राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, भारत के सबसे पुराने फिल्म पुरस्कारों में से एक हैं। यह पुरस्कार फिल्म निर्देशकों, संपादकों, अभिनेताओं और लेखन से जुड़े क्षैत्र में दिया जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है। इसकी स्थापना साल 1954 में की गई थी। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार हर साल तीन खंडो मे दिए जाते हैं; फीचर फिल्म, गैर फीचर फिल्म और सिनेमा पर श्रेष्ठ लेखन। भारत सरकार ने इस पुरस्कार की स्थापना फिल्म जगत से जुड़ी प्रतिभाओं की रचनात्मक और साहित्यिक प्रतिभा को पहचानने के लिए की थी।
नोट – राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, यूपीएससी परीक्षा 2023 और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए बेहत महत्वपूर्ण समसामयिक घटनाओं में से एक है।
भारत में साल 1973 से हर साल फिल्म समारोह निदेशालय द्वारा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा की जाती रही है। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह की शुरुआत में स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को कई फिल्में दिखाई जाती है। इन पुरस्कारों के लिए हर साल आलोचकों की जूरी की नियुक्ति की जाती है।
इस पुरस्कार समारोह में नामांकन और पात्रता के मानदंड केंद्रीकृत और पारदर्शी हैं। हर साल सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ पटकथा, सर्वश्रेष्ठ पटकथा लेखक, और कई अन्य श्रेणियों में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेताओं की अंतिम सूची निर्धारित करने के लिए मतदान प्रणाली का उपयोग किया जाता है।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2022 – 68 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2022 (68th National Film Awards 2022) 30 सितंबर 2022 को नई दिल्ली में 68 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह आयोजित का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान गुजरे जमाने की मशहूर अभिनेत्री आशा पारेख को 52वें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस समारोह की अध्यक्षता महामहिल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी।
68 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के लिए इस साल 2020 की फिल्मों के लिए पुरस्कार की घोषणा हुई है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा की है। इस बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए बॉलिवुड़ अभिनेता अजय देवगन और साउथ के सुपरस्टार सूर्या के नाम की घोषणा की गई है। सुर्या को ये पुरस्कार उनकी चर्चित फिल्म ‘सोरारई पोटरु’ के लिए दिया जाएगा। उनकी फिल्म सोरारई पोटरु ने इस बार 3 बड़े पुरस्कार अपने नाम किए हैं। वहीं, अजय देवगन की फिल्म फिल्म ‘तानाजी’ को इस साल का ‘बेस्ट पॉपुलर’ फिल्म का राष्ट्रीय अवार्ड दिया जाएगा।
दादा साहब फाल्के पुरस्कार क्या है
दादा साहब फाल्के पुरस्कार, भारतीय सिनेमा में अभुतपूर्व योगदान के लिए दिया जाने वाला सिनेमा जगत का सबसे बड़ा पुरस्कार है। इसकी स्थापना साल 1969 में दादा साहब फाल्के की जन्म शताब्दि पर की गई थी। पहला दादा साहेब फाल्के पुरस्कार साल 1969 में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के 17वें समारोह में अभिनेत्री देविका रानी को दिया गया था। यह पुरस्कार हर साल राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के दौरान प्रदान किया जाता है। इसमें पुरस्कार के रूप में 10 लाख रुपए की राशी और स्वर्ण कमल दिया जाता है। |
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार 2022
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने दादा साहेब फाल्के पुरस्कार 2022, प्रसिद्ध अभिनेत्री आशा पारेख को देने की घोषणा की है। यह पुरस्कार, 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के दौरान आयोजित नई दिल्ली में आयोजित समारोह दौरान दिया जाएगा। साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत और बॉलिवुड महानायक अमिताभ बच्चन को भी दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिल चुका है। रजनीकांत को यह पुरस्कार साल 2019 और अमिताभ बच्चन को साल 2018 के लिए यह पुरस्कार दिया गया था।
दादा साहेब फाल्के
दादासाहब फालके का पूरा नाम धुंडीराज गोविन्द फालके था। उनका जन्म 30 अप्रैल 1870 को महाराष्ट्र के नाशिक के पास त्र्यंबकेश्वर में हुआ था। फाल्के को भारतीय सिनेमा का ‘पितामह’ कहा जाता है। उन्होंने सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट से शिक्षा ली थी। वो एक कलाकार और रंगमंच के अभिनेता के साथ शौकिया जादूगर भी थे। दादासाहेब फाल्के ने साल 1913 में पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र बनाई थी। यह भारत की पहली मूक फीचर फिल्म थी। साल 1930 तक भारत में हर साल 200 से अधिक फिल्मों में बनने लगी थी। भारत की पहली बोलती फिल्म साल 1931 में आई, आलम आरा थी। इसका निर्देशन अर्देशिर ईरानी ने किया था। |
68 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की खास बातें-
सूर्या और अजय देवगन को उनकी फिल्मों सोरारई पोटरु और ताण्हाजी के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया जाएगा।
अपर्णा बलमुरली को सोरारई पोटरु के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया जाएगा।
तमिल फिल्म सोरारई पोटरु को बेस्ट फीचर फिल्म घोषित किया गया है।
तानाजी को संतोषजनक मनोरंजन प्रदान करने वाली सबसे लोकप्रिय फिल्म घोषित किया गया है।
मराठी फिल्म अंतिम संस्कार ने सामाजिक मुद्दों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार जीता है।
मलयालम फिल्म एके अय्यपनुम कोशियूम के लिए सच्चिदानंद के आर को बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार को मिला है।
मराठी फिल्म सुमी ने बच्चों की बेस्ट फिल्म का पुरस्कार जीता है।
फिल्म साइना के मनोज मुंतशिर ने बेस्ट लिरिक्स का सम्मानित अपनी झोली में डाला है।
बेस्ट नॉन फीचर फिल्म का पुरस्कार टेस्टिमोनी ऑफ ऐना को मिला है।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2022 – विशेष जूरी अवार्ड
- सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म (हिंदी) – तुलसीदास जूनियर
- सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म (कन्नड़) – डोलु
- सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म (मलयालम) – थिंकलाज्चा निश्चयम
- सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म (तमिल) – शिवरंजिनीयम इनुम सिला पेंगलुम
- सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म (तेलुगु) – रंगीन फोटो
- सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म (दिमासा) – समखोर
- सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म (तुलु) – जीतगे
नीचे 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2022 की पूरी सूची दी जा रही है –
सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म | सोरारई पोटरु |
सर्वश्रेष्ठ निर्देशक | सच्चिदानंदन केआर, अय्यप्पनम कोशियुम |
संपूर्ण मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म | तानाजी |
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता | अजय देवगन को तानाजी के लिए व सूर्या को सोरारई पोटरु के लिए |
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री | अपर्णा बालमुरली, सोरारई पोटरु |
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता | बीजू मेनन, अय्यप्पनम कोशियाम |
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री
|
लक्ष्मी प्रिया चंद्रमौली, शिवरंजनियुम इनम सिला पेंगलुम |
बेस्ट एक्शन डायरेक्शन अवार्ड | एके अय्यप्पनम कोशियुम |
सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी | नाट्यम (तेलुगु) |
सर्वश्रेष्ठ गीत | मनोज मुंतशिर साइना (हिंदी) के लिए |
बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर | राहुल देशपांडे को एमआई वसंतराव और अनीश मंगेश गोसावी को टकटक के लिए |
सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका | नंचम्मा, अय्यप्पनम कोशियाम |
सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन | अला वैकुंठपुरमुलु, एस थमानी |
सामाजिक मुद्दों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म | ‘जस्टिस डिलेड बट डिलीवर एंड थ्री सिस्टर्स’ |
बेस्ट कोरियोग्राफी | नाट्यम |
सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी | अविजात्रिक |
सर्वश्रेष्ठ ऑडियोग्राफी | डोलू, एमआई वसंतराव, और मलिक |
बेस्ट कॉस्ट्यूम डिज़ाइन | तानाजी |
सर्वश्रेष्ठ पोड्क्शन डिजाइन | कप्पला |
सर्वश्रेष्ठ संपादन | शिवरंजिनियम इनम सिला पेंगलुम |
बेस्ट मेकअप | नाट्यम |
सर्वश्रेष्ठ पटकथा | सोरारई पोटरु, सुधा कोंगारा, और मंडेला, मैडोना अश्विन |
बेस्ट स्टंट कोरियोग्राफी | अय्यप्पनम कोशियुम |
गैर-फीचर फिल्म कैटेगरी में अवार्ड पाने वाली फिल्में –
- पारिवारिक मूल्यों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म – कुमकुमारचन (अभिजीत अरविंद दलवीक)
- सर्वश्रेष्ठ निर्देशन – आरवी रमानी (ओह दैट भानु)
- बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन – विशाल भारद्वाज (1232 किलोमीटर – मारेंगे तो वही जाकर)
- सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी – सबदिकुन्ना कलप्पा (निखिल एस प्रवीण)
- बेस्ट ऑडियोग्राफी – अजीत सिंह राठौर (पर्ल ऑफ द डेजर्ट)
- बेस्ट एडिटिंग: अनादि अथली (बॉर्डरलैंड्स)
- बेस्ट नरेशन वॉयसओवर – शोभा थरूर श्रीनिवासन (रैप्सोडी ऑफ रेन्स – केरल के मानसून)
- बेस्ट ऑन-लोकेशन साउंड – संदीप भाटी, और प्रदीप लेखवार (जादूई जंगल)
अन्य पुरस्कार
सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ पुस्तक – किश्वर देसाई (द लांगेस्ट किस)
सर्वश्रेष्ठ फिल्म समीक्षक – कोई विजेता नहीं।
सर्वाधिक फिल्म अनुकूल राज्य – मध्य प्रदेश।
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