27 मई 2022 : समाचार विश्लेषण
A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
पर्यावरण:
D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: सामाजिक न्याय:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
F. प्रीलिम्स तथ्य: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
जटिल आपूर्ति श्रृंखला वैश्विक चिप की कमी को और बढ़ा सकती है
विषय: आईटी, कंप्यूटर, रोबोटिक्स तथा नैनो-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जागरूकता और समस्याएं।
मुख्य परीक्षा: वैश्विक अर्धचालक आपूर्ति श्रृंखला की जटिल प्रकृति और वैश्विक चिप की कमी का प्रभाव।
संदर्भ:
- वैश्विक चिप की कमी के कारण उत्पादन में देरी के लिए टोयोटा कॉर्पोरेशन ने दो महीने में तीसरी बार अपने ग्राहकों से माफी मांगी है।
विवरण:
- टोयोटा कॉर्पोरेशन ने हाल ही में अप्रैल और जून के बीच की अवधि में अपने वैश्विक उत्पादन लक्ष्य को 1,00,000 से घटाकर 7,50,000 वाहन कर दिया है।
- एक बार फिर से टोयोटा कॉर्पोरेशन ने अर्धचालक की कमी के कारण अपनी उत्पादन योजना को वर्ष की शुरुआत में निर्धारित लक्ष्य से समायोजित किया है।
- इस बीच, एएमडी, एनवीडिया और इंटेल जैसे वैश्विक चिप निर्माताओं ने कहा है कि वर्ष 2022 के अंत तक चिप की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
पृष्ठभूमि:
- इस मुद्दे पर विस्तृत पृष्ठभूमि के लिए निम्नलिखित लिंक पर क्लिक कीजिए:
UPSC Exam Comprehensive News Analysis dated on Mar 03 2022
अर्धचालक निर्माण का परस्पर संबद्ध नेटवर्क:
- अर्धचालक वर्तमान में वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि बड़ी कंपनियां उन पर निर्भर हैं।
- इनकी मांग में वृद्धि के कारण, कंपनियों ने चिप सेट बनाने के लिए एक प्रक्रिया बनाई है। प्रक्रिया के तहत एक ही उपकरण बनाने के लिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों की भागीदारी होती है, इसे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला कहा जाता है।
- अर्धचालक कंपनियों ने इस प्रक्रिया का उपयोग चिप बनाने के लिए किया, जिसे फ्रंट-एंड और बैक-एंड भागों में विभाजित किया गया है।
- वेफर निर्माण (Wafer fabrication) और अनुसंधान फ्रंट-एंड ऑपरेशन हैं।
- क्रमिक संयोजन (असेंबली) और परीक्षण बैक-एंड ऑपरेशन हैं।
- इन फ्रंट और बैक-एंड भागों को आगे छोटी इकाइयों में विभाजित किया गया है, जो दुनिया भर में फैली हुई है और इस प्रकार वैश्विक चिप निर्मणा हेतु एक पारिस्थितिकी तंत्र का गठन किया गया है।
- अर्धचालक निर्माण का यह पारिस्थितिकी तंत्र इतना व्यापक है कि अर्धचालक उत्पादन के प्रत्येक खंड में प्रत्यक्ष आपूर्ति श्रृंखला में लगभग 25 देश और अप्रत्यक्ष कार्यों में 23 देश शामिल हैं।
- एक रिपोर्ट के अनुसार, अर्धचालक आधारित उत्पाद उपभोक्ता तक पहुंचने से पहले लगभग 70 बार अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार करता है।
- वेफर निर्माण प्रक्रिया सबसे अधिक व्यापक प्रक्रिया है जिसमें प्रत्यक्ष रुप से 39 देश शामिल हैं और 34 अन्य देश संबद्ध प्रक्रियाओं जैसे फोटोलिथोग्राफी, नक़्क़ाशी और सफाई में शामिल हैं।
- अर्धचालक चिप का विनिर्माण 12 देशों में किया जाता है, जबकि उत्पाद परीक्षण और विनिर्माण में 25 देश शामिल हैं।
कार निर्माताओं द्वारा उपयोग की जाने वाली जस्ट-इन-टाइम (JIT) तकनीक:
- जस्ट-इन-टाइम (JIT) तकनीक को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी कंपनियों द्वारा विकसित किया गया था, जिन्हें संसाधनों और स्थान की कमी का सामना करना पड़ा था।
- इन कंपनियों ने उपलब्ध संसाधनों और स्थान का उपयोग करते हुए न्यूनतम संभव तरीके से अपनी इकाइयों का पुनर्निर्माण किया।
- बाद में, टोयोटा उत्पादन प्रणाली के जनक ताइची ओहनो ने ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए एक कुशल उत्पादन प्रणाली बनाने हेतु जस्ट-इन-टाइम (JIT) और कानबन तकनीक (Kanban technique) की अवधारणा प्रस्तुत की।
- कई कंपनियों और चिप निर्माताओं ने अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को कुशलतापूर्वक संचालित करने के लिए JIT तकनीक का उपयोग किया।
- JIT तकनीक फर्मों को जरूरत पड़ने पर ही आपूर्तिकर्ताओं से इनपुट (आगत) खरीदने की अनुमति देती है; इससे उन्हें वस्तुओं की भंडारण लागत को कम करने, उत्पादन चक्र को कम करने और अन्य गतिविधियों के लिए धन बचाने में मदद मिलती है।
- आपूर्ति श्रृंखला में बाधा का प्रमुख कारण महामारी और हालिया भू-राजनीतिक घटनाओं जैसे कि यूक्रेन पर आक्रमण है।
- महामारी के कारण, कार निर्माताओं ने नए वाहनों की कम मांग के कारण आपूर्तिकर्ताओं से चिप खरीदना बंद कर दिया था और महामारी के बाद मांग अधिक होने के कारण चिप निर्माताओं द्वारा पर्याप्त आपूर्ति नहीं की जा रही है क्योंकि पूर्व में उन्होंने अन्य उद्योगों के साथ सौदों को निरस्त कर दिया था।
- यूक्रेन में जारी युद्ध और चीन में उत्पादन बंद होने से अर्धचालक आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव बढ़ गया है।
भावी कदम:
- इंटेल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा है कि अर्धचालक चिप की आपूर्ति और मांग वर्ष 2024 तक संतुलित हो जाएगी।
- उन्होंने आगे कहा कि यूरोपीय चिप अधिनियम (45 बिलियन यूरो) और चिप्स फॉर अमेरिका एक्ट (52 बिलियन डॉलर) से चिप निर्माताओं को इन क्षेत्रों में अपनी इकाइयां स्थापित करने हेतु प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है जो वर्तमान आपूर्ति-मांग असंतुलन को संतुलित करने में मददगार साबित हो सकती है।
- पश्चिम के इन हस्तक्षेपों से वर्ष 2030 तक पूर्व और पश्चिम में अर्धचालक निर्माताओं द्वारा भी समान निवेश किए जाने की उम्मीद है। गौरतलब है कि वर्तमान में यह निवेश एशिया में 80% और यूरोप तथा यू.एस. में 20% है।
वैश्विक अर्धचालक की कमी के बारे में अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
पर्यावरण:
हरित हाइड्रोजन: भविष्य का ईंधन?
विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण।
प्रारंभिक परीक्षा: हरित हाइड्रोजन के बारे में।
मुख्य परीक्षा: हरित हाइड्रोजन क्षमताओं को बढ़ाने की आवश्यकता, हरित हाइड्रोजन के लाभ और भारत की हरित हाइड्रोजन क्षमताओं की वर्तमान स्थिति।
संदर्भ:
- भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री ने कहा है कि भारत हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में अग्रणी बनकर उभरेगा।
विवरण:
- स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच में मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया में मौजूदा ऊर्जा संकट का लाभ उठा सकता है।
- हाल ही में ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) ने असम के जोरहाट में भारत के पहले 99.99% शुद्ध हरित हाइड्रोजन संयंत्र की शुरुआत की है।
हरित हाइड्रोजन:
- हाइड्रोजन ब्रह्मांड का सबसे हल्का, सरलतम और प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला रासायनिक तत्व है।
- इसके अलावा, हाइड्रोजन रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन, गैर-विषाक्त और अत्यधिक दहनशील है।
- हरितगृह गैस का उत्सर्जन किए बिना उत्पन्न विद्युत के माध्यम से उत्पादित हाइड्रोजन को “हरित हाइड्रोजन” कहा जाता है।
- सौर, पवन या जल ऊर्जा जैसे ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके विद्युत-अपघटन के माध्यम से हरित हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाता है।
- भूरी हाइड्रोजन कोयले और गैस जैसे जीवाश्म ईंधन के माध्यम से उत्पादित की जाती है और वर्तमान में दक्षिण एशिया में कुल उत्पादन में इसकी 95% हिस्सेदारी है।
- नीली हाइड्रोजन का उत्पादन ऐसी तकनीकों की मदद से जीवाश्म ईंधन के प्रज्ज्वलन से उत्पन्न विद्युत का उपयोग करके किया जाता है, जो प्रक्रिया में निर्मुक्त कार्बन को वायुमंडल में प्रवेश करने से रोकती हैं।
भारत के लिए हरित हाइड्रोजन क्षमता विकसित करने के कारण:
- भारत 2015 के पेरिस समझौते के तहत अपने हरितगृह गैस उत्सर्जन को 2005 के स्तर से 33-35% कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- भारत ने वर्ष 2021 में ग्लासगो में आयोजित पक्षों के सम्मेलन में वर्ष 2070 तक जीवाश्म और आयात-निर्भर अर्थव्यवस्था से शुद्ध-शून्य अर्थव्यवस्था में स्थानांतरण हेतु प्रतिबद्धता जताई थी।
- भारत सालाना 100 अरब डॉलर से अधिक की ऊर्जा का आयात करता है जिससे इसके विदेशी मुद्रा भंडार पर बहुत अधिक बोझ पड़ता है।
- जीवाश्म ईंधन की बढ़ती खपत के कारण भारत एक उच्च कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जक बन गया है, जो वैश्विक CO2 उत्सर्जन का लगभग 7% है।
- भारत सरकार हरित हाइड्रोजन को वैकल्पिक ईंधन के रूप में उपयोग करने और भारत को हरित हाइड्रोजन का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए विभिन्न उपाय कर रही है।
- इस संबंध में वर्ष 2021 में राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की शुरुआत की गई थी।
भारत में हरित हाइड्रोजन उत्पादन की स्थिति:
- भारत ने वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तक बढ़ाने के उद्देश्य से हरित हाइड्रोजन का उत्पादन शुरू कर दिया है।
- अप्रैल 2022 में पूर्वी असम के दुलियाजान में स्थित मुख्यालय वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) ने भारत के पहले 99.99% शुद्ध हरित हाइड्रोजन प्रायोगिक संयंत्र की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य देश को हाइड्रोजन के प्रायोगिक-पैमाने पर उत्पादन और विभिन्न अनुप्रयोगों में इसके उपयोग के लिए तैयार करना है।
- हाइड्रोजन के उत्पादन, भंडारण और परिवहन की लागत को कम करने के लिए निरंतर अनुसंधान एवं विकास किए जा रहे हैं।
- असम के जोरहाट में स्थापित संयंत्र को 500 किलोवाट के सौर संयंत्र द्वारा ऊर्जा प्रदान की जाती है और यह 10 किलो हाइड्रोजन प्रतिदिन उत्पादित कर सकता है जिसे 30 किलो प्रतिदिन तक बढ़ाया जा सकता है।
- असम गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा आपूर्ति की गई प्राकृतिक गैस के साथ संयंत्र से उत्पादित हरित हाइड्रोजन को मिश्रित करने और घरेलू और औद्योगिक उपयोग के लिए जोरहाट क्षेत्र में मिश्रित गैस की आपूर्ति के लिए एक विशेष ब्लेंडर भी स्थापित किया गया है।
- ऑयल इंडिया लिमिटेड मौजूदा स्थापित सुविधा पर मिश्रित गैस के प्रभाव की निगरानी के लिए IIT-गुवाहाटी के शोधकर्ताओं की मदद भी लेता है।
हरित हाइड्रोजन के लाभ:
- हरित हाइड्रोजन को अधिक समय तक संग्रहीत किया जा सकता है।
- संग्रहीत हाइड्रोजन का उपयोग ईंधन सेल का उपयोग करके विद्युत उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है।
- ईंधन सेल एक उपकरण है जो रासायनिक ऊर्जा को विद्युत में परिवर्तित करता है।
- ईंधन सेल में हाइड्रोजन, ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके विद्युत और जल वाष्प उत्पन्न करता है।
- अक्षय ऊर्जा, विशेष रूप से पवन ऊर्जा की असंतत विशेषता ग्रिड अस्थिरता की ओर ले जाती है और हाइड्रोजन ऊर्जा भंडारण उपकरण के रूप में कार्य करता है और ग्रिड स्थिरता को बढ़ाता है।
- शोधकर्ताओं का मानना है कि ईंधन सेल में उप-उत्पाद के रूप में उत्पादित ऑक्सीजन (1 किलो हाइड्रोजन पर 8 किलो ऑक्सीजन का उत्पादन होता है) का उपयोग औद्योगिक एवं चिकित्सा अनुप्रयोगों में और पर्यावरण को ऑक्सीजन-समृद्ध करने के लिए भी किया जा सकता है।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:
सामाजिक न्याय:
खसरा-रूबेला उन्मूलन की फिनिशिंग लाइन
विषय: स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे।
प्रारंभिक परीक्षा: खसरा-रूबेला टीका तथा सार्वभौमिक टीकाकरण अभियान।
मुख्य परीक्षा: देश से खसरा-रूबेला संक्रमण के खात्मे की संभावना।
संदर्भ:
- लेख में 2023 तक खसरा-रूबेला संक्रामक रोग को समाप्त करने की संभावना पर चर्चा की गई है।
परिदृश्य:
- देश भर में खसरा-रूबेला (MR) टीकाकरण अभियान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कई अभियान चलाए गए।
- सरकार ने तय समय के भीतर खसरा और रूबेला को खत्म करने का फैसला किया है।
- खसरा और रूबेला जैसे वायरल प्रकोपों को रोकने के लिए टीकाकरण-प्रेरित प्रतिरक्षा का उच्च स्तर प्राप्त कारना बुनियादी योजना का एक अभिन्न अंग है।
- प्रतिरक्षा अंतराल को कवर करने के लिए खसरे के टीके की दो खुराकें दी गईं है।
- रूबेला के टीके आमतौर पर केवल 15 वर्ष की आयु तक के बच्चों को कवर करते हैं।
- बच्चों की सुविधा और उच्च उपस्थिति के कारण, बच्चों के टीकाकरण के लिए स्कूलों का चयन किया गया था।
- यह सुनिश्चित किया गया कि टीकाकरण के बाद किसी भी गंभीर प्रतिकूल घटना से MR टीके सुरक्षित हैं।
- COVID-19 महामारी के कारण, MR टीकाकरण अभियान ठप हो गया और खसरा-रूबेला को खत्म करने का लक्ष्य पुनः वर्ष 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया।
खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान (Measles-Rubella Vaccination Campaign) के बारे में विस्तार से लेख में पढ़ें:
MR उन्मूलन:
- इसे खसरा और रूबेला वायरस के शून्य संचरण के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जिसकी विशेषता शून्य नैदानिक बीमारी है, जो तीन वर्षों से अधिक समय तक बनी हुई है।
- टीकाकरण और निगरानी दो प्रमुख कारक हैं जिनके माध्यम से MR के प्रकोप को रोका जा सकता है।
- निगरानी द्वारा उन स्थानों की पहचान करना जहां वायरल संचरण जारी है। यह टीकाकरण प्रक्रिया को भी बेहतर करेगा और संक्रमण के भावी प्रसार को रोकेगा।
चित्र स्रोत: main.mohfw.gov.in
भावी कदम:
- MR टीकाकरण अभियान, खसरा और रूबेला जैसे संक्रामक रोगों को खत्म करने की उम्मीद पर खरा उतर रहा है।
- यह टीका एक ही बार में दो बीमारियों को लक्षित करता है तथा इसमे चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करने हेतु व्यवस्थित दृष्टिकोण को अपनाया जाता है।
- रूबेला के उन्मूलन के बाद खसरा के उन्मूलन की दिशा में उच्च प्राथमिकता के साथ निगरानी की योजना बनाई गई है।
- सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम पांच वर्ष से कम उम्र के अधिकांश बच्चों को MR (मीजल्स-रूबेला) की दूसरी खुराक के साथ कवर करने में सक्षम रहा है।
- नीति निर्माताओं, माता-पिता, सभी स्तरों पर स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों, प्रभावितों, मीडिया और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से देश से खसरा-रूबेला के प्रकोप को पूरी तरह से रोका जा सकता है।
भारत में टीकाकरण अभियान (Immunisation drive in India) का विवरण लेख में पढ़ें:
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
मित्रता में सुरक्षा
विषय: भारत से जुड़े क्षेत्रीय समूह तथा भारतीय हितों को प्रभावित करने वाले कारक।
प्रारंभिक परीक्षा: क्वाड समूह।
मुख्य परीक्षा: समुद्री सुरक्षा रखरखाव में क्वाड का महत्व।
संदर्भ:
- विश्व राजनीति के इस महत्वपूर्ण दौर में महत्वपूर्ण सदस्य देशों के नेताओं को एक साथ एक मंच पर लाकर चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता या क्वाड शिखर सम्मेलन शुरूआत हुई थी।
एक अवलोकन:
- रूस-यूक्रेन संघर्ष ने क्षेत्रीय संप्रभुता, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि आदि के संबंध में स्वीकृत वैश्विक मानदंडों को भंग कर दिया है।
- रूस-यूक्रेन संघर्ष ने महामारी के महत्वपूर्ण मुद्दों और इसके प्रभाव, स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे की कमियों, आर्थिक सुधार आदि से वैश्विक ध्यान को भटका दिया है।
- टोक्यो में आयोजित क्वाड सम्मेलन ने आगामी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने हेतु एक बहुआयामी नीति तैयार करने के लिए भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के बीच व्यापक जुड़ाव का मार्ग प्रशस्त किया है।
- समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCLOS) के अंतरराष्ट्रीय कानून का अनुपालन करके एक स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत को पोषित करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ, चार सदस्य देशों ने सहयोग की निरंतरता के लिए एक संयुक्त बयान भी जारी किया।
- वार्ता में नेविगेशन और ओवरफ्लाइट की स्वतंत्रता के साथ-साथ पूर्वी और दक्षिण चीन सागर तक विस्तारित समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया गया।
प्रमुख चिताएं:
- हिंद महासागर क्षेत्र में प्रमुख चुनौतीयों में चीनी कारकों और उसकी आक्रामक आकांक्षाओं को घेरना है।
- नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय आदेशों पर सामरिक चुनौतियाँ थोपी जा रही हैं।
- रूस के प्रति तटस्थ रहने के भारतीय रुख और अमेरिका एवं जापान द्वारा रूस की सीधी आलोचना के बीच असंतोष।
संवाद के दो प्रमुख संदेश:
- क्वाड सदस्य बीजिंग की भड़काऊ और एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध करेंगे और समुद्री क्षेत्र में तनाव को कम करेंगे।
- मिशन को रणनीतिक मजबूती हेतु संवादकर्ता/वार्ताकर्ता सदस्यों के बीच सैन्य समन्वय की निरंतरता बनी रहेगी।
- क्वाड सदस्य वैक्सीन वितरण, जलवायु कार्रवाई, आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन, आपदा प्रतिक्रिया, साइबर सुरक्षा, बुनियादी ढांचे और आर्थिक सहयोग के द्वारा संसाधनों का लाभ उठाएंगे।
25 मई 2022 के CNA में क्वाड समिट के बारे में और पढ़ें:
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- पढ़ाई में हुए नुकसान से भारत की जीडीपी को नुकसान होगा: ADB
चित्र स्रोत: The Hindu
- एशियाई विकास बैंक (ADB) द्वारा प्रकाशित एक लेख के अनुसार, पढ़ाई में हुए नुकसान के कारण दक्षिण एशिया में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में सबसे अधिक गिरावट आएगी।
- अनुमान के अनुसार, वर्ष 2023 तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 10.5 बिलियन डॉलर का नुकसान होगा जो वर्ष 2030 तक बढ़कर लगभग 99 बिलियन डॉलर हो जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप सकल घरेलू उत्पाद में 3.19% की कमी होगी।
- कोविड-19 महामारी के दौरान सबसे लंबे समय तक स्कूल बंद रखने वाले देशों में भारत भी शामिल है।
- लेख के अनुसार, स्कूल बंद होने के कारण कुशल श्रमिकों की नौकरियों में 1% और अकुशल श्रमिकों की नौकरियों में 2% की कमी आई है।
- NSCN (I-M) कठोर बना हुआ है जबकि केंद्र समाधान चाहता है
- केंद्र और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (इसाक-मुइवा) या NSCN (I-M) ने अगस्त 2015 में फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसने “नागा राजनीतिक मुद्दे” के समाधान का मार्ग प्रशस्त किया।
- हालाँकि, समाधान प्रक्रिया रुक गई है क्योंकि NSCN(I-M) ने एक अलग ध्वज और येजाबो (नागा संविधान) की मांग की।
- चूँकि सरकार इस मुद्दे को हल करना चाहती है, इसलिए उसने “नागा राष्ट्रीय ध्वज” को सांस्कृतिक ध्वज के रूप में उपयोग करने का प्रस्ताव दिया है।
- हालांकि, NSCN(I-M) का कहना है कि नागा राष्ट्रीय ध्वज जो नागा राजनीतिक पहचान का प्रतीक है, पर किसी भी तरह की चर्चा नहीं की जाएगी।
- NSCN(I-M) ने वर्ष 1997 में सरकार के साथ और वर्ष 2001 में अपने प्रतिद्वंद्वी NSCN(खापलांग) के साथ युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। हालाँकि, मार्च 2015 में वह NSCN(खापलांग) के साथ समझौते से बाहर हो गया था।
- बाद में NSCN(खापलांग) और अन्य संगठनों के कई गुटों ने नागा राष्ट्रीय राजनीतिक समूह (NNPG) का गठन किया और वर्ष 2017 में केंद्र के साथ सहमत स्थिति (agreed position) पर हस्ताक्षर किए।
- नागा राष्ट्रीय राजनीतिक समूह (NNPG) अलग नागा ध्वज या संविधान की मांग नहीं कर रहा है।
- भारत, जापान श्रीलंका की मदद के लिए मिलकर काम करेंगे
- भारत और जापान एक गंभीर आर्थिक और मानवीय संकट का सामना कर रहे श्रीलंका को सहयोग और सहायता प्रदान करने के लिए सहमत हुए हैं।
- भारत जनवरी 2022 से अब तक श्रीलंका को ऋण स्थगन और आवश्यक आयात के लिए क्रेडिट लाइनों के माध्यम से लगभग 3.5 बिलियन डॉलर की सहायता दे चुका है।
- गौरतलब है कि जापान ने श्रीलंका द्वारा दो प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं (जिसमें जापानी प्रतिष्ठान शामिल थे) को रद्द करने के बावजूद मदद की पेशकश की है।
- इसके अलावा, दोनों देशों ने रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और निवेश जैसे क्षेत्रों में सहयोग के साथ-साथ एक ‘मुक्त और खुला हिंद-प्रशांत’ सुनिश्चित करने के उपायों के लिए “निकट सहयोग” पर द्विपक्षीय वार्ता भी की।
- दोनों देशों ने भारत-प्रशांत आर्थिक ढांचे को एक समावेशी ढांचे में विकसित करने के लिए सहयोग करने के विचार को भी साझा किया, जो इस क्षेत्र को लाभान्वित करेगा।
- जहां कछुआ संरक्षण भक्ति है
- हाल के वर्षों में कछुओं और उनके लुप्त हो रहे आवासों की रक्षा करने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया गया है। केरल के कासरगोड में एक मंदिर कई शताब्दियों से कछुओं की प्रजातियों की रक्षा और संरक्षण कर रहा है।
- कछुओं को मंदिर में प्राकृतिक रूप से निर्मित तालाब में संरक्षित किया जाता है। मंदिर में कछुओं को खिलाने के लिए बीच में एक संरचना (मंडपम) है। मंदिर में कूर्मावतार की एक मूर्ति है जिसे भगवान विष्णु के दस अवतारों में से दूसरा अवतार माना जाता है।
- ऐसा माना जाता है कि विभिन्न प्रजातियों के 400 से अधिक कछुए तालाब में निवास करते हैं। इनमें वे कछुए भी शामिल है जो विलुप्तप्राय के रुप में वर्गीकृत हैं। इससे वन विभाग के शोधकर्ताओं और अधिकारियों को विभिन्न प्रजातियों का अध्ययन करने में मदद मिली है।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
- यह नरेश चंद्र समिति की सिफारिश पर स्थापित किया गया था।
- यह मामलों को स्वतः संज्ञान में ले सकता है।
- यह कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आता है।
विकल्प:
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 1 और 3
- 1, 2 और 3
उत्तर: विकल्प c
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: SFIO की स्थापना जनवरी 2003 में कॉर्पोरेट प्रशासन पर नरेश चंद्र समिति की सिफारिश के आधार पर की गई थी।
- कथन 2 सही नहीं है: SFIO के पास कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के तहत उठाए गए मामलों की स्वत: जांच करने का अधिकार नहीं है।
- SFIO केंद्र सरकार से आदेश प्राप्त करने के बाद ही जांच शुरू करता है, जिसका अर्थ है कि वह स्वत: मामलों की जाँच नहीं कर सकता है।
- कथन 3 सही है: SFIO कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आता है।
प्रश्न 2. एशियाई विकास बैंक (ADB) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- भारत एशियाई विकास बैंक का संस्थापक सदस्य है।
- इसकी स्थापना 1991 में शीत युद्ध की समाप्ति के बाद की गई थी और इसे विश्व बैंक की तर्ज पर निर्मित किया गया था।
- एशियाई विकास आउटलुक, एशियाई विकास बैंक (ADB) का एक वार्षिक प्रकाशन है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 1 और 3
- 1, 2 और 3
उत्तर: विकल्प c
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: भारत एशियाई विकास बैंक का संस्थापक सदस्य है।
- कथन 2 सही नहीं है: एशियाई विकास बैंक की स्थापना 1966 में हुई थी, जिसका प्रधान कार्यालय मनीला में है और इसे विश्व बैंक की तर्ज पर निर्मित किया गया है।
- कथन 3 सही है: एशियाई विकास आउटलुक, एशियाई विकास बैंक (ADB) का एक वार्षिक प्रकाशन है।
प्रश्न 3. भरतनाट्यम के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
- भरतनाट्यम प्रस्तुतीकरण का अंत तिल्लाना के साथ होता है, जिसकी उत्पत्ति हिन्दुस्तानी संगीत के तराना में है।
- शरीर संतुलन व पादकौशल तथा उसके नियंत्रण में नर्तक कलाकारों की दक्षता प्रदर्शित करने हेतु पीतल की थाली की किनारी पर नृत्य करना तथा सिर पर पानी से भरा घड़ा लेकर नृत्य करने जैसी कुशलताओं को भरतनाट्यम में जोड़ा गया था।
- जो व्यक्ति नृत्य का कविता-पाठ करता है, वह नट्टुवनार होता है।
विकल्प:
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 1 और 3
- 1, 2 और 3
उत्तर: विकल्प c
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: भरतनाट्यम प्रस्तुतीकरण का अंत तिल्लाना के साथ होता है, जिसकी उत्पत्ति हिन्दुस्तानी संगीत के तराना में है।
- कथन 2 सही नहीं है: शरीर संतुलन व पादकौशल तथा उसके नियंत्रण में नर्तक कलाकारों की दक्षता प्रदर्शित करने हेतु पीतल की थाली की किनारी पर नृत्य करना तथा सिर पर पानी से भरा घड़ा लेकर नृत्य करने जैसी कुशलताओं को कुचिपुड़ी में जोड़ा गया था।
- कथन 3 सही है: गायक को नट्टुवनार कहा जाता है, आमतौर पर वह पूरे प्रदर्शन का संवाहक भी होता है।
प्रश्न 4. कृष्णा नदी के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
- कृष्णा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी तुंगभद्रा है।
- अलमट्टी बांध, उत्तरी कर्नाटक में कृष्णा नदी पर एक जलविद्युत परियोजना है।
- कृष्णा नदी भारत की तीसरी सबसे लंबी नदी है।
- मुसी, कृष्णा की बाएं तट की सहायक नदी है।
विकल्प:
- केवल 1, 2 और 3
- केवल 2, 3 और 4
- केवल 1, 3 और 4
- 1, 2, 3 और 4
उत्तर: विकल्प d
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: तुंगभद्रा नदी कृष्णा की मुख्य और सबसे बड़ी सहायक नदी है और तुंगा तथा भद्रा नदियों द्वारा निर्मित है।
- कथन 2 सही है: अलमट्टी बांध जिसे लाल बहादुर शास्त्री बांध के नाम से भी जाना जाता है, उत्तरी कर्नाटक में कृष्णा नदी पर एक जलविद्युत परियोजना है।
- कथन 3 सही है: गंगा और गोदावरी के बाद कृष्णा नदी लंबाई की दृष्टि से भारत की तीसरी सबसे लंबी नदी है।
- कथन 4 सही है: मुसी भीमा, पलेरू और मुनेरू के साथ कृष्णा की बाएं तट की सहायक नदी है।
- कृष्णा नदी के दाएं तट की सहायक नदियों में वेन्ना, कोयना, घटप्रभा, मालप्रभा और तुंगभद्रा शामिल हैं।
प्रश्न 5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
कथन 1:
संयुक्त राष्ट्र पूंजी विकास निधि (यू० एन० सी० डी० एफ०) और आर्बर डे फाउंडेशन ने हाल ही में हैदराबाद को विश्व के 2020 वृक्ष नगर की मान्यता प्रदान की है।
कथन 2
शहरी वनों को बढ़ाने और संपोषित करने के प्रति प्रतिबद्धता को देखते हुए हैदराबाद का एक वर्ष के लिए इस मान्यता हेतु चयन किया गया है।
उपर्युक्त कथनों के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा सही है?
- कथन 1 और कथन 2 दोनों सही हैं और कथन 2. कथन 1 की सही व्याख्या है
- कथन 1 और कथन 2 दोनों सही है, किन्तु कथन 2. कथन 1 की सही व्याख्या नहीं है
- कथन 1 सही है, किन्तु कथन 2 सही नहीं है
- कथन 1 सही नहीं है, किन्तु कथन 2 सही है
उत्तर: विकल्प d
व्याख्या:
- कथन 1 सही नहीं है: द आर्बर डे फाउंडेशन ने संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के सहयोग से हैदराबाद को 2020 में “विश्व का वृक्ष शहर” घोषित किया था।
- मुंबई को वर्ष 2021 “विश्व का वृक्ष शहर” घोषित किया गया है।
- कथन 2 सही है: शहरी वनों को बढ़ाने और संपोषित करने के प्रति प्रतिबद्धता को देखते हुए हैदराबाद को इस मान्यता के लिए चुना गया है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. क्वाड आर्थिक गठजोड़ और क्षेत्रीय सुरक्षा संरचना को फिर से आकार देने में मदद कर सकता है। समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।
(250 शब्द; 15 अंक) (सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-II-अन्तर्राष्ट्रीय संबंध)
प्रश्न 2. दुनिया में कैसे वैश्विक चिप की कमी हुई है? इस कमी को दूर करने में क्या बाधाएँ हैं? इसके आर्थिक और रणनीतिक प्रभाव पर जोर देते हुए चर्चा कीजिए।
(250 शब्द; 15 अंक) (सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-III – अर्थव्यवस्था)
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