Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests - Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests -

मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय

मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय, जिसे मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त के कार्यालय के रूप में भी जाना जाता है। यह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निकायों में से एक है और संयुक्त राष्ट्र के सचिवालय का एक विभाग है, जो दुनियाभर में मानवाधिकारों की रक्षा करने के प्रतिबद्ध है। यह निकाय अन्तरराष्ट्रीय विधि के अन्तर्गत न्याय की ग्यारंटी देता है और 1948 के मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा में निर्धारित हैं।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय से जुड़े तथ्य

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की स्थापना 20 दिसंबर 1993 को की गई थी। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मानवाधिकारों पर 1993 के विश्व सम्मेलन को ध्यान में रखते हुए की थी।   

इस कार्यालय का नेतृत्व, मानवाधिकार उच्चायुक्त द्वारा किया जाता है, जो संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में मानवाधिकार गतिविधियों का समन्वय भी करते हैं। उच्चायुक्त, स्विट्जरलैण्ड के जिनेवा में मानवाधिकार परिषद के सचिवालय के रूप में कार्य करत हैं। 

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की वर्तमान उच्चायुक्त चिली की मिशेल बाचेलेट हैं। मिशेल ने 1 सितम्बर 2018 को जॉर्डन के जीद राद अल हुसैन के बाद ये कार्यभार संभाला था। 

इस विभाग के पास साल 2018-2019 में 20.16 करोड़ डॉलर (संयुक्त राष्ट्र के नियमित बजट का 3.7 प्रतिशत) का बजट था। इसके न्यूयॉर्क और जिनेवा में स्थित कार्यालयों में करीब 1,300 कर्मचारी कार्यरत हैं।

अंतर्राष्ट्रीय संगठन और संयुक्त राष्ट्र निकाय यूपीएससी परीक्षा 2023 के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण विषय हैं, क्योंकि ये नियमित रूप से खबरों में बने रहते हैं।

इस लेख में हम आपको संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं। इससे उम्मीदवारों को आईएएस परीक्षा 2023 के साथ-साथ अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी मदद मिलेगी।

नोट – उम्मीदवार यूपीएससी 2023 परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले नवीनतम UPSC Prelims Syllabus in Hindi का ठीक से अध्ययन कर लें। इसके बाद ही अपनी आईएएस परीक्षा की तैयारी की रणनीति बनाएं।

मानवाधिकार के लिए उच्चायुक्त का कार्यालय – ओएचसीएचआर

मानवाधिकार उच्चायुक्त का कार्यालय (OHCHR) को संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) द्वारा दुनिया भर के लोगों के लिए सभी मानवाधिकारों की रक्षा को बढ़ावा देने के लिए अधिकृत किया गया है। नीचे इसके कुछ प्रमुख कार्यों के बारे में उल्लेख किया जा रहा है।

मानवाधिकार उच्चायुक्त का कार्यालय, संयुक्त राष्ट्र के 3 आपस में जुड़े स्तंभों (मानवाधिकार, शांति और सुरक्षा, विकास) की अखंडता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यह क्षेत्र में वैश्विक मानवाधिकार मानकों के कार्यान्वयन में सहायता के लिए तकनीकी विशेषज्ञता और क्षमता के विकास में सहायता प्रदान करता है।

यह मानवाधिकारों को सभी के लिए वास्तविकता बनाने में सरकारों की सक्रिय रूप से मदद करता है।

यह कार्यालय, समय-समय पर दुनिया भर में मानवाधिकारों के उल्लंघन से जुड़े मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करता है।

मानवाधिकार उच्चायुक्त का कार्यालय, संयुक्त राष्ट्र सचिवालय का एक हिस्सा है और इसे 1993 में स्थापित किया गया था।

इसका मुख्यालय जिनेवा में है और इसके कई क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं।

ओएचसीएचआर का नेतृत्व मानवाधिकार के उच्चायुक्त करते हैं।

नोट: ओएचसीएचआर, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (United Nations Human Rights Council) से अलग है, हालांकि ये दोनों संस्थाएं मानवाधिकारों के प्रचार और सुरक्षा के लिए काम करते हैं।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद 

संयुक्त राष्ट्र संघ ने साल 1946-47 में आर्थिक एवं सामाजिक परिषद की एक कार्यात्मक समिति के रूप में मानव अधिकार आयोग की स्थापना की थी। इस आयोग का काम मानव अधिकार, दुनिया भर में नागरिकों की  स्वतन्त्रता, महिलाओं की सुरक्षा और इससे जुड़े विषयों पर अपनी राय और अनुशंसा करना है। 

साल 1993 के दिसम्बर महीने में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानवाधिकार उच्चायुक्त का पद गठित किया था। इसका काम दुनियाभर में मानवाधिकार से जुड़ी गतिविधियों के प्रति उत्तरदायित्व निश्चित करना है। 

बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 मार्च, 2006 को मानवाधिकार परिषद (United Nations Human Rights Council) के गठन का प्रस्ताव पारित किया। इस परिषत ने 53 सदस्यीय मानवाधिकार आयोग का स्थान लिया था। उस वक्त मानवाधिकार परिषद में 47 सदस्य थे। इस परिषद की पहली बैठक 19 जून, 2006 को हुई थी। इससे पहले 16 जून, 2006 को मावनाघिकार आयोग को समाप्त कर दिया गया। 

आपको बता दें कि मानवाधिकार परिषद, संयुक्त राष्ट्र का एक स्थायी निकाय है और यह  प्रत्यक्ष रूप से महासभा के अधीन कार्य करती है। इस परिषद के पास किसी भी देश में होने वाले मानवाधिकारों के उल्लंघन का गहन विश्लेषण करने का अधिकार है। 

इसके कार्य 

यह परिषद, वस्तुनिष्ठता एवं सृजनात्मक अन्तरराष्ट्रीय संवाद के सिद्धान्तों के अन्तर्गत निर्देशित होती है और सार्वभौमिकरण तथा निष्पक्षता के साथ काम करती है। दुनिया में मानवाधिकार के उल्लंघन को व्यवस्थापरक ढंग से रोकने के लिए सभी देशों के समय पर अभिकरणों एवं निकायों को इसे अपनी रिपोर्ट सौंपनी होती है। 

नोट – भारत मानवाधिकार परिषद का सदस्य देश है।

नोट: यूपूीएससी 2023 परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवार खुद को नवीनतम UPSC Current Affairs in Hindi से अपडेट रखने के लिए BYJU’S के साथ जुडें, यहां हम प्रमुख जानकारियों को आसान तरीकों से समझाते हैं।

ओएचसीएचआर के कार्य

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय, दुनियाभर में मानव अधिकारों की रक्षा के लिए काम करता है, इसके मुख्य कार्य नीचे दिए जा रहे हैं –

मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकना।

मानव अधिकारों के लिए सम्मान को बढ़ावा देना।

मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करना।

संयुक्त राष्ट्र के भीतर मानवाधिकारों से संबंधित गतिविधियों का समन्वय, सुदृढ़ीकरण और सुव्यवस्थित करना।

ओएचसीएचआर के लिए फंडिंग कहां से आती है? 

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के लिए धन का लगभग 2/3 भाग दाताओं और सदस्य देशों के स्वैच्छिक योगदान से प्राप्त होता है। वहीं, शेष राशी संयुक्त राष्ट्र के आम बजट द्वारा प्रदान की जाती है।

भारत के संदर्भ में ओएचसीआर की भूमिका

मार्च 2020 में, OHCHR ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (Citizenship (Amendment) Act) को चुनौती देने वाली याचिकाओं में शामिल होने के लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक आवेदन दायर करने की मंशा जाहिर की थी।

जबकि ओएचसीएचआर ने सीएए के इरादों को प्रशंसनीय बताया था, जो कि उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए है, इसमें कहा गया था कि कानून मानवाधिकारों के सवाल भी उठाता है (विशेष रूप से, कानून के समक्ष समानता और गैर-भेदभाव के संबंध में)।

ओएचसीआर कार्यालय ने भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के बौद्धों, हिंदुओं, पारसियों, ईसाइयों, सिखों और जैनियों को नागरिकता देने की कसौटी पर सवाल उठाए थे।

कार्यालय ने कुछ प्रवासियों पर सीएए के प्रभाव के बारे में भी बात की थी।

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम पर ओएचसीएचआर के रुख पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने यह कहते हुए प्रतिक्रिया दी थी कि सीएए भारत के लिए एक आंतरिक मामला है और संसद के पास कानून बनाने का संप्रभु अधिकार है।

मंत्रालय ने यह भी कहा था कि इस मुद्दे पर किसी विदेशी निकाय को दखल देने का कोई अधिकार नहीं है।

मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार), मानव अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की एक अग्रणी इकाई है। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव 48/141 के अनुसार की गई थी। यह मानवाधिकारों की रक्षा करने, उन्हें बढ़ावा देने और इस संबंध में आवश्यक कार्यों को अंजाम देता है। यह निकाय दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के पालन को भी बढ़ावा देता है और इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, अंतरराष्ट्रीय कानूनी दायित्वों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए, अपने संवैधानिक या न्यायिक कार्यों के साथ घरेलू अदालतों का समर्थन करता है।  

मानवाधिकार परिषद चर्चा में क्यों? 

संयुक्त राज्य अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पुनः शामिल होने की घोषणा की है, उसने साल 2018 में इस परिषद को छोड़ दिया था। संयुक्त राज्य अमेरिका वर्तमान में इस परिषद में एक पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होगा।

नोट: UPSC 2023 परीक्षा नजदीक आ रही है, इसलिए आप अपनी तैयारी को बढ़ाने के लिए BYJU’S के The Hindu Newspaper के दैनिक वीडियो विश्लेषण का उपयोग करें।

मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

संयुक्त राष्ट्र OHCHR की क्या भूमिका है?

मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) का कार्यालय, सभी के लिए मानवाधिकारों का सार्वभौमिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है। साथ ही यह मानवाधिकारों के प्रभावी कार्यान्वयन में बाधाओं को दूर करने और संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में मानवाधिकारों से संबंधित गतिविधियों के समन्वय और सहयोग को बढ़ावा देने का काम करता है।

संयुक्त राष्ट्र संगठन के मानवाधिकारों के वर्तमान उच्चायुक्त कौन हैं?

1 सितंबर, 2018 को मिशेल बाचेलेट ने मानवाधिकारों संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त के रूप में अपना कार्यभार ग्रहण किया था। मानवाधिकार के लिए उच्चायुक्त का कार्यालय 1993 में स्थापित किया गया था इसके बाद से सुश्री बचेलेट सातवीं आयुक्त हैं।

संयुक्त राष्ट्र ओएचसीएचआर की संरचना क्या है?

कार्यालय का नेतृत्व मानवाधिकार के उच्चायुक्त द्वारा किया जाता है, जो पूरे संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में मानवाधिकार गतिविधियों का समन्वय करते हैं और स्विट्जरलैंड के जिनेवा में मानवाधिकार परिषद के सचिवालय के रूप में कार्य करते हैं।

आईएएस परीक्षा 2023 की तैयारी करने वाले उम्मीदवार नीचे लिंक पर जाकर पाठ्यक्रम और अन्य महत्वपूर्ण विषयों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

यूपीएससी परीक्षा 2023 से संबंधित महत्वपूर्ण तैयारी सामग्री नीचे दिए गए लिंक्स के माध्यम से मिल जाएगी।

अन्य संबंधित लिंक्स ः

International Relations Book For UPSC in Hindi IAS Interview Questions in Hindi With Answer
Israel Palestine Conflict UPSC in Hindi Henley Passport Index in Hindi
Science And Technology Book For UPSC in Hindi Shubham Kumar UPSC 2020 Biography in Hindi
UPSC History Optional Question Paper in Hindi PDF UPSC Political Science Optional Books in Hindi Medium

 

Comments

Leave a Comment

Your Mobile number and Email id will not be published.

*

*