई भी अंतरराष्ट्रीय संस्था या संगठन या अन्य देश की सरकार भारत पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं बना सकते हैं।

इसके अलावा, भारतीय संविधान भारत को एक समाजवादी राज्य घोषित करता है। भारत में स्वतंत्र न्यायपालिका का प्रावधान है। भारत में संविधान की सर्वोच्चता स्थापित की गई है। भारत में संसदीय संप्रभुता और पंथनिरपेक्ष राज्य का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, भारतीय संविधान मौलिक कर्तव्य, नीति निर्देशक तत्व और कल्याणकारी राज्य की स्थापना करने के लिए भी संकल्पित है। ये समस्त भारतीय संविधान की ऐसी अनोखी विशेषताएं हैं, जो भारतीय संविधान को विश्व के अन्य संविधानों की अपेक्षा एक विशिष्ट स्वरूप प्रदान करता है।

अन्य महत्वपूर्ण लिंक :

UPSC Syllabus in Hindi UPSC Full Form in Hindi
UPSC Books in Hindi UPSC Prelims Syllabus in Hindi
UPSC Mains Syllabus in Hindi NCERT Books for UPSC in Hindi