पश्चिमी घाट के जैव-विविधता हॉटस्पॉट “सिरुवानी” में अपनी पहली उपस्थिति के साथ यूफ्रेंटा सिरुवानी नाम की एक फल -मक्खी (fruit fly) हाल में सुर्ख़ियों में थी । यह एक बिल्कुल नई प्रजाति की मक्खी है जो कोयंबटूर के पास पहली बार देखने को मिली है। इससे पहले इस मक्खी को न कभी देखा गया और न ही इसका कहीं उल्लेख किया गया है। यूफ्रेंटा सिरुवानी, फल मक्खी का जैविक नाम है। इसे यह नाम, उस स्थान के लिए दिया गया था जहां इसे सबसे पहले खोजा गया था।
यूफ्रेंटा सिरुवानी, टेफ्रिटिडे परिवार की फल मक्खी की एक प्रजाति है। इस प्रजाति को भारत के तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में सिरुवानी के पास एक गैर वन क्षेत्र से खोजा गया है। यह भारत के पश्चिमी घाट में स्थित एक पारिस्थितिकी रुप से तप्त-स्थान है। यूफ्रेंटा सिरुवानी के पंख पर एक ‘वी‘ आकार की काली पट्टी और शिखर काले पैच से जुड़े प्रमुख उप-शीर्ष बैंड की उपस्थिति के कारण यह प्रजाति यूफ्रेंटा की अन्य प्रजातियों से बिल्कुल अलग है।
यूफ्रेंटा सिरुवानी, मक्खी हाल में काफी चर्चा में रही थी, इसलिए इस विषय से संबंधित प्रश्न UPSC प्रारंभिक परीक्षा के पर्यावरण और पारिस्थितिकी या करेंट अफेयर्स के सेक्शन में पूछे जाने की बहुत अधिक संभावना है।
यूफ्रेंटा सिरुवानी की खोज से जुड़े जरूरी तथ्य
अन्नामलाई विश्वविद्यालय के एक शोध छात्र, एच शंकररमन ने पहली बार इस असामान्य मक्खी (यूफ्रेंटा सिरुवानी) को जाल पर देखा, जिसे उसने सिरुवानी के पास एक गैर-वन स्थान पर पतंगों को पकड़ने के लिए स्थापित किया था। शंकर के अनुसार, इसके अग्रभाग पर एक विशिष्ट वी-आकार की काली पट्टी होती है।
यह खोज ‘जूटेक्सा जर्नल’ में डेविड केजे, आईसीएआर-राष्ट्रीय कृषि कीट संसाधन ब्यूरो (एनबीएआईआर), बेंगलुरु से सचिन के, यूके से डीएल हैनकॉक, वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून के सुधीर सिंह और अन्नामलाई विश्वविद्यालय के एच शंकररमन के हवाले से प्रकाशित हुई है।
एक प्रजाति का नाम होलोटाइप के ‘इलाके के प्रकार‘ के नाम पर रखा जा सकता है। इस मामले में इस विशेष स्थान को चुना गया था क्योंकि यह विविध जीवों और वनस्पतियों के साथ-साथ कोयंबटूर के लिए पेयजल आपूर्ति का एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र है।
किसी भी नई प्रजाति की खोज की पुष्टि होने से पहले, उस खोज की क्षेत्रीय/वैश्विक सूची के साथ जांच की जाती है, मौजूदा साहित्य को संदर्भित किया जाता है, और दुनिया भर के अधिकारियों और सरकारों के साथ संवाद किया जाता है।
बता दें कि जीनस यूफ्रांटा की 104 मान्यता प्राप्त प्रजातियां हैं जो पूरी दुनिया में पाई जाती हैं। भारत में इनमें से अब तक 14 खोजी जा चुकी हैं और उन्हें नई खोज सूची में जोड़ दिया गया है। दुनिया भर में 5,000 से अधिक विभिन्न प्रजातियों की फल मक्खियां पाई जाती हैं। वर्तमान में भारत में इनकी लगभग 290 प्रजातियां मौजूद हैं।
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यूफ्रेंटा सिरुवानी का महत्व
यूफ्रेंटा सिरुवानी, फल मक्खी की एक दुर्लभ प्रजाति है जो जैव विविधता में योगदान देती है। जब ऐसे कीट फलों को संक्रमित करते हैं तो पौधे की प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचता है। फल मक्खियां आम, तरबूज, लौकी और अमरूद को संक्रमित करती हैं, इसलिए कृषि अर्थव्यवस्था के लिए उन पर शोध अति आवश्यक है। यह फलों में अंडे देती है और लार्वा गूदे पर भोजन करते हैं। कीट प्रबंधन के मामले में भी कई परजीवी कीड़े किसानों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।
यूफ्रेंटा सिरुवानी और फल मक्खियों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न :
फल मक्खियां घर में कहां अंडे देती हैं ?
फल मक्खियां किण्वन (पकने) वाले खाद्य पदार्थों या मिट्टी जैसे अन्य कार्बनिक पदार्थों की सतह के पास एक बार में लगभग 500 अंडे दे सकती हैं।
सबसे आम कीट परजीवी कौन सा है?
परजीवी लार्वा किसी पौधे या फल-पत्तियों या इस तरह की अन्य चीजों पर विकसित होता है और अंततः उसे नष्ट कर देता है। अधिकांश परजीवी ततैया होते हैं, लेकिन कुछ मक्खियां और छोटी संख्या में भृंग, पतंगे, लेसविंग, और यहां तक कि एक कैडिसफ्लाई प्रजाति भी परजीवी के रूप में विकसित हुई है।
कृषि में एक परजीवी क्या है?
Parasitoids कीड़ों का एक विविध समूह है जो एक बगीचे, ग्रीनहाउस फिल्ड या फसल के खेत में कीटों को जैविक नियंत्रण प्रदान करता है। परजीवी एक ऐसा जीव होता है जो अपना लार्वा किसी अन्य जीव पर रखता है, जिसे मेजबान भी कहा जा सकता है।
आप अपनी IAS परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले UPSC Exam Pattern in Hindi को गहराई से समझ लें और उसके अनुसार अपनी तैयारी की योजना बनाएं।
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