Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests - Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests -

भारत की राष्ट्रीय एकता में क्या -क्या अड़चनें हैं?

हम अक्सर कहते हैं कि भारत “अनेकता में एकता” वाला देश है । यह कहना सही भी है । यहाँ अनेक जातियों के लोग रहते हैं, असंख्य भाषाएँ बोलते हैं, अलग अलग मजहबों का पालन करते हैं ।  लेकिन कई बार जब हम देश की इस विविधता की नकारात्मक व्याख्या करते हैं तब यही देश की एकता में एक रुकावट बन जाता है । कुछ ऐसे ही मुद्दे हम उल्लिखित कर सकते हैं :- 

  • जातिवाद (caste) : यह राष्ट्रीय एकता के लिए एक बड़ी बाधा है । कई बार देश की जातीय विविधता सामाजिक वैमनस्य का कारण बन जाती है । इसका सबसे बुरा प्रभाव तब देखा जा सकता है जब यह राजनीति को प्रभावित करती है ।
  • साम्प्रदायिकता (communalism) : भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है और यहाँ लोग किसी भी धर्म को मानने के लिए स्वतंत्र हैं । लेकिन समस्या तब होती है जब लोग हर चीज की धार्मिक आधार पर व्याख्या करने लगते हैं ।  साम्प्रदायिकता का मूल आधार यही है कि अगर मजहब एक हो तो सामाजिक- आर्थिक ज़रूरतें भी एक होंगी । साम्प्रदायिकता केवल धर्म के आधार पर समाज निर्माण को बढ़ावा देती है और यह अन्य धर्मों से टकराव को जन्म देता है । साम्प्रदायिकता का परिणाम हम 1947 के भारत- पाकिस्तान विभाजन के रूप में देख चुके हैं ।
  • प्रांतवाद (regionalism) : देश के विभिन्न राज्यों में क्षेत्रवाद का संकीर्ण भाव राज्यों और उनके निवासियों के बीच आपसी वैमनस्य बढ़ा रहा है ।
  • भाषाई अंतर : भाषा पिछले कुछ दशकों में देश की राष्ट्रीय एकता में एक बाधक के रूप में उभरी है । भाषा के नाम पर आपसी वैमनस्य के उदाहरण हमे दिखने लगे हैं । भाषाई विशिष्टता पर राजनीति लोगों को भाषा पर अपने पक्षपातपूर्ण मतभेदों से ऊपर नहीं उठने दे रही है ।
  • आर्थिक विषमता : देश में कुछ लोग अमीर हैं, जबकि अधिकांश गरीब हैं । यह आर्थिक विषमता भी राष्ट्रीय एकता में एक बड़ी समस्या है । देश की नीति ऐसी होनी चाहिए की संपत्ति का एकीकरण न हो और इसका न्यायिक वितरण हो ।
  • समाज की पुरुष -प्रधान रूप -रेखा : समाज में पुरुष -प्रधानता देश की राष्ट्रीय एकता में एक अन्य बाधक है । देश में पुरुषों व महिलाओं की आबादी लगभग बराबर है, और जब तक आधी आबादी को बराबर के अधिकार नहीं मिलते समाज सुचारू रूप से नहीं चल सकता ।
राष्ट्रीय एकीकरण क्या है?

राष्ट्रीय एकता का अर्थ है सामाजिक- सांस्कृतिक और आर्थिक मतभेदों या असमानताओं को कम करना, और आपसी एकजुटता को मजबूत करना । लोग विचारों, मूल्यों और भावनात्मक बंधनों को साझा करें, यही  विविधता के भीतर एकता की भावना है । राष्ट्रीय पहचान सर्वोच्च है । सांस्कृतिक एकता, संविधान, क्षेत्रीय निरंतरता, आम आर्थिक आवश्यकताएं, कला, साहित्य, राष्ट्रीय त्योहार, राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रगान और राष्ट्रीय प्रतीक आदि राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देते हैं ।

राजनीती विज्ञान के हमारे अन्य उपयोगी हिंदी लेख:

नोट : UPSC 2023 परीक्षा की तिथि करीब आ रही है, आप खुद को नवीनतम UPSC Current Affairs in Hindi से अपडेट रखने के लिए BYJU’S के साथ जुड़ें, यहां हम महत्वपूर्ण जानकारियों को सरल तरीके से समझाते हैं ।

हिंदी माध्यम में UPSC से जुड़े मार्गदर्शन के लिए अवश्य देखें हमारा हिंदी पेज  IAS हिंदी

अन्य महत्वपूर्ण लिंक :

UPSC Syllabus in Hindi UPSC Full Form in Hindi
UPSC Books in Hindi UPSC Prelims Syllabus in Hindi
UPSC Mains Syllabus in Hindi NCERT Books for UPSC in Hindi

 

Comments

Leave a Comment

Your Mobile number and Email id will not be published.

*

*