21 अप्रैल 2022 : समाचार विश्लेषण
A.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: स्वास्थ्य:
C.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: पर्यावरण:
D.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E.सम्पादकीय: राजव्यवस्था एवं शासन:
अर्थव्यवस्था:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G.महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
आयुष चिकित्सा हेतु वीजा:
स्वास्थ्य:
विषय: सामाजिक क्षेत्र या स्वास्थ्य से संबंधित सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।
मुख्य परीक्षा: आयुष क्षेत्र का महत्व और इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा की गई पहल।
प्रसंग:
- भारत के प्रधान मंत्री ने आयुष चिकित्सा के लिए वीजा देने की घोषणा की हैं।
विवरण:
- पीएम ने घोषणा की कि आयुष उपचारों के लिए भारत आने वाले व्यक्तियों के लिए एक विशेष श्रेणी बनाई जाएगी।
- पीएम ने कहा हैं कि “हील इन इंडिया” (Heal in India) में एक बड़ा ब्रांड बनने की क्षमता है और आयुर्वेद, योग,प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और अन्य पारंपरिक प्रथाओं पर आधारित चिकित्सा दुनिया भर के लोगों को आकर्षित कर सकती है।
- गौरतलब हैं कि केरल अपनी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से पर्यटन को आकर्षित करने का एक बहुत बड़ा उदाहरण है। इसे देखते हुए अन्य राज्यों को भी इस संबंध में नियन बनाने चाहिए।
- हाल के वर्षों में आयुष दवाओं, पूरक और सौंदर्य प्रसाधनों के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- 2014 में आयुष क्षेत्र 3 अरब डॉलर से भी कम था, आज वह बढ़कर 18 अरब डॉलर को पार कर गया है और लगातार बढ़ रहा है।
- पीएम ने पारंपरिक चिकित्सा उत्पादों को मान्यता प्रदान करने और गुणवत्ता वाले आयुष उत्पादों को प्रामाणिकता देने वाले ‘आयुष चिह्न’ ( ‘AYUSH mark’) शुरू करने की भी घोषणा की।
- “आयुष मार्क” की शुरूआत भारत में बने उत्पादों को प्रमाणित करके पारंपरिक चिकित्सा उद्योग को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
राष्ट्रीय आयुष मिशन (NAM):
- राष्ट्रीय आयुष मिशन वर्ष 2014 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
- इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सस्ती सेवाओं के माध्यम से आयुष और इसकी शैक्षिक प्रणालियों को बढ़ावा देना, आयुष दवाओं की गुणवत्ता व आयुष हेतु कच्चे माल की स्थायी उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
- साथ ही इस मिशन का उद्देश्य इस क्षेत्र को स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में देश को प्रमुख चिकित्सा धाराएं बनने में सक्षम बनाना है।
- राष्ट्रीय आयुष मिशन (NAM) के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए:National Ayush Mission (NAM)
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
‘समुद्र का जल स्तर बढ़ने से वर्ष 2050 तक कई शहर जलमग्न हो सकते है’:
पर्यावरण:
विषय : पर्यावरण प्रदूषण और निम्नीकरण।
प्रारंभिक परीक्षा: इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी)।
मुख्य परीक्षा: IPCC की छठी आकलन रिपोर्ट (AR6) और भारत पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव।
प्रसंग:
- इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) की रिपोर्ट पर RMSI (एक आईटी कंसल्टिंग फर्म) द्वारा किया गया एक अध्ययन।
जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (IPCC):
- IPCC की स्थापना 1988 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा की गई थी।
- जलवायु परिवर्तन से संबंधित विज्ञान का आकलन करने वाली IPCC संयुक्त राष्ट्र की एक संस्था है।
- IPCC द्वारा जलवायु परिवर्तन के वैज्ञानिक आधार पर इसके प्रभावों और भविष्य के जोखिमों,अनुकूलन और शमन के विकल्पों का नियमित मूल्यांकन किया जाता है।
- हालाँकि, IPCC द्वारा इस प्रकार का शोध उसके द्वारा स्वयं नहीं किया जाता है।
- IPCC को तीन कार्य समूहों और एक कार्यबल में विभाजित किया गया है।
- वर्किंग ग्रुप I – “जलवायु परिवर्तन के भौतिक विज्ञान आधार” से संबंधित है।
- कार्य समूह II – “जलवायु परिवर्तन प्रभाव, अनुकूलन और भेद्यता”।
- कार्य समूह III – “जलवायु परिवर्तन का शमन”।
- IPCC छठी आकलन रिपोर्ट (एआर 6) – 2021 के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए; IPCC Sixth Assessment Report (AR6) – 2021
भारत पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव:
- IPCC की आकलन रिपोर्ट बताती है कि 2050 तक भारत के समुद्र के जल स्तर में तेजी से वृद्धि होगी।
- ज्ञातव्य हैं कि वर्ष 1874 से 2004 तक उत्तरी हिंद महासागर (एनआईओ) के जल स्तर में प्रति वर्ष लगभग 1.75 मिमी की दर से वृद्धि हुई और पिछले 25 वर्षों में यह बढ़कर लगभग 3.3 मिमी प्रति वर्ष हो गई है।
- RMSI द्वारा किये गए एक अध्ययन के मुताबिक बढ़ता समुद्री जल स्तर कोच्चि और तिरुवनंतपुरम जैसे चार अन्य शहरों जैसे मुंबई, चेन्नई, विजाग और मंगलुरु के जलमग्न होने कि आशंका जताई जा रही है जिससे यंहा एक बड़ी आबादी, संपत्ति और बुनियादी ढांचे को नुकसान होगा, साथ ही इनके जलमग्न होने कि आशंका जताई जा रही है।
- इन प्रभावित होने वाली इमारतों और प्रमुख बुनियादी ढांचे में से 91% आवासीय भवन हैं।
- इस रिपोर्ट को तैयार करते समय आरएमएसआई ने कई समुद्र-स्तर वृद्धि पूर्वानुमान अध्ययनों के आधार पर शहरों के जलमग्न स्तरों को मापने के लिए तटीय बाढ़ मॉडलिंग क्षमताओं का उपयोग किया हैं।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
राजव्यवस्था और शासन:
इस अधिनियम के बारे में निराधार आशंका
विषय: सरकारी नीतियां और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप एवं उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के मुद्दे।
मुख्य परीक्षा: आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) अधिनियम, 2022 के पक्ष में तर्क।
सन्दर्भ:
- आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक, 2022 हाल ही में राष्ट्रपति की सहमति के बाद अधिनियम बन गया है।
- नए अधिनियम के प्रावधानों को असंवैधानिक माना जा रहा है और इसके दुरपयोग के संबंध में कई चिंताए है इस लेख में छत्तीसगढ़ के पूर्व विशेष डीजीपी आर.के.विज नए अधिनियम के पक्ष में हैं।
नए अधिनियम के प्रावधान:
- नया अधिनियम पुलिस और जेल अधिकारियों को आपराधिक मामलों की पहचान एवं जांच करने तथा रिकॉर्ड को संरक्षित करने के उद्देश्य से दोषियों और अन्य लोगों के ‘प्रमाणन’ (measurements) का अधिकार देता है।
- नया अधिनियम 1920 के कैदियों की पहचान अधिनियम (IPA) को निरस्त करता है। क्योकि IPA, 1920 का दायरा सीमित था, इसमे केवल कुछ दोषियों और गैर-दोषी व्यक्तियों के उंगलियों के निशान और पदचिह्नों के माप को रिकॉर्ड करने की अनुमति थी, जबकि नया अधिनियम भौतिक माप के लिए उंगलियों के निशान, हथेली के निशान, पदचिह्न, फोटोग्राफ, आईरिस और रेटिना स्कैन जैसे; जैविक नमूने (रक्त, वीर्य, स्वैब, थूक, पसीना, बालों के नमूने और नाखूनों की कतरन) तथा डीएनए प्रोफाइलिंग और अन्य आवश्यक परीक्षणों सहित आधुनिक एवं वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग कर हस्ताक्षर, लिखावट सहित व्यवहार संबंधी विशेषताएं या दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), 1973 की धारा 53 या 53A में संदर्भित अन्य परीक्षणों की अनुमति देता है।
नए अधिनियम के पक्ष में तर्क:
जांच में उपयोगी:
- नए अधिनियम, प्रवर्तन एजेंसियों को अपराध की रोकथाम और उनका पता लगाने में मदद करेंगा। साथ ही यह आपराधिक मामलों की पहचान और जांच को आसान बनाएगा।
- एक आरोपी व्यक्ति का जैविक नमूना और उंगलियों के निशान के कारण जाँच में आसानी होगी जबकि हस्ताक्षर और हस्तलेखन नमूने विवादित या जाली दस्तावेजों की पहचान करने में मदद करेंगे।
- बेहतर तकनीक का उपयोग न केवल त्रुटियों को कम करने बल्कि महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाने में भी सहायक होगा।
प्रवर्तन एजेंसियों को कोई अतिरिक्त अधिकार नहीं:
- विशेष रूप से, नया अधिनियम प्रवर्तन एजेंसियों को को कोई अतिरिक्त अधिकार नहीं देता है। नए अधिनियम में केवल आइरिस और रेटिना स्कैन जैसी पहचान की आधुनिक तकनीकों के अलावा IPA और CrPC के प्रावधान भी शामिल हैं।
मौलिक अधिकारों पर उचित प्रतिबंध:
- इसके विपरीत तर्क है कि नए अधिनियम के प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 20(3) का उल्लंघन करते हैं। लेखक का तर्क है कि इन नए प्रावधानों को मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंधों के रूप में देखा जाना चाहिए।
- संविधान के अनुच्छेद 20(3) के तहत गवाही की बाध्यता निषिद्ध है। अनुच्छेद 20 का खंड (3) घोषित करता है कि किसी भी अपराध के आरोपी व्यक्ति को स्वयं के खिलाफ गवाह बनने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। नया अधिनियम ऐसी विवशता से सुरक्षा है जिसके तहत वह स्वयं के विरुद्ध साक्ष्य प्रदान करता है।
- एक व्यक्ति के अधिकार को समाज के हितों के खिलाफ संतुलित करना होगा। इसलिए नए अधिनियम के माध्यम से एकत्र किए जाने के लिए प्रस्तावित डेटा अनुपातहीन प्रतीत नहीं होता है।
मामले पर न्यायिक दृष्टिकोण:
- 1961 के बॉम्बे स्टेट बनाम काठी कालू मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जांच अधिकारी को हिरासत में व्यक्ति को लिखावट या हस्ताक्षर या अंगूठे, उंगली, हथेली या पैर के निशान अभिव्यक्ति के रूप में संविधान के अनुच्छेद 20(3) के तहत “गवाह नहीं बनाया जा सकता है।
- इसके अतिरिक्त, अन्य मामलों में भी सुप्रीम कोर्ट ने रक्त के DNA परीक्षण, आवाज के नमूने की वैधता को यह देखते हुए बरकरार रखा है कि वे किसी आरोपी को अपने ही खिलाफ गवाह बनने के लिए मजबूर नहीं करते हैं।
- सेल्वी बनाम कर्नाटक राज्य मामले (2010) में सुप्रीम कोर्ट द्वारा केवल नार्को एनालिसिस, पॉलीग्राफी और ब्रेन फ़िंगरप्रिंटिंग की तकनीकों को गवाही (testimonial compulsions) (यदि सहमति के बिना आयोजित किया गया) माना गया है।
शक्ति पर सीमाएं:
- अधिनियम सभी प्रकार के अपराधों के लिए सभी मापों/प्रमाणनों की अनिवार्य रिकॉर्डिंग को अनिवार्य नहीं करता है। इसमे माप/प्रमाणन ‘यदि आवश्यक हो’ तभी लिया जाएगा या जैसा सरकारों द्वारा निर्धारित किया जाएगा। इस प्रकार, नए अधिनियम द्वारा किसी व्यक्ति की गोपनीयता को नुकसान पहुंचने की संभावना नहीं है।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
अर्थव्यवस्था:
धक्कामार प्रगति
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना से संबंधित मुद्दे, संसाधन जुटाना, विकास और रोजगार।
प्रारंभिक परीक्षा: विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट।
मुख्य परीक्षा: भारतीय अर्थव्यवस्था के जोखिम कारक।
पृष्टभूमि:
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने हाल ही में विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट जारी की है
विवरण:
- नवीनतम विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट, 2021 में वैश्विक आर्थिक विकास दर को 6.1% से घटाकर 3.6% कर दिया है।
- IMF को उम्मीद है कि चालू वर्ष में भारत की विकास दर 8.2 फीसदी होगी। यह अनुमान विश्व बैंक (8%), ADB (7.5%) और RBI (7.2%) के अनुमानों से अधिक है।
- IMF ने भारतीय अर्थव्यवस्था के कई भावी जोखिम कारकों को इंगित किया है।
- रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण कमोडिटी की कीमतों में तीव्र वृद्धि और आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों ने आर्थिक सुधार की संभावनाओं को कम कर दिया है।
- तेल की ऊंची कीमतें और ऊंची मुद्रास्फीति व पहले से ही कमजोर घरेलू मांग को और कमजोर कर देगी। IMF के अनुमान के अनुसार, भारत की खुदरा मुद्रास्फीति औसतन लगभग 6.1% होगी।
- तेल की बढ़ी कीमतें भारत के चालू खाते के घाटे को भी बढ़ा देंगी। यह भारत की दीर्घकालिक आर्थिक संभावनाओं के लिए अच्छा संकेत नहीं है। IMF के अनुमान के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में भारत का चालू खाता घाटा 3.1% तक पहुंच सकता है।
- उच्च वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता निर्यात को कम कर देगी। विश्व व्यापार संगठन ने अपने 2022 के वैश्विक व्यापारिक व्यापार वृद्धि अनुमान को भी पहले के अनुमानित 4.7% से घटाकर केवल 3% कर दिया है।
- IMF के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था में ‘सदमे की अभूतपूर्व प्रकृति’ के कारण ये अनुमान अनिश्चित हो सकते हैं। इसमें कहा गया है कि विकास बहुत अधिक धीमा हो सकता है जबकि मुद्रास्फीति अपेक्षा से अधिक बढ़ सकती है।
सुझाव:
- सरकार को अस्थिर विदेशी पूंजी प्रवाह के बीच राजकोषीय घाटे और मुद्रा में उतार-चढ़ाव के प्रबंधन के साथ-साथ आर्थिक सुधार को पुनर्जीवित करने के लिए खपत बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विज्ञान और प्रौद्योगिकी:
अब तारे निकले तो
विषय: अंतरिक्ष के क्षेत्र में जागरूकता।
- लेख में जेम्स वेब टेलीस्कोप पर चर्चा की गई हैं। इस विषय पर विस्तृत जानकारी के लिए निम्नलिखित लेख पढ़े।
https://byjus.com/free-ias-prep/upsc-exam-comprehensive-news-analysis-dec29-2021/
प्रीलिम्स तथ्य:
1. झुकी हुई ट्रेन तकनीकी (Tilting Trains Technology):
विज्ञान और प्रौद्योगिकी:
विषय: दैनिक जीवन में इस प्रकार के विकास,उनके अनुप्रयोग और प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: झुकी हुई ट्रेनें (Tilting Trains)
प्रसंग:
- विशेषज्ञों ने केरल के लिए बड़े पैमाने पर तेजी से परिवहन प्रणाली विकसित करने के लिए टिल्टिंग ट्रेन तकनीक को अपनाने की सिफारिश की है।
झुकने वाली ट्रेनें (Tilting Trains):
- टिल्टिंग ट्रेन तकनीक नियमित रेल पटरियों पर घुमाव या मोड़ आने पर यात्रियों को परेशान किए बिना ट्रेन की गति को यथावत बनाये रखने में मदद करती है।
- जिस प्रकार सामान्य रेलगाड़ियाँ गति से वक्र के चारों ओर चक्कर लगाती हैं,ट्रेन के अंदर की वस्तुएं केन्द्रापसारक बल का अनुभव करती हैं जिससे बैठे यात्री कुचले हुए महसूस करते हैं और खड़े यात्री अपना संतुलन खो देते हैं।
- टिल्टिंग ट्रेन तकनीक का उद्देश्य गाडी को घुमाव के अंदर की ओर झुकाकर इस केन्द्रापसारक बल को कम करना हैं।
- पहली टिल्टिंग कार के डिज़ाइन को अमेरिका में 1937 में विकसित किया गया था।
- वर्तमान में इस तकनीकी का उपयोग अमेरिका, स्पेन, इटली, पुर्तगाल, रूस, चेक गणराज्य, यूके और चीन सहित कई देशों में किया जा रहा है।
- ये ट्रेनें 200 किमी / घंटा से अधिक की गति से चल सकती हैं।
Image source: The Hindu
2. आईएनएस वागशीर:
विज्ञान और तकनीक:
विषय: प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण।
प्रारंभिक परीक्षा: आईएनएस वागशीर, स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियां और प्रोजेक्ट- 75
प्रसंग:
- प्रोजेक्ट 75 की भारतीय नौसेना की स्कॉर्पीन श्रेणी की छठी और आखिरी पनडुब्बी लॉन्च की गई है।
स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियां:
- स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियां दुनिया की सबसे उन्नत पारंपरिक पनडुब्बियों में से एक हैं।
- ये डीजल-इलेक्ट्रिक आधारित अटैक सबमरीन हैं, जिन्हें फ्रांस नेवल ग्रुप और स्पेन की कंपनी नवंतिया ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।
- इन पनडुब्बियों में कुछ बेहतर विशेषताएं हैं, जैसे कम विकिरणित शोर स्तर, उन्नत ध्वनिक मौन तकनीक और सटीक हमला करने की क्षमता आदि।
- इसे टॉरपीडो और ट्यूब-लॉन्च एंटी-शिप मिसाइल दोनों के साथ पानी के भीतर या सतह से लॉन्च या हमला किया जा सकता है।
- वर्ष 2005 में भारत ने 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर में छह पनडुब्बियां खरीदीं,इसके बाद एक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते के तहत और मुंबई में राज्य के स्वामित्व वाली मझगांव डॉक्स इन पनडुब्बियों का निर्माण करेगी।
- भारतीय नौसेना इन पनडुब्बियों को खुफिया जानकारी जुटाने, क्षेत्र की निगरानी, सतह-विरोधी युद्ध, पनडुब्बी रोधी युद्ध और खदान संचालन जैसे मिशनों के लिए तैनात करने की योजना बना रही है।
प्रोजेक्ट 75:
- प्रोजेक्ट 75 का इरादा कलवरी वर्ग की छह डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बियों का निर्माण करना है जो स्कॉर्पीन-वर्ग पर आधारित हैं।
- कलवरी वर्ग भारतीय नौसेना के लिए निर्मित स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी पर आधारित डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बियों का एक स्वदेशी वर्ग है। मलयालम भाषा में कलवारी का अर्थ है ‘गहरे समुद्र में बाघ शार्क’ (‘a deep-sea tiger shark’)।
छह पनडुब्बियां हैं:
- आईएनएस कलवरी – दिसंबर 2017 में कमीशन (सेवा में रखना)
- आईएनएस खंडेरी – सितंबर 2019
- आईएनएस खरंज – मार्च 2021
- आईएनएस वेला – नवंबर 2021
- आईएनएस वागीर – नवंबर 2020
- आईएनएस वाग्शीर – अप्रैल 2022
- इन्हें मुंबई के मझगांव डॉक्स में बनाया जा रहा है। मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) फ्रांस के नेवल ग्रुप की तकनीकी सहायता से इन छह स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण कर रहा है।
- प्रोजेक्ट 75 के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Project – 75
आईएनएस वागशीर:
- वागशीर का नाम सैंड फिश (हिंद महासागर के गहरे समुद्र में एक घातक शिकारी) के नाम पर रखा गया है।
- पहली सबमरीन वागशीर (पूर्व रूस) को 1974 में भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया था और 1997 में इसे डीकमीशन (सेवा से हटा दिया जाना) कर दिया गया था।
- आईएनएस वागशीर की पानी के भीतर अधिकतम गति 20 नॉट और सतह पर 11 नॉट तक है।
- इसमें आठ अधिकारी और 35 पुरुष बैठ सकते हैं।
- इसमें चार डीजल इंजन,360 बैटरी सेल और एक चुंबकीय प्रणोदन मोटर है।
- यह C303 एंटी-टारपीडो काउंटर सिस्टम से लैस है।
- यह टॉरपीडो के अलावा 18 टॉरपीडो या एंटी-शिप मिसाइल या 30 माइंस तक ले जा सकता है।
- वागशीर सतह-विरोधी युद्ध, पनडुब्बी रोधी युद्ध, खुफिया जानकारी एकत्र करने, खदान बिछाने और क्षेत्र की निगरानी सहित नौसैनिक युद्ध के आक्रामक अभियानों की एक विस्तृत श्रृंखला का प्रदर्शन करने में सक्षम है।
महत्वपूर्ण तथ्य:
1. नौसेना प्रमुख ने मालदीव में संयुक्त नेविगेशन चार्ट का अनावरण किया:
- नौसेना प्रमुख (सीएनएस) ने मालदीव की अपनी यात्रा के दौरान दोनों देशों द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किए गए पहले नेविगेशन चार्ट का अनावरण किया।
- उन्होंने इंजीनियरिंग उपकरणों की एक खेप प्रस्तुत की जिसमें MNDF जहाजों के आगे के निर्वाह के लिए हाइड्रोग्राफी उपकरण शामिल हैं, जिससे एमएनडीएफ के क्षमता निर्माण के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि होती है।
- मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने महामारी के दौरान दवाओं के लिए और MNDF तटरक्षक बेड़े के रखरखाव और मरम्मत में भारतीय नौसेना द्वारा प्रदान किए गए निरंतर समर्थन के लिए भारतीय नौसेना को धन्यवाद दिया।
- आईएनएस सतलुज मालदीव में तैनात है और यह हाइड्रोग्राफिक सहयोग पर समझौता ज्ञापन के तहत संयुक्त हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करता है।
2. न्यायाधीशों को जमानत देने के फैसले का कारण बताना चाहिए: SC
- सुप्रीम कोर्ट ने माना हैं कि न्यायाधीश जमानत देने या अस्वीकार करने के कारणों को बताने के लिए बाध्य हैं, खासकर गंभीर अपराधों से जुड़े मामलों में।
- भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि तर्क न्याय प्रणाली की जीवनदायिनी है और प्रत्येक आदेश को तर्कयुक्त होना चाहिए। यह हमारी प्रणाली के मूलभूत सिद्धांतों में से एक है। एक अनुचित आदेश निरंकुशता का प्रमाण है।
3. प्रधानमंत्री ने गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों में नई योजनाओं की शुरुआत की:
- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के दाहोद और पंचमहल के आदिवासी क्षेत्रों में 20,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिसमें एक लोकोमोटिव निर्माण इकाई शामिल है।
- दाहोद जिले में 9,000-HP इलेक्ट्रिक इंजन बनाने की एक परियोजना की नींव रखते हुए, पीएम ने कहा कि यह कदम “मेक इन इंडिया” पहल के अनुरूप है।
- रिपोर्टों के अनुसार नवीनीकृत कार्यशाला में भारतीय रेलवे के लिए ब्रॉड गेज इलेक्ट्रिक इंजन और निर्यात के लिए मानक गेज इलेक्ट्रिक इंजन निर्माण होगा।
- इसके अलावा, गुजरात के आदिवासी जिलों में नए विज्ञान और मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाएंगे जो स्थानीय लोगों को विज्ञान और चिकित्सा में अपना करियर बनाने में सहायक होंगे।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. आयुष (AYUSH) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – मध्यम)
- 2014 में आयुष विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत था लेकिन अब आयुष मंत्रालय के रूप में एक स्वतंत्र मंत्रालय है।
- आयुष मंत्रालय आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी दवाओं और संबंधित मामलों के ऑनलाइन लाइसेंस हेतु एक ई-औषधि पोर्टल चलाता है।
- आयुर्वेद के चिकित्सकों को भारत में किसी भी प्रकार की सर्जरी करने की अनुमति नहीं है।
सही विकल्प का चयन कीजिए:
(a)केवल 1 और 2
(b)केवल 2 और 3
(c)केवल 1 और 3
(d)उपर्युक्त सभी
उत्तर: a
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: वर्ष 2014 में आयुष मंत्रालय की स्थापना की गई थी जो पहले स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत आयुष विभाग था।
- कथन 2 सही है: आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी दवाओं और संबंधित मामलों के ऑनलाइन लाइसेंस के लिए ई-औषधि पोर्टल लॉन्च किया हैं।ई-औषधि पोर्टल का उद्देश्य पारदर्शिता लाना,सूचना प्रबंधन व डेटा उपयोगिता में सुधार और जवाबदेही बढ़ाना है।
- कथन 3 सही नहीं है: हाल ही में आयुर्वेद शिक्षा के लिए भारत की प्रमुख नियामक संस्था, सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआईएम) ने एक अधिसूचना जारी की है जिसमें स्नातकोत्तर आयुर्वेद चिकित्सकों को 58 प्रकार की सर्जरी करने की अनुमति गई है।
प्रश्न 2. हाल ही में चर्चा में रहा, निम्नलिखित में से किस देश के संविधान का 20वां संशोधन है, जिसे 20A के नाम से भी जाना जाता है,? (स्तर – सरल )
(a)पाकिस्तान
(b)नेपाल
(c)म्यांमार
(d)श्रीलंका
उत्तर: d
व्याख्या:
- श्रीलंका के 20वें संविधान संशोधन को 20ए के नाम से भी जाना जाता है।
- यह राष्ट्रपति को व्यापक शक्तियाँ और अधिक से अधिक उन्मुक्ति प्रदान करता है।
- अत: विकल्प d सही है।
प्रश्न 3. P75 परियोजना के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – कठिन)
- प्रोजेक्ट 75 का उद्देश्य कलवरी वर्ग की छह डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बियों का निर्माण करना है जो स्कॉर्पीन-क्लास पर आधारित हैं, जिन्हें MDL (मझगांव डॉक लिमिटेड) में बनाया जा रहा है।
- सबमरीन वागशीर, P75 के तहत बनने वाली स्कॉर्पीन श्रेणी की अंतिम पनडुब्बियों में से एक है।
- MZL ने P75 के तहत बनी सभी पनडुब्बियों के लिए स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया है।
सही विकल्प का चयन कीजिए:
(a)केवल 1 और 2
(b)केवल 2 और 3
(c)केवल 1 और 3
(d)उपर्युक्त सभी
उत्तर: a
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: प्रोजेक्ट 75 का इरादा कलवरी वर्ग की छह डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बियों का निर्माण करना है जो स्कॉर्पीन-क्लास पर आधारित हैं और जिन्हें मझगांव डॉक लिमिटेड में बनाया जा रहा है।
- कथन 2 सही है: प्रोजेक्ट 75 के तहत बनने वाली सबमरीन वागशीर स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों में अंतिम है।
- कथन 3 सही नहीं है: मझगांव डॉक लिमिटेड फ्रांस के नेवल ग्रुप की तकनीकी सहायता से इन पनडुब्बियों का निर्माण कर रहा है।
- स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियां संयुक्त रूप से फ्रांसीसी नौसेना समूह और स्पेनिश कंपनी नवंतिया द्वारा निर्मित की गई हैं।
- वर्ष 2005 में, भारत ने एक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते के तहत 3 अरब अमेरिकी डॉलर में छह पनडुब्बियां खरीदीं थी।
प्रश्न 4. स्मार्ट सिटीज मिशन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – सरल)
- मिशन का लक्ष्य 100 शहरों को आत्मनिर्भर शहरी विकास के रूप में विकसित करना है।
- मिशन में प्रत्येक स्मार्ट शहर के लिए एकीकृत आदेश और नियंत्रण केंद्र स्थापित करना शामिल है।
- महामारी के दौरान, इन केंद्रों ने कोविड -19 के प्रबंधन के लिए युद्ध कक्ष के रूप में भी कार्य किया।
सही विकल्प का चयन कीजिए:
(a)केवल 1 और 2
(b)केवल 2 और 3
(c)केवल 1 और 3
(d)उपर्युक्त सभी
उत्तर: d
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: यह मिशन 2015 में 100 शहरों को आत्मनिर्भर शहरी विकास के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
- कथन 2 सही है: इस मिशन में प्रत्येक स्मार्ट शहर के लिए एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी) स्थापित करना शामिल है।
- कथन 3 सही है: महामारी के दौरान, नगर पालिकाओं ने कोविड -19 प्रतिक्रिया के लिए एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्रों (ICCCs) को युद्ध कक्ष के रूप में इस्तेमाल किया।
प्रश्न 5. स्वतंत्रता सेनानी वीर कुंवर सिंह के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – कठिन)
- वह उत्तर प्रदेश में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई के मुख्य संचालक थे।
- वह जगदीशपुर के परमार राजपूतों के उज्जैनिया वंश से थे।
- भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान का सम्मान करने के लिए, भारत सरकार ने 23 अप्रैल 1966 को एक स्मारक डाक टिकट जारी किया।
सही विकल्प का चयन कीजिए:
(a)केवल 1 और 2
(b)केवल 2 और 3
(c)केवल 1 और 3
(d)उपर्युक्त सभी
उत्तर: b
व्याख्या:
- कथन 1 सही नहीं है: वीर कुंवर सिंह बिहार में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई के मुख्य संचालक थे।
- कथन 2 सही है: वीर कुंवर सिंह जगदीशपुर (वर्तमान में भोजपुर जिला, बिहार में) के परमार राजपूतों के उज्जैनिया वंश के परिवार से थे।
- कथन 3 सही है: 1966 में, भारत सरकार ने उनके सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया था।
प्रश्न 6. भारतीय हाथियों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः (स्तर – कठिन)
- हाथी समूह की नेता मादा होती है।
- अधिकतम गर्भधारण अवधि 22 महीने हो सकती है।
- एक हाथी सामान्य रूप से केवल 40 वर्ष की आयु तक ही जीवित रह सकता है।
- भारत में हाथियों की सर्वाधिक जनसंख्या केरल में है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a)केवल 1 और 2
(b)केवल 2 और 4
(c)केवल 3
(d)केवल 1, 3 और 4
उत्तर: a
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: हाथी के झुंड में मुख्य रूप से मादा और बच्चे हाथी होते हैं। सबसे बुजुर्ग मादा हाथी झुंड की नेता होती है।
- कथन 2 सही है: अफ्रीकी हाथियों की गर्भधारण अवधि 22 महीने तक होती है, जबकि एशियाई हाथियों की गर्भधारण अवधि 18-22 महीने होती है। यह सभी स्तनधारियों की सबसे लंबी गर्भधारण अवधि है।
- कथन 3 सही नहीं है: हाथियों की संतान पैदा करने की क्षमता 16 से 40 साल की उम्र के बीच होती है और फिर थोड़ी कम होती जाती है। हालांकि, 60 वर्ष से अधिक उम्र की मादा भी जन्म देने में सक्षम होती हैं।
- कथन 4 सही नहीं है: पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक में हाथियों की संख्या सबसे अधिक है, इसके बाद असम और केरल का स्थान आता हैं।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
प्रश्न 1. आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) अधिनियम का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। क्या इससे सम्बंधित प्रावधान अधिनियम के उद्देश्यों से असंगत प्रतीत होते हैं? (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस II – राजनीति)
प्रश्न 2. जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के महत्व पर चर्चा कीजिए। (150 शब्द; 10 अंक) (जीएस III – एस एंड टी)
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