13 मई 2022 : समाचार विश्लेषण
A.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: सामाजिक न्याय:
C.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। D.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E.सम्पादकीय: राजव्यवस्था:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G.महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
सामाजिक न्याय:
अल्पसंख्यकों को अधिसूचित करने के प्रश्न पर बहस :
विषय: कमजोर वर्गों की सुरक्षा और उनकी बेहतरी के लिए गठित तंत्र, कानून, संस्थान एवं निकाय।
मुख्य परीक्षा: भारत में समुदायों को अल्पसंख्यकों के रूप में अधिसूचित करने की शक्ति और इससे जुड़े मुद्दे एवं चुनौतियां।
प्रसंग:
- केंद्र द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यकों को अधिसूचित करने की शक्ति पर सवाल उठाने वाली एक जनहित याचिका (PIL) पर सुप्रीम कोर्ट विचार कर रहा है।
अल्पसंख्यकों को अधिसूचित करने की शक्ति:
- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) अधिनियम, 1992 अपनी धारा 2 (C) में अल्पसंख्यक को “केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित समुदाय” के रूप में परिभाषित करता है।
- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग (एनसीएमईआई) अधिनियम 2004 की धारा 2(एफ),में “अल्पसंख्यक” का अर्थ केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित समुदाय हैं ।” जो केंद्र को इस अधिनियम के तहत शक्तियां प्रदान करता है।
- वर्ष 2005 में, केंद्र सरकार ने मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी नाम के पांच समुदायों को राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक के रूप में अधिसूचित किया था।
- सरकार ने वर्ष 2014 में, जैन धर्म को छठे अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में अधिसूचित किया।
- भारत में अल्पसंख्यकों के संरक्षण के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए:Minority Protection in India
जनहित याचिका (PIL) में दिए गए तर्क:
- जनहित याचिका में विशेष रूप से NCMEI अधिनियम 2004 की धारा 2 (एफ) की वैधता को चुनौती देते हुए कहा गया है कि यह मनमाना/विवेकाधीन है और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21, 29 और 30 में निहित सिद्धांतों का उल्लंघन है।
- इस जनहित याचिका में टी.एम.ए. पाई फाउंडेशन बनाम कर्नाटक राज्य मामले (2002) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया गया है जिसमें कहा गया था कि “अल्पसंख्यक का निर्धारण करने वाली इकाई राज्य होगी न की संपूर्ण भारत “।
- जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि केंद्र की इस अधिसूचना ने एक असामान्य स्थिति पैदा कर दी है, जिसमें केंद्र द्वारा अल्पसंख्यक घोषित किए गए समुदायों को उन राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में भी अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त है, जिनमें वे बहुमत में हैं। जबकि, कुछ अन्य समुदायों को उन राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में अल्पसंख्यक होने के बावजूद उन्हें यह दर्जा नहीं दिया गया है।
- जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट से राष्ट्रीय अल्पसंख्यकों को अधिसूचित करने या केंद्र को उन समुदायों को अल्पसंख्यकों के रूप में अधिसूचित करने की केंद्र की शक्ति को कम करने का आग्रह किया गया है जो संख्या में कम होने के अलावा “सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से गैर-प्रमुख” समुदाय हैं।
केंद्र की प्रतिक्रिया:
- केंद्र ने इस मामले में दो हलफनामे दाखिल किए हैं, जिसमें उसने माना है कि केंद्र के पास अल्पसंख्यक समुदायों को अधिसूचित करने की शक्ति है।
- केंद्र ने राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यकों की अवधारणा का बचाव किया हैं ,जबकि वह इस विशिष्ट प्रश्न पर मौन है।
- यानी केंद्र ने अल्पसंख्यकों की राष्ट्रीय सूची जारी करने पर मौन साधा है,जबकि इसने विभिन्न अधिनियमों के तहत अल्पसंख्यकों को अधिसूचित करने की अपनी शक्ति पर प्रकाश डाला हैं।
- केंद्र ने इस बात को भी दोहराया है कि अल्पसंख्यकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के साथ-साथ उसके पास भी समवर्ती शक्तियां हैं।
- केंद्र ने यहूदियों (Jews) को अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में मान्यता देने वाले महाराष्ट्र राज्य का हवाला दिया हैं और यह भी बताया की कर्नाटक ने कई भाषाओं के बोलने वालों को भाषाई अल्पसंख्यकों के रूप में मान्यता दी और कहा कि राज्य अपने अधिकार क्षेत्र में अल्पसंख्यकों को अधिसूचित कर सकते हैं।
- लेकिन केंद्र ने अपने दूसरे हलफनामे में दावा किया कि अल्पसंख्यक समुदाय को अधिसूचित करने की शक्ति अकेले केंद्र के पास है।
- केंद्र ने अपने पहले हलफनामों में भारत में एक समुदाय के पिछड़ेपन का अध्ययन करने के लिए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और सच्चर समिति के गठन का हवाला दिया हैं।
भावी कदम:
- केंद्र ने कहा हैं कि यह जनहित याचिका महत्वपूर्ण मामलों से संबंधित है ऐसे में उसे राज्यों और अन्य हितधारकों से परामर्श करने के लिए समय चाहिए, ताकि वह इस सम्बन्ध में कोई निर्णय ले सकें।
- केंद्र ने कहा है कि वह विभिन्न सामाजिक और अन्य पहलुओं की पुष्टि करने के बाद ही इस मुद्दे पर कोई फैसला होगा क्योंकि जल्दबाजी में देश में एक अनपेक्षित जटिलता पैदा हो जाएगी।
- इस मुद्दे के बारे में अधिक जानकारी के लिए 28 मार्च 2022 का यूपीएससी व्यापक समाचार विश्लेषण देखें।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
सम्पादकीय:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
राजव्यवस्था:
परिसीमन समाप्ति का जम्मू-कश्मीर पर प्रभाव:
विषय: वैधानिक निकाय।
प्रारंभिक परीक्षा: परिसीमन आयोग।
मुख्य परीक्षा: जम्मू और कश्मीर में परिसीमन की आवश्यकता और इसके निहितार्थ।
सन्दर्भ:
- लेख परिसीमन आयोग की अंतिम रिपोर्ट का विश्लेषण किया गया है।
पृष्ठभूमि:
- परिसीमन आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए जम्मू-कश्मीर का नक्शा पुनः अधिसूचित किया गया है।
- आयोग की अंतिम रिपोर्ट का कश्मीर के राजनीतिक दलों के द्वारा भारी विरोध किया गया।
- आरोप है कि आयोग ने नेताओं की सिफारिशों और सुझावों की अनदेखी की।
- इन नेताओं ने तर्कों के साथ रिपोर्ट की प्रमुख कमियों को उजागर किया है।
- आयोग ने चुनाव से पहले नहीं बल्कि परिसीमन लागू होने के बाद विधान सभा की सिफारिशों को आमंत्रित करने और उन पर विचार किया।
परिसीमन का क्या अर्थ है?
- परिसीमन को उस प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें सीमाओं, विशेष रूप से चुनावी परिसरों, राज्यों और अन्य नगर पालिकाओं का पुनर्निर्धारण शामिल है।
- चुनाव के संदर्भ में यह कवायद बिना किसी पक्षपात के निर्वाचन क्षेत्रों के लोगों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए की जाती है।
परिसीमन आयोग के बारे में:
- परिसीमन आयोग का नेतृत्व सर्वोच्च न्यायालय का एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश, मुख्य चुनाव आयुक्त और जम्मू और कश्मीर के राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त पदेन सदस्यों के रूप में करते हैं।
- इसने अंतिम परिसीमन आदेश में केंद्र सरकार को निम्नलिखित सिफारिशें की हैं:
- विधान सभा में कश्मीरी प्रवासी समुदायों के कम से कम दो सदस्यों (उनमें से एक महिला होनी चाहिए) का प्रावधान और ऐसे सदस्यों को केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की विधान सभा के मनोनीत सदस्यों की तरह शक्तियां दी जाए।
- केंद्र सरकार पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर से विस्थापित व्यक्तियों को नामांकन के माध्यम से विधान सभा में कुछ प्रतिनिधित्व दिया जाए।
परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) के बारे में निम्न लिंक पर क्लिक कर पढ़ें:
असंतोष: भावी चुनौतियाँ
- आयोग का कहना है कि रिपोर्ट ने सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों को शामिल किया गया है।
- इस तरह के दावों के परिणामस्वरूप आयोग के आत्म-प्रक्षेपण और घाटी के नेताओं के विचारों के बीच एक प्रमुख अंतर स्पष्ट होता है।
- सरकार जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत होने वाले चुनावों के लिए जम्मू और कश्मीर के लिए निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के लिए दृढ़ थी।
अनुच्छेद 370 (Article 370) के बारे में जानने के लिए लेख की लिंक पर क्लिक कर पढ़ें:
- जम्मू-कश्मीर को पुनर्गठित करने के निर्णय के साथ, प्रसिद्ध नेताओं सहित बड़ी संख्या में लोगों को देशद्रोह के आरोप में निवारक नजरबंदी (preventive detention) के तहत बंदी बना लिया गया था।
12 मई, 2022 के CNA में देशद्रोह पर हालिया निर्णय के बारे में पढ़ें
- पुनः चुने गए निर्वाचन क्षेत्रों को अधिसूचित करने के बाद, चुनाव आयोग ने महसूस किया कि जम्मू और कश्मीर में चुनाव कराने की तत्काल आवश्यकता है, जिसका उद्देश्य उस क्षेत्र को नेतृत्व प्रदान करना है।
- चुनाव आयोग के इस कदम ने हिंसा के साथ असंतोष को भी बढ़ाया है।
- चुनौती तब और बड़ी होगी जब चुनाव परिणाम जम्मू और घाटी के बीच विभाजन को जन्म देंगे, जिससे राजनीतिक अस्थिरता पैदा होगी।
- इस बात की संभावना है कि परिसीमन को रद्द किया जा सकता है, बशर्ते है सुप्रीम कोर्ट पुनर्गठन अधिनियम के खिलाफ पेश की गई चुनौतियों को वैध घोषित कर दे।
परिसीमन आयोग की रिपोर्ट में कमियां:
- इसने लोगों और जन प्रतिनिधियों की आपत्तियों का निवारण नहीं किया।
- जम्मू को छह सीटें और घाटी को केवल एक सीट आवंटित करना अर्थात् सीटों के अनुपातहीन आवंटन के कारणों के पीछे न तो कोई प्रभावी तर्क है और न हीं कोई स्पष्टता।
- सीटों के आवंटन से संबंधित कार्यप्रणाली की व्याख्या अपर्याप्त है।
- इस तथ्य के बावजूद कि इस क्षेत्र की अधिकांश आबादी मुस्लिम है लेकिन मुस्लिम बहुसंख्यक सीटों में कमी करना समझ से परे है।
भावी कदम:
- यह सुझाव दिया गया है कि जम्मू और कश्मीर में शांति बहाल करने के लिए स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव होने चाहिए।
- यह प्रशासन, कानूनी प्राधिकारियों और सरकार की जिम्मेदारी होगी कि वह जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा जल्द दें।
- व्यक्तियों की स्वतंत्रता पर ध्यान देना चाहिए और मनमानी गिरफ्तारी से बचाना चाहिए क्योंकि इससे लोगों में राष्ट्रवाद की भावना कमजोर होती हैं।
- जम्मू और कश्मीर में नीति निर्माताओं को आने वाले दिनों में कठोर कानूनों के दुरुपयोग को नियंत्रित करने वाला एक विश्वसनीय और जवाबदेह नेतृत्व बरकरार रखना होगा। इससे लोगों और प्रतिनिधियों के बीच विश्वास बढेगा।
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
1. इवेंट होराइजन ने SgrA* के असली रंग दिखाए:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: अंतरिक्ष के क्षेत्र में जागरूकता।
प्रारंभिक परीक्षा: इवेंट होराइजन टेलीस्कोप और Sagittarius A* के बारे में।
प्रसंग
- वैज्ञानिकों ने इवेंट होराइजन टेलीस्कोप (EHT) द्वारा मिल्की वे गैलेक्सी के केंद्र में ब्लैक होल की पहली छवि लेने के बारे में बताया हैं।
सेगीटेरियस (Sagittarius A* (SgrA*) : सेगीटेरियस
Image Source: The Hindu
- सेगीटेरियस (Sagittarius A* (SgrA*) आकाशगंगा के केंद्र में स्थित एक उज्ज्वल और बहुत सघन खगोलीय रेडियो स्रोत है।
- यह सुपरमैसिव ब्लैक होल का स्थान है।
- सेगीटेरियस (Sagittarius A* (SgrA*) सेगीटेरियस और स्कोर्पियस के तारामंडल की सीमा के पास स्थित है।
- सेगीटेरियस (Sagittarius A* (SgrA*) पृथ्वी से लगभग 27,000 प्रकाश वर्ष दूर है।
- स्रोत और पृथ्वी के बीच धूल और गैस की वजह से 25 परिमाणों के प्रभाव के विलुप्त होने के कारण खगोलविद अभी तक ऑप्टिकल स्पेक्ट्रम में Sgr A* का निरीक्षण करने में असमर्थ रहे हैं।
- इसके अलावा, प्लाज्मा की भौतिकी SgrA* के चारों ओर एक घंटे के समय के पैमाने पर बदलती है, इस प्रकार एक कक्षा से संबंधित फोटॉन की सभी प्रासंगिक जानकारी के साथ एक सुसंगत छवि प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है।
घटना क्षितिज टेलीस्कोप/इवेंट होराइजन टेलीस्कोप (Event Horizon Telescope (EHT):
Image Source: ESO.org
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग इवेंट होराइजन टेलीस्कोप प्रोजेक्ट 2009 में शुरू किया गया था।
- EHT एक बड़ा टेलिस्कोप व्यूह (array) है जो रेडियो टेलिस्कोप के वैश्विक नेटवर्क से बना है।
- EHT दुनिया भर में कई रेडियो वेधशालाओं या रेडियो-दूरबीनों से मिलकर बना है,यह उच्च-संवेदनशील, उच्च-कोणीय-रिज़ॉल्यूशन दूरबीन का निर्माण करने के लिए एक साथ काम कर रहा हैं।
- ईएचटी का गठन लघु तरंगदैर्घ्य पर वेरी लॉन्ग बेसलाइन इंटरफेरोमेट्री (VLBI) की क्षमता में सुधार पर स्थिर दीर्घकालिक प्रगति हेतु किया गया है।
- वर्ष 2019 में,इवेंट होराइजन टेलीस्कोप,जो कि 300 से अधिक शोधकर्ताओं के सहयोग से निर्मित हैं, ने मेसियर 87 आकाशगंगा के केंद्र में एक ब्लैक होल M87* नामक ब्लैक होल की पहली छवि को जारी करके इतिहास रच दिया।
महत्वपूर्ण तथ्य:
1. खुदरा महंगाई दर आठ साल के उच्चतम स्तर 7.8 % के करीब पहुंच गई है:
- भारतीय उपभोक्ताओं द्वारा सामना की जाने वाली मुद्रास्फीति अप्रैल 2022 में बढ़कर आठ साल के उच्च स्तर 7.8% हो गई, जो मार्च 2022 में 6.95% थी।
- शहरी क्षेत्रों में 7.1% के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति बढ़कर 8.4% हो गई हैं।
- उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI) द्वारा मापी गई खाद्य लागतों के कारण मुद्रास्फीति में वृद्धि हुई हैं जो 8.4% तक पहुंच गई हैं।
- विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक कच्चे तेल की कीमत में वृद्धि ने CPI बास्केट में खाद्य, ईंधन, प्रकाश, परिवहन और संचार कीमतों को प्रभावित किया है।
2. फिनलैंड के नेता नाटो सदस्यता लेने के पक्ष में:
- फिनलैंड के राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री ने घोषणा की कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मद्देनजर नॉर्डिक देश को नाटो की सदस्यता के लिए तुरंत आवेदन करना चाहिए।
- स्वीडन द्वारा भी इसी तरह का रुख अपनाये जाने के कयास लगाए जा रहे हैं।
- इन कदमों को यूरोपीय सुरक्षा परिदृश्य में प्रमुखता मिली है क्योंकि स्वीडन ने 200 से अधिक वर्षों से सैन्य गठबंधनों से परहेज किया है, जबकि फिनलैंड द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ द्वारा अपनी हार के बाद तटस्थ रहा।
- यह देखते हुए कि नाटो का यह विस्तार रूस को बाल्टिक सागर और आर्कटिक में नाटो देशों के साथ घेर लेगा, इसके प्रतिउत्तर में रूस ने इन देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ऐसा होता हैं तो वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा पर उत्पन्न खतरों का मुकाबला करने हेतु जवाबी सैन्य-तकनीकी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होगा।
3. उज्ज्वला LPG योजना: 90 लाख लाभार्थी नहीं भरवाते दोबारा गैस सिलेंडर:
- दायर किये RTI आवेदन के जवाब के मुताबिक, केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना, प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के 90 लाख लाभार्थियों ने दोबारा गैस सिलेंडर नहीं भरवाया और वित्तीय वर्ष 2021-22 में एक करोड़ से अधिक लाभार्थियों को केवल एक बार अपनी गैस सिलेंडर की रिफिल मिली।
- कहा जाता है कि PMUY के लाभार्थियों ने देश भर में इस योजना के तहत 14.17 करोड़ रुपये की मुफ्त रिफिल सिलेंडर का लाभ उठाया है।
- विशेषज्ञों का कहना है कि इन आंकड़ों को इस तथ्य पर विचार करके देखा जाना चाहिए कि COVID-19 महामारी के दौरान, सरकार ने अप्रैल और दिसंबर 2020 के बीच PMUY लाभार्थियों को तीन मुफ्त LPG रिफिल प्रदान किए।
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिक पर क्लिक कीजिए: Pradhan Mantri Ujjwala Yojana (PMUY)
4. ‘इस वित्त वर्ष में GDP संवृद्धि दर 8 % के करीब रहेगी’:
- वित्त मंत्रालय द्वारा अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा हैं कि केंद्रीय बजट 2022-23 का पूंजीगत व्यय-संचालित राजकोषीय रुख अर्थव्यवस्था को मुद्रास्फीति संबंधी बाधाओं से उबारने में मदद करेगा और इस वर्ष 2022-23 में लगभग 8% वास्तविक वृद्धि होगी ।
- मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के 8.2% पूर्वानुमान का हवाला देते हुए, माना कि भारत वित्तीय वर्ष 2022-23 में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगी।
- अर्थव्यवस्था में मजबूत वृद्धि ई-वे बिल निर्माण, टोल संग्रह, बिजली की खपत, पीएमआई विनिर्माण और पीएमआई सेवाओं के उल्लेखनीय प्रदर्शन और मार्च 2022 में रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह के कारण हुई है।
- मंत्रालय ने विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के लिए उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रीय बैंकों के कड़े मौद्रिक रुख के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) के बहिर्वाह के दबाव को भी जिम्मेदार ठहराया हैं।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. हाल ही में आयोजित “ग्लोबल कोविड वर्चुअल समिट” की मेजबानी निम्न में से किसके द्वारा की गई है? (स्तर-सरल)
(a) जी -20 (G20)
(b) अमेरीका (USA)
(c) विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
(d) यूरोपीय संघ (EU)
उत्तर: b
व्याख्या:
- ग्लोबल कोविड वर्चुअल समिट की मेजबानी अमेरिका (USA) द्वारा की गई है।
- अतः विकल्प B सही है।
प्रश्न 2. लुंबिनी का क्या महत्व है? (स्तर-कठिन)
- भगवान गौतम बुद्ध की जन्मस्थली।
- यूनेस्को का एक विश्व धरोहर स्थल।
- ऐतिहासिक मायादेवी मंदिर स्थल।
विकल्प:
(a)केवल 1
(b)केवल 1 और 2
(c)केवल 1 और 3
(d)1, 2 और 3
उत्तर: d
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: लुंबिनी गौतम बुद्ध का जन्मस्थान है।
- कथन 2 सही है: लुंबिनी 1997 से यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल है।
- कथन 3 सही है: माया देवी मंदिर लुंबिनी में स्थित एक प्राचीन बौद्ध मंदिर है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों में से कौन से/सा से सही हैं? (स्तर-मध्यम)
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अध्यक्ष केंद्रीय गृह मंत्री होते हैं।
- यह आपदा के बाद तत्काल खोज, बचाव एवं आपातकालीन राहत अभियान चलाता है।
- इसकी स्थापना 2019 के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना द्वारा की गई थी।
विकल्प:
(a)केवल 1
(b)केवल 1 और 2
(c)केवल 3
(d)उपर्युक्त कोई नहीं
उत्तर: d
व्याख्या:
- कथन 1 सही नहीं है: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं।
- कथन 2 सही नहीं है: इसका प्राथमिक उद्देश्य प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं की प्रतिक्रिया का समन्वय करना,आपदा से निपटने और संकट प्रतिक्रिया में क्षमता निर्माण करना है। यह समय पर और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए आपदा प्रबंधन की नीतियों, योजनाओं और दिशानिर्देशों को निर्धारित करने वाला शीर्ष निकाय भी है।
- राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) प्राकृतिक आपदाओं के दौरान तत्काल बचाव और राहत कार्य करता है।
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अनुसार गठित एक वैधानिक निकाय है।
प्रश्न 4. रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद किस देश ने नाटो समूह में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है? (स्तर-सरल)
(a)पोलैंड
(b)बेलोरूस
(c)फिनलैंड
(d)तुर्की
उत्तर: c
व्याख्या:
- फिनलैंड के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि यूक्रेन पर रूस द्वारा किये गए आक्रमण के मद्देनजर इस नॉर्डिक देश को नाटो की सदस्यता के लिए तुरंत आवेदन करना चाहिए।
- अत: विकल्प c सही है।
प्रश्न 5. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिएः (स्तर-कठिन)
समुद्र सीमावर्ती देश
- एड्रियाटिक सागर अल्बानिया
- काला सागर क्रोएसिया
- कैस्पियन सागर कजाकिस्तान
- भूमध्य सागर मोरक्को
- लाल सागर सीरिया
उपर्युक्त युग्मों में से कौन- सही सुमेलित है?
(a)केवल 1, 2 और 4
(b)केवल 1, 3 और 4
(c)केवल 2 और 5
(d)1, 2, 3, 4 और 5
उत्तर: b
व्याख्या:
- एड्रियाटिक सागर इटली, स्लोवेनिया, क्रोएशिया, मोंटेनेग्रो और अल्बानिया जैसे देशों से घिरा हुआ है।
- काला सागर तुर्की, बुल्गारिया, रोमानिया, यूक्रेन, रूस और जॉर्जिया के बीच स्थित है।
- कैस्पियन सागर की सीमा रूस, ईरान, अजरबैजान, कजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान से लगती है।
- भूमध्य सागर 21 देशों से घिरा है जिसमें अल्बानिया, बोस्निया, क्रोएशिया, मिस्र, फ्रांस, ग्रीस, इज़राइल, इटली, मोंटेनेग्रो, मोरक्को, स्पेन, तुर्की आदि शामिल हैं।
- लाल सागर की सीमा सऊदी अरब, यमन, मिस्र, सूडान, इरिट्रिया और जिबूती जैसे 6 देशों से लगती है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
प्रश्न 1. भारत में अल्पसंख्यकों को किस प्रकार परिभाषित किया जाता है? भारतीय संविधान द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए कौन से सुरक्षा उपाय किये गए हैं? (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस II – राजनीति)
प्रश्न 2. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की सफलता और उसकी कमियों का आकलन कीजिए। यह योजना अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में कहाँ तक सफल रही है? चर्चा कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस II – शासन)
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