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मैत्री अभ्यास

अभ्यास मैत्री, भारतीय सेना और रॉयल थाई सेना के बीच एक द्विपक्षीय मिलीट्री अभ्यास है। इसकी शुरूआत साल 2006 में हुई थी। यह एक वार्षिक कार्यक्रम है, जिसका आयोजन दोनों देशों की सेनाओं के सैनिकों के द्वारा किया जाता है। इसे भारत-थाईलैंड संयुक्त अभ्यास भी कहा जाता है। मैत्री अभ्यास का नवीनतम संस्करण सितंबर 2019 में 16 से 29 सितंबर के बीच हुआ आयोजित किया गया था। इसका उद्देश्य अपने-अपने देशों में आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों के दौरान प्राप्त हुए अनुभवों को साझा करना है।

भारत, कई देशों के साथ सैन्य प्रशिक्षण अभ्यासों का आयोजन करता है। विश्व में आतंकवाद के बदलते स्वरुप के बीच भारत और थाइलैंड का मैत्री अभ्यास कार्यक्रम दोनों देशों की सुरक्षा संबंधी चुनौतियों को देखते हुए बेहद  महत्वपूर्ण है। मैत्री अभ्यास के दौरान शहरी और जंगली परिदृश्य में आतंकवाद विरोधी कार्रवाई पर आधारित संयुक्त प्रशिक्षण का अभ्यास किया जाता है। अभ्यास मैत्री कार्यक्रम का आयोजन थाइलैंड और भारत में बारी-बारी से किया जाता है। इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से रॉयल थाइलैंड आर्मी और भारतीय सेना के बीच रक्षा सहयोग बढ़ेगा। जिससे रक्षा सहयोग के साथ-साथ दोनो देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को भी मजबूती मिलेगी।

भारत-थाई द्विपक्षीय मिलीट्री अभ्यास अन्य देशों के साथ भारत के महत्वपूर्ण संयुक्त सैन्य अभ्यासों में से एक है। इससे संबंधित प्रश्न आईएएस परीक्षा 2023 के प्रारंभिक चरण में पूछे जाने की प्रबल संभावना है। इस लेख में हम आपको यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए मैत्री एक्सरसाइज के बारे में प्रमुख प्रासंगिक तथ्यों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

भारत-थाईलैंड संबंध

भारत-थाईलैंड के बीच सदियों से गहरे ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध है। भारत-थाईलैंड सदियों से सांस्कृतिक रूप से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। थाई संस्कृति पर भारत का गहरा प्रभाव रहा है। थाई भाषा के कई शब्द भारत की शास्त्रीय भाषा संस्कृत से लिए गए हैं। मगध की भाषा पाली, थाई शब्दावली का एक और महत्वपूर्ण मूल है। थाईलैंड का प्रमुख धर्म, बौद्ध धर्म भारत से उत्पन्न हुआ है। रामायण की हिंदू कहानी भी पूरे थाईलैंड में रामाकियन के नाम से प्रसिद्ध है। 

भारत-थाईलैंड के बीच भारत की आजादी के तुरंत बाद 1947 में ही प्रगाढ़ संबंध स्थापित हो गए थे। थाईलैंड के पुजारियों और पूजा पद्धति का भारत से करीब 1500 ईसा पूर्व से सांस्कृतिक जुड़ाव है। भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह अंडमान सागर के साथ थाईलैंड के साथ लंबी समुद्री सीमा साझा करते हैं। 

साल 2001 के बाद से पिछले कुछ वर्षों में भारत और थाईलैंड के संबंधों में और प्रगाढ़ता आई। इस दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों के साथ गर्मजोशी भी बढ़ी। इसके बाद दोनों पक्षों ने कई उच्च स्त समझौतों पर हस्ताक्षर किए। भारत और थाईलैंड विभिन्न बहुपक्षीय मंचों में सहयोगी हैं, जैसे- आसियान, आसियान क्षेत्रीय मंच (एआरएफ), पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन, बिम्सटेक आदि। 

साल 2002 में थाईलैंड द्वारा शुरू किए गए एशिया सहयोग वार्ता (एसीडी) और छह देशों के समूह मेकांग-गंगा सहयोग (एमजीसी) में भी भारत सदस्य है। 

भारत में थाई दूतावास 

नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में थाईलैंड के तीन वाणिज्य दूतावास हैं। वहीं, भारत का बैंकॉक में और चियांग माई में एक-एक वाणिज्य दूतावास है।

अन्य महत्वपूर्ण संयुक्त सैन्य अभ्यास –

सूर्य किरण संयुक्त सैन्य अभ्यास (Surya Kiran Joint Military Exercise) –  सूर्य किरण, भारत और नेपाल के बीच एक द्विपक्षीय संयुक्त सैन्य अभ्यास है। भारतीय सेना और नेपाल सेना, सूर्य किरण अभ्यास में भाग लेते हैं। भारत-नेपाल संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास सूर्य किरण का 15वां संस्करण 20 सितंबर, 2021 को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में शुरू हुआ।

युद्ध अभ्यास एक्सरसाइज (Yudh Abhyas Exercise) – युद्ध अभ्यास, भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय रूप से होने वाला एक संयुक्त सैन्य अभ्यास है। यह 2002 में शुरू हुआ था और रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों की सेनाओं द्वारा किया जाता है। युद्ध अभ्यास अभ्यास का नवीनतम संस्करण (17वां संस्करण)  संयुक्त राज्य अमेरिका के अलास्का में एल्मडॉर्फ रिचर्डसन के संयुक्त बेस में हुआ था।

मित्र शक्ति अभ्यास (Mitra Shakti Exercise) – मित्र शक्ति अभ्यास, भारत और श्रीलंका की सेनाओं के बीच एक द्विपक्षीय संयुक्त सैन्य अभ्यास है। इसे भारत-श्रीलंका संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास भी कहा जाता है। मित्र शक्ति अभ्यास के नवीनतम संस्करण को मित्र शक्ति-VIII कहा जाता है और यह अक्टूबर 2021 (4 अक्टूबर – 16 अक्टूबर) को श्रीलंका में हुआ था।

संप्रीति अभ्यास (Sampriti Exercise) – संप्रीति अभ्यास, भारत और बांग्लादेश की सेनाओं के बीच एक द्विपक्षीय रक्षा सहयोग अभ्यास है। इसे भारत-बांग्लादेश रक्षा सहयोग के एक भाग के रूप में देखा जाता है। संप्रीति के नौ संस्करण हैं, नवीनतम संप्रीति-IX है जो मेघालय में 3 फरवरी से 16 फरवरी, 2020 में हुआ था।

वज्र प्रहार (Vajra Prahar) – वज्र प्रहार, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) के विशेष बलों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास है। इस अभ्यास का नवीनतम संस्करण वज्र प्रहार XI है जो मार्च 2021 में बकलोह, हिमाचल प्रदेश में हुआ था। वज्र प्रहार X, 13 अक्टूबर 2019 से 28 अक्टूबर 2019 तक सिएटल (यूएस) में हुआ था।

नोमेडिक एलिफेंट एक्सरसाइज (Nomadic Elephant Exercise) – भारत-मंगोलियाई संयुक्त सैन्य अभ्यास को ‘नोमेडिक एलिफेंट एक्सरसाइज’ कहा जाता है। यह दो देशों – भारत और मंगोलिया के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास है। इस अभ्यास में दोनों देशों की सेनाओं की टुकड़ियां भाग लेती हैं। नोमाडिक एलिफेंट का नवीनतम 14वां संस्करण 5 से 18 अक्टूबर 2019 तक हुआ था।

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यूपीएससी परीक्षा 2023 के लिए मैत्री अभ्यास से जुड़े अहम तथ्य

नीचे दी गई तालिका में यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 के लिए मैत्री अभ्यास के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया जा रहा है –

              भारत-थाई सेना मैत्री अभ्यास – यूपीएससी के लिए महत्वपूर्ण बिंदु
यह भारतीय सेना और रॉयल थाई सेना (थाईलैंड) के बीच होता है।
यह पलटन स्तर का अभ्यास है जिसमें पैदल सेना घटक शामिल है (2016 मैत्री अभ्यास)
मैत्री अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ाना है।
अभ्यास का नवीनतम संस्करण 2019 में विदेशी प्रशिक्षण नोड, उमरोई (मेघालय) में हुआ था।

  •  इस अभ्यास में दोनों देशों की तरफ से सेना के 50-50 सैनिक शामिल हुए थे।
  • मैत्री अभ्यास का उद्देश्य अतीत में आयोजित आतंकवाद विरोधी अभियानों में एक-दूसरे के अनुभवों को साझा करना था।
  •  यह एक कंपनी-स्तरीय संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम है।
यह एक सालाना अभ्याल है। इस अभ्यास के लिए बारी-बारी से दोनों देशों के स्थानों का चयन किया जाता है।
मैत्री अभ्यास का उद्देश्य आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए सेनाओं को तैयार करना है, क्योंकि दोनों देश आतंकवाद के मामले में सुरक्षा चुनौतियों का सामना करते हैं।
संयुक्त सैन्य अभ्यास में शामिल प्रशिक्षण शहरी और जंगल परिदृश्यों में निर्धारित है।
2018 में भारत-थाईलैंड संयुक्त अभ्यास ने संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के तहत ग्रामीण और शहरी परिदृश्य में संयुक्त आतंकवाद विरोधी और आतंकवाद विरोधी अभियानों में सामरिक और तकनीकी कौशल को बढ़ाने पर जोर दिया था।
मैत्री अभ्यास में इन बातों पर जोर दिया जाता है –

  • इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाना
  • प्रशिक्षण
  • योजना
  • शहरी युद्ध परिदृश्यों में आने वाले संभावित खतरों को बेअसर करने के लिए अच्छी तरह से विकसित सामरिक अभ्यासों की एक श्रृंखला को निष्पादित करना।
  •  दोनों सेनाओं के बीच मित्रता को बढ़ावा देना।
थाईलैंड के वे क्षेत्र जो आतंकवादी हमलों के लिए संवेदनशील हैं –

थाईलैंड के दक्षिणी क्षेत्र- सतुन शहर, फथलंग प्रांत, बैंकॉक, आदि।

भारत-थाईलैंड रक्षा सहयोग

यूपीएससी परीक्षा 2023 की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को भारत और थाईलैंड के रक्षा सहयोग के संदर्भ में नीचे दिए गए महत्वपूर्ण बिंदुओं का ठीक से अध्ययन करना चाहिए।

  • भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी थाईलैंड की एक्ट वेस्ट पॉलिसी का पूरक है
  •  दोनों देश निम्नलिखित अंतरराष्ट्रीय समूहों के माध्यम से एक साथ जुड़े हुए हैं –
  1. आसियान (ASEAN)
  2. पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (East Asia Summit)
  3. बिम्सटेक (BIMSTEC)
  4. मेकांग गंगा सहयोग (Mekong Ganga Cooperation)
  5. हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (Indian Ocean Rim Association)
  6. एशिया सहयोग संवाद (Asia Cooperation Dialogue) 
  • भारत और थाईलैंड ने साल 2012 में रक्षा सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे।
  • बैंकॉक में 2018 में छठी वार्षिक रक्षा वार्ता आयोजित की गई थी।
  • भारत इसमें साल 2015 से ‘ऑब्जर्वर प्लस’ श्रेणी के रूप में सबसे बड़े एशिया प्रशांत सैन्य अभ्यास एक्स-कोबरा गोल्ड में भाग ले रहा है।
  • रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों देश मैत्री अभ्यास के तहत निम्न गतिविधियां करते हैं –
  1.  दोनों देशों की सेनाओं और वायु सेना के बीच द्विपक्षीय अभ्यास।
  2. भारत और थाईलैंड दोनों की नौसेनाओं द्वारा द्वि-वार्षिक संयुक्त समुद्री गश्त।
  3. वार्षिक स्टॉफ वार्ता।
  4. विषय वस्तु विशेषज्ञ एक्सचेंज विजिट।
  5.  अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए एक-दूसरे की संस्थाओं का उपयोग करना।

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भारत- थाई मैत्री अभ्यास के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

मैत्री अभ्यास क्या है?

भारत- थाई मैत्री अभ्यास, भारतीय सेना और रॉयल थाई सेना के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास है, जिसकी शुरूआत साल 2006 में हुई थी। यह दोनों देशों की सेनाओं के सैनिकों के बीच आयोजित होने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है। इसे भारत-थाईलैंड संयुक्त अभ्यास भी कहा जाता है।

मैत्री अभ्यास का दायरा क्या है?

इस अभ्यास के दायरे में जंगलों और शहरी परिदृश्यों में उग्रवाद और आतंकवाद-रोधी अभियानों पर कंपनी स्तर का संयुक्त प्रशिक्षण शामिल है। भारतीय सेना (IA) और रॉयल थाईलैंड आर्मी (RTA) के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देगा।

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