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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 10 November, 2023 UPSC CNA in Hindi

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

राजव्यवस्था:

  1. बिहार विधानसभा ने जातिगत आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 65% करने वाला विधेयक पारित किया:

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

  1. सरकार ने डीपफेक पर निर्देश क्यों जारी किया है?

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

अर्थव्यवस्था:

  1. भारत की आर्थिक सफलताओं को भी स्वीकार करें:
  2. क्या भारतीयों को अधिक समय तक काम करना चाहिए?

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. अमेरिकी रक्षा सचिव ऑस्टिन ‘2+2’ मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए भारत पहुंचे:

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. नागालैंड ने शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 33% कोटा को मंजूरी दी:

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

बिहार विधानसभा ने जातिगत आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 65% करने वाला विधेयक पारित किया:

राजव्यवस्था:

विषय: भारतीय संविधान- विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना; संघ और राज्यों के कार्य और जिम्मेदारियाँ, संघीय ढांचे से संबंधित मुद्दे और चुनौतियाँ।

मुख्य परीक्षा: विभिन्न समुदायों को आरक्षण के आवंटन को नियंत्रित करने वाली नीतियां और संवैधानिक प्रावधान, जो शासन के संघीय ढांचे को प्रभावित करते हैं।

प्रसंग:

  • बिहार विधानसभा ने आरक्षण कोटा 50% से बढ़ाकर 65% करने वाला एक विधेयक पारित किया हैं, जिसमे मौजूदा 10% आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग कोटा के साथ-साथ अत्यंत पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए भी प्रावधान शामिल हैं।

विवरण:

  • बिहार विधानसभा ने पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण कोटा 50% से बढ़ाकर 65% करने के विधेयक को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी।
  • आरक्षण हेतु बिहार विधानसभा द्वारा उठाया गया यह कदम, मौजूदा 10% आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (EWS) कोटा के साथ, सुप्रीम कोर्ट की 50% आरक्षण सीमा को पार कर गया है।
  • संशोधित विधेयक कानून बनने से पहले राज्यपाल की सहमति के लिए भेजा जाएगा।

विधेयक के प्रमुख प्रावधान:

  • बिहार आरक्षण संशोधन विधेयक अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) के लिए कोटा 18% से बढ़ाकर 25% कर देता है।
  • पिछड़ा वर्ग (BC) आरक्षण 12% से बढ़कर 18% हो गया।
  • अनुसूचित जाति (SC) आरक्षण 16% से बढ़ाकर 20% किया गया हैं।
  • अनुसूचित जनजाति (ST) आरक्षण 1% से दोगुना होकर 2% हो गया है।
  • BC महिलाओं के लिए मौजूदा 3% आरक्षण समाप्त कर दिया गया है।

अतिरिक्त विधेयक एवं जाति सर्वेक्षण:

  • राज्य में हाल ही में हुए जाति सर्वेक्षण के आधार पर शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में बढ़े हुए आरक्षण का समर्थन करने वाले विधेयक भी सर्वसम्मति से पारित किए गए।
  • जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट ने संकेत दिया कि ईबीसी 36% हैं, और बीसी राज्य की आबादी का 27.1% हैं।

ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर स्पष्टीकरण:

  • ईडब्ल्यूएस आरक्षण के संबंध में एक प्रश्न के जवाब में, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने पुष्टि की कि 10% ईडब्ल्यूएस आरक्षण 35% ओपन मेरिट श्रेणी में शामिल है।

वित्तीय बोझ और विशेष स्थिति:

  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वित्तीय बोझ के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार बढ़े हुए कोटा को लागू करने के लिए ₹2.5 लाख करोड़ से अधिक खर्च करेगी।
  • मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अगर केंद्र बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे तो राज्य का और अधिक विकास होगा।

सारांश:

  • एक ऐतिहासिक कदम के रूप में बिहार विधानसभा ने सर्वसम्मति से आरक्षण कोटा बढ़ाने, 50% की सीमा को तोड़ने, विभिन्न समुदायों के लिए सामाजिक-आर्थिक चिंताओं को संबोधित करने वाले विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी हैं और अब इस विधयेक के कार्यान्वयन के लिए राज्यपाल की सहमति की प्रतीक्षा की जा रही हैं।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

सरकार ने डीपफेक पर निर्देश क्यों जारी किया है?

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: हाल के घटनाक्रम और उनके अनुप्रयोग और रोजमर्रा की जिंदगी में प्रभाव और आईटी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनोटेक्नोलॉजी, जैव-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सामान्य जागरूकता।

प्रारंभिक परीक्षा: डीपफेक से सम्बन्धित जानकारी।

मुख्य परीक्षा: आईटी, AI, साइबर सुरक्षा और डीपफेक तकनीक से संबंधित नैतिक चिंताओं के क्षेत्र में जागरूकता।

प्रसंग:

  • डीपफेक, AI-जनरेटेड सिंथेटिक सामग्री ने भारत सरकार को 24 घंटे के भीतर सोशल मीडिया को हटाने का निर्देश देने के लिए प्रेरित किया हैं। यह प्रमुख अभिनेताओं वाले उभरते डीपफेक (deepfake) वीडियो पर प्रतिक्रिया देता है।

विवरण:

  • 8 नवंबर को, भारत सरकार ने आईटी नियम 2021 (IT Rules 2021) के अनुरूप, सोशल मीडिया मध्यस्थों को शिकायत के 24 घंटे के भीतर डीपफेक वीडियो हटाने के निर्देश जारी किए हैं।

डीपफेक को समझना:

  • परिभाषा:
    • वर्ष 2017 में शुरू हुए डीपफेक में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (artificial intelligence), विशेष रूप से गहन शिक्षण का उपयोग करके सिंथेटिक वीडियो, ऑडियो या छवियों का निर्माण शामिल है।
  • डीपफेक तकनीक का विकास:
    • वर्ष 2023 में, AI-जनरेटेड डीपफेक तकनीक में प्रगति अर्ध-कुशल व्यक्तियों को यथार्थवादी नकली सामग्री बनाने में सक्षम बनाती है।
    • साइबर अपराधियों और स्कैमर्स द्वारा डीपफेक उपयोग में 230% की वृद्धि देखी गई है।
  • डीपफेक के पीछे की तकनीक:
    • जेनरेटिव एडवरसैरियल नेटवर्क (Generative Adversarial Network (GAN)) डीपफेक निर्माण में नियोजित एक प्रमुख मशीन लर्निंग तकनीक है।
    • एआई-संचालित सॉफ़्टवेयर स्रोत छवियों के विशाल डेटाबेस का उपयोग करके विषयों की गतिविधियों और चेहरे के भावों को सीखता है और उनकी नकल करता है।
    • बिना पर्यवेक्षित शिक्षण से अन्य सॉफ़्टवेयर के लिए जालसाजी का पता लगाना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

भारत में कानूनी ढांचा:

  • भारत के आईटी नियम, 2021 में मध्यस्थ प्लेटफार्मों द्वारा रिपोर्ट की गई डीपफेक सामग्री को 36 घंटे के भीतर हटाने का आदेश दिया गया है।
  • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (Information Technology Act) की धारा 66डी के तहत ऑनलाइन प्रतिरूपण की अवैधता पर जोर देते हुए नोटिस जारी किए गए हैं।
  • दूसरों का प्रतिरूपण करने वाली सामग्री की मेजबानी करना निषिद्ध है, और सोशल मीडिया फर्मों को चेतावनी पर कृत्रिम रूप से विकृत छवियों को हटाने की आवश्यकता है।

डीपफेक निर्माण के पीछे प्रेरणाएँ:

  • संभावित दुर्भावनापूर्ण उपयोगों में राजनीतिक हिंसा भड़काना, चुनाव में तोड़फोड़ करना, राजनयिक संबंधों को नुकसान पहुंचाना और गलत सूचना फैलाना शामिल है।
  • डीपफेक तकनीक का उपयोग अपमान, ब्लैकमेल और झूठे सबूतों के साथ संगठनों पर हमला करने के लिए किया जा सकता है।
  • सकारात्मक अनुप्रयोगों में वॉयस-क्लोनिंग तकनीक शामिल है जो ALS वाले व्यक्तियों को उनकी आवाज़ को डिजिटल रूप से पुनः बनाने में सहायता करती है।

वैश्विक प्रतिक्रियाएँ:

  • यूरोपीय संघ सामग्री निर्माण स्रोतों और प्रक्रियाओं का विश्लेषण करने के लिए तथ्य-जांचकर्ताओं के एक स्वतंत्र नेटवर्क के लिए दिशानिर्देश जारी करता है।
  • अमेरिका ने डीपफेक तकनीक के प्रसार का मुकाबला करने के लिए द्विदलीय डीपफेक टास्क फोर्स अधिनियम पेश किया है।

सारांश:

  • भारत, डीपफेक के उदय से जूझ रहा है, AI-जनरेटेड सिंथेटिक मीडिया के संभावित जोखिमों को दूर करने के वैश्विक प्रयासों के साथ संरेखित करते हुए, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर तेजी से हटाने का आदेश देता है।

संपादकीय-द हिन्दू

संपादकीय:

भारत की आर्थिक सफलताओं को भी स्वीकार करें:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधन जुटाने, संवृद्धि, विकास और रोजगार से संबंधित मुद्दे।

मुख्य परीक्षा: पिछले कुछ दशकों में भारत की आर्थिक उपलब्धियाँ।

विवरण:

  • भारत की वित्त वर्ष 2023 में 7.2% की वार्षिक वृद्धि दर के साथ कोविड-19 के बाद की आर्थिक वृद्धि प्रभावशाली रही है,जो विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज है।
  • आईएमएफ (IMF) ने वित्त वर्ष 2024 में भारत की वार्षिक वृद्धि दर 6.3% रहने का अनुमान लगाया है, जिससे सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में इसकी स्थिति बेहतर बनी हुई है।
  • भारत वर्तमान में वैश्विक स्तर पर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और वर्ष 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान है।

कोविड-19 और विकास दरः

  • कुछ लोगों का तर्क है कि कोविड-19 के बाद की विकास दर को वित्त वर्ष 2019-20 के पूर्व-महामारी वर्ष से चक्रवृद्धि वार्षिक विकास दर द्वारा प्रतिस्थापित किया जाना चाहिए।
  • वित्त वर्ष 2023 में 7.2% की वार्षिक वृद्धि दर पूर्व-महामारी वर्ष की वार्षिक प्रगति और महामारी से हुए नुकसान की रिकवरी दोनों को दर्शाती है।

2014 से सरकार के उपाय:

  • 21वीं सदी के पहले दशक में, भारत को वैश्विक वित्तीय संकट, व्यापार में मंदी और डोमिस्टिक क्रेडिट बबल के कारण आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। (domestic credit bubble-क्रेडिट बुलबुले में उपभोक्ता या व्यावसायिक ऋण, ऋण साधन और ऋण के अन्य रूपों में अचानक वृद्धि शामिल होती है।)
  • सरकार ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2014 से उपाय लागू किए हैं, जिनमें कैलिब्रेटेड उदारीकरण, दिवाला और दिवालियापन संहिता (Insolvency and Bankruptcy Code (IBC)), विमुद्रीकरण और माल और सेवा कर (जीएसटी) शामिल हैं।
  • कॉर्पोरेट कर की दर में कमी और राजकोषीय अनुशासन पर ध्यान केंद्रित करने जैसे सुधारों ने निजी कॉर्पोरेट निवेश को प्रोत्साहित किया है।
  • वित्त वर्ष 2022 में, एक बड़ा कैपेक्स कार्यक्रम शुरू किया गया था, और केंद्र सरकार का कैपेक्स बजट वित्त वर्ष 19 में सकल घरेलू उत्पाद के 1.6% से बढ़कर वित्त वर्ष 23 में 2.7% हो गया, जिसमें वित्त वर्ष 24 में 3.3% की वृद्धि होने का अनुमान है।
  • सरकार का लक्ष्य भौतिक बुनियादी ढांचे को बढ़ाकर निजी कॉर्पोरेट निवेश को “क्राउड-इन” (crowd-in) करना है। (crowd-in-एक समूह के रूप में एक छोटी सी जगह में जाना।)

गरीबी उन्मूलन, ग्रामीण कल्याण:

  • सरकार समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जो सबका साथ-सबका विकास जैसी पहल में परिलक्षित होता है।
  • गरीबी उन्मूलन, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं।
  • नीति आयोग (NITI Aayog) की एक हालिया रिपोर्ट ने बहुआयामी गरीबी में उल्लेखनीय गिरावट का संकेत दिया है, जिसमें वित्त वर्ष 2015-16 और 2019-21 के बीच 13.5 करोड़ भारतीय गरीबी के चक्र में फसने से बच गए हैं।
  • बहुआयामी गरीबी सूचकांक के कुल अनुपात को कम करने में ग्रामीण क्षेत्रों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • वर्ष 2019-21 के लिए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey) बिजली, पीने के पानी और स्वास्थ्य बीमा तक पहुंच सहित ग्रामीण जीवन स्तर में सुधार दिखाता है।
  • कृषि के लिए सरकारी समर्थन से फलों, सब्जियों, डेयरी और पशुधन उत्पादों और मत्स्य पालन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
  • खाद्य टोकरी में फलों और सब्जियों की हिस्सेदारी वर्ष 2021 में बढ़कर 19.4% हो गई है, जो अधिक पौष्टिक भोजन टोकरी में योगदान करती है।
  • प्रगति के बावजूद, भारत अपने नागरिकों के लिए उच्च आय की स्थिति और जीवन की उच्च गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए आगे की लंबी राह को स्वीकार करता है।

सारांश:

  • कोविड के बाद भारत का आर्थिक लचीलापन वित्त वर्ष 2023 में 7.2% की वार्षिक वृद्धि के साथ चमका, जो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ है। वर्ष 2014 के बाद से सरकार द्वारा किये गए उपाय जिन्होंने इस वृद्धि में योगदान दिया वे उदारीकरण, कर सुधार और एक बड़ा कैपेक्स कार्यक्रम हैं। यह गरीबी उन्मूलन और ग्रामीण कल्याण पहल समावेशी विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। अंततः चुनौतियों को स्वीकार करते हुए, भारत की प्रगति इस दिशा में उल्लेखनीय है।

क्या भारतीयों को अधिक समय तक काम करना चाहिए?

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

विषय: विकास और रोजगार।

मुख्य परीक्षा: क्या भारतीय श्रमिकों को 70 घंटे काम करना चाहिए, 70 घंटे के कामकाजी घंटों पर बहस।

प्रसंग:

  • नारायण मूर्ति के बयान के बाद सप्ताह में 70 घंटे काम करने पर बहस।

भारत और वैश्विक परिदृश्य:

  • नारायण मूर्ति ने प्रस्ताव दिया है कि युवा भारतीयों को सप्ताह में 70 घंटे काम करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए, एवं इसे विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक आवश्यकता के रूप में पेश करना चाहिए।
  • भारत की बड़ी आबादी और जनसांख्यिकीय लाभांश (demographic dividend) के महत्वपूर्ण मोड़ के संदर्भ में, विश्व स्तर पर भारत की स्थिति की जांच करना आवश्यक है।
  • जब भारत की अन्य देशों से तुलना की जाती है तो देश के कामकाजी घंटे अलग-अलग पैटर्न को उजागर करते हैं। जैसे वर्ष 2019 में, भारतीयों ने प्रतिदिन औसतन 6-7 घंटे काम किया, जो कि उनके औद्योगिक विकास चरणों के दौरान जर्मनी और दक्षिण कोरिया जैसे देशों की तुलना में काफी कम है।
  • वैश्विक समकक्षों की तुलना में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) और उत्पादकता मेट्रिक्स विभिन्न चुनौतियों को प्रकट करते हैं। वर्ष 2019 में, प्रति कर्मचारी उत्पादन U.S. के लिए $74, जर्मनी के लिए $69 और भारत के लिए केवल $8.7 था।
  • इसमें युद्ध के बाद के जर्मनी और जापान के साथ तुलना की गई है, जिसमें स्वामित्व लेने और अवसरों को जब्त करने के महत्व पर जोर दिया गया है।
  • पिछले पांच दशकों में भारत की उत्पादकता की दर वृद्धि धीमी रही है, और काम के घंटों में बढ़ोतरी के लिए यह एक प्रमुख चिंता का विषय है।
  • विभिन्न क्षेत्रों और ऐतिहासिक संदर्भों में विविधताओं को पहचानना महत्वपूर्ण है, खासकर जब भारत के आर्थिक परिदृश्य की तुलना अन्य देशों से की जाती है।

सप्ताह में 70 घंटे काम करने का औचित्य:

  • मूर्ति की सिफारिश जटिल रूप से भारत की विकास क्षमता और मूल्य श्रृंखला में आगे बढ़ने की अनिवार्यता से जुड़ी हुई है।
  • जर्मनी और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के ऐतिहासिक उदाहरण उद्धृत किए गए हैं, जहां महत्वपूर्ण विकास चरणों के दौरान लंबे समय तक काम करने का चलन था।
  • उत्पादकता और उत्पादन के मामले में अन्य देशों के मुकाबले भारत की स्थिति लंबे समय तक काम करने के सुझाव के पीछे एक प्रेरक शक्ति है।
  • इस सुझाव का उद्देश्य पिछले पांच दशकों में भारत की तुलनात्मक रूप से सुस्त उत्पादकता वृद्धि के बारे में चिंताओं को दूर करना है, खासकर जब वैश्विक आर्थिक नेताओं के साथ तुलना की जाती है।

सप्ताह में 70 घंटे काम करने में समस्याएँ:

  • अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organization’s) के प्रतिदिन 8 घंटे और सप्ताह में 48 घंटे के मानक को एक बेंचमार्क के रूप में रखा गया है।
  • बेरोजगारी पर संभावित प्रभाव अन्य चिंता का विषय है, विशेष रूप से श्रम-अधिशेष अर्थव्यवस्था के संदर्भ में।
  • काम के घंटों में लैंगिक असमानता एक चिंता का विषय है, जिसका प्रभाव कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी पर पड़ता है। जबकि भारत की महिला श्रम शक्ति भागीदारी पहले से ही दक्षिण एशिया में सबसे कम में से एक है।
  • काम के घंटों में बढ़ोतरी से जुड़े रिटर्न में कमी की चिंता भी ऐसी ही अन्य चिंताएं हैं।
  • कार्य-जीवन संतुलन, मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक कल्याण पर प्रभाव पर विचार किया जाता है, विशेष रूप से भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भ में।

भावी कदम:

  • भारत के श्रम बाजार के संदर्भ पर विचार करने और काम के घंटों की स्थितियों में क्षेत्रीय भिन्नताओं को पहचानने का आह्वान किया जाता है।
  • कानूनी कार्य घंटों का पालन करने और पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन सुनिश्चित करने पर जोर दिया जाता है।
  • काम के घंटों में उद्योग-विशिष्ट विविधताओं की प्रासंगिकता और मूल्यांकन में आर्थिक चालकों को शामिल करने की आवश्यकता का सुझाव दिया गया है।
  • उत्पादकता वृद्धि, तकनीकी प्रगति और पूंजी निवेश का महत्व समय की मांग है, साथ ही उन देशों के साथ तुलना करना जिन्होंने इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण वृद्धि का अनुभव किया है।
  • श्रमिकों की दक्षता बढ़ाने के लिए बुनियादी ढांचे का अनुकूलन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता और प्रौद्योगिकी को शुरू करने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
  • सकारात्मक कार्य वातावरण बनाने में सहानुभूतिपूर्ण नेतृत्व की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
  • रोज़गार को औपचारिक बनाने और श्रम कानूनों को लागू करने की तात्कालिकता महत्वपूर्ण है।
  • श्रमिकों की भलाई की रक्षा करते हुए नौकरी संकट को संबोधित करने के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

सारांश:

  • नारायण मूर्ति द्वारा युवा भारतीयों को सप्ताह में 70 घंटे काम करने के आह्वान से छिड़ी बहस में, वैश्विक संदर्भ में विकसित देशों की तुलना में भारत की कम उत्पादकता का पता चलता है। हालाँकि इन चुनौतियों में संभावित बेरोजगारी, लैंगिक असमानताएं और कार्य-जीवन संतुलन के बारे में चिंताएं शामिल हैं। भावी कदम के रूप में वेल बीइंग से समझौता किए बिना प्रतिस्पर्धात्मकता हासिल करने के लिए उद्योग-विशिष्ट रणनीतियों, प्रौद्योगिकी अपनाने और सहानुभूतिपूर्ण नेतृत्व पर जोर देता है।(well-being-भलाई की सकारात्मक अवस्था में व्यक्ति या समूह के पास स्वेच्छा से कई प्रकार के विकल्पों में चुनाव कर पाने का अधिकार व क्षमता होती है।)

प्रीलिम्स तथ्य:

1. अमेरिकी रक्षा सचिव ऑस्टिन ‘2+2’ मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए भारत पहुंचे:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

विषय: अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रारंभिक परीक्षा: ‘2+2’ मंत्रिस्तरीय संवाद।

विवरण:

  • अमेरिकी रक्षा सचिव, लॉयड जे. ऑस्टिन, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ ‘2+2’ मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए भारत पहुंच गए हैं।
  • विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की सह-अध्यक्षता में मंत्रिस्तरीय 2+2 संवाद में पश्चिम एशिया में तनाव पर विशेष ध्यान देने के साथ दोनों देशों के बीच रणनीतिक, रक्षा और प्रौद्योगिकी सहयोग को संबोधित करने की उम्मीद है।

प्रमुख रक्षा सौदे:

  • भारत और अमेरिका के बीच दो महत्वपूर्ण रक्षा सौदे प्रगति पर हैं: 31 एमक्यू-9बी (MQ-9B) उच्च ऊंचाई वाले लंबे सहनशक्ति वाले ड्रोन का अधिग्रहण और भारत में जनरल इलेक्ट्रिक एफ-414 जेट इंजन का निर्माण।
  • यह जेट इंजन स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA-Mk2) को शक्ति प्रदान करेगा, जिसके सौदे अगले साल की शुरुआत में संपन्न होने की उम्मीद है।

सहयोग के क्रॉस-कटिंग पहलू:

  • ‘2+2’ संवाद रक्षा और सुरक्षा सहयोग, प्रौद्योगिकी सहयोग और लोगों से लोगों के संबंधों के विभिन्न पहलुओं में प्रगति की उच्च स्तरीय समीक्षा का अवसर प्रदान करता है।
  • यह विचार-विमर्श भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी के दूरंदेशी रोडमैप को आगे बढ़ाने में भूमिका निभाएगा, जो पहले की वार्ता में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जोसेफ बिडेन द्वारा व्यक्त किए गए दृष्टिकोण के अनुरूप होगा।

महत्वपूर्ण तथ्य:

1. नागालैंड ने शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 33% कोटा को मंजूरी दी:

  • नागालैंड विधानसभा ने शहरी स्थानीय निकायों (urban local bodies (ULB)) में महिलाओं के लिए 33% सीटें आवंटित करने वाले विधेयक को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी हैं।
  • आदिवासी निकाय, जो पहले इसके खिलाफ थे, ने अब आरक्षण को अपना लिया है, जिससे दो दशकों के अंतराल के बाद नगर निगम चुनावों का रास्ता साफ हो गया है।
  • अनसुलझे नागा शांति वार्ता और 33% महिला आरक्षण के जनजातीय विरोध के कारण 2004 से यूएलबी चुनाव विलंबित हैं।
  • नागालैंड नगरपालिका विधेयक, 2023, कुछ हितधारकों की मांगों को पूरा करते हुए, भूमि और भवनों पर करों से संबंधित प्रावधानों को हटा देता है।
  • यह विधेयक उस पिछले प्रावधान को समाप्त कर देता है जिसमें शहरी स्थानीय निकायों (Urban Local Bodies (ULBs)) में अध्यक्ष के कार्यालयों में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण आवंटित किया गया था।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन गलत है/हैं?

1. 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद में भारत के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री शामिल होते हैं।

2. इस राजनयिक शिखर सम्मेलन का उद्देश्य भारत-अमेरिका संबंधों को बेहतर बनाने के लिए साझा मुद्दों पर चर्चा करना और उन पर काम करना है।

निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: d

व्याख्या:

  • दोनों कथन सही हैं।

प्रश्न 2. अनुच्छेद 371-ए के तहत नागालैंड के लिए विशेष प्रावधानों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. नागा धार्मिक प्रथाओं पर संसदीय कानून तब तक लागू नहीं होंगे जब तक कि राज्य विधानसभा निर्णय नहीं लेती।

2. राज्यपाल पर कानून एवं व्यवस्था की विशेष जिम्मेदारी होती है।

3. राज्य के सभी जिलों में क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना की जानी चाहिए।

उपर्युक्त कथनों में से कितने सही है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीनों

(d) कोई नहीं

उत्तर: b

व्याख्या:

  • कथन 3 गलत है। अनुच्छेद 371-ए कुछ मामलों में नागा प्रथागत कानूनों को छूट प्रदान करता है और राज्यपाल को विशेष कानून और व्यवस्था की भूमिका/कार्य देता है। क्षेत्रीय परिषद केवल तुएनसांग जिले के लिए है।

प्रश्न 3. डीपफेक के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?

1. यह डीप लर्निंग नामक कृत्रिम बुद्धिमत्ता के एक रूप का उपयोग करके बनाए गए वीडियो, ऑडियो या छवियों को संदर्भित करता है।

2. इनका उपयोग केवल नकारात्मक उद्देश्यों के लिए किया जाता है और इनका कोई संभावित लाभकारी उपयोग नहीं होता है।

निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: a

व्याख्या:

  • डीपफेक के कई संभावित लाभकारी उपयोग के मामले देखे गए हैं, विशेष रूप से व्यवसायों के लिए विपणन और विज्ञापन में।

प्रश्न 4. एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank (ADB)) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. इसका उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अत्यधिक गरीबी को मिटाना है।

2. इसमें केवल एशिया-प्रशांत के सदस्य शामिल हैं।

3. एडीबी सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए ऋण, तकनीकी सहायता, अनुदान और इक्विटी निवेश प्रदान करता है।

उपर्युक्त कथनों में से कितने सही है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीनों

(d) कोई नहीं

उत्तर: b

व्याख्या:

  • कथन 2 गलत है। एडीबी में 68 सदस्य हैं, जिनमें 49 एशिया-प्रशांत से और 19 क्षेत्र के बाहर के देश हैं।

प्रश्न 5. संसद सदस्यों के लिए आचार समिति के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. यदि यह किसी दंडात्मक कार्रवाई की सिफारिश करता है, तो इसे एक प्रस्ताव के माध्यम से अनुमोदित किया जाना चाहिए।

2. इसके सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

3. कोई भी भारतीय नागरिक सीधे सांसद के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कितने सही है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीनों

(d) कोई नहीं

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 2 और 3 गलत हैं। आचार समिति के सदस्यों की नियुक्ति सदन के अध्यक्ष द्वारा की जाती है, और सांसदों के खिलाफ शिकायतें एक कानूनविद् के माध्यम से प्रस्तुत की जानी चाहिए।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. “प्रचलित सामाजिक-राजनीतिक और संवैधानिक वास्तविकताओं के संदर्भ में इंद्रा साहनी फैसले द्वारा लगाई गई सीमा को हटाने की आवश्यकता है।”तर्क दीजिए। (250 शब्द, 15 अंक) [जीएस: II- राजव्यवस्था] (“There is a need to do away with the ceiling imposed by the Indra Sawhney judgement in the context of prevailing socio-political and constitutional realities.” Argue. (250 words, 15 marks) [GS: II- Polity])

प्रश्न 2. डीपफेक और गलत सूचना केवल दो तरीके हैं जिनसे नकली समाचारों पर एआई का बड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। (250 words, 15 marks) [जीएसः III-विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी] (Deepfakes and misinformation are just two of the ways AI could have a major negative impact on fake news. (250 words, 15 marks) [GS: III- Science and Technology])

(नोट: मुख्य परीक्षा के अंग्रेजी भाषा के प्रश्नों पर क्लिक कर के आप अपने उत्तर BYJU’S की वेव साइट पर अपलोड कर सकते हैं।)