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अर्धसैनिक बलों में महिला अधिकारी

पहले महिलाओं को अर्धसैनिक बलों में केवल कॉन्स्टेबल पदों पर शामिल होने की अनुमति थी। हालांकि, अब सभी 5 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में महिलाओं को शामिल किया जा सकता है। अब अर्धसैनिक बलों में सिर्फ महिलाओं की नियुक्ति सिर्फ कांस्टेबल के रूप में ही नहीं बल्कि अधिकारियों के पदों पर भी हो रही है।

IAS परीक्षा 2023 की तैयारी के लिहाज से ‘अर्धसैनिक बलों में महिला अधिकारियों की भर्ती’ एक महत्वपूर्ण विषय है। इसलिए उम्मीदवारों को इससे जुड़ी जानकारियों का ठीक से अध्ययन करना चाहिए। इस लेख में दी गई जानकारी यूपीएससी परीक्षा के लिए बेहद उपयोगी साबित होंगी।

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अर्धसैनिक बलों में महिलाओं के प्रवेश के लिए नए नियम

अर्धसैनिक श्रेणी के तहत अधिकारियों के पद पर महिलाओं के प्रवेश के संबंध में जो नए नियम लागू किए गए हैं, वे नीचे दिए गए हैं –

  • महिलाओं को सीमा सुरक्षा बल भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) में सीधे अधिकारी के रूप में आवेदन करने की अनुमति है।
  • महिलाओं को सहायक कमांडेंट के रूप में भर्ती किया जाएगा, जो आईटीबीपी में अधिकारियों के लिए सीधे प्रवेश स्तर है।
  • महिलाओं को इसके लिए करीब 52 सप्ताह के प्रशिक्षण से गुजरना होगा जिसके बाद उन्हें बल में शामिल किया जाएगा।

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अर्धसैनिक बलों में महिलाओं की भर्ती 

अर्धसैनिक बलों में कांस्टेबुलरी में महिलाओं के लिए आरक्षण की घोषणा के बाद अब उन्हें सभी 5 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में लड़ाकू भूमिका में अधिकारियों के रूप में भी शामिल किया जा सकता है। 

केंद्रीय गृह मंत्रालय के नए नियमों में मुताबिक महिलाओं को सीमा सुरक्षा बल भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) में सीधे अधिकारी के रूप में आवेदन करने की अनुमति दी गई है, जो एकमात्र अर्धसैनिक बल है, जिसने अब तक महिलाओं को पर्यवेक्षी लड़ाकू भूमिकाओं में शामिल होने की अनुमति नहीं दी थी। 

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, सीमा सुरक्षा बल और सशस्त्र सीमा बल) में अब महिलाओं को अधिकारियों के रूप में आवेदन करने की अनुमति दी गई हैं। इसके अलावा महिलाओं को आईटीबीपी में डायरेक्ट-एंट्री ऑफिसर के तौर पर आवेदन करने की अनुमति देकर महिलाओं पर लगे सभी प्रतिबंध हटा दिए गए हैं।

नए नियम के प्रभाव में आने के बाद अब महिलाएं देश के पांच अर्धसैनिक बलों में से किसी में भी लड़ाकू भूमिका के लिए आवेदन कर सकती हैं। महिलाओं को सहायक कमांडेंट के रूप में भर्ती किया जाएगा, जो आईटीबीपी में अधिकारियों के लिए सीधे प्रवेश स्तर है। इसके बाद उन्हें करीब 52 सप्ताह के प्रशिक्षण से गुजरना होगा, जिसके बाद उन्हें बल में शामिल किया जाएगा।

 

भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की उपस्थिति

भारतीय सशस्त्र बल के सभी विंग में महिलाओं को लड़ाकू भूमिकाओं में शामिल किया गया है। अब महिलाओं को लड़ाकू सेवाओं और पर्यवेक्षी भूमिकाओं (अधिकारियों के रूप में) में शामिल होने की अनुमति है। दिसंबर 2014 में भारतीय वायु सेना में 8.50% महिलाएं थी। वहीं, दिसंबर 2018 में यह संख्या बढ़कर 13.09% हो गई थी। भारतीय नौसेना में पहले 3% महिलाएं थी जो अब 6% हो गई हैं, और भारतीय सेना में महिलाओं की संख्या पहले 3% थी, जो अब  3.80% हो गई है। 

साल 2020 तक, तीन महिला अधिकारियों को लेफ्टिनेंट जनरल या उसके समकक्ष का पद दिया गया था। ये सभी चिकित्सा सेवाओं से संबंधित थी। बाद में मई 2021 में, भारतीय सेना में पहली बार 83 महिलाओं को जवानों के रूप में शामिल किया गया, जवानों को सैन्य पुलिस कोर में लिया गया था।

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भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका का इतिहास

भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका तब शुरू हुई जब साल 1888 में, अंग्रेजी शासन के दौरान भारतीय सैन्य नर्सिंग सेवा (indian military nursing service) का गठन किया गया। इसके बाद साल 1914-45 के दौरान, ब्रिटिश भारतीय सेना की नर्सों ने पहले विश्व युद्ध (1914-18) और दूसरे विश्व युद्ध (1939-45) में भाग लिया। इस दौरान 350 ब्रिटिश भारतीय सेना की नर्सों की या तो मृत्यु हो गई या उन्हें युद्ध बंदी बना लिया गया या लापता हो गई थी। इसमें 1942 में जापानी बमवर्षकों द्वारा एसएस कुआला को डुबाने से मरने वाली नर्सें भी शामिल हैं। 

साल 1942 में महिला सहायक कोर (भारत) का गठन हुआ था। नूर इनायत खान, जॉर्ज क्रॉस भारतीय और अमेरिकी मूल की, द्वितीय विश्व युद्ध की एक ब्रिटिश नायिका थीं, जो स्पेशल ऑपरेशंस एक्जीक्यूटिव में अपनी सेवाएं देने के बाद प्रसिद्ध हुई थीं।

कल्याणी सेन पहली भारतीय सेवा की महिला अधिकारी थी, जिन्होंने ब्रिटेन का दौरा किया। सेन ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रॉयल इंडियन नेवी की महिला रॉयल इंडियन नेवल सर्विस में अपनी सेवाएं दी थी। वहीं, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भारतीय राष्ट्रीय सेना में भी एक महिला रेजिमेंट थी जिसे झांसी की रानी रेजिमेंट के नाम से जाना जाता था।

नोट – साल 2021 में, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी प्रवेश परीक्षा को महिला कैडेटों के लिए भी खोला गया था।

अर्धसैनिक श्रेणी के तहत कौन से 5 बल हैं जो महिलाओं के लिए अधिकारी के रूप में खुले हैं?

पांच बलों का उल्लेख नीचे किया गया है –

  • केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (The Central Armed Police Forces)
  • केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (The Central Reserve Police Force)
  • केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (The Central Industrial Security Force)
  • सीमा सुरक्षा बल और (The Border Security Force)
  • सशस्त्र सीमा बल (Sashastra Seema Bal)

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