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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 28 November, 2022 UPSC CNA in Hindi

28 नवंबर 2022 : समाचार विश्लेषण

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

शासन:

  1. समलैंगिक विवाह (Same-sex marriage):

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

समाज:

  1. अब जनसंख्या ह्रास पर चर्चा करने का समय आ गया है:

भारतीय राजव्यवस्था:

  1. अस्पष्टीकृत स्थानांतरण:

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. ब्लूबगिंग (Bluebugging):
  2. गणतंत्र दिवस समारोह:

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. “ऑस्‍ट्रा हिन्‍द–22”:
  2. खलंगा मेला (Khalanga Mela):
  3. सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण हेतु यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कार:

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

समलैंगिक विवाह (Same-sex marriage):

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

शासन:

विषय: सरकार की नीतियां एवं विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

मुख्य परीक्षा: LGBT समुदाय के अधिकारों की रक्षा हेतु न्यायपालिका द्वारा निभाई गई भूमिका।

संदर्भ:

  • समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की दलील पर सर्वोच्च न्यायालय का केंद्र को नोटिस।

विवरण:

  • हाल ही में, भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की एक पीठ ने विशेष विवाह अधिनियम (Special Marriage Act (SMA) 1954),1954 के तहत समलैंगिक विवाह की अनुमति देने के लिए दायर दो याचिकाओं पर केंद्र और भारत के महान्यायवादी को नोटिस जारी किया है।
  • समलैंगिक विवाह को मान्यता न देना भेदभाव के समान था जो LGBTQ+ जोड़ों की गरिमा और आत्म-पूर्ति की जड़ पर चोट करता है।
  • NALSA बनाम भारत संघ के फैसले (2014) में अदालत ने कहा था कि गैर-बाइनरी (non-binary) व्यक्तियों को संविधान के तहत संरक्षण प्रदान किया गया है तथा समानता, गैर-भेदभाव, जीवन, स्वतंत्रता आदि जैसे मौलिक अधिकारों को उन लोगों तक सीमित नहीं किया जा सकता है जो जैविक रूप से नर या मादा हैं।

याचिकाकर्ताओं के तर्क:

  • SMA उन जोड़ों के लिए विवाह का एक सिविल रूप का प्रावधान करता है, जो अपने पर्सनल लॉ (निजी कानून) के तहत शादी नहीं कर सकते हैं।
  • यह अधिनियम संविधान से उस सीमा तक अधिकारातीत (कानूनी शक्ति या अधिकार से परे) है जिस हद तक यह समलैंगिक जोड़ों और विपरीत लिंगी जोड़ों के बीच भेदभाव करता है, और समलैंगिक जोड़ों को कानूनी अधिकारों के साथ-साथ विवाह से मिलने वाली सामाजिक मान्यता और प्रतिष्ठा दोनों से वंचित करता है।
  • याचिकाकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि SMA “लिंग पहचान और यौन उन्मुखता की परवाह किए बिना किन्ही भी दो व्यक्तियों के बीच किये जाने वाले विवाह पर लागू होना चाहिए”। वे इस अधिनियम के संबंध न कि व्यक्तिगत कानूनों के संबंध में समलैंगिक विवाह को मान्यता दिलाना चाहते हैं।
    • इस अधिनियम को समलैंगिक जोड़े को भी वही सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए जो आपस में शादी करने की इच्छा रखने वाले अंतर-जातीय और अंतर-धार्मिक जोड़ों को प्रदान की जाती है।
  • वर्तमान में दिल्ली और केरल उच्च न्यायालय के समक्ष नौ याचिकाएँ लंबित हैं, जिनमें SMA, विदेशी विवाह अधिनियम और संहिताबद्ध व्यक्तिगत कानूनों जैसे अधिनियमों के तहत समलैंगिक विवाहों को मान्यता देने की मांग की जा रही है।
  • हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालयों के समक्ष विभिन्न लंबित मुद्दों को अपने पास स्थानांतरित कर लिया है।

इस मुद्दे पर सरकार का रुख:

  • वर्ष 2021 में दिल्ली उच्च न्यायालय में समान-लिंग विवाहों को मान्यता देने की याचिकाओं का जवाब देते हुए, केंद्र के सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि कानून के अनुसार, “जैविक पुरुष” और “जैविक महिला” के बीच विवाह की अनुमति है।
  • केंद्र ने कहा था कि “एक ही लिंग के दो व्यक्तियों के बीच विवाह की संस्था की स्वीकृति को किसी भी असंहिताबद्ध व्यक्तिगत कानूनों या किसी भी संहिताबद्ध वैधानिक कानूनों में न तो मान्यता प्राप्त है और न ही स्वीकार किया जाता है”।

समलैंगिक विवाह पर सर्वोच्च न्यायालय के विचार:

  • सर्वोच्च न्यायालय ने 2018 के शफीन जहाँ बनाम अशोकन के.एम. और अन्य के मामले में कहा था कि अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 का अभिन्न अंग है।
  • सर्वोच्च न्यायालय ने 2018 के नवतेज सिंह जौहर और अन्य बनाम भारत संघ मामले में कहा कि LGBTQ समुदाय के सदस्य “अन्य सभी नागरिकों की तरह, संविधान द्वारा संरक्षित स्वतंत्रता सहित संवैधानिक अधिकारों की पूरी श्रृंखला के हकदार हैं” एवं समान नागरिकता और “कानून की समान सुरक्षा” के हकदार है”।
  • सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2018 में समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था, और LGBTQ+ समुदाय से उनके “क्रूर” दमन के लिए इतिहास को माफ़ करने का आग्रह किया था।
    • पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से माना था कि भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत समान लिंग के वयस्कों के बीच निजी सहमति से यौन आचरण का अपराधीकरण स्पष्ट रूप से असंवैधानिक था।
      • धारा 377 ने समलैंगिकता के लिए 10 साल की कैद की सजा निर्धारित की थी।

वैश्विक परिदृश्य:

  • वर्ष 2001 में नीदरलैंड अपने नागरिक विवाह कानून में एक पंक्ति में संशोधन करके समलैंगिक विवाह को वैध बनाने वाला पहला देश बना था।
  • विश्व स्तर पर 32 देशों ने समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता दी है, जिनमें से कुछ ने कानून के माध्यम से जबकि अन्य ने न्यायिक घोषणाओं के माध्यम से ऐसी अनुमति दी है।
  • कई देशों ने समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के लिए एक अग्रगामी कदम के रूप में पहली बार समलैंगिक नागरिक संघों को मान्यता प्रदान की।
    • नागरिक संघ (सिविल यूनियन) विवाह के समान व्यवस्था है, जो समान या विपरीत लिंग के अविवाहित जोड़ों को कानूनी मान्यता प्रदान करते हैं ताकि उन्हें विवाह के साथ आने वाले कुछ अधिकार प्रदान किए जा सकें – जैसे विरासत, चिकित्सा लाभ, पति-पत्नी को कर्मचारी लाभ, संयुक्त करों और वित्त का प्रबंधन, और कुछ मामलों में दत्तक ग्रहण भी।
  • कुछ देशों में समलैंगिक विवाह की मान्यता द्वारा समलैंगिकता के गैर-अपराधीकरण का वर्षों तक पालन नहीं किया गया था, उदाहरण के लिए, अमेरिका में समलैंगिक विवाह को मान्यता 2003 में मिली जबकि समलैंगिकता का गैर-अपराधीकरण 2015 में हुआ।
  • समलैंगिकता को 70 से अधिक देशों में एक जघन्य अपराध माना जाता है, इसके लिए अफगानिस्तान, ईरान, पाकिस्तान, सऊदी अरब, सूडान, संयुक्त अरब और यमन सहित विभिन्न देशों में मृत्युदंड का प्रावधान है जबकि कुछ में इसके लिए आजीवन कारावास का प्रावधान है।

सारांश:

  • समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की कई याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र को नोटिस जारी किया है। समलैंगिक विवाह की मान्यता को समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर करने वाले 2018 के नवतेज सिंह जौहर मामले और निजता के अधिकार की मौलिक अधिकार के रूप में पुष्टि करने वाले 2017 के न्यायमूर्ति के.एस. पुट्टास्वामी मामले ( Justice K.S.Puttaswamy case of 2017) की निरंतरता के रूप में देखा जा सकता है।

संपादकीय-द हिन्दू

संपादकीय:

अब जनसंख्या ह्रास पर चर्चा करने का समय आ गया है:

समाज:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

विषय: जनसंख्या एवं उससे संबंधित मुद्दे।

मुख्य परीक्षा: जनसंख्या ह्रास और संबंधित चुनौतियां।

संदर्भ:

  • दुनिया की आबादी आठ अरब तक पहुंच गई और भारत के कुछ हिस्सों में आबादी कम होने का खतरा।

विवरण:

  • भारत 2023 तक दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन को पीछे छोड़ने के लिए तैयार है।
  • चीन की आबादी घटने लगी है, जबकि भारत की आबादी अगले चालीस वर्षों में और बढ़ने की उम्मीद है।
  • हालांकि, भारत के कुछ हिस्सों में आबादी कम होने का खतरा मंडरा रहा है और इससे निपटने के लिए आवश्यक तैयारियों का पूरी तरह से अभाव है।

भारत की जनसांख्यिकी के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहां पढ़ें: Demographics of India UPSC Exam Preparation

पृष्ठभूमि का विवरण:

  • वर्ष 2086 तक दुनिया की आबादी बढ़ने की उम्मीद है।
  • संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार वर्ष 2063 में भारत की जनसंख्या घटने लगेगी। उस समय तक जनसंख्या 1.7 अरब के आसपास पहुंच चुकी होगी। इसने परिवार के आकार के प्रतिबंधों के लिए आह्वान किया है।
  • दूसरी ओर, जो देश प्रजनन दर में गिरावट का अनुभव कर रहे हैं और जापान एवं दक्षिण कोरिया की तरह जनसंख्या में गिरावट के विभक्ति बिंदु पर पहुंच रहे हैं, वे इस प्रवृत्ति को उलटने पर विचार कर रहे हैं।
  • जनसंख्‍या ह्रास पर चर्चा करते समय आमतौर पर छोड़ दिए जाने वाले कुछ प्रमुख पहलू निम्‍नलिखित हैं:
    • घरेलू कामकाज का समान बंटवारा।
    • रियायती शिशु देखभाल पहुंच जो महिलाओं को परिवार के देखभाल करने और करियर बनाने दोनों की अनुमति देती है।
    • उन देशों से काम करने की उम्र के लोगों के लिए आव्रजन बाधाओं को कम किया गया है जहां जनसंख्या में गिरावट शुरू नहीं हुई है।

कुल प्रजनन दर के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़ें: Total Fertility Rate [UPSC Notes]

भारत में प्रजनन क्षमता:

  • बढ़ती आय के स्तर और शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक महिलाओं की बढ़ती पहुंच के कारण, भारत में प्रजनन दर अपेक्षित रेखा से नीचे की ओर गिर रही है।
  • भारत की कुल प्रजनन दर प्रजनन क्षमता की प्रतिस्थापन दर से नीचे पहुंच गई है। इसके अलावा, कुछ हिस्से लंबे समय से प्रतिस्थापन दर से नीचे हैं और वास्तविक गिरावट के मुहाने पर हैं। उदाहरण के लिए, केरल और तमिलनाडु क्रमशः 1998 और 2000 में प्रजनन क्षमता की प्रतिस्थापन दर पर पहुंच गए थे।
  • इसके अलावा, अपेक्षाकृत उच्च प्रजनन क्षमता वाले राज्यों में भी, कई शहर लगभग एक दशक से प्रतिस्थापन दर पर या उससे नीचे हैं।
  • राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के अनुसार, वर्ष 2019-21 में भारत की शहरी प्रजनन दर 1.6 थी। यह भारत को यूनाइटेड किंगडम (UK) के साथ खड़ा करता है।
  • यह उम्मीद की जा रही है कि तमिलनाडु और केरल अगले चार वर्षों में कामकाजी उम्र की आबादी में अपनी पहली पूर्ण गिरावट देखेंगे।
  • यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि तमिल के लोगों की औसत आयु 2011 में बिहार के लोगो की औसत आयु से 10 वर्ष अधिक थी एवं वर्ष 2036 में उनका अंतर 12 साल से अधिक हो जाएगा, जहां औसत तमिलियन की आयु 40 वर्ष से ऊपर होगी।
  • इसका तात्पर्य यह है कि भविष्य की कामकाजी उम्र की आबादी का वक्र उत्तर की ओर झुका होगा।
  • वर्ष 2011 के आंकड़ों के अनुसार, दोनों राज्यों (केरल और तमिलनाडु) में शुद्ध प्रवासन दर नकारात्मक थी। इसका मतलब यह है कि इन राज्यों में आने वाले प्रवासियों की तुलना में अधिक प्रवासी बाहर गए।

संबद्ध चुनौतियाँ:

  • विषम लिंग अनुपात: NFHS के नवीनतम दौर के सर्वेक्षणों के अनुसार, कम से कम एक बेटे वाले परिवारों में केवल एक बेटी वाले परिवारों की तुलना में अधिक बच्चे चाहने की संभावना कम होती है।
  • शिक्षा: बुनियादी साक्षरता और उच्च शिक्षा (तकनीकी शिक्षा सहित) में उत्तरी और दक्षिणी भारत के बीच काफी अंतर है। इसका तात्पर्य यह है कि दक्षिणी राज्यों के श्रमिकों को प्रतिस्थापित नहीं जा सकता है।
  • तीव्र मुस्लिम विरोधी स्वर: भले ही हिंदुओं और मुसलमानों के बीच प्रजनन दर अभिसरित हो रही है, आबादी के संवाद में एक तीव्र मुस्लिम विरोधी स्वर है।

संबंधित लिंक:

Population and Associated Issues – Trends & Projections

सारांश:

  • हालांकि भारत दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बनने के लिए तैयार है, लेकिन कुछ हिस्सों में, विशेष रूप से दक्षिणी राज्यों में आबादी कम होने का खतरा है। जनसांख्यिकीविदों और नीति विशेषज्ञों द्वारा घटते कार्यबल और बढ़ती आयु वाली आबादी के बारे में गंभीर विचार-विमर्श किया जाना समय की मांग है।

अस्पष्टीकृत स्थानांतरण:

भारतीय राजव्यवस्था:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

विषय: भारतीय न्यायपालिका।

मुख्य परीक्षा: उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का स्थानांतरण।

प्रारंभिक परीक्षा: कॉलेजियम प्रणाली।

संदर्भ:

  • उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के हालिया स्थानांतरण।

पृष्ठभूमि का विवरण:

  • उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों (तेलंगाना से 3 तथा मद्रास और आंध्र प्रदेश प्रत्येक से 2) के हालिया स्थानांतरणों ने एक बार फिर कॉलेजियम प्रणाली की अपारदर्शीता के विवादास्पद मुद्दे को सामने ला दिया है।
  • गुजरात उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के तबादले पर दो गुटों के अलग-अलग विचार रखने के कारण विवाद और बढ़ गया। धारणा यह है कि कॉलेजियम वकीलों के एक समूह द्वारा की गई मांग पर ध्यान देता है, लेकिन दूसरे समूह की उपेक्षा करता है।
  • देश भर में प्रतिभाओं के आदान-प्रदान और न्यायपालिका में स्थानीय गुटों की रोकथाम के लिए न्यायाधीशों के स्थानांतरण की आवश्यकता है। लेकिन तबादलों को हमेशा न्यायिक स्वतंत्रता के लिए एक संभावित खतरे के रूप में देखा गया है।
  • मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर के मुताबिक स्थानांतरण के लिए न्यायाधीश की सहमति की जरूरत नहीं है।
  • वर्तमान मानदंडों के अनुसार, सभी स्थानान्तरण जनहित में अर्थात पूरे देश में न्याय के बेहतर प्रशासन के लिए होने चाहिए। मानदंडों में यह भी कहा गया है कि न्यायाधीश के व्यक्तिगत कारकों जैसे स्थानों की उनकी वरीयता पर भी विचार किया जाना चाहिए।
  • मुख्य न्यायाधीश बनाए बिना एक अवर न्यायाधीश को स्थानांतरित करने का कारण शायद ही कभी समझाया गया हो। यह अनुमान लगाता जाता है कि स्थानांतरण के कारण या तो न्यायाधीश के खिलाफ आरोप हो सकते हैं या उनके न्यायिक आदेश के कारण सरकार को होने वाली असहजता।
  • यह सर्वविदित है कि तबादलों को दंडात्मक उपाय के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

उच्च न्यायालयों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहां पढ़ें: High Court Of India – History, Jurisdiction, Constitution & Salary (UPSC Indian Polity Notes)

संबंधित लिंक:

Supreme Court Judge – Appointment and Removal – UPSC Indian Polity

सारांश:

  • न्यायाधीशों के स्थानांतरण ने कॉलेजियम प्रणाली के कामकाज से जुड़ी चिंताओं को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। न्यायपालिका के विश्वास और स्वतंत्रता दोनों को बनाए रखने के लिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के स्थानांतरण के प्रावधानों की पूरी समीक्षा समय की मांग है।

प्रीलिम्स तथ्य:

1.ब्लूबगिंग (Bluebugging):

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: साइबर हमले एवं उनके दुषप्रभाव।

प्रारंभिक परीक्षा: साइबर हमले।

ब्लूबगिंग क्या है?

  • यह हैकिंग का एक रूप है जो हैकिंग करने वालों (हमलावरों) की खोज योग्य ब्लूटूथ कनेक्शन के माध्यम से डिवाइस (उपकरणों) तक पहुंच सुनिश्चित करता है।
  • ब्लूबगिंग ब्लूटूथ हमले (एक प्रकार का साइबर हमला) का एक रूप है जो अक्सर जागरूकता की कमी के कारण होता है।
  • एक बार किसी डिवाइस या फोन के ब्लूबग हो जाने के बाद, हैकर संबंधित उपकरण पर आने-जाने वाले कॉल सुन सकता है, उसके संदेश पढ़ और भेज सकता है और उसमें निहित कांटेक्ट (संपर्क) नंबरों को चुरा सकता है और उन्हें संशोधित भी कर सकता है।
  • ब्लूबगिंग हमले में हैक किये गए फोन के ब्लूटूथ-सक्षम उपकरणों का उपयोग करके हैकरों द्वारा उद्देश्य की पूर्ति की जाती हैं।
    • एक बार कनेक्शन स्थापित हो जाने के बाद प्रमाणीकरण को बायपास करने के लिए हैकर्स ब्रूट फ़ोर्स अटैक का उपयोग कर सकते हैं।
  • वे हैक किये गए उपकरण तक अनधिकृत पहुंच प्राप्त करने के लिए उस डिवाइस में मैलवेयर भी इंस्टॉल कर सकते हैं।
  • यदि एक बार आपका उपकरण हैक कर लिया जाता है तो, हमलावर उससे कॉल कर और सुन सकता है, संदेश पढ़ और भेज सकता है, और आपके संपर्क नंबरों को संशोधित या चुरा सकता है।
  • वायरलेस ईयरबड्स सहित कोई भी ब्लूटूथ-सक्षम डिवाइस हैकिंग के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं।
  • यह ब्लूबगिंग तब हो सकती है जब ब्लूटूथ सक्षम डिवाइस हैकर के 10 मीटर के दायरे में हो। हमले की सीमा को विस्तारित करने के लिए हैकर्स बूस्टर एंटीना का भी उपयोग कर सकते हैं।
  • ऐसे ऐप्स जो उपयोगकर्ताओं को उनके TWS (ट्रू वायरलेस स्टीरियो) डिवाइस या ईयरबड्स से कनेक्ट (जुड़ने) करने में सक्षम बनाते हैं, बातचीत रिकॉर्ड कर सकते हैं।

ब्लूबगिंग को कैसे रोका जा सकता है?

  • उपयोग में नहीं होने पर ब्लूटूथ को बंद करना और युग्मित ब्लूटूथ उपकरणों को डिस्कनेक्ट कर देना चाहिए।
  • डिवाइस के सिस्टम सॉफ़्टवेयर को नवीनतम संस्करण में अपडेट करना।
  • सार्वजनिक वाई-फाई का सीमित उपयोग और
  • अतिरिक्त सुरक्षा उपाय के रूप में VPN का उपयोग करना।
  • डेटा उपयोग में अचानक उछाल आने पर डेटा उपयोग की निगरानी करना।

साइबर सुरक्षा पर अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Cyber Security

2.गणतंत्र दिवस समारोह:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

भारतीय लोकतंत्र :

विषय: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की सामयिक घटनाएँ।

प्रारंभिक परीक्षा: गणतंत्र दिवस के मेहमान।

मुख्य विवरण:

  • विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी (Abdel Fateh el-Sisi ) जनवरी 2023 में भारत में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे।
  • यह पहली बार है जब अरब गणराज्य मिस्र के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मुख्य अतिथि होंगे।
  • भारतीय संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, जो 1950 में इसी दिन लागू हुआ था।
  • 26 जनवरी 1950 को भारत की पहली गणतंत्र दिवस परेड के पहले मुख्य अतिथि इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुकर्णो थे।

चित्र स्रोत: The Hindu

भारत और मिस्र:

  • भारत और मिस्र द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर संपर्कों और सहयोग के लंबे इतिहास के आधार पर करीबी राजनीतिक संबंध एवं समझ साझा करते हैं।
  • वर्ष 2022 का विशेष महत्व है क्योंकि यह भारत और मिस्र के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है।
  • मिस्र और भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन (movement for non-alignment) के संस्थापक सदस्य थे और मिस्र के नेताओं ने पारंपरिक रूप से नई दिल्ली के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखे हैं।
  • श्री सिसी ने 2015 में 26 से 29 अक्टूबर तक अफ्रीका के अन्य राष्ट्राध्यक्षों और सरकारों के साथ भारत अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन में भाग लिया था।
  • जुलाई 2022 में, मिस्र स्वेज नहर आर्थिक क्षेत्र में एक स्वच्छ हाइड्रोजन इकाई का निर्माण करने के लिए भारत की रिन्यू पॉवर (ReNew Power) के साथ $8 बिलियन के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

भारत-मिस्र संबंधों पर अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: India-Egypt Relations

महत्वपूर्ण तथ्य:

1.”ऑस्‍ट्रा हिन्‍द–22″:

  • हाल ही में संयुक्त राष्ट्र अधिदेश के तहत शांति अभियानों पर ध्यान केंद्रित करने हेतु ऑस्ट्रेलिया और भारत की सेनाओं के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘ऑस्ट्रा हिंद -22’ राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू हुआ हैं।
  • अभ्यास का उद्देश्य सकारात्मक सैन्य संबंध स्थापित करना, एक दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं को आत्मसात करना और एक साथ काम करने की क्षमता को बढ़ावा देना है।
  • यह ‘ऑस्ट्रा हिंद’ के तहत पहला अभ्यास है जिसमें दोनों देशों की सेनाओं से जुड़ी सभी शाखाओं और सेवाओं की भागीदारी है।
  • यह भारत और ऑस्ट्रेलिया में बारी-बारी से आयोजित होने वाला एक वार्षिक आयोजन होगा।
  • यह संयुक्त अभ्यास, दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी समझ एवं पारस्परिकता को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारत तथा ऑस्ट्रेलिया (India and Australia) के बीच संबंधों को और मजबूत करने में मदद करेगा।
  • भारतीय सेना के संयुक्त सैन्य अभ्यास से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Joint Military Exercises of Indian Army

2.खलंगा मेला (Khalanga Mela):

  • गोरखाओं ने हाल ही में देहरादून में वार्षिक ‘खलंगा मेला’ का आयोजन किया।
  • इस मेले का आयोजन प्रत्येक वर्ष गोरखा योद्धाओं की याद में किया जाता है, जिन्होंने वर्ष 1814 में नालपानी (Nalapani) की सरहद पर अंग्रेजों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी थी।
  • इस लड़ाई में, मेजर जनरल रॉबर्ट गिलेस्पी की कमान के तहत भारी मात्रा में हथियारों से लैस 3,500 सैनिकों वाली तीसरी ब्रिटिश इन्फैन्ट्री डिवीजन को गोरखा जनरल बलभद्र सिंह थापा और उनके 600 सैनिकों के दल के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा, जिन्होंने बिना भोजन या पानी के छह सप्ताह से अधिक समय तक खलंगा किले की रक्षा की।

3.सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण हेतु यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कार:

  • हाल ही में छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय को सांस्कृतिक विरासत संरक्षण -2022 के लिए संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) एशिया-प्रशांत पुरस्कार के तहत ‘उत्कृष्टता पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
  • यह संग्रहालय मुंबई की विश्व विरासत संपत्ति के विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको एन्सेम्बल का एक हिस्सा है। इसे यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कारों के तहत सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण श्रेणी में उत्कृष्टता पुरस्कार मिला है।
  • इसे वर्ष 1922 में पश्चिमी भारत के प्रिंस ऑफ वेल्स संग्रहालय के रूप में स्थापित किया गया था।
  • छह देशों – अफगानिस्तान, चीन, भारत, ईरान, नेपाल और थाईलैंड – की सम्मानित की गईं 13 परियोजनाओं में से चार भारत से हैं-
  1. उत्कृष्टता पुरस्कार (Award of Excellence): छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय।
  2. विशिष्टता पुरस्कार (Award of Distinction): गोलकुंडा, हैदराबाद की बावड़ी।
  3. मेरिट पुरस्कार (Award of Merit) : डोमकोंडा किला, तेलंगाना और बायकुला स्टेशन, मुंबई।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. लोकप्रिय ‘खलंगा मेला’ निम्न में प्रतिवर्ष कहाँ आयोजित किया जाता है – (स्तर – मध्यम)

  1. गंगटोक
  2. इंफाल
  3. देहरादून
  4. आइजोल

उत्तर: c

व्याख्या:

  • खलंगा मेले का आयोजन वार्षिक तौर पर देहरादून के खलंगा युद्ध स्मारक में बड़े उत्साह के साथ किया जाता है।
  • मेले का आयोजन हर साल गोरखा योद्धाओं की याद में किया जाता है, जिन्होंने 1814 में नालपानी की सरहद पर अंग्रेजों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी थी।
  • इसे युद्ध के इतिहास में एकमात्र स्मारक के रूप में वर्णित किया गया है जिसे एक विजयी सेना द्वारा अपने विरोधियों के लिए स्थापित किया गया था, क्योंकि अंग्रेज कथित तौर पर गोरखाओं की वीरता से प्रभावित थे।

प्रश्न 2. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (स्तर – सरल)

  1. चीन अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग एजेंसी (CIDCA) पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की एक विदेशी सहायता एजेंसी है।
  2. इसने हाल ही में भारत सहित इस क्षेत्र के 19 देशों के साथ ‘चीन-हिंद महासागर क्षेत्र फोरम’ की मेजबानी की हैं।

विकल्प:

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. 1 और 2 दोनों
  4. न तो 1, न ही 2

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: चीन अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग एजेंसी (CIDCA); पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की एक विदेशी सहायता एजेंसी है।
    • यह प्रत्यक्ष रूप से राज्य परिषद के अधीन है। इसकी स्थापना विशेष रूप से बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के समर्थन में चीन के सहायता कार्यक्रमों के “बेहतर समन्वय और अधिक प्रभाव प्राप्त करने” के लिए की गई थी।
  • कथन 2 गलत है: इसने हाल ही में भारत को छोड़कर (भारत के अलावा) इस क्षेत्र के 19 देशों के प्रतिनिधियों के साथ ‘चीन-हिंद महासागर क्षेत्र फोरम’ की मेजबानी की।

प्रश्न 3. बांग्लादेश में रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र (Rooppur nuclear power plant) का निर्माण किसके नेतृत्व में किया जा रहा है – (स्तर – सरल)

(a) रूस और यूक्रेन

(b) रूस और चीन

(c) रूस और भारत

(d) रूस और पाकिस्तान

उत्तर: c

व्याख्या:

  • बांग्लादेश में पद्मा नदी के तट पर रूपपुर में रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निर्माण किया जा रहा है। यह देश का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र होगा, और इसकी दो इकाइयों में से पहली इकाई के 2024 में चालू होने की उम्मीद है।
  • वर्ष 2018 में, भारत, बांग्लादेश और रूस ने बांग्लादेश में रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण में सहयोग के लिए एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए थे।

प्रश्न 4. निम्नलिखित में से कौन सा भारत और मलेशिया के बीच एक संयुक्त सैन्य अभ्यास है? (स्तर – मध्यम)

(a) मित्र शक्ति

(b) हरिमऊ शक्ति

(c) सूर्य किरण

(d) गरुड़ शक्ति

उत्तर: b

व्याख्या:

  • भारत – मलेशिया संयुक्त सैन्य अभ्यास “हरिमऊ शक्ति -2022” (Harimau Shakti -2022) हाल ही में पुलाई, क्लुआंग, मलेशिया में शुरू हुआ था।
  • अभ्यास “हरिमऊ शक्ति” भारतीय और मलेशियाई सेना के बीच एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो 2012 से आयोजित किया जा रहा है।
  • “हरिमऊ शक्ति अभ्यास” भारतीय सेना और मलेशियाई सेना के बीच रक्षा सहयोग के स्तर को बढ़ाएगा, जो बदले में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ावा देगा।

प्रश्न 5. निम्नलिखित में से कौन सा कथन मानव शरीर में बी कोशिकाओं (B cells) और टी कोशिकाओं (T cells) की भूमिका का सबसे अच्छा वर्णन करता है? (CSE-PYQ-2022) (स्तर – सरल)

(a) वे शरीर को पर्यावरणीय एलर्जी से बचाती हैं।

(b) वे शरीर के दर्द और सूजन को कम करती हैं।

(c) वे शरीर में प्रतिरक्षादमनकारी (इम्यूनोसप्रेसेन्ट) के रूप में कार्य करती हैं।

(d) वे रोगजनकों के कारण होने वाली बीमारियों से शरीर की रक्षा करती हैं।

उत्तर: d

व्याख्या:

  • बी कोशिकाएं और टी कोशिकाएं प्रतिरक्षा प्रणाली की श्वेत रक्त कोशिकाएं हैं जो एक जीव में अनुकूली प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के लिए जिम्मेदार हैं।
  • वे रोगजनकों के कारण होने वाली बीमारियों से शरीर की रक्षा करती हैं।
  • टी कोशिकाओं और बी कोशिकाओं के बीच अंतर जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए:Difference between T cells and B cells

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. भारत में उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के स्थानांतरण की प्रक्रिया विवादों से घिरी हुई है जो न्यायपालिका की प्रतिष्ठा के लिए ठीक नहीं है। चर्चा कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस II-राजव्यवस्था)

प्रश्न 2.विशेष रूप से कुछ भारतीय राज्यों में घटती जनसंख्या प्रवृत्ति के अपने मुद्दे हैं। विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस I-समाज)