A.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
C.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। D.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E.सम्पादकीय: कृषि:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G.महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : |
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
एर्दोगन ने फिनलैंड व स्वीडन के नाटो ब्लॉक में शामिल होने का विरोध किया:
विषय: विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियोंयां और राजनीति का प्रभाव।
मुख्य परीक्षा: फिनलैंड और स्वीडन के नाटो सदस्यता प्राप्त करने से होने वाले भू-राजनीतिक प्रभाव।
प्रसंग:
- हाल ही में तुर्की ने फिनलैंड और स्वीडन के नाटो समूह में शामिल होने की योजना का विरोध किया है।
पृष्ठ्भूमि:
- रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के मद्देनजर फिनलैंड के नेताओं ने कहा हैं कि नॉर्डिक देश को तुरंत नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन करना चाहिए।
- स्वीडन से भी इसी तरह का कदम उठाने की उम्मीद की जा रही है।
- हालांकि, तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा है कि तुर्की,फिनलैंड और स्वीडन के नाटो समूह में शामिल होने के पक्ष में नहीं है।
फिनलैंड और स्वीडन की आकांक्षाएं:
- यूक्रेन पर रूस द्वारा किये गए आक्रमण के बाद आये संकट की शुरुआत के बाद से ही फ़िनलैंड और स्वीडन ने नाटो से सुरक्षा की मांग की थी। वे तटस्थता और सैन्य स्वतंत्रता की अपनी-अपनी सुरक्षा नीतियों में बदलाव पर भी विचार कर रहे हैं।
- हाल ही में दोनों देशों में समपन्न हुए चुनावों से पता चलता है कि वहां के लोग बड़ी संख्या में नाटो समूह में शामिल होने के लिए इनकी नीतियों का समर्थन कर रहे हैं।
- रूस द्वारा साइबर एवं हाइब्रिड हमलों तथा हवाई क्षेत्र और समुद्री सीमाओं के उल्लंघन की चिंताओं के बीच,फ़िनलैंड और स्वीडन नाटो समूह में अपनी सदस्यता के लिए उत्सुक हैं क्योंकि यह सदस्यता उन्हें इस संदर्भ में कई प्रकार के लाभ प्रदान कर सकती है।
तुर्की का रुख:
- तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा कि स्वीडन और अन्य स्कैंडिनेवियाई देश कथित रूप से कुर्द और अन्य उग्रवादियों का समर्थन करते हैं, जिन्हें तुर्की आतंकवादी मानता है।
- तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा हैं कि वह वर्ष 1980 में ग्रीस द्वारा नाटो के सैन्य समूह में फिर से शामिल करने के लिए सहमत होने की तुर्की की पिछली “गलती” को दोहराना नहीं चाहता।
- उन्होंने दावा करते हुए कहा कि ग्रीस को मिले नाटो के समर्थन के कारण ही वह तुर्की के खिलाफ हुआ।
- जैसा कि नाटो सर्वसम्मति के आधार पर सभी निर्णय लेता है अर्थात सभी 30 सदस्य देशों के पास संभावित वीटो शक्ति है,जो तुर्की फिनलैंड और स्वीडन को नाटो में शामिल करने से रोक सकती है।
रूस की प्रतिक्रिया:
- नाटो के इस विस्तार से रूस को बाल्टिक सागर और आर्कटिक में नाटो देश घेर लेंगे, इसलिए रूस ने फिनलैंड और स्वीडन को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनज़र जवाबी सैन्य-तकनीकी कार्रवाइयों करने की चेतावनी दी हैं।
- रूस ने मई में बेची गई बिजली का भुगतान न करने का आरोप लगा कर फिनलैंड को बिजली की आपूर्ति न करने की तैयारी कर रहा है ।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
सम्पादकीय:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
कृषि:
जूट उद्योग मुश्किल में:
विषय: कृषि उपज का परिवहन, विपणन तथा मुद्दे एवं संबंधित बाधाएं।
मुख्य परीक्षा: भारत में जूट उद्योग से जुड़े मुद्दे तथा चुनौतियाँ एवं सरकारी पहल।
सन्दर्भ:
- इस लेख में भारत के जूट उद्योग के मुद्दों पर चर्चा की गई है।
भारत में जूट उद्योग:
- भारतीय जूट उद्योग 150 वर्ष पुराना है।
- भारत का पहला जूट कारखाना 1854 में कोलकाता में स्थापित किया गया था।
- भारत दुनिया का सबसे बड़ा जूट उत्पादक है, जिसके बाद बांग्लादेश और चीन का स्थान आता है।
- जूट मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, मेघालय, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश राज्यों में उगाया जाता है।
- इंडियन जूट मिल्स एसोसिएशन (IJMA) के अनुसार, भारत में लगभग 93 जूट मिलें हैं, जिनमें से 70 पश्चिम बंगाल में हैं।
- जूट उद्योग देश भर में 4 लाख से अधिक श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराता है तथा लगभग 40 लाख किसान परिवारों की आजीविका प्रदान करता है।
जूट उद्योग के मुद्दों के बारे में अधिक जानकारी के लिए निम्नलिखित लेख पढ़े:
UPSC Exam Comprehensive News Analysis dated 02 May 2022
जूट उद्योग के लिए सरकारी पहल:
- गोल्डन फाइबर क्रांति और जूट प्रौद्योगिकी मिशन:
- भारत सरकार ने 2006 में एक जूट प्रौद्योगिकी मिशन की शुरूवात की, जिसके तहत 4 लक्ष्य निर्धारित किए गए थे, जिनमें जूट अनुसंधान, कच्चे जूट कृषि का विकास और इसका विस्तार अर्थात कच्चे जूट का प्रसंस्करण और विपणन शामिल था।
- जूट पैकेजिंग अनिवार्य अधिनियम, 1987:
- जूट पैकेजिंग सामग्री (पैकिंग वस्तुओं में अनिवार्य उपयोग) अधिनियम, 1987 के तहत, सरकार विभिन्न वस्तुओं के लिए जूट पैकेजिंग अनिवार्य है।
- न्यूनतम शत-प्रतिशत खाद्यान्न तथा न्यूनतम 20 प्रतिशत चीनी जूट की बोरियों में पैक करना अनिवार्य है।
- जूट-ICARE:
- पश्चिम बंगाल और असम में कृषि पद्धतियों के लिए 2015 में जूट (जूट-ICARE) की उन्नत खेती और उन्नत रेटिंग कार्यक्रम प्रारंभ किया गया था।
- उन्नत कृषि पद्धतियों में- सीड ड्रिल के माध्यम से जूट की लाइन बुवाई, हाथ से निराई के बजाय व्हील होइंग द्वारा खरपतवार छिड़काव और 50% सब्सिडी पर गुणवत्ता प्रमाणित बीजों का वितरण शामिल हैं।
- जूट एकीकृत विकास योजना (JIDS):
- JIDS को भारत सरकार द्वारा 2015-16 में SHG, सहकारी समितियों और गैर सरकारी संगठनों जैसे विभिन्न निकायों के सहयोग से देश भर के दूर-दराज के स्थानों पर स्थानीय इकाइयों और एजेंसियों की स्थापना के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया था।
- राष्ट्रीय जूट बोर्ड (NJB), JIDS की कार्यान्वयन एजेंसी है।
- जूट स्मार्ट:
- जूट स्मार्ट, जूट क्षेत्र में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिसंबर 2016 में प्रारंभ की गई एक ई-सरकार पहल है।
- यह पहल बी-टवील जूट सेकिंग (B-Twill Jute) की खरीद के लिए एक एकीकृत मंच प्रदान करती है जिसे आमतौर पर सरकार द्वारा जूट सेकिंग बैग के रूप में जाना जाता है।
- पटसन बीज वितरण कार्यक्रम:
- केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने 2021 में वाणिज्यिक जूट बीज वितरण योजना प्रारंभ की है।
- देश में जूट की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए और जूट की गुणवत्ता में सुधार के लिए पहल की गई थी।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
WHO में सुधार:
विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां एवं मंच तथा उनकी संरचना एवं जनादेश।
मुख्य परीक्षा: विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा उसमे भावी सुधार की आवश्यकता।
सन्दर्भ:
- भारत के प्रधान मंत्री ने दूसरे वैश्विक कोविड-19 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में सुधार का आह्वान किया।
WHO में सुधार की जरूरत:
- विश्व समुदाय को होने वाले नुकसान को रोकने और ज्ञात बीमारी के प्रकोपों से लड़ने के लिए WHO क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए इसमें तत्काल सुधार की आवश्यकता है।
- इसके अलावा, नोबल कोरोनवायरस के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने में चीन की देरी और वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा चीन को वायरस की उत्पत्ति के बारे में जांच की अनुमति देने के लिए आने वाली कठिनाइयों ने WHO की कमजोरियों को उजागर किया है।
- टीके की मंजूरी की WHO की प्रक्रियाओं पर पुनर्विचार की भी आवश्यकता है क्योंकि कोवैक्सिन के आपातकालीन उपयोग सूची (ELU) को स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा बिना किसी आधार या सबूत के जानबूझकर देरी की गई थी।
भावी कदम:
- सदस्यों द्वारा अनिवार्य वित्त पोषण में वृद्धि
- कई वर्षों से सदस्य देशों द्वारा दिया जाने वाला योगदान कुल बजट का 25% से कम है अर्थात् धन की बड़ी राशि स्वैच्छिक योगदान से जुटाई जाती है जो WHO की कार्यशैली को प्रभावित करती है।
- WHO के अधिकारों में वृद्धि:
- मानदंडों के उल्लंघन के लिए सदस्य देशों को जवाबही सुनिश्चित करने हेतु तथा वैश्विक नुकसान के लिए जिम्मेदार बीमारी के प्रकोप से लड़ने के लिए WHO को और अधिक शक्तियां प्रदान करने की आवश्यकता है।
- कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य मानदंडों के अनुसार, सदस्य देशों को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों की पहचान, रिपोर्ट करने और प्रतिक्रिया देने के लिए सक्षम करना चाहिए। हालांकि, सदस्य देशों को गैर-अनुपालन के लिए दंड का सामना नहीं करना पड़ता है।
- भविष्य में होने वाली बीमारियों के प्रकोप से बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस संबंध में बदलाव लाने की आवश्यकता है।
- संकीर्ण जनादेश:
- संगठन का एक बहुत बड़ा जनादेश है जिसमें वे सभी गतिविधियाँ शामिल हैं जिनका उद्देश्य दुनिया भर के लोगों में स्वास्थ्य सुधार करना है
- WHO के दायरे को स्पष्ट और संकुचित किया जाना चाहिए
- WHO का शासन:
- वैकल्पिक मतों जैसे कि समाज और जमीनी स्तर पर काम करने वाले अन्य संगठनों को शामिल करने हेतु संगठन के प्रशासन में सुधार किया जाना चाहिए।
- तकनीकी विशेषज्ञता विकसित करना
- संगठन को राजनीतिक विशेषज्ञों, वकीलों और सूचना प्रौद्योगिकी वैज्ञानिकों जैसे विभिन्न विशेषज्ञों को शामिल कर इसका विस्तार करना चाहिए।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
श्रीलंका में तटवर्ती विरोध:
विषय: भारत और उसके पड़ोसी।
मुख्य परीक्षा: श्रीलंका में ‘गोटा गो गामा’ विरोध के बारे में विवरण।
सन्दर्भ:
- श्रीलंका में ‘गोटा गो गामा’ का विरोध
पृष्टभूमि:
इस मुद्दे पर विस्तृत पृष्ठभूमि के लिए निम्नलिखित लेख पढ़े:
विवरण
- श्रीलंका में विरोध मार्च 2022 में श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में ट्रैफिक जंक्शनों पर मोमबत्ती की रोशनी में प्रारंभ हुआ।
- प्रदर्शनकारी सरकार द्वारा लागू बिजली कटौती का विरोध कर रहे थे क्योंकि उसके पास बिजली संयंत्रों को चलाने के लिए आवश्यक डीजल खरीदने हेतु पर्याप्त डॉलर नहीं थे।
- यह विरोध लोकतांत्रिक, अहिंसक, समावेशी और रचनात्मक था।
- विरोध को हर समुदाय के लोगों का समर्थन मिला।
- विरोध वॉल स्ट्रीट पर कब्जा आंदोलन, ब्लैक लाइव्स मैटर, अरब स्प्रिंग, भारतीय किसान आंदोलन से प्रेरित था।
- युवा कार्यकर्ताओं को ट्रेड यूनियनों के साथ छात्र और अकादमिक संघों का समर्थन था तथा पर्यावरण आंदोलनकर्ता, पेशेवर संघ और नागरिक समाज समूह आन्दोलन प्रारंभ होने के कई दिनों बाद इसमे शामिल हुए।
- युवा वकील भी प्रदर्शनकारियों के साथ खड़े रहे जिन्होंने आंदोलन के लिए सुरक्षा जाल का कार्य किया।
तमिलों की भागीदारी:
- देश के उत्तर एवं पूर्वी हिस्से में तमिल बहुल क्षेत्रों ने इन विरोध प्रदर्शनों में पूरी तरह से भाग नहीं लिया है।
- तमिल राष्ट्रवादियों का तर्क है कि विरोध का समर्थन करने हेतु तमिल मुद्दों को संबोधित नहीं किया जा रहा है।
- विरोध प्रदर्शनों में पूरी तरह शामिल न होने के बावजूद तमिलों ने देश में स्थानीय स्तर के विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया है।
- जाफना विश्वविद्यालय छात्र संघ और उत्तर एवं पूर्व की महिलाओं ने ‘गोटा गो गामा’ आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया है।
भावी कदम:
- प्रदर्शनकारियों की मांग है कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को उनके भाई महिंदा राजपक्षे (पूर्व प्रधानमंत्री) की तरह पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
- देश में स्थिरता लाने के लिए नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को संसद और प्रदर्शनकारियों का विश्वास हासिल करना जरूरी है।
- संसद में विपक्ष की कई मांगें हैं।
- 19वें संशोधन को बहाल करना, विशेष रूप से स्वतंत्र न्यायपालिका और स्वतंत्र आयोगों से संबंधित प्रावधानों को।
- 21वें संशोधन के माध्यम से कार्यकारी अध्यक्षता को समाप्त करना।
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से वार्ता के लिए आर्थिक ढांचे की स्थापना।
- यदि संकट और बढ़ता है, तो श्रीलंका को म्यांमार जैसे विकल्प को अपनाना पड़ सकता है, जहाँ वर्तमान में सेना कमांडर द्वारा कई सुरक्षा बल जो वर्तमान आंदोलन का समर्थन कर रहे थे उन्हें हटा दिया गया है।
- वर्तमान में, IMF श्रीलंका के साथ अपनी वार्ता को आगे बढ़ाना चाहता है क्योंकि इस विषय पर सभी दल सहमत है।
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
1. इसरो ने गगनयान के लिए बूस्टर परीक्षण किया:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विज्ञान और प्रौद्योगिकी:
विषय: अंतरिक्ष के क्षेत्र में जागरूकता।
प्रारंभिक परीक्षा: गगनयान, HS200 बूस्टर और GSLV Mk-III रॉकेट।
प्रसंग:
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गगनयान मिशन के लिए HS200 सॉलिड रॉकेट बूस्टर का सफलतापूर्वक परीक्षण किया हैं।
गगनयान मिशन:
- गगनयान मिशन भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का पहला मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम है।
- इस मिशन का लक्ष्य वर्ष 2023 तक तीन सदस्यीय दल को अंतरिक्ष में भेजना है।
- इस मानवयुक्त मिशन से पहले, इसरो मिशन के हिस्से के रूप में दो मानव रहित मिशनों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहा है।
- इन मानवरहित मिशनों का उद्देश्य प्रौद्योगिकी प्रदर्शन, सुरक्षा, और विश्वसनीयता का सत्यापन कर दल की उड़ान से पहले इसे भारी उपकरणों से लेस कर सिस्टम के निष्पादन का अध्ययन करना है।
- गगनयान मिशन का उद्देश्य लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन शुरू करने की स्वदेशी क्षमता का प्रदर्शन करना भी है।
- मिशन की कुल लागत ₹ 10,000 करोड़ के करीब बताई जा रही है।
- इस मिशन के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला प्रक्षेपण यान जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल GSLV Mk III (Geosynchronous Satellite Launch Vehicle GSLV Mk III) होगा।
- गगनयान मिशन के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Gaganyaan Mission
HS200 बूस्टर:
- HS200 बूस्टर GSLV Mk-III में इस्तेमाल किए गए S200 रॉकेट बूस्टर का ‘मानव-नियत’ (human-rated) संस्करण है।
- HS200 बूस्टर को तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में डिजाइन और विकसित किया गया है।
- HS200 सॉलिड प्रोपेलेंट का उपयोग करने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऑपरेशनल बूस्टर है।
- GSLV Mk-III प्रक्षेपण यान में दो HS200 बूस्टर होंगे जो इसको ऊपर उठाने में सहायता करेंगे।
- HS200 बूस्टर में नियोजित नियंत्रण प्रणाली कई अतिरेक और सुरक्षा सुविधाओं से लैस सबसे शक्तिशाली इलेक्ट्रो-मैकेनिकल एक्ट्यूएटर्स में से एक है।
- बूस्टर का सफल परीक्षण गगनयान मिशन की प्रक्रिया में एक मील का पत्थर है।
2. भारतीय गैंडा (Indian rhinoceros):
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
पर्यावरण और पारिस्थितिकी:
विषय: जैव विविधता।
प्रारंभिक परीक्षा: भारतीय गैंडे के बारे में तथ्य।
प्रसंग:
- ओरंग नेशनल पार्क में एक सींग विहीन गैंडा पाया गया हैं।
भारतीय गैंडा:
- भारतीय गैंडा जिसे एक सींग वाला गैंडा भी कहा जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले गैंडे की एक प्रजाति है।
- गैंडों की प्रजति में भारतीय गैंडा प्रजाति में सबसे बड़ा है।
- IUCN स्थिति: संवेदनशील
- जावन और सुमात्रा के गैंडों को गंभीर खतरे (Critically Endangered) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- भारतीय गैंडों को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची I और CITES के परिशिष्ट I के तहत सूचीबद्ध किया गया है।
- प्राकृतिक आवास/पर्यावास: एक समय था जब ये भारतीय उपमहाद्वीप के पूरे उत्तरी भाग में फैले हुए थे, लेकिन लगातार शिकार के कारण इन गैंडों की आबादी में गिरावट आई है। अब ये गैंडे उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और असम के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं।
- भारतीय गैंडे के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए:Indian Rhinoceros
महत्वपूर्ण तथ्य:
1. CCMB ने भारतीय mRNA वैक्सीन प्लेटफॉर्म विकसित किया:
- सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) ने भारत की पहली स्वदेशी mRNA वैक्सीन तकनीक को “सिद्धांत के प्रमाण (proof of principle)” के तहत स्थापित किया है।
- कहा जाता है कि टीके रोग पैदा करने वाले सूक्ष्मजीवों की पहचान करने और उन्हें खत्म करने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित करते हैं।
- जबकि, mRNA तकनीक मेजबान सेल की प्रतिरक्षा प्रणाली को रोग पैदा करने वाले सूक्ष्मजीव के mRNA को मेजबान में पेश करके वास्तविक संक्रमण से बचाती है।
- स्वदेशी रूप से विकसित mRNA वैक्सीन प्लेटफॉर्म का उपयोग SARS-CoV-2 के साथ-साथ टीबी, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और दुर्लभ आनुवंशिक रोगों जैसे संक्रामक रोगों से लड़ने के लिए किया जा सकता है।
2. चीन, रूस, पाक दिल्ली में SCO की आतंकवाद विरोधी बैठक में भाग लेंगे:
- भारत द्वारा आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी संरचना (SCO-RATS) की बैठक से पहले रूस, चीन, पाकिस्तान और मध्य एशियाई देशों की आतंकवाद विरोधी टीमें दिल्ली में मुलाकार करेंगी।
- वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर उत्पन्न हुए गतिरोध के बाद से भारत में होने वाली यह पहली ऐसी आधिकारिक बैठक है।
- 2017 में दोनों देशों के SCO के सदस्य बनने के बाद से पाकिस्तान की टीम पहली बार भारत में बैठक में भाग लेगी, जबकि एक भारतीय टीम ने पब्बी में SCO-RATS अभ्यास 2021 में भाग लेने के लिए पाकिस्तान की यात्रा की थी।
- अक्टूबर में, “मानेसर-एंटीटेरर-2022” नामक संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभ्यास दिल्ली के बाहरी इलाके मानेसर में आयोजित किया जाएगा।
- भारत द्वारा वर्ष 2023 में SCO शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की उम्मीद है, जहां चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के आठ सदस्यीय समूह के नेता नई दिल्ली आएंगे ।
3. मोदी, देउबा की जलविद्युत, संपर्क पर बातचीत जारी रहेगी :
- भारत के प्रधान मंत्री और उनके नेपाली समकक्ष अपनी द्विपक्षीय वार्ता के दौरान सम्पर्कता (connectivity) और बिजली परियोजनाओं पर चर्चा करेंगे जब भारतीय प्रधान मंत्री बुद्ध पूर्णिमा समारोह में भाग लेने के लिए लुंबिनी की यात्रा करेंगे।
- यह द्विपक्षीय वार्ता जलविद्युत, विकास, साझेदारी और सम्पर्कता (connectivity) जैसे कई क्षेत्रों में दोनों देशों की साझा समझ और सहयोग के विस्तार पर केंद्रित होगी।
- वर्ष 2020 में दोनों देशों के बीच कालापानी-सुस्ता विवाद की शुरुआत के बाद से भारत के प्रधानमंत्री की यह नेपाल की पहली यात्रा है क्योंकि नेपाल ने अपने संविधान में भारत के कुछ हिस्सों को अपने क्षेत्र दर्शाने के लिए, एक नया नक्शा शामिल करने के लिए अपने संविधान में संशोधन किया है।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – कठिन)
- विधान परिषद के सभी चुनावों का अधीक्षण, निर्देशन और संचालन राज्य चुनाव आयोग द्वारा करवाया जाता हैं ।
- संविधान के तहत, एक व्यक्ति को राज्य विधान परिषद के सदस्य के रूप में चुने जाने और सदस्य्ता से अयोग्य घोषित किया जाएगा यदि वह विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने या रिश्वतखोरी के अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो।
उपर्युक्त कथनो में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a)केवल 1
(b)केवल 2
(c)न तो 1, न हीं 2
(d)1 और 2 दोनों
उत्तर: d
व्याख्या:
- कथन 1 सही नहीं है: संसद और प्रत्येक राज्य के विधानमंडल एवं राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पदों के चुनावों का अधीक्षण, निर्देशन और संचालन चुनाव आयोग द्वारा किया जाता हैं।
- राज्य चुनाव आयोग पंचायती राज संस्थानों और शहरी स्थानीय निकायों के चुनावों के संचालन के लिए जिम्मेदार है।
- कथन 2 सही नहीं है: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार एक व्यक्ति को राज्य विधान परिषद के सदस्य के रूप में चुने जाने और सदस्य होने के लिए अयोग्य घोषित किया जाएगा यदि वह विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने या रिश्वतखोरी के अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो।
प्रश्न 2. क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद का मुकाबला करने के इरादे से क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (RATS) निम्न में से किसका एक अंग है: (स्तर – सरल)
(a)यूरोपीय संघ (EU)
(b)खाड़ी सहयोग परिषद (GCC)
(c)उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO)
(d)शंघाई सहयोग संगठन (SCO)
उत्तर: d
व्याख्या:
- क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (RATS) शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का एक स्थायी अंग है।
- इसका मुख्यालय ताशकंद, उज्बेकिस्तान में स्थित है।
- RATS का उद्देश्य सदस्य देशों को युद्ध, उग्रवाद, आतंकवाद और अलगाववाद से लड़ने में मदद करना है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – मध्यम)
- इस राष्ट्रीय उद्यान को कभी-कभी मिनी काजीरंगा भी कहा जाता है।
- यह असम के दारांग और सोनितपुर जिलों में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर स्थित है।
उपर्युक्त कथन निम्न में से किसका सबसे अच्छा वर्णन करते हैं:
(a)डिब्रू – सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान
(b)मानस राष्ट्रीय उद्यान
(c)नामेरी राष्ट्रीय उद्यान
(d)ओरंग राष्ट्रीय उद्यान
उत्तर: d
व्याख्या:
- ओरंग राष्ट्रीय उद्यान भारत का एक राष्ट्रीय उद्यान है जो असम के दरांग और सोनितपुर जिलों में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर स्थित है।
- ओरंग राष्ट्रीय उद्यान को कभी-कभी मिनी काजीरंगा भी कहा जाता है।
प्रश्न 4. हाल ही में चर्चा में रहा मादत्सोइडे (Madtsoiidae) है ? (स्तर – कठिन)
(a)डायनासोर का जीवाश्म।
(b)मध्यम आकार से विशाल सांपों का विलुप्त समूह।
(c)छोटे अंडमान द्वीपों के एक दूरस्थ उष्णकटिबंधीय वर्षा वन में केले की नई प्रजाति।
(d)पक्षी जिसे पश्चिमी घाट के स्थानीय जंगलों में विलुप्त माना गया है।
उत्तर: b
व्याख्या:
- मादत्सोइडे (Madtsoiidae) मध्यम आकार के विशाल सांपों का एक विलुप्त समूह है।
- कहा जाता है कि ये सांप लेट क्रेटेशियस के दौरान पैदा हुए थे और ज्यादातर गोंडवान भूभाग में पाए जाते थे।
प्रश्न 5. बाईस्फिनॉल A (BPA), जो चिंता का कारण है, निम्नलिखित में से किस प्रकार के प्लास्टिक के उत्पादन में एक संरचनात्मक/प्रमुख घटक है? PYQ (2021) (स्तर – कठिन)
(a)कम घनत्व पोलीथिलीन
(b)पॉलीकार्बोनेट
(c)पॉलीथीन टेरेफ्थालेट
(d)पोलीविनाइल क्लोराइड
उत्तर: b
व्याख्या:
- बाईस्फिनॉल A (BPA) एक औद्योगिक रसायन है जो मुख्य रूप से पॉली कार्बोनेट बनाने के लिए उपयोग किया जाता है जो कई उपभोक्ता उत्पादों में उपयोग किया जाने वाला एक कठोर और शुद्ध प्लास्टिक है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
प्रश्न 1. हाल के दिनों में भारत में जूट उद्योग के सामने आने वाली समस्याओं की पहचान करें। इन समस्याओं को दूर करने के उपाय सुझाएं।(250 शब्द; 15 अंक) (जीएस III – कृषि)
प्रश्न 2. कोविड महामारी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की अक्षमता को उजागर किया हैं। इस कथन के आलोक में विश्व स्वास्थ्य संगठन की कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक सुधारों का सुझाव दीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस II – अंतर्राष्ट्रीय संगठन)
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