Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests - Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests -

निर्भीक योजना (Nirvik Scheme)

निर्भीक योजना जो NIRVIK अर्थात “निर्यात ऋण विकास योजना” के रूप में भी जानी जाती है, भारतीय निर्यात ऋण गारंटी निगम (E.C.G.C) के तहत लागू की गई योजना है, जिसका उद्देश्य छोटे पैमाने के निर्यातकों को ऋण देने की प्रक्रिया को आसान बनाना और ऋण की उपलब्धता को बढ़ाना है । यह योजना देश से निर्यात को बढ़ावा देने तथा निर्यातकों के हितों की रक्षा करने के लिए बनाई गई है । 1 फरवरी 2020 को 2020- 21 के केंद्रीय बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस योजना की घोषणा की गई थी । इस लेख में हम प्रतियोगिता परीक्षा की दृष्टि से निर्भीक योजना के बारे में हर महत्वपूर्ण जानकारी देने का प्रयास करेंगे । हिंदी माध्यम में UPSC से जुड़े मार्गदर्शन के लिए अवश्य देखें हमारा हिंदी पेज  IAS हिंदी

नोट : यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे  UPSC Prelims Syllabus in Hindi का अच्छी तरह से अध्ययन कर लें, और इसके बाद ही  अपनी तैयारी की योजना बनाएं ।

सिविल सेवा परीक्षा 2023 के बारे में अधिक जानने के लिए BYJU’S से जुड़ें ।  

निर्भीक योजना की विशेषताएं

इस योजना का उद्देश्य छोटे पैमाने के निर्यातकों को ऋण देने की प्रक्रिया को आसान बनाना और ऋण की उपलब्धता को बढ़ाना है । यह योजना देश से निर्यात को बढ़ावा देने तथा निर्यातकों के हितों की रक्षा करने के लिए बनाई गई है । इस योजना में बीमा कवरेज मूल राशि और ब्याज का 90% तक होगा । विस्तारित कवरेज यह सुनिश्चित करेगा कि विदेशी निर्यात ऋण ब्याज दरें 4% से कम हैं । नई योजना के तहत प्री और पोस्ट-शिपमेंट क्रेडिट दोनों को कवर किया जाएगा । प्रीमियम दरों को 0.60 प्रति वर्ष तक सीमित किया जाएगा । उन लोगों के लिए जिनकी सीमा 80 करोड़ रुपये से अधिक है । निर्विक योजना भारतीय निर्यात को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने वाले निर्यातकों के लिए ऋण की पहुंच और सामर्थ्य में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी । यह निर्यातकों के अनुकूल बनने के लिए लालफीताशाही और अन्य प्रक्रियात्मक बाधाओं को दूर करेगा । विस्तारित बीमा कवर से पूंजीगत राहत, बेहतर तरलता और दावों के त्वरित निपटान जैसे कारकों के साथ ऋण की लागत में कमी आने की संभावना है । व्यापार करने में आसानी और ईसीजी प्रक्रियाओं को और अधिक सरल बनाने के कारण एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) को भी लाभ होगा ।

यह निर्यातकों को उच्च बीमा कवर प्रदान करेगा और छोटे निर्यातकों के लिए प्रीमियम को कम करेगा । उच्च निर्यात ऋण वितरण प्राप्त करने के लिए इस  योजना की शुरूआत की गई है जिसमें उच्च बीमा कवर, छोटे निर्यातकों के लिए प्रीमियम में कमी और दावे का निपटारा करने के लिए सरल प्रक्रियाओं का प्रावधान है । यह योजना वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के द्वारा तैयार की गई है । इस योजना के अंतर्गत, जिसे एक्सपोर्ट क्रेडिट इंश्योरेंस स्कीम (ECIS) भी कहा जाता है, बीमा गारंटी में मूलधन और ब्याज का 90% तक कवर प्रदान किया जा सकता है ।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने इस योजना के अंतर्गत कुछ प्रमुख क्षेत्रों के निर्यातकों द्वारा भुगतान की जाने वाली प्रीमियम में सब्सिडी देने का भी प्रस्ताव रखा है । वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार निर्भिक योजना के अंतर्गत 80 करोड़ रुपये से अधिक की सीमा वाले रत्न, आभूषण और हीरा (जीजेडी) क्षेत्र के उधारकर्ताओं को इन श्रेणी को नुकसान का अनुपात ज्यादा होने के कारण गैर -जीजेडी क्षेत्र के उधारकर्ताओं की तुलना में ज्यादा प्रीमियम दर देना होगा । एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (ई.सी.जी.सी) कवर से भी बैंकों को अतिरिक्त सुविधा प्रदान की जाएगी  क्योंकि उधारकर्ताओं की क्रेडिट रेटिंग को बढ़ाकर ‘एए’ मूल्यांकन एकाउंट में कर दी गई है । बढ़ा हुआ कवर यह सुनिश्चित करेगा कि निर्यातकों के लिए विदेशी और रुपया निर्यात ऋण की ब्याज दरें क्रमशः 4% और 8% से कम हो । ईसीआईएस के अंतर्गत मूलधन और ब्याज दोनों के लिए बीमा कवर के प्रतिशत को मौजूदा औसत 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया गया है । वर्तमान समय में एक्सपोर्ट क्रेडिट कॉरपोरेशन 60 प्रतिशत तक की ऋण गारंटी देता है । दिसंबर 2019 में भारत का निर्यात 1.8 प्रतिशत घटकर 27.36 अरब डॉलर हो गया और आयात 8.9 प्रतिशत घटकर 357.39 अरब डॉलर रह गया, जिससे 118.10 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ ।

योजना के उद्देश्य एवं प्रारूप: इस योजना के निम्नलिखित उद्देश्य हैं –

  • छोटे पैमाने के निर्यातकों को ऋण देने की प्रक्रिया को आसान बनाना ।
  • ऋण की उपलब्धता को बढ़ाना  ।
  • देश से निर्यात को बढ़ावा देना । 
  • निर्यातकों के हितों की रक्षा करना । 
  • इस योजना में मूलधन और ब्याज का 90% तक बीमा के तहत कवर किया जाएगा ।
  • बढ़े हुए कवर से यह सुनिश्चित होगा कि निर्यातकों के लिए विदेशी और रुपये निर्यात ऋण की ब्याज दर 4 प्रतिशत और 8 प्रतिशत के बीच हो ।
  • निर्यात ऋण विकास योजना के तहत 80 करोड़ रुपये से अधिक की सीमा वाले उधारकर्ताओं के ऊपर रत्न आभूषण और हीरे (GJD) के क्षेत्र में उच्च हानि दर के कारण इस श्रेणी के गैर GJD क्षेत्र के उधारकर्ताओं की तुलना में ज्यादा प्रीमियम दर होगी ।
  • 80 करोड़ रुपये से कम की सीमा वाले खातों के लिए प्रीमियम की दर 0.60% प्रति वर्ष और मध्यम रूप से 80 करोड़ रुपये से अधिक वालों के लिए 0.72% प्रति वर्ष होगी ।
  • यह ECGC के अधिकारियों द्वारा बैंक के दस्तावेजों और अभिलेखों के निरीक्षण को वर्तमान के 1 करोड़ रुपये के मुकाबले 10 करोड़ रुपये से अधिक के घाटे के लिए अनिवार्य बनाता है ।
  • बैंक, ECGC को मासिक मूलधन और ब्याज पर एक प्रीमियम का भुगतान करेंगे क्योंकि दोनों बकाया के लिए कवर की पेशकश की जा रही है ।
  • यह निर्यातकों के लिए ऋण की उपलब्धता में बृद्धि करेगा ।
  • यह योजना भारतीय निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगी ।
  • यह योजना ECGC प्रक्रियाओं को निर्यातक के अनुकूल बना देगी ।
  • दावों के त्वरित निपटान के कारण पूंजीगत राहत, कम प्रावधान की आवश्यकता और तरलता के कारण बीमा कवर में ऋण की लागत में कमी आने की उम्मीद है । 
  • यह निर्यात क्षेत्र के लिए समय पर और पर्याप्त कार्यशील पूंजी सुनिश्चित करेगा ।

निर्भीक योजना का उद्देश्य छोटे पैमाने के निर्यातकों पर प्रीमियम कम करते हुए निर्यातकों के लिए उच्च बीमा कवरेज प्रदान करना है । ऐसा माना जाता है कि इस तरह के कदम से अधिक निर्यात ऋण संवितरण होगा । इस योजना की घोषणा ऐसे समय में की गई थी जब देश को 118.10 बिलियन अमरीकी डालर का व्यापार घाटा हुआ । निर्भीक योजना महत्वपूर्ण है  क्योंकि देश के निर्यातक में ऋण उपलब्धता को ले कर चिंता रहती है । 2018-2019 में क्रेडिट संवितरण घटकर 9.57 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 2017-18 में 12.39 लाख करोड़ रुपये था ।

एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया

ईसीजीसी लिमिटेड (पूर्व में एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड), भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली एक संस्था है । इसकी स्थापना 1957 में निर्यात के लिए क्रेडिट जोखिम बीमा और संबंधित सेवाएं प्रदान करके देश से निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी । यह निर्यात ऋण बीमा और व्यापार से संबंधित सेवाएं प्रदान करने और लागत प्रभावी बीमा प्रदान करके भारतीय निर्यात उद्योग का समर्थन करने की कल्पना करता है ।

नोट : UPSC 2023 परीक्षा की तिथि करीब आ रही है, आप खुद को नवीनतम UPSC Current Affairs in Hindi से अपडेट रखने के लिए BYJU’S के साथ जुड़ें, यहां हम महत्वपूर्ण जानकारियों को सरल तरीके से समझाते हैं ।

अन्य महत्वपूर्ण लिंक :

ONE NATION- ONE RATION CARD SCHEME in Hindi Agnipath Scheme in Hindi
UPSC Syllabus in Hindi UPSC Full Form in Hindi
UPSC Books in Hindi UPSC Prelims Syllabus in Hindi
UPSC Mains Syllabus in Hindi NCERT Books for UPSC in Hindi

 

Comments

Leave a Comment

Your Mobile number and Email id will not be published.

*

*