06 जून 2023 : समाचार विश्लेषण
A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: शिक्षा:
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: राजव्यवस्था:
अंतरराष्ट्रीय संबंध:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
दुर्लभ हिग्स बोसॉन क्षय के लिए दशकों से चली आ रही खोज जारी है:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास।
प्रारंभिक परीक्षा: हिग्स बोसॉन।
मुख्य परीक्षा: हिग्स बोसॉन।
विवरण:
- CERN (यूरोप) में लार्ज हैड्रोन कोलाइडर ( Large Hadron Collider (LHC) ) पार्टिकल स्मैशर के साथ काम करने वाले भौतिकविदों द्वारा एक बहुत ही दुर्लभ क्षय प्रक्रिया देखी गई है।
- जिसमे देखा गया कि हिग्स बोसोन का एक Z बोसॉन कण और एक फोटॉन में क्षय हो गया।
हिग्स बोसॉन – हिग्स फील्ड, गॉड पार्टिकल, डिस्कवरी, FAQ (एफएक्यू) से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: Higgs Boson – Higgs Field, God Particle, Discovery, FAQs
हिग्स बोसॉन (Higgs Boson):
- यह एक प्रकार का बोसॉन है, जो एक बल-वाहक उपपरमाण्विक कण है।
- हिग्स बोसॉन वह बल वहन करता है जो एक कण हिग्स क्षेत्र में अनुभव करता है।
- हिग्स क्षेत्र एक ऊर्जा क्षेत्र है जो पूरे ब्रह्मांड में मौजूद है।
- उदाहरण के लिए, जब एक इलेक्ट्रॉन हिग्स क्षेत्र के साथ संपर्क करता है, तो वह जो प्रभाव अनुभव करता है वह हिग्स बोसॉन के साथ उसकी पारस्परिक अंतर्क्रिया के कारण होता है।
- यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि हिग्स बोसॉन के साथ एक कण की परस्पर क्रिया जितनी मजबूत होगी, उसका द्रव्यमान उतना ही अधिक होगा।
- हालाँकि, फोटॉन हिग्स बोसॉन के साथ परस्पर अंतर्क्रिया नहीं करते हैं क्योंकि उनका कोई द्रव्यमान नहीं होता है।
- फोटोन प्रकाश के कण होते हैं।
अध्ययन का विश्लेषण:
- जैसा कि ऊपर चर्चा की गई है कि फोटॉन हिग्स बोसॉन के साथ परस्पर अंतर्क्रिया नहीं करते हैं। लेकिन शोध से पता चलता है कि हिग्स बोसॉन का Z बोसॉन और फोटॉन में क्षय हो जाता हैं।
- यह स्पेसटाइम/अंतरिक्ष समय (spacetime) के कारण होता है।
- मानक मॉडल सिद्धांत यह दर्शाता है की हिग्स बोसॉन का एक Z बोसॉन और एक फोटॉन में 0.1% समय में क्षय होगा।
- इस तथ्य पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि हिग्स बोसॉन एक भारी कण और अस्थिर है और इस प्रकार यह हल्के कणों में विघटित हो जाता है।
- इसके अलावा, Z बोसॉन भी अस्थिर है जो आगे दो म्यूऑन (3% समय) में क्षय हो जाता है।
- नए माप की घोषणा करने वाले दो डिटेक्टरों ATLAS और CMS इससे पहले इसमें वर्ष 2018 और 2020 में क्षय पाया था।
- उन्होंने अपने डेटा को संयोजित किया और अपनी सांख्यिकीय सटीकता में वृद्धि की।
चुनौतियां:
- हालाँकि परिणाम के बारे में अभी भी कुछ अनिश्चिततायें है, जो क्षय मार्ग की दुर्लभता को दर्शाता है।
- मानक मॉडल द्वारा कई सटीक भविष्यवाणियों के बावजूद, अब भी कुछ प्रश्न अनुत्तरित रह रहे हैं। उदाहरण के लिए, डार्क मैटर क्या है? और हिग्स बोसॉन इतना भारी क्यों है?
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
NIRF: आईआईटी-मद्रास शीर्ष स्थान पर बरकरार:
शिक्षा:
विषय: शिक्षा।
प्रारंभिक परीक्षा: NIRF रैंकिंग 2023।
मुख्य परीक्षा: NIRF रैंकिंग 2023।
विवरण:
- नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (National Institutional Ranking Framework (NIRF) ) ने उच्च शिक्षा संस्थानों की इंडिया रैंकिंग 2023 जारी की हैं।
चित्र: NIRF 2023 के अनुसार शीर्ष 10 शैक्षणिक संस्थानों की सूची
स्रोत: The Hindu
- IIT-M ने लगातार पांचवीं बार समग्र रैंकिंग में अपना पहला स्थान बरकरार रखा हैं। जबकि भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु लगातार 8 वर्षों से विश्वविद्यालयों की श्रेणी में शीर्ष पर बना हुआ हैं।
वर्ग |
संस्था |
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सर्वश्रष्ठ कॉलेज |
मिरांडा हाउस |
सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन संस्थान |
आईआईएम अहमदाबाद |
क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ संस्थान |
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, हैदराबाद |
सर्वश्रेष्ठ मेडिकल कॉलेज |
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली |
शीर्ष डेंटल कॉलेज |
सविता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज, चेन्नई |
सर्वश्रष्ठ लॉ कॉलेज |
नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु |
सर्वश्रष्ठ इंजीनियरिंग कॉलेज |
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (लगातार 8वीं बार) |
सर्वश्रेष्ठ शोध संस्थान |
आईआईएससी-बेंगलुरु (लगातार तीसरा वर्ष) |
अन्य विवरण:
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, हैदराबाद फार्मेसी के क्षेत्र में रैंकिंग में सबसे ऊपर है।
- आर्किटेक्चर/वास्तुकला में पहला स्थान आईआईटी-रुड़की को दिया गया हैं।
- कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पहले स्थान पर रहा।
- दिल्ली के कॉलेजों ने पहले 10 कॉलेजों में से 5 के साथ रैंकिंग में अपना वर्चस्व बनाए रखा है।
- NIRF रैंकिंग कॉलेजों/विश्वविद्यालयों के चयन में छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में काम करती है।
- वर्ष 2023 में, लगभग 5,543 विशिष्ट संस्थानों ने NIRF रैंकिंग के लिए आवेदन किया था।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
संपादकीय:
दिल्ली पुलिस के लिए एक सलाह:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
राजव्यवस्था:
विषय:महत्वपूर्ण न्यायिक मामले।
मुख्य परीक्षा: पहलवानों द्वारा विरोध प्रदर्शन।
प्रसंग:
- भारत के पदक विजेता पहलवानों द्वारा विरोध।
पृष्ठभूमि का विवरण:
- 28 अप्रैल 2023 को दिल्ली पुलिस द्वारा रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले दर्ज किए गए थे।
- यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) Act और भारतीय दंड संहिता के तहत एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के मामले दर्ज किए गए हैं।
- पहलवान लगातार आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: Wrestlers’ Protest [What the Law Says – UPSC Current Affairs]
संबद्ध चिंताएं:
- कुछ आरोप वर्ष 2022 के हैं, जो शिकायत दर्ज करने में देरी को दर्शाते हैं।
- यदि शिकायत दर्ज करने में विलंब तीन महीने से अधिक है, तो विलंब के कारणों को संतोषजनक रूप से स्पष्ट करने की आवश्यकता है।
- यदि किसी शिकायत में संज्ञेय अपराध के तत्व हैं, तो सर्वोच्च न्यायालय (ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य (2014) में) के आदेश का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए।
- प्राथमिकी दर्ज करने से पहले (संज्ञेय अपराध के) आरोपों की सत्यता (सटीकता) की जांच नहीं की जानी चाहिए।
- इस मामले में दिल्ली पुलिस का प्रारंभिक जांच पर जोर देना और मामला दर्ज करने में देरी न्यायोचित नहीं लगती है।
- सेल्वी बनाम कर्नाटक राज्य (2010) में निर्धारित शर्तों के अनुसार, नार्को-विश्लेषण परीक्षण एक संदिग्ध या गवाह पर (लेकिन पीड़ित पर नहीं) किया जाता है।
- इसके अलावा, न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) [ Criminal Procedure Code (CrPC) ] की धारा 164 के तहत दर्ज किया गया बयान तभी उपयोगी होता है जब न्यायिक मजिस्ट्रेट को ट्रायल कोर्ट द्वारा जांच के लिए बुलाया जाता है।
सशर्त गिरफ्तारी:
- कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से संबंधित आरोपों पर POCSO अधिनियम की धारा 8 या/और धारा 10 (WFI के अध्यक्ष के रूप में गंभीर यौन हमले के लिए दंड) या/और नाबालिग पीड़िता के मामले में POCSO अधिनियम की धारा 12 (यौन उत्पीड़न) को लगाया जा सकता है।
- अन्य पीड़ितों के मामले में आईपीसी ( IPC ) की धारा 354 (एक महिला का अपमान) या/और 354ए (यौन उत्पीड़न) को लगाया जाएगा ।
- आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41 के अनुसार, गिरफ्तारी तब तक अनिवार्य नहीं है जब तक कि यह न्यायसंगत न हो (जैसा कि अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य और अन्य (2014) में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उजागर किया गया था कि अपराध की उचित जांच को रोकने के लिए सबूतों से छेड़छाड़ की गई थी।
भविष्य की राह:
- दिल्ली पुलिस तत्काल जांच पूरी करे तथा अंतिम रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करे।
- 10 वर्ष से कम के कारावास के दंडनीय अपराध के मामले में, बंदी को जमानत पर रिहा होने से रोकने के लिए गिरफ्तारी के 60 दिनों के भीतर जांच पूरी की जानी चाहिए।
- यदि पीड़ित अपने आरोपों में सुसंगत हैं और इतने बड़े पैमाने पर विरोध कर रहे हैं, तो उनके आरोपों को गलत नहीं ठहराया जाना चाहिए।
- यदि पीड़ित मामले की प्रगति से संतुष्ट नहीं हैं, तो वे दिल्ली उच्च न्यायालय जा सकते हैं।
संबंधित लिंक: Sexual Harassment At Work Place [UPSC Notes for GS II]
सारांश:
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अल्पावधि में, वास्तविक नियंत्रण रेखा को स्थिर करना:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतरराष्ट्रीय संबंध:
विषय:भारत और उसके पड़ोस।
मुख्य परीक्षा: भारत-चीन संबंध।
भूमिका:
- भारत तथा चीन बेहतर रक्षा तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए नियंत्रण रेखा के निकट सैनिकों, सामग्रियों और उपकरणों को शामिल करने में भारी खर्च कर रहे हैं।
- यह देखा गया है कि दोनों देशों में बयानबाजी और अंधराष्ट्रवाद में वृद्धि हुई है और अधिक आक्रामकता की मांग की जा रही है।
इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक को क्लिक कीजिए: India-China Conflict – Galwan Valley Clash. Detailed Analysis & Summary for IAS
- भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक मीडिया समूह की बैठक में कहा कि नियंत्रण रेखा पर स्थिति “नाजुक और काफी खतरनाक” है।
- दोनों देशों के बीच मामलों की स्थिति स्थिर नहीं है और एक बड़े संघर्ष को भड़का कर सकती है जो दुनिया पर दोनों- राजनीतिक और आर्थिक रूप से प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है ।
- चीन लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश को तिब्बती हथेली से जुड़ी पांच अंगुलियों में से दो के रूप में मानता है और इस तरह इन दोनों क्षेत्रों पर क्षेत्रीय दावे करता है।
- इसी तरह, भारत चीन के पक्ष में कोई छूट देने को तैयार नहीं है।
- नियंत्रण रेखा में एक पूर्ण युद्ध में बदलने की संभावना है। इसके अलावा, यह भारत के लिए कोई सकारात्मक परिणाम नहीं देगा।
- यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि विरोधी शक्तियों (निगरानी तकनीक के माध्यम से) के आंदोलन की दृश्यता में वृद्धि से आक्रामकता बढ़ती है।
- यह सेना की सघनता, बेहतर सड़कों, बेहतर रसद और विमानन संपत्तियों की उपलब्धता से और भी पूरक है। इससे आमने-सामने की लड़ाई और झड़पें और बढ़ जाती हैं।
यह भी पढ़ें India – China Relations: Updates about the Recent Clashes at the LAC and other Events
समझौते और संबद्ध अपर्याप्तताएं
- दोनों देशों के बीच समझौते इस आधार पर आधारित हैं कि नियंत्रण रेखा को दोनों पड़ोसियों द्वारा परिभाषित किया गया और समझा जाता है। हालांकि, बड़े क्षेत्र में स्पष्टता की कमी है।
- 1993 के समझौते के अनुच्छेद I के अनुसार, नियंत्रण रेखा से संबंधित विवादों को सत्यापित करने और निपटाने के लिए संयुक्त तंत्र स्थापित किया जाना चाहिए।
- भारत-चीन सीमा मामलों (WMCC) पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र 19 साल बाद 2012 में बनाया गया था।
- इसके अलावा, यह द्विवार्षिक रूप से मिलता है लेकिन वास्तविक परिणाम बहुत कम हैं।
- नियंत्रण रेखा में केवल चार सीमा कार्मिक बैठक (BPM) बिंदु हैं।
- BPM की कमी रचनात्मक जुड़ाव में बाधा डालती है और संघर्षों को बढ़ाती है।
- इसके अतिरिक्त, 2005 के प्रोटोकॉल के अनुच्छेद V में प्रस्तावित लिपुलेख BPM बिंदु अभी तक स्थापित नहीं किया गया है।
- 1993 के समझौते के अनुच्छेद II और 1996 के समझौते के अनुच्छेद II और III ने नियंत्रण रेखा के साथ पारस्परिक रूप से सहमत बलों की कमी और पुन: तैनाती का प्रस्ताव दिया है।
- इसमें कोई प्रगति नहीं देखी गई है।
भविष्य की राह:
- दोनों देशों को विवाद को सुलझाने के लिए अल्पकालिक लेकिन प्रभावी और व्यावहारिक उपाय करने चाहिए।
- नियंत्रण रेखा पर बढ़ती झड़पों के कारणों की पहचान करने और समाधान पर काम करने की आवश्यकता है।
- लेखक का सुझाव है कि सीमा के दावों पर बिना किसी पूर्वाग्रह के LAC को मानचित्र पर और जमीन पर चित्रित करके नियंत्रण रेखा (LC) में परिवर्तित किया जाना चाहिए। इसे लागू किया जा सकता है यदि दोनों पक्ष परिपक्वता प्रदर्शित करते हैं।
- LAC के साथ विवादित क्षेत्रों को ‘नो एंट्री जोन’ घोषित किया जा सकता है, जिससे दोनों देश परस्पर सहमत क्षेत्रों में गश्त कर सकते हैं।
- विवादित क्षेत्रों में संयुक्त पेट्रोलिंग का विकल्प तलाशा जा सकता है। इससे विश्वास पैदा करने और यथास्थिति बनाए रखने में मदद मिलेगी।
- मौजूदा समझौतों, विश्वास-निर्माण के उपायों और जुड़ाव तंत्र को मजबूत किया जाना चाहिए।
संबंधित लिंक
UPSC Exam Comprehensive News Analysis. June 4th, 2023 CNA. Download PDF?
सारांश:
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डीपफेक से निपटना:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण खोजों के अनुप्रयोग।
मुख्य परीक्षा: डीपफेक और संबंधित चिंताएं।
प्रारंभिक परीक्षा: डीपफेक तकनीक।
विवरण:
- डीपफेक को मशीनों द्वारा डीप लर्निंग का उपयोग करके तैयार किया जाता है। इसमें गलत जानकारी निहित होती है।
- डीपफेकिंग फोटोशॉपिंग इमेज से किया गया एक महत्वपूर्ण ‘अपग्रेड’ है,क्योंकि यह मानव कौशल की सीमाओं से परे जाता है।
- डीपफेक का गलत तरीके से निम्न जगह इस्तेमाल किया गया है:
- बराक ओबामा के मौखिक रूप से डोनाल्ड ट्रम्प को गाली देने के वीडियो बनाना।
- चेहरे की पहचान (Facial recognition) वाले सॉफ्टवेयर आदि को हैक करना।
- ये उपकरण बड़े पैमाने पर मीडिया तत्वों का मिथ्याकरण करते हैं। यह दर्शकों को कुछ सूचनाओं को ‘सत्य’ मानने का कारण बनता है,क्योंकि यह एक मशीन द्वारा प्रदान की जाती।
डीपफेक से संबंधित अधिक विवरण के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: Deepfakes [UPSC Notes]
डीपफेक का महत्व:
- डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल अच्छे कारणों के लिए भी किया जा सकता है।
- उदाहरण के लिए, अमेरिका में, वॉयस-क्लेमिंग पहल की स्थापना उन लोगों की आवाज़ों को बहाल करने के लिए की गई थी, जिन्होंने इसे एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस में खो दिया था।
- इसका उपयोग सिनेमा, संगीत और गेमिंग में भी किया जा सकता है। इसका उपयोग इतिहास को समझने और पुनर्व्याख्या करने में भी किया जा सकता है।
भावी कदम:
- व्यक्तियों के लिए वैज्ञानिक, डिजिटल और सार्वजनिक रूप से साक्षर होना महत्वपूर्ण है।
- कुछ मात्रा में नियमन या आत्म-संयम आवश्यक है।
- चीन ने डीपफेक विज़ुअल्स पर प्रतिबंध लगाकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिनके रचनाकारों के पास मूल सामग्री और सामग्रियों को जो तदनुसार वाटरमार्कड नहीं हैं,संशोधित करने की अनुमति नहीं है।
- प्रौद्योगिकी को लोकतांत्रिक रूप से फलने-फूलने देना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक शक्तिशाली भविष्य की तकनीक है।
- हालांकि, डीपफेक के उपयोग से सौर भू-अभियांत्रिकी जैसे विश्व-व्यापी परिणाम नहीं होने चाहिए।
साइबर अपराध: भारत में परिभाषा, गंभीरता और कानून से संबंधित जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:Cybercrime: Definition, Seriousness and Laws in India
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
1. जैविक कपास उगाने वाले खेतों को प्रमाणित करने में उपग्रह एवं AI मदद करेंगे:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में नई प्रौद्योगिकी का विकास।
प्रारंभिक परीक्षा: जैविक कपास के खेतों की पहचान करने के लिए AI से संबंधित तथ्यात्मक जानकारी।
विवरण:
- यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA), ग्लोबल ऑर्गेनिक टेक्सटाइल स्टैंडर्ड (GOTS) तथा मार्पल (एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंपनी) भारत में कपास प्रमाणीकरण पर नज़र रखने के लिए सैटेलाइट इमेज और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (artificial intelligence (AI)) के डेटा को संयोजित करने का लक्ष्य बना रहे हैं।
- यह खेती के मानकों के अनुरूप भारत में कपास के खेतों को वर्गीकृत करेगा।
- यह विशिष्ट क्षेत्रों में जैविक कपास के सटीक अनुमान लगाने में मदद करेगा।
- इसके अलावा, यह पहल उन क्षेत्रों में सहयोग करेगी जो जैविक खेती के लिए एक निर्बाध परिवर्तन की क्षमता प्रदर्शित करते हैं।
- इस पहल का मुख्य उद्देश्य जैविक कपास की समग्रता को मजबूत करना और सम्पूर्ण आपूर्ति श्रृंखला में धोखाधड़ी को रोकना है।
- यह प्रमाणित जैविक क्षेत्र और आपूर्ति श्रृंखलाओं में अधिक संख्या में छोटे किसानों को भागीदारी सुनिश्चित कर आर्थिक अवसरों में भी सुधार करेगा।
- यह उपभोक्ता मांग को बढ़ाएगा।
- यह परियोजना उज़्बेकिस्तान (2021) में एक प्रायोगिक परियोजना के आधार पर शुरू की गई थी। इसने जैविक और पारंपरिक कपास के खेतों में अंतर करने में 98% सटीकता दिखाई थी।
- भारत में इसका पहला परिणाम 2023 के अंत में जारी होने की उम्मीद है।
कपास की फसलें: खेती और निर्यात से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:Cotton Crops: Cultivation and Export
2. भारत, अमेरिका ने रक्षा औद्योगिक सहयोग के रोड मैप को अंतिम रूप दिया:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से सम्बंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: भारत-अमेरिका रक्षा औद्योगिक सहयोग से संबंधित तथ्यात्मक जानकारी।
- भारत और अमेरिका ने मिलकर ‘रक्षा औद्योगिक सहयोग’ के लिए एक रोडमैप तैयार किया है।
- यह रोडमैप उच्च प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में आने वाले वर्षों में सहयोग नीति का मार्गदर्शन करेगा।
- अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन भारत की दो दिवसीय यात्रा पर थे। उन्हें तीनों सेनाओं का गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
- दोनों देशों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की समीक्षा की और एक दूसरे के साथ जुड़ाव की गति को बनाए रखने पर सहमत हुए हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य:
1. केरल के मुख्यमंत्री ने K-FON के पहले चरण का शुभारंभ किया:
- केरल फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क (K-FON) का पहला चरण 5 जून 2023 को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा शुरू किया गया है।
- यह लगभग 20 लाख गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवारों को मुफ्त इंटरनेट की सुविधा प्रदान करेगा। यह 30000 सरकारी संस्थानों को आपस में जोड़ेगा।
- यह इस बात पर प्रकाश डाला गया कि बदलती दुनिया के साथ बने रहने के लिए सार्वभौमिक इंटरनेट पहुँच महत्वपूर्ण है।
2. जी-20 देशों के लिए रेखांकित साइबर सुरक्षा समझौते का मसौदा:
- 5 जून 2023 को G-20 सदस्य देशों के लिए “साइबर स्पेस में जिम्मेदार देशों का व्यवहार” के लिए प्रतिबद्धताओं की एक श्रृंखला, जिसे “दिल्ली घोषणा” कहा जाता है, का एक मसौदा तैयार किया गया हैं।
- यह संयुक्त राष्ट्र के तहत मौजूदा गैर-बाध्यकारी समझौतों से तैयार किया गया है।
- इस मसौदे को साइबर सुरक्षा पर जी-20 बिजनेस इवेंट में प्रस्तुत किया गया है।
- इस बात पर प्रकाश डाला गया कि माइक्रोसॉफ्ट कार्पोरेशन (Microsoft Corporation) ने घोषणापत्र का मसौदा तैयार करने में मदद की थी।
- लचीलेपन का निर्माण करना, एक सक्षम साइबर कार्यबल होना, मानक संचालन प्रक्रियाएं स्थापित करना और साइबर स्पेस की सुरक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग करना महत्वपूर्ण है।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. विश्व पर्यावरण दिवस के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः (स्तर-कठिन)
- यह वर्ष 1973 से UNEP के तत्वावधान में मनाया जा रहा है।
- वर्ष 2023 के लिए, विषय “प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान” है, और इसे कोटे डी आइवर द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
- भारत दो बार विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी कर चुका है।
उपर्युक्त कथनों में से कितने सत्य हैं?
(a) केवल 1 कथन
(b) केवल 2 कथन
(c) केवल 3 कथन
(d) कोई नहीं
उत्तर: c
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: वर्ष 1973 में पहला WED “ओनली वन अर्थ” विषय के साथ आयोजित किया गया था।
- कथन 2 सही है: वर्ष 2023 के लिए, विषय “प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान” है, और कोटे डी आइवर द्वारा इसकी मेजबानी की जा रही है ।
- कथन 3 सही है: भारत वर्ष 2011 और वर्ष 2018 में दो बार विश्व पर्यावरण दिवस का मेजबान रहा है।
प्रश्न 2. प्रोजेक्ट 75 I निम्नलिखित में से किससे संबंधित है? (स्तर-सरल)
(a) भारत में पनडुब्बियों का स्वदेशी निर्माण।
(b) HPV के खिलाफ वैश्विक आबादी का कम से कम 75% टीकाकरण।
(c) चीन द्वारा अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण।
(d) कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उदय के खिलाफ नौकरियों का संरक्षण।
उत्तर: a
व्याख्या:
- प्रोजेक्ट-75 (I) के अंतर्गत समकालीन उपकरणों, हथियारों और सेंसर के साथ छह आधुनिक पारंपरिक पनडुब्बियों के स्वदेशी निर्माण की परिकल्पना की गई है।
प्रश्न 3. भारत अफ्रीका फोरम समिट के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कितने सत्य हैं? (स्तर-मध्यम)
- यह पहली बार वर्ष 2008 में आयोजित किया गया था।
- तीसरे शिखर सम्मेलन ने राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित करने के बंजुल (Banjul Formula ) फॉर्मूले को समाप्त कर दिया था।
- चौथा शिखर सम्मेलन 2023 में अफ्रीका में आयोजित किया जाना है।
विकल्प:
(a) केवल 1 कथन
(b) केवल 2 कथन
(c) केवल 3 कथन
(d) कोई नहीं
उत्तर: b
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: यह पहली बार 4 से 8 अप्रैल, 2008 तक नई दिल्ली, भारत में आयोजित किया गया था।
- कथन 2 सही है: तीसरे शिखर सम्मेलन ने राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित करने के बंजुल फॉर्मूले को समाप्त कर दिया।
- कथन 3 गलत है: चौथा शिखर सम्मेलन अभी तक निर्धारित नहीं हुआ है।
प्रश्न 4. निम्नलिखित कथनों में से कितने सही हैं? (स्तर-कठिन)
- mRNA के टीके हमारे शरीर में बाह्य प्रोटीन के उत्पादन की ओर ले जाते हैं, जिससे हमारी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया शुरू होती है।
- रेबीज के लिए mRNA वैक्सीन का पहला मानव परीक्षण किया गया था।
- भारत का पहला mRNA वैक्सीन Covid-19 के लिए विकसित किया गया था।
- कोविड-19 के लिए भारत का mRNA वैक्सीन बीमारी के खिलाफ इस तरह का पहला mRNA वैक्सीन था।
विकल्प:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) सभी 4
उत्तर: c
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: mRNA (मैसेंजर आरएनए) एक ऐसा टीका है जो एमआरएनए के टुकड़ों को मानव कोशिकाओं में इंजेक्ट करता है ताकि उनके जरिये रोगजनक एंटीजन प्राप्त किया जा सके।
- कथन 2 गलत है: mRNA टीके का पहला मानव परीक्षण ट्यूमर के लिए किया गया था।
- कथन 3 सही है: देश का पहला स्वदेशी mRNA कोविड-19 वैक्सीन GEMCOVAC-19 है
- कथन 4 सही है: यह कोविड-19 रोग के खिलाफ इस तरह का पहला mRNA टीका था।
प्रश्न 5. निम्नलिखित तकनीकों/परिघटनाओं पर विचार कीजिए: (PYQ 2014) (स्तर-कठिन)
- फल वाले पादपों में मुकुलन और रोपण
- कोशिकाद्रव्यी नर बन्ध्यता
- जीन नीरवता
उपर्युक्त में से कौन-सा/से ट्रांसजेनिक फसलों को बनाने में प्रयुक्त होता है/होते हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) कोई नहीं
उत्तर: b
व्याख्या:
- ग्राफ्टिंग और मुकुलन दो या दो से अधिक पौधों के भागों को जोड़ने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बागवानी तकनीकें हैं, ताकि वे एक ही पौधे के रूप में विकसित होते दिखें।
- विशिष्ट केन्द्रक और माइटोकॉन्ड्रियल अंतर्क्रिया के परिणामस्वरूप साइटोप्लाज्मिक नर बंध्यकरण हेर्मैफ्रोडाइट जीवों में पूर्ण या आंशिक पुरुष बंध्यकरण है।
- जीन साइलेंसिंग/जीन नीरवता एक निश्चित जीन की अभिव्यक्ति को रोकने के लिए एक कोशिका में जीन अभिव्यक्ति का नियमन है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. विभिन्न स्तरों पर मतभेदों के बावजूद, एशियाई शताब्दी को समझने/साकार करने के लिए भारत-चीन संबंध महत्वपूर्ण हैं। चर्चा कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द) [जीएस-2, अंतर्राष्ट्रीय संबंध]
प्रश्न 2. POCSO अधिनियम की मुख्य विशेषताएं क्या हैं? पीड़ितों को न्याय दिलाने में इस अधिनियम की सफलता का आकलन कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द) [जीएस-2, राजव्यवस्था]