रेड कॉरिडोर (red corridor), जिसे रेड ज़ोन या आम बोल -चाल की भाषा में ‘लाल गलियारा’ के रूप में भी जाना जाता है, भारत के पूर्वी, मध्य और दक्षिणी हिस्सों में स्थित नक्सली- माओवादी चरमपंथ (extremism) से प्रभावित क्षेत्र है । यह क्षेत्र आंतरिक सुरक्षा की एक बहुत बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि यहाँ पर्यावरण, प्राकृतिक कानून और मानवाधिकारों से संबंधित गंभीर चुनौतियाँ हैं । भारत में नक्सली- माओवादी चरमपंथी आन्दोलन 1960 के दशक में शुरू हुआ था और हालाँकि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, देश में ऐसी हिंसा की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन कोई भी नया सर्वेक्षण वर्तमान स्थिति का सटीक आकलन नहीं करता है । भारत में नक्सली- माओवादी चरमपंथी आन्दोलन UPSC पाठ्यक्रम की आंतरिक सुरक्षा (internal security) में एक महत्वपूर्ण विषय है । इस लेख में हम इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे । हिंदी माध्यम में UPSC से जुड़े मार्गदर्शन के लिए अवश्य देखें हमारा हिंदी पेज आईएएस हिंदी ।
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रेड कॉरिडोर क्या है?
जैसा कि ऊपर वर्णित है, रेड कॉरिडोर (red corridor) भारत का पूर्वी, मध्य और दक्षिणी हिस्सा है । इसके अंतर्गत ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश , आंध्र प्रदेश, प. बंगाल इत्यादि समेत कुल 10 राज्य आते हैं । यह क्षेत्र नक्सली- उग्रवाद के कारण अकसर समाचारों में रहता है ।
यदि आप आईएएस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो मुख्य परीक्षा के GS- पेपर 3 के तहत इस विषय को ध्यान में रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसके अंतर्गत भारत में आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां, उग्रवाद एवं आतंकवाद जैसे मुद्दे आते हैं ।
रेड कॉरिडोर के रूप में चिन्हित ,भारत का यह क्षेत्र आर्थिक रूप से अपेक्षाकृत कम विकसित रहा है और इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों का एक बड़ा तबका जीवन की न्यूनतम आवश्यकताओं के बिना व आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं । चरम पंथ के उदय का यह एक सबसे बड़ा कारण माना जाता रहा है ।
2019 में, सरकारी आंकड़ों के अनुसार माओवादी प्रभाव वाले जिलों की संख्या 180 से घटाकर 90 कर दी गई थी । हालाँकि लाल गलियारा क्षेत्र जबरदस्त सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिन पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है । सामंती और जातिगत विभाजनों के साथ, इस क्षेत्र में सामाजिक संरचना स्तरीय है । इस क्षेत्र में छतीसगढ़ के दंतेवाड़ा, अबूझमाड़, व झारखण्ड के सारंडा जैसे दुर्गम क्षेत्र भी आते हैं । इस क्षेत्र में बीते 50 से भी अधिक साल से गतिरोध जारी है ।
आंतरिक सुरक्षा
इस क्षेत्र में शामिल जोखिम निम्न- स्तरीय नागरिक अशांति से लेकर माओवादी विद्रोह जैसे हिंसक विद्रोह तक हो सकता है । कई बार यह गंभीर रूप ले लेता है, जिसके लिए सैनिक बलों के हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है । देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले लोगों से निपटने के लिए विशिष्ट प्रक्रियाएं, जैसे गुप्त अभियान और मुठभेड़, नियोजित की जाती हैं । मुख्य धारा में शामिल होने को प्रोत्साहित करने के लिए चरमपंथियों को आत्मसमर्पण का मौका भी दिया जाता है ।
इस कॉरिडोर का निर्माण आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा करता है क्योंकि दुर्गम क्षेत्र होने के कारण यहाँ सुरक्षा बालों के लिए अवागमन आसान नहीं है । वहीँ घने जंगल और खराब कनेक्टिविटी इस कॉरिडोर में चरमपंथियों को छुपने की एक अच्छी सुविधा प्रदान करते हैं । माओवादी बिना सरकार की दखल- अंदाजी के अपनी गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं । वे इस नक्सल बेल्ट में गोरिल्ला युद्ध तकनीक का संचालन कर सकते हैं ।
यह ‘बेल्ट’ कई राज्यों की सीमा बनाती है, जिससे माओवादियों को बढ़त मिलती है । वे एक राज्य से दुसरे राज्य में आसानी से प्रवेश कर सकते हैं । अंतरराज्यीय सीमाओं पर पुलिस सहयोग में भी कई बार कमी देखने को मिलती है, जिसका आसानी से दुरुपयोग किया जा सकता है ।
रेड कॉरिडोर निर्विवाद रूप से आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है । हालांकि यह आंदोलन लोगों के अधिकारों की वकालत करने का दावा करता है, लेकिन इस क्षेत्र के लोग ही इससे सबसे अधिक प्रभावित हैं । सरकार क्षेत्र में रहने वाले लोगों की मांग को पूरा करने के लिए क्षेत्र में उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करने का प्रयास कर रही है । शिक्षा , स्वास्थ्य ,सड़क निर्माण इत्यादि के क्षेत्र में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं जिससे ये इलाके भी अब विकास की ओर बढ़ रहे हैं । दुर्गम क्षेत्रों में भी बिजली व मोबाइल नेटवर्क आज उपलब्ध है ।
भारत के नक्सल प्रभावित राज्य | ||
राज्य | प्रभावित जिलों की संख्या | प्रभावित जिले |
1. प. बंगाल | 1 | 1. झाड़ग्राम |
2. तेलंगाना | 6 | 1.Komaram Bheem Asifabad, 2. Mancherial, 3. Adilabad, 4. Bhadradri Kothagudem,
5. Jayashankar Bhupalpally, 6. Mulugu |
3. झारखण्ड | 16 | 1. पूर्वी सिंह भूम 2. गढ़वा 3. गिरिडीह 4. गुमला 5. हजारीबाग 6. बोकारो 7. चतरा 8. धनबाद 9. दुमका 10.खूंटी 11.लातेहार 12. लोहरदगा 13.पलामू 14.राँची 15.सरायकेला- खरसावाँ ,16. प. सिंह भूम |
4. आंध्र प्रदेश | 5 | Srikakulam, Vizianagaram, Visakhapatnam, East Godavari, West Godavari |
5. मध्यप्रदेश | 3 | 1.मंडला, 2.डिंडोरी, 3.बालाघाट, |
6. बिहार | 10 | 1.बांका, 2.नवादा, 3.औरंगाबाद, 4.जमुई, 5.मुंगेर, 6.कैमूर, 7.लखीसराय, 8.गया, 9.रोहतास, 10.प.चंपारण |
7. महाराष्ट्र | 2 | 1.गढ़चिरोली, , 2.गोंडिया |
8. छत्तीसगढ़ | 14 | 1.धमतरी, 2.कोंडागांव, 3.बीजापुर, 4. दंतेवाड़ा, 5.बलराम पुर, 6.गड़ियाबंद, 7.राजनांदगांव, 8.महासमुंद, 9.कांकेर, 10.नारायण पुर, 11.बस्तर, 12.सुकमा, 13.कबीरधाम या कवर्धा, 14.मुंगेली |
9. केरल | 3 | 1.पलक्कड़, 2.मलप्पुरम, 3.वायनाड |
10. ओड़िशा | 10 | 1. कोरापुट, 2.मलखानगिरी, 3.नवरंगपुर, 4.बारगढ़, 5.बलांगीर, 6.कालाहांडी, 7.कंधमाल, 8.नुअपाडा, 9.रायगढ़, 10.सुंदरगढ़ |
देश में कुल जिलों की संख्या =70 |
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