विषयसूची:
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प्रधानमंत्री का बाली में G-20 शिखर सम्मेलन में संबोधन, सत्र III: डिजिटल ट्रान्सफर्मेशन:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां, मंच – उनकी संरचना, कार्य।
प्रारंभिक परीक्षा: बाली G20 शिखर सम्मेलन।
मुख्य परीक्षा: G20 शिखर सम्मेलन का महत्व।
प्रसंग:
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प्रधानमंत्री ने 16 नवंबर को बाली में G-20 शिखर सम्मेलन के तृतीय अधिवेशन में कहा कि डिजिटल परिवर्तन हमारे युग के सबसे उल्लेखनीय बदलाव में से एक है। भारत में हम डिजिटल पहुँच को सार्वजनिक कर रहे हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभी भी बहुत बड़ा डिजिटल डिवाइड है जिसे भरना बाकि हैं।
उद्देश्य:
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प्रधानमंत्री ने सत्र/अधिवेशन III: डिजिटल ट्रान्सफर्मेशन में कहा कि भारत अपनी G-20 अध्यक्षता के दौरान G-20 पार्टनर्स के साथ इस उद्देश्य के लिए काम करेगा।
विवरण:
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भारत के प्रधानमंत्री ने G-20 शिखर सम्मेलन के तृतीय सत्र में कहा कि डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन डिजिटल परिवर्तन हमारे युग का सबसे उल्लेखनीय बदलाव है।
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गरीबी के खिलाफ दशकों से चली आ रही वैश्विक लड़ाई में डिजिटल तकनीकों का उचित उपयोग बल गुणक बन सकता है।
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डिजिटल समाधान जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में मददगार हो सकते हैं, जैसा कि भारत ने कोविड के दौरान दूर से काम करने वाले और कागज रहित कार्यालयों द्वारा इसे कर दिखाया।
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किन्तु ये लाभ हमें तभी मिलेंगे जब डिजिटल पहुँच सही मायने में समावेशी हो, एवं डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग व्यापक हो।
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लेकिन अभी तक इस शक्तिशाली टूल का उपयोग सिर्फ साधारण व्यापारिक मानदंडों में ही किया गया है।
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डिजिटल ट्रान्सफर्मेशन के लाभ मानवजाति के एक छोटे अंश तक ही सीमित न रह जाएं, यह G-20 नेताओं की जिम्मेदारी है।
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भारत के पिछले कुछ साल के अनुभव बताते हैं कि यदि हम डिजिटल ढाँचे को समावेशी बनाते हैं तो यह सामाजिक-आर्थिक बदलाव ला सकता है। इसके लिए डिजिटल उपयोग में गति की आवश्यकता है।
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भारत ने ऐसे डिजिटल पब्लिक गुड्स विकसित किए हैं, जिनके मूल ढाँचे में ही लोकतांत्रिक सिद्धांत अंतर्निहित हैं।
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ये समाधान खुला स्रोत, खुला एपीआई, खुले मानक पर आधारित हैं, जो अंतर-संचालित और सार्वजनिक हैं।
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भारत मे आज जो डिजिटल रेवलूशन चल रहा है, उनका आधार यही अप्रोच है। उदाहरण के तौर पर यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI)।
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इसी तरह भारत ने डिजिटल आइडेंटिटी के आधार पर 460 मिलियन नए बैंक खाते खोले, जिस से भारत आज वित्तीय समावेश में ग्लोबल लीडर बन रहा है।
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महामारी के दौरान भी हमारे ओपन सोर्स कोविन प्लेटफॉर्म ने मानव इतिहास के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को सफल बनाया।
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गौरतलब है कि विश्व के अधिकतर विकासशील देशों के नागरिकों के पास किसी भी प्रकार की डिजिटल पहचान नहीं है। केवल 50 देशों के पास ही डिजिटल भुगतान प्रणाली मौजूद है।
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राष्ट्रीय महिला आयोग ने डिजिटल शक्ति 4.0 का शुभारंभ किया:
सामान्य अध्ययन: 1
समाज:
विषय: महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन,उनसे सम्बंधित मुद्दे;समस्याएं और रक्षोपाय।
प्रारंभिक परीक्षा: डिजिटल शक्ति 4.0,राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
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राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने डिजिटल शक्ति अभियान के चौथे चरण का शुभारंभ किया है,जो महिलाओं को डिजिटल रूप से कुशल और जागरूक बनाने पर ध्यान केंद्रित करता हैं।
उद्देश्य:
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यह अभियान, साइबर क्षेत्र में महिलाओं और लड़कियों को डिजिटल रूप से सशक्त और कुशल बनाने पर एक अखिल भारतीय परियोजना है।
विवरण:
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राष्ट्रीय महिला आयोग ने इसे साइबरपीस फाउंडेशन और मेटा के सहयोग से शुरू किया है।
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महिलाओं और लड़कियों के लिए सुरक्षित ऑनलाइन स्थान बनाने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, डिजिटल शक्ति 4.0 महिलाओं को डिजिटल रूप से कुशल बनाने और ऑनलाइन माध्यम से किसी भी अवैध/अनुचित गतिविधि के खिलाफ खड़े होने के लिए जागरूक करने पर केंद्रित है।
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यह नया चरण महिलाओं के लिए सुरक्षित साइबर क्षेत्र सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण उपलब्धि सिद्ध होगा।
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डिजिटल शक्ति महिलाओं और लड़कियों को अपने लाभ के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने और खुद को ऑनलाइन क्षेत्र में सुरक्षित रखने के लिए प्रशिक्षण देकर उनकी डिजिटल भागीदारी में तेजी ला रही है।
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इस चरण के शुभारंभ के बाद “सुरक्षित स्थान ऑनलाइन साइबर-सक्षम मानव तस्करी का मुकाबला करना और ऑनलाइन हिंसा के अन्य रूपों का मुकाबला करना” विषय पर एक इंटरैक्टिव पैनल चर्चा का आयोजन किया गया।
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विचार-विमर्श के दौरान, सभी पहलुओं से ऑनलाइन महिला सुरक्षा के मुद्दे को हल करने और बेहतर ऑनलाइन महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संपूर्ण दृष्टिकोण प्रदान किया गया।
पृष्ठ्भूमि:
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डिजिटल शक्ति की शुरुआत जून 2018 में देश भर की महिलाओं को डिजिटल क्षेत्र में जागरूकता के स्तर को बढ़ाने, लचीलापन अपनाने और साइबर अपराध से सबसे प्रभावी तरीकों से लड़ने में मदद करने के लिए की गई थी।
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पूरे भारत में इस परियोजना के माध्यम से 3 लाख से अधिक महिलाओं को साइबर सुरक्षा परामर्शों और सूझ-बूझ, रिपोर्टिंग और निवारण व्यवस्था, डेटा गोपनीयता और उनके लाभ के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग से अवगत कराया गया है।
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इस कार्यक्रम का तीसरा चरण मार्च 2021 में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष द्वारा लेह में शुरू किया गया था।
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तीसरे चरण में किसी महिला के साइबर अपराध का सामना करने की स्थिति में रिपोर्टिंग के सभी तरीकों की जानकारी प्रदान करने के लिए परियोजना के अंतर्गत एक संसाधन केंद्र भी विकसित किया गया था।
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आईएफएससीए ने RBI के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये:
सामान्य अध्ययन: 2,3
शासन,आर्थिक विकास:
विषय: शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ।
प्रारंभिक परीक्षा: अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA),भारतीय रिज़र्व बैंक(RBI) से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
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अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) और भारतीय रिज़र्व बैंक(RBI) ने अपने संबंधित अधिकार क्षेत्र में विनियमित संस्थाओं के विनियमन और पर्यवेक्षण में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं।
उद्देश्य:
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यह समझौता ज्ञापन तकनीकी सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा।
विवरण:
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भारत में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों के विकास और विनियमन के लिए जिम्मेदार एक एकीकृत नियामक होने के नाते, आईएफएससीए को अन्य बातों के साथ, आईएफ़एससी में कार्यरत अधिकृत बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के पर्यवेक्षण तथा विनियमन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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आरबीआई भारत का केंद्रीय बैंक और मौद्रिक प्राधिकरण है, जो अन्य बातों के अलावा, बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के विनियमन और पर्यवेक्षण के साथ-साथ अन्य कार्यों का निर्वहन और विभिन्न अधिनियमों के अनुरूप शक्तियों का प्रयोग करता है।
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समझौता ज्ञापन दो नियामकों के बीच सहयोग के अवसर प्रदान करता है, जिससे संबंधित वित्तीय इकोसिस्टम की सुरक्षा, स्थिरता और सुदृढ़ता को मजबूत किया जा सके और सर्वोत्तम व्यापार विकास और आर्थिक विकास के अनुकूल वातावरण को बढ़ावा दिया जा सके।
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“मालाबार-22” का समापन:
सामान्य अध्ययन: 2,3
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध एवं आंतरिक सुरक्षा:
विषय:द्विपक्षीय, क्षेत्रीय या वैश्विक समूह एवं भारत से जुड़े समझौते या भारत के हितों को प्रभावित करना।
प्रारंभिक परीक्षा: “मालाबार-22” अभ्यास से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
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बहुराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास मालाबार 2022 के 26वें संस्करण का समापन 15 नवंबर, 2022 को जापान के समुद्र में हुआ ।
उद्देश्य:
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इस अभ्यास से एक दूसरे की सैन्य अभियान संबंधी पद्धतियों की समझ बढ़ाने एवं अनेक समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग करने की क्षमता में मदद मिली।
विवरण:
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इस संस्करण के माध्यम से अभ्यास की 30वीं वर्षगांठ भी मनाई गई और जेएमएसडीएफ द्वारा इसकी मेजबानी की गई ।
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भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व पूर्वी बेड़े के जहाजों शिवालिक और कामोर्ता द्वारा किया गया।
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अभ्यासों की मालाबार श्रृंखला 1992 में भारत और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुई थी एवं ऑस्ट्रेलिया तथा जापान की नौसेनाओं के शामिल होने के साथ यह अभ्यास और अधिक प्रमुख हो गया।
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मालाबार-22 का समुद्री चरण योकोसुका के पास आयोजित किया गया एवं इसमें लाइव हथियार फायरिंग, सरफेस ड्रिल्स, एंटी-एयर एवं एंटी-सबमरीन युद्ध अभ्यास तथा टैक्टिकल प्रक्रियाएं आयोजित हुईं।
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समुद्री चरण का एक अन्य आकर्षण ‘समुद्र में युद्ध’ था जिसके माध्यम से भाग लेने वाली सभी चार नौसेनाएं अन्तरसंचलानीयता कर पाईं और अपने सामरिक कौशल को सुधार सकीं।
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इस हाई-टेंपो अभ्यास में अपनी हवाई क्षमताओं के साथ परमाणु क्षमता से लैस विमानवाहक युद्धपोत, जिनमें लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान, साथ रहने वाले चार हेलीकाप्टर व दो पनडुब्बियों समेत चार सरफेस शिप की भागीदारी शामिल थी। इस अभ्यास में भाग लेने वाले विभिन्न जहाजों के बीच ‘सी राइडर्स’ का आदान प्रदान भी शामिल था।
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ऑपरेशनल ड्रिल्स एवं अभ्यासों के अलावा, भाग लेने वाले देशों के बीच द्विपक्षीय रसद समर्थन समझौतों को मालाबार अभ्यास के इस संस्करण के दौरान सत्यापित किया गया।
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बाली में G-20 शिखर सम्मेलन से इतर भारतीय प्रधानमंत्री ने विभिन्न देशों के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक की:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय:द्विपक्षीय, क्षेत्रीय या वैश्विक समूह एवं भारत से जुड़े समझौते या भारत के हितों को प्रभावित करना।
मुख्य परीक्षा: भारत के युरोपियन देशों के साथ संबंधों की व्याख्या कीजिए।
प्रसंग:
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बाली में G-20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और इटली के प्रधानमंत्री,फ्रांस के राष्ट्रपति,जर्मनी के संघीय गणराज्य के चांसलर के साथ बैठक की।
उद्देश्य:
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इस बैठक का उदेशय विभिन्न देशों के नेताओं के साथ आपसी हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करना था।
विवरण:
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बाली में G-20 शिखर सम्मेलन से इतर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री माननीय ऋषि सुनक के साथ बैठक की।
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ऋषि सुनक को पदभार ग्रहण करने के बाद यह दोनों राजनेताओं के बीच पहली बैठक थी।
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दोनों राजनेताओं ने विस्तृत भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी की मौजूदा स्थिति और भविष्य में आपसी संबंधों के लिए रोडमैप 2030 की प्रगति तथा आपसी सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे कि व्यापार, गतिशीलता, रक्षा और सुरक्षा पर चर्चा हुई।
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दोनों राजनेताओं ने G20 और राष्ट्रमंडल सहित द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय फोरम में साथ मिलकर काम करने के विशेष महत्व की सराहना की।
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री महामहिम श्री एंथोनी अल्बानीज से मुलाकात की जिसमे दोनों नेताओं ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत दोनों देशों के बीच संबंधों की उत्कृष्ट स्थिति तथा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच नियमित आधार पर होने वाली उच्चस्तरीय बातचीत पर संतोष व्यक्त किया।
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दोनों नेताओं ने रक्षा, व्यापार, शिक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और दोनों देशों के लोगों के बीच पारस्परिक संबंध सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को प्रगाढ़ करने में हुई प्रगति की समीक्षा की।
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शिक्षा, विशेषकर उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में संस्थागत भागीदारी पर विस्तार से चर्चा की गई।
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दोनों नेताओं ने आपसी हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
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इन मुद्दों में एक स्थिर एवं शांतिपूर्ण हिन्द-प्रशांत क्षेत्र, जलवायु संबंधी मामलों और भारत की G20 की अध्यक्षता से संबंधित उनका साझा दृष्टिकोण शामिल था।
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बाली में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान इटली की प्रधानमंत्री महामहिम सुश्री जियॉर्जिया मेलोनी से भेंट की तथा उन्हें इटली की प्रथम महिला प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई दी।
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दोनों नेताओं ने व्यापार व निवेश, आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई और लोगों के बीच मेलमिलाप सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सम्बम्धों को प्रगाढ़ बनाने पर चर्चा की।
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दोनों नेताओं ने आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि भारत-इटली के राजनयिक सम्बन्धों के 75 वर्ष पूरे हो जाने को समारोहपूर्वक मनाया जायेगा।
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उन्होंने प्रधानमंत्री सुश्री मेलोनी को G-20 शिखर सम्मेलन में अगले वर्ष भारत पधारने का आमंत्रण भी दिया।
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बाली में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम श्री इमैनुएल मैक्रॉन से दोपहर के भोजन के अवसर पर मुलाकात की।
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दोनों राजनेताओं ने रक्षा, असैन्य परमाणु, व्यापार और निवेश जैसे विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे सहयोग की समीक्षा की।
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दोनों राजनेताओं ने आर्थिक संबंधों के नए क्षेत्रों में सहयोग को प्रगाढ़ करने का भी स्वागत किया।पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज बाली में G-20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर जर्मनी के संघीय गणराज्य के चांसलर महामहिम श्री ओलाफ स्कोल्ज से मुलाकात की।दोनों नेताओं के बीच इस वर्ष यह तीसरी मुलाकात थी।
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पिछली मुलाकातें 2 मई 2022 को छठे भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श के लिए प्रधानमंत्री की बर्लिन यात्रा और उसके बाद चांसलर स्कोल्ज के आमंत्रण पर जी-7 शिखर सम्मेलन के भागीदार देश के रूप में प्रधानमंत्री की जर्मनी में श्लॉस एल्मौ की यात्रा के दौरान हुईं थीं।
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दोनों नेताओं ने भारत और जर्मनी के बीच व्यापक द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की, जिसने आईजीसी के दौरान प्रधानमंत्री और चांसलर द्वारा हरित एवं सतत विकास से संबंधित साझेदारी पर हस्ताक्षर के साथ एक नए चरण में प्रवेश किया।
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दोनों नेता व्यापार एवं निवेश संबंधों को और अधिक गहरा करने तथा रक्षा एवं सुरक्षा, प्रवासन एवं आवागमन व बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए।
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दोनों नेता G-20 और संयुक्त राष्ट्र सहित बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग एवं समन्वय बढ़ाने पर सहमत हुए।
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इसके अलावा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने G-20 के अन्य नेताओं के साथ बाली में G-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर ‘तमन हटन राया नगुराह राय’ मैंग्रोव वनों का दौरा किया और वहां पौधे लगाए।
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मैंग्रोव वैश्विक संरक्षण प्रयासों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत इंडोनेशिया की G-20 अध्यक्षता के तहत मैंग्रोव एलायंस फॉर क्लाइमेट (एमएसी),जोकि इंडोनेशिया और यूएई की संयुक्त पहल है,में शामिल हो गया है।
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भारत में 5000 वर्ग किलोमीटर में फैली मैंग्रोव की 50 से अधिक प्रजातियां पाई जा सकती हैं।
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भारत मैंग्रोव के संरक्षण और उनकी बहाली पर जोर दे रहा है, जो जैव विविधता के समृद्ध स्थल हैं और प्रभावी कार्बन सिंक के रूप में काम करते हैं।
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पृष्ठ्भूमि:
नोट: बाली में G-20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री की विभिन्न देशों के प्रमुखों के साथ हुई अलग बैठक के बारे में यहाँ संक्षिप्त वर्णन भारत एवं सम्बंधित देशों के बीच व्यापारिक,आर्थिक और रणनीतिक समझ एवं उनके साथ किये गए समझौतों के बारे में आपको अवगत करवाना हैं। -
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- भारत गौरव ट्रेन योजना:
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भारत गौरव योजना के तहत देश की पहली प्राइवेट ट्रेन को 14 जून को कोयंबटूर से रवाना किया गया। इंडियन रेलवे ने ट्रेन को दो साल की लीज पर प्राइवेट सर्विस प्रोवाइडर को दिया है।
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नवंबर 2021 में शुरू की गई इस योजना के तहत अब ट्रेनों में पर्यटन के लिये तीसरा अनुभाग स्थापित किया जाएगा। अब तक रेलवे के पास यात्री अनुभाग और माल अनुभाग थे।
भारत गौरव ट्रेन क्या है?
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यह एक ऐतिहासिक ट्रेन है और 7000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
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पूरी ट्रेन वातानुकूलित होगी और इस ट्रेन में एक बार में 600 पर्यटक यात्रा कर सकेंगे।
संशोधित नीति की मुख्य विशेषताएं इस तरह हैं:
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अब से, भारत गौरव ट्रेन योजना के तहत केवल लिंके हॉफमैन बुश (एलएचबी) कोच आवंटित किए जाएंगे।
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रेल पर्यटन को बढ़ावा देने और उत्पादों को और अधिक व्यवहार्य बनाने के मकसद से रेल मंत्रालय ने इस योजना के तहत भारत गौरव ट्रेनों के संचालन के लिए निश्चित और परिवर्तनीय ढुलाई शुल्क में ओवरहेड कंपोनेंट नहीं लगाने का निर्णय लिया है।
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भारत गौरव ट्रेन योजना के तहत रेल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रेल द्वारा लगभग 33 प्रतिशत रियायत दी जाएगी।
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मौजूदा सेवा प्रदाताओं, जिन्हें पहले ही भारत गौरव ट्रेन नीति के ढांचे के तहत आईसीएफ रेक आवंटित किए जा चुके हैं, को संशोधित शुल्कों पर समझौते की शेष अवधि के लिए एलएचबी रेक पर स्विच करने का विकल्प दिया जाएगा।
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हालांकि, यदि वे पहले से आवंटित रेकों को जारी रखने का विकल्प चुनते हैं, तो संशोधित शुल्कों का लाभ नए प्रभाव से उपलब्ध होगा।
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इन ट्रेनों से भारत की व्यापक पर्यटन संभावनाओं कि खोज में मदद मिलेगी।
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ये ट्रेनें भारत और यहाँ आये पर्यटकों के लिए देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत व भव्य ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन कराने के सपने को साकार करने में सहायक होंगी।
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इसके अलावा भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं अन्य ऐतिहासिक धरोहर स्थलों के दर्शन कराने हेतु भारत सरकार अन्य योजनाएँ भी चला रहा हैं जिनमे स्वदेश दर्शन योजना,प्रसाद योजना,देखो अपना देश’ पहल,बौद्ध सम्मेलन प्रमुख हैं।
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- पहली विश्व मीडिया कांग्रेस:
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संयुक्त अरब अमीरात द्वारा पहली विश्व मीडिया कांग्रेस की पहली कांग्रेस आयोजित की गई हैं।
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इस पर सूचना प्रसारण सचिव ने उन्हें बधाई दी और कहा कि भारत और मेजबान देश में काफी समानताएं हैं।
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भारत में मीडिया परिदृश्य के बारे में बताया कि भारत मीडिया की एक समृद्ध परंपरा वाला देश है जिसमें 897 टेलीविजन चैनल शामिल हैं।
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इन टेलीविजन चैनलों में से 350 से अधिक समाचार चैनल हैं और 80 हजार से अधिक समाचार पत्र विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित हो रहे हैं।
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भारत में 1.2 बिलियन से अधिक मोबाइल फोन उपयोगकर्ता और 600 मिलियन स्मार्ट फोन उपयोगकर्ता हैं।
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सोशल मीडिया ने भारत में सूचनाओं के तेज और गहरे प्रसार को इस हद तक संभव बनाया है कि इससे प्राकृतिक आपदाओं में होने वाली मौतों में भी कमी आई है।
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हालांकि उन्होंने कहा कि हाल ही में लोगों का झुकाव नई मीडिया की ओर हुआ है और युवा वर्ग इस नई मीडिया से जानकारी प्राप्त कर रहा है।
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सूचना प्रसारण सचिव ने कहा कि इसने विश्वसनीयता की चुनौती पेश करने के साथ – साथ सरकार के समक्ष भी चुनौती पेश की है।
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यह बिल्कुल उचित है कि सरकार इस परिघटना पर नियंत्रण रखने के लिए उपाय करे और यही वह बिंदु है जहां भारत एक स्व-नियामक तंत्र के साथ सामने आया है, जो यह सुनिश्चित करता है कि पहले स्तर पर शिकायत का निपटारा सोशल मीडिया संगठन के स्तर पर ही किया जा सके।
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- राष्ट्रीय प्रेस दिवस:
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राष्ट्रीय प्रेस दिवस- 16 नवम्बर- भारत में एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस का प्रतीक है।
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16 नवम्बर एक प्रतीकात्मक दिन है जब भारतीय प्रेस परिषद ने स्वतंत्रता और जिम्मेदारी के साथ बिना किसी डर या पक्षपात के पत्रकारिता के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के लिए काम करना शुरू किया।
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यह वह दिन था जिस दिन भारतीय प्रेस परिषद ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक नैतिक प्रहरी के रूप में कार्य करना शुरू किया था कि न केवल शक्तिशाली माध्यम प्रेस अपेक्षित उच्च मानकों को बनाए रखे बल्कि यह किसी बाहरी कारकों के प्रभाव या खतरों से नहीं रुके।
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हालांकि दुनिया भर में कई प्रेस या मीडिया परिषदें हैं, भारतीय प्रेस परिषद एक अद्वितीय संगठन है क्योंकि यह एकमात्र संगठन है जो प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने के अपने कर्तव्य में देश के साधनों पर भी अधिकार का प्रयोग कर सकता है।
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इस अवसर पर केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने “नॉर्म्स ऑफ जर्नलिस्टिक कंडक्ट, 2022” का विमोचन किया।
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प्रेस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और यह सिर्फ समाचार नहीं बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि सरकार की नीतियां और योजनाएं अपेक्षित लाभार्थियों तक पहुंचे।
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प्रेस के साथ स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले हमारे बड़े नेताओं की घनिष्ठ भागीदारी ने उन्हें संवैधानिक प्रावधानों के माध्यम से प्रेस की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया।
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भारतीय प्रेस परिषद का जन्म बहुत बाद में हुआ, लेकिन प्रयोजन वही था: लोकतंत्र की रक्षा और मजबूती सुनिश्चित करना।
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16 नवंबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 15 नवंबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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