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सहकार प्रज्ञा पहल

केद्रीय कृषि मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक सहकारी समितियों में किसानों को राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा प्रशिक्षित करने के लिए 24 नवंबर, 2020 को सहकार प्रज्ञा नामक एक पहल की शुरूआत की है। इस पहल को पूरे देश में 18 क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्रों के विस्तृत नेटवर्क द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा। इसी के साथ राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के सहकार प्रज्ञा के 45 नए क्षैत्रिय प्रशिक्षण मॉड्यूल देश के ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक सहकारी समितियों को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। ये क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र हरियाणा स्थित लक्ष्मणराव इनामदार नेशनल एकेडमी फॉर कोऑपरेटिव रिसर्च एंड डेवलपमेंट (LINAC) द्वारा चलाए जा रहे हैं जो NCDC के तहत काम करता है। LINAC ने इस पहल के तहत एक साल में करीब 5,000 किसानों को सहकारी समितियों में प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है।

भारत में 2.53 लाख से अधिक ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें 80 प्रतिशत से अधिक छोटे किसान हैं। सरकार, सहकार प्रज्ञा पहल के तहत ग्रामीण इलाकों मे कोल्ड स्टोरेज आदि सुविधाओं के विकास पर ध्यान दे रही है ताकि छोटे किसानों को अपनी फसलों को कम कीमत पर न बेचना पड़े। इसके अलावा सहकार प्रज्ञा पहल के तहत सहकार कॉपवॉच चैनल पर 18 राज्यों की विभिन्न भाषाओं में एनसीडीसी के मार्गदर्शन वीडियो 10,000 एफपीओ (FPO) को बढ़ावा देने के लिए उपलब्ध है। इन वीडियों को स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है।

भारत में सहकारी समितियों का विशाल नेटवर्क 

भारत में गरीब किसानों व ग्रामीण लोगों को का जीवन स्तर सुधारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहकारी समितियों ने बेहद महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हमारे देश में करीब 6 लाख से अधिक सहकारी समितियों (Co-operative Societies) एक का विशाल नेटवर्क है जो देश के कौने-कौने में फैला हुआ है। इन सहकारी समितियों के सदस्यों की संख्या करोड़ो में है। 

आंकडों के मुताबिक भारत के करीब 94 फिसदी किसान कम से कम एक सहकारी समिति के सदस्य हैं। इसलिए आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में ये सहकारी समितियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। भारत में ये सहकारी समितियां कृषि और इससे जुड़े क्षैत्रो में जोखिम को कम करने और किसानों को बेईमान व्यापारियों के शोषण के खिलाफ एक कवच प्रदान करने का काम कर सकती है।

नोट – सहकार प्रज्ञा पहल आईएएस परीक्षा-2023 की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए बेहद महत्वपूर्ण विषय है। इससे जुड़े प्रश्न सरकारी नीतियों और पाठ्यक्रम के कृषि भाग के तहत जीएस पेपर-3 में पूछे जा सकते हैं।

सहकार कॉपवॉच चैनल क्या है ?

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के सहकार कॉपवॉच यूट्यूब चैनल को लॉन्च किया था। केंद्र सरकार ने किसानों और युवाओं को सहकारिता का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 04 अगस्त 2020 को यूट्यूब चैनल, ‘सहकार कोपट्यूब एनसीडीसी इंडियाकी शुरुआत की थी। 

कॉपवॉच चैनल महत्व 

सहकार कॉपवॉच चैनल पर पोस्ट किए जा रहे वीडियो किसानों को कृषि और उससे जड़े क्षैत्रों की जानकारी देने के साथ-साथ सरकार की सहकारिता की बड़ी पहल को मजबूत करने का काम करेंगे।

यह चैनल इससे जुड़े 10,000 फार्मर प्रोडक्शन ऑर्गेनाइजेशन (FPO) को बढ़ावा देने में मदद करेगा। 

नोट – इन 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (FPO) को फरवरी 2020 में पीएम मोदी ने लॉन्च किया था।

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सहकार प्रज्ञा पहल क्या है?

सहकार प्रज्ञाभारत की ग्रामीण आबादी को ज्ञान और कौशल प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई एक पहल है। इसके द्वारा हमारे देश के सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

इस पहल के बारे में कुछ जरूरी तथ्य नीचे दिए गए हैं –

एनसीडीसी के सहकार प्रज्ञा के 45 नए प्रशिक्षण मॉड्यूल ग्रामीण भारत में सहकारी समितियों को प्रशिक्षण देंगे।

प्राथमिक सहकारी समितियों द्वारा किसानों को कृषि गतिविधियों में जोखिम को कम करने के प्रयासो के बारे में  प्रशिक्षित किया जाएगा।

यह किसानों और बेईमान व्यापारियों के बीच एक ढाल के रूप में कार्य करने के लिए सहकारी क्षेत्र को बढ़ावा देगा।

देश भर में 18 क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्रों के नेटवर्क के माध्यम से एनसीडीसी की प्रशिक्षण क्षमता में वृद्धि की जाएगी।

सहकार प्रज्ञा पहल का उद्देश्य

सहकार प्रज्ञा पहल के तहत प्रशिक्षण मॉड्यूल का उद्देश्य ज्ञान के साथ-साथ संगठनात्मक कौशल विकसित करना भी है। इन प्रशिक्षण मॉड्यूल के द्वारा सरकार की आत्मानिर्भर भारत पहल में एक प्रमुख भूमिका निभाने में सक्षम बनाने के लिए पूरे देश में प्राथमिक सहकारी समितियों को तैयार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

यह कार्यक्रम प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मानिर्भर भारत अभियान का हिस्सा है। इसका उद्देश्य देश के गरीब किसानों को प्रशिक्षित करना और कृषि और सहकारित से संबंधित उनके ज्ञान को बढ़ाना और उन्हें जागरूक और स्वतंत्र बनाना है।

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एनसीडीसी द्वारा शुरू की गई अन्य सहकारी पहलें

सहकार प्रज्ञा एकमात्र पहल नहीं है जिसे राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा शुरू किया गया है। इसके अलावा कुछ अन्य कार्यक्रम और पहल भी शुरू की गई हैं। जिनके बारे में नीचे संक्षेप में जानकारी दी जा रही है –

सहकार-22 योजना

एनसीडीसी ने साल 2022 तक देश के किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से सहकार-22 पहल की शुरूआत की है। इस पहल के तहत सहकारी समितियों द्वारा किसानों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस पहल का एक अन्य उद्देश्य देशभर के लक्षित 222 जिलों और अन्य आकांक्षी जिलों में सहकारी समितियों का विकास करना है। 

सहकार मित्र  योजना

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के साथ मिलकर सहकार मित्र: इंटर्नशिप कार्यक्रम योजनाका शुभारंभ किया है। यह एक समर इंटर्नशिप प्रोग्राम (एसआईपी) है। इसकी शुरूआत पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारतके आह्वान के तहत स्‍वदेशी उत्‍पादों के प्रचार से संबंधी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए की गई है।  

इस योजना के लाभ

सहकार मित्र योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन कराने वाले युवाओं को चार महीने तक इंटर्नशिप करनी होगी। इसके लिए युवाओं को हर महीने वित्तीय सहायता दी जाएगी। एनसीडीसी ने सहकार मित्र पेड इंटर्नशिप योजना के लिए एक फंड भी बनाया है। इंटर्नशिप पूरी करने के बाद युवा खुद का व्यवसाय भी शुरू कर सकेंगे। इससे स्व रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा कृषि, व्यापार, सहकारिता, वित्त, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, वाणिज्य, ग्राम विकास, परियोजना प्रबंधन से एमबीए कर रहे या कर चुके युवा भी इसके लिए योग्य होंगे।

सहकार मित्र योजना की विशेषताएं

  • इस योजना का लाभ केवल भारत के नागरिकों को ही मिल सकता है।
  • इसके लिए रजिस्ट्रे्शन कराना जरूरी है, रजिस्ट्रे्शन निःशुल्क है।
  • सहकार मित्र योजना इंटर्नशिप चार महीने के लिए होगी।
  • इसके बाद आवेदक को प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
  • इसके लिए कृषि एवं संबंधित क्षेत्र के अलावा आईटी ग्रेजुएट भी योग्य होंगे।
  • इसके लिए एमबीए इन एग्रीबिजनेस, को-आपरेटिव मैनेजमेंट, इंटरनेशनल ट्रेड, फॉरेस्ट्री, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट जैसे कोर्स कर चुके युवा भी योग्य होंगे।
  • इंटर्नशिप के साथ युवाओं को पैसे भी दिए जाएंगे।

युवा सहकार योजना

युवा सहकार योजना की घोषणा, नेशनल कॉर्पोरेट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा साल 2018 में की गई थी। इस योजान के तहत युवा किसानों को खुद का व्यसाय शुरू करने के लिए सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाएगी। इस योजना के लिए सरकार ने 1000 करोड़ का बजट आवंटित किया है। युवा सरकार योजना का उद्देश्य सहकारी क्षेत्र के विकास के लिए महत्वाकांक्षी युवाओं और उनकी युवा-अनुकूल योजनाओं को आकर्षित करना है।

इस योजना की विशेषताएं

  • इस योजना से अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति एवं महिलाओं को फायदा दिया जाएगा।
  • पूर्व उत्तरी क्षेत्र में कार्य करने वाली सहकारी समितियों को इस योजना के अंतर्गत विशेष लाभ मिलेगा।
  • युवा सरकार योजना के अंतर्गत उद्यम शुरू करने के लिए युवाओं को 80% तक की मदद सरकार करेगी।
  • इस योजना के तहत लोन में लगने वाला ब्याज सामान्य ब्याज से 2% कम होगा।
  • सहकारी समितियों को 70% तक की मदद सरकार करेगी।
  • इस योजना के अंतर्गत एक से तीन करोड़ की राशि मिल सकेगी। ती है।
  • इस योजना के तहत 5 वर्षो के लिए लोन दिया जाएगा।

आयुष्मान सहकार योजना

आयुष्मान सहकार योजना की शुरुआत 19 अक्टूबर 2020 को एनसीडीसी द्वारा की गई थी। भारत सरकार की एक बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है। इसके माध्यम से सरकार, ग्रामीण भारत में अच्छी और सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को खत्म करना है। ग्रामीण लोगों तक स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं का लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने आयुष्मान सहकार योजान के लिए 10 अरब रुपए का बजट आवंटित किया है। इस योजना के तहत अस्पताल की स्थापना, विकास, विस्तार, नवीनीकरण और स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा।

आयुष्मान सरकार योजना की विशेषताएं

  • आयुष्मान सहकार योजना के तहत मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
  • डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जाएगा, ताकि ग्रामीणों में होने वाली मृत्यु दर को कम किया जा सके।
  • एनसीडीसी, सहकारी समूह या समितियों को 9.6 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराएगी।
  • इसके तहत ग्रामीण क्षैत्रों में मेडिकल कॉलेज, मेडिकल सेंटर, लैब, डाग्यनोस्टिक सेंटर खोले जाएंगे।  
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) क्या है? 

राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (National Cooperative Development Corporation) की स्थापना साल 1963 में की गई थी। एनसीडीसी की स्थापना, कृषि एवं कि‍सान कल्‍याण मंत्रालय के अंतर्गत, संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। 

एनसीडीसी संगठन एवं प्रबंधन 

एनसीडीसी के प्रधान कार्यालय के अलावा 18 क्षेत्रीय/राज्य निदेशालय हैं। इसका प्रबंध निदेशक मुख्य कार्यपालक हैं। इसके विभिन्न प्रभाग, कार्यक्रमों के कार्यों की देखरेख करते हैं। सहकारिता से संबंधित परियोजनाओं की पहचान और योजना तैयार करने और उनके कार्यान्वयन की निगरानी में इसके क्षेत्रीय कार्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

निगम की नीतियों तथा कार्यक्रमों का निर्माण निगम प्रबंधन की 51 सदस्यीय सामान्य परिषद् करती है। वहीं, दिन-प्रतिदिन के कार्यकलापों को निष्पादित करने की जिम्मेदारी 12 सदस्यीय प्रबंध मंडल की होती है। 

एनसीडीसी का उद्देश्य 

एनसीडीसी मुख्यरूप से कृषि उत्पादन, खाद्य पदार्थों, औद्योगिक वस्तुओं, पशुधन और सहकारी सिद्धांतों पर उत्पादित कुछ अन्य अधिसूचित वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन, भंडारण, निर्यात और आयात से संबंधित योजना बनाने और कार्यान्वन का काम करती है। 

एनसीडीसी का प्रयास समाज के गैर-फार्म-क्षेत्र में कमजोर वर्गो/ग्रामीण निर्धनों पर विशेष ध्यान देना है। इसके अलावा मत्स्य-पालन, हथकरघा, कुक्कुट-पालन, कोश-कीटपालन करने वालों के साथ-साथ अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लोगों की आय सृजित करने वाले कार्यकलापों के संवर्द्धन की सुविधाओं के साथ सहकारिताओं को तैयार करना है। 

इसके अलावा एनसीडीसी कृषि और कृषि उत्पाद या उद्योग से संबंधित मामलों या आकस्मिक मामलों के लिए कार्यक्रमों की योजना बनाने और उनके संवर्द्धन का काम करती है।

 

लक्ष्मणराव इनामदार राष्ट्रीय सहकारी अनुसंधान और विकास अकादमी (LINAC) क्या है?

लक्ष्मणराव इनामदार राष्ट्रीय सहकारी अनुसंधान और विकास अकादमी (LINAC) एनसीडीसी का अपना प्रशिक्षण संस्थान है। जिसे 1985 में स्थापित किया गया था।

LINAC ने अपनी स्थापना के बाद से सहकारी समितियों के 30,000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया है। इसका मुख्य उद्देश्य सहकारी क्षेत्र में उद्यमिता और व्यवसाय का विकास करना है।

यह अकादमी सहकारी समितियों में संस्थागत क्षमताओं और मानव संसाधनों को मजबूत करने के लिए एक मजबूत ग्राहक-उन्मुख और अंतर-अनुशासनात्मक परिप्रेक्ष्य के साथ अपने कार्यक्रमों को विकसित करने का प्रयास करती है।

इसके 45 समर्पित प्रशिक्षण मॉड्यूल सहकारी समितियों को बाजार अर्थव्यवस्था की पूर्ण व्यावसायिक शर्तों के आधार पर चलाने के लिए तैयार करेंगे।

भारत के आर्थिक विकास का प्रमुख स्रोत ग्रामीण आबादी और कृषि गतिविधियां हैं, इसलिए सरकार ने देश के सहकारी क्षेत्र के माध्यम से ग्रामीण आबादी को प्रशिक्षित करने के लिए सहकार प्रज्ञा पहल की शुरूआत की है।

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